रिपोर्टर// बलराम शर्मा (सिंगरौली // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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सिंगरौली जिले के थोक विक्रेताओं द्वारा छोटे व्यापारियों को फुटकर सामान खरीदी पर पक्की रसीद नहीं दी जाती है, जिससे फुटकर विक्रेताओं को अक्सर दिक्कतें उठानी पड़ती है। वहीं बड़े व्यापारी पक्की रसीदें न देकर प्रति वर्ष लाखो रूपये की कर चोरी कर शासन के राजस्व वसूली को चूना लगा रहे हैं। किन्तु आयकर अधिकारी अपना कमीशन लेकर उक्त मामलों में मौन चुप्पी साधे रहते हैं। उल्लेखनीय है कि सीधी शहर में करीब आधा सैकड़ा विभिन्न सामग्रियों को दुकानें संचालित हैं। जिसमें गल्ला व्यावसाइयों से लेकर कपड़ा, जूता, परचून, दवाइयां, हार्डवेयर आदि की दुकानें शामिल हैं। सैकड़ो फुटकर व्यवसायी प्रतिदिन लाखों रूपये की सामग्री की खरीद फरोक्त करते हैं। किन्तु इन छोटे व फुटकर व्यापारियों को कभी भी थोक विक्रेताओं द्वारा पक्की रसीद नहीं दी जाती है। इस तरह से उनका 30 नवम्बर का सामान पक्की रसीदें न होने की वजह से अपने आप 31 नवम्बर का हो जाता है और कभी-कभी तो इन्हें पक्की रसीद न होने की वजह से भारी मुसीबते भी झेलनी पड़ती है। खासकर गल्ला व शक्कर के व्यापारियों की दुकानों में तो अक्सर पुलिस के छापे पड़ते रहते हैं और दो चार बोरी चावल जप्त होना तो आम बात हो गयी है। इधर थोक विक्रताओं द्वारा फुटकर व्यापारियों को बेवकूफ बनाकर लाखों रूपये की आयकर चोरी कर शासन को चूना लगा रहे हैं। यहां पर उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा भी जब कभी छापामार की कार्यवाही की जाती है तब बड़े मगरमच्छों को तो छोड़ दिया जाता है। किन्तु छोटे व्यापारी अक्सर शिकार बन जाते हैं और दो-चार छोटे फुटकर व्यापारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने पर कर्तव्यों को इतिश्री मान लेते है। जबकि इन्हीं के सामने बड़े व्यापारी धड़ल्ले से वगैर पक्की रसीद दिये सामानों की बिक्री करते रहते हैं। अगर कभी धोखे से वे किसी बड़े व्यापारी की दुकान में पहुॅंच गये तो इनका उसके साथ शाम का भोजन तय हो गया और शराब के दौर के बाद अपना कमीशन से सारी कार्यवाही सही हो गयी। इस तरह विभागीय अधिकारियों की सह पर शहर में धड़ल्ले से आयकर की चोरी जारी है।
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