ब्यूरो प्रमुख// सवित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को इन दिनों इलाज कराना सजा काटने जैसा लग रहा हैं। मच्छरों के आतंक ने मरीजों को इलाज कराना मुश्किल कर दिया है। अब तो मरीज जल्द से जल्द डिस्चार्ज होने की बात सोचने लगे है, लेकिन इसके बाबजूद अस्पताल प्रबंधन मरीजों को मच्छरजाली नहीं दे रहा है। अस्पताल के वार्डो की खिड़कियों में मच्छरजाली नहीं होने से शाम होते ही मच्छरों का हमला शुरू हो जाता है। ऐसे में अधिकतर मरीज रात होते ही भागने का विचार बनाने लगते है। लेकिन बाहर से आने वाले मरीजों के पास कोई विकल्प नहीं रहता है। अस्पताल में सामान्य बुखार से लेकर गंभीर मरीज भी भर्ती होते है। ऐसे में संक्रामत मरीजों को काटने के बाद जब यह मच्छर अन्य लोगों को काटते हैं तो प्रकोप फैलता है। इस तरह के हालातों के चलते अस्पताल में आने वाले मरीजों पर ठीक होने की जगह गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आने का खतरा मंडराने लगा है। मच्छरों के प्रकोप कम करने के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई ठोस इंतजाम भी नहीं किए जा सके है। वार्डो की नालियों की गंदा पानी जमा हो रहा है। इसके निकासी की आज तक कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे रूके हुए गंदे पानी में मच्छरों का लार्वा पनप रहा है। अस्पताल प्रबंधन नालियों के पानी में कीटनाशक का छिड़काव नहीं करवा रहा है। हालात यह है कि सिविल सर्जन और प्रशासन के अधिकारी अस्पताल का निरीक्षण तक नहीं करते हंै। वहीं जनप्रतिनिधि भी जनता से जुड़ी इन महत्वपूर्ण सुविधाओं की सुध नहीं लेते हंै।
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