प्रेमी जेल में तो प्रेमिका कैद में?
ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. // सूर्य नारायण शुक्ल (इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कोरांव इश्क का भूत यदि किसी पर सवार हो जाता है तो बिना किसी को नष्ट किये छोड़ता नहीं। इश्क में वशीभूत इंसान न तो ठीक से जीता है और न तो मरता है। ऐसा वाकया थाना पुलिस कोरांव क्षेत्र मे देखने को मिला। वैसे तो कई प्रकरण है लेकिन कुछ दबे हैं ,तो कुछ खुले है। इश्क के दिवाने जाति धर्म मजहब की भी परवाह नहीं करते।क्षेत्र के नेवढिय़ापाल की एक युवती मंजू (बदला नाम) पिछले वर्ष अपने एक आशिक के साथ फुर्र हो गयी थी। महाराष्ट्र मे दोनो जोड़े महीने भर व्यतीत किये। दोनों समाज के लोगों े व पुलिस के प्रयास से युवती को महाराष्ट्र से लाकर लड़की को पिता के हैंडओवर कर दिया गया था, क्योंकि युवक दूसरे समुदाय का था। युवती ने जान देने का प्रयास किया किन्तु युवती के माँ-बाप ने समझा बुझाकर उसकी मध्यप्रदेश मे शादी कर दी। युवक अपहरण-रेप के जुर्म में जेल चला गया। जेल जाने से दु:खी युवती ने ससुराल वालो को भी तंग कर रखा। 6-7 माह तक जेल की हवा खाने के बाद युवक जब जेल से बाहर आया तो उसकी प्रेमिका युवती ने अपने मित्र से फोन से संपर्क स्थापित कर पुन: एक साथ जीने-मरने की कसम खाई। चंूकि युवती के पिता ने नाबालिग दिखाकर थाना कोरांव मे रपट दर्ज कराई थी, इसलिए जमानत मे समय लगा। अभी पिछले सप्ताह दीपावली पूर्व, लड़की नव विवाहिता ने ससुराल मध्यप्रदेश से फोन करके अपने दोस्त को बुलाया जैसे ही वह यार के साथ बाईक से बैठ कर भागी तो लड़की के ससुराल वालों ने पीछा करके दोनों को पकड़ लिया। लड़की ने अपने आशिक को मारने पीटने वालों को चेतावनी दे डाली। खबरदार कोई हाथ नहीं उठायेगा? मैंने इन्हें बुलवाया है। फिलहाल लड़की के ससुराल वालों ने लड़के के घर नेवढिय़ा उक्त घटना की सूचना फोन पर दी। हनुमना थाना पुलिस जिला रीवा ने लड़के को हिरासत मे ले लिया। लड़की ने उस अपने साथी को अपने साथी के साथ ही जीवन व्यतीत करने की जिद पर अड़ी रही। लड़की के पति ने जो गैर प्रान्त मे रहता था दीपावली पर घर आ रहा था उसने यह लीला देखकर साथ रहने से इन्कार कर दिया। फिलहाल लड़की तो अपने पिता के साथ कोरांव चली आई उधर आशिक मध्यप्रदेश की जेल की हवा खाने चला गया। इधर लड़की ने खाना-पीना बन्द कर रखा है। चर्चा है कि उस लड़की की हत्या न हो जाय? या वह स्वयं आत्महत्या ले। एक दूसरे के प्रेम पत्र से प्रतीत होता है कि वे दोनों जोड़े एक साथ रहना चाहते है या कि दोनों बिछुडने पर मर जाना चाहते हैं। क्षेत्र के कुछ असमाजिक तत्व उक्त घटना को तूल देकर अशांति पैदा करना चाहते है। क्षेत्र मे कई ऐसे उदाहरण है नये-पुराने प्रेम में जाति धर्म को किनारे कर आज भी कई जोड़े अपने जिदंगी गुजार रहे है। ये सभी दोनो वालिग जोड़े किस मुकाम तक पहुंचते है समय के गर्भ में है किन्तु शांति व्यवस्था स्थापित करना ही आवश्यक है।
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