स्कूल है या कबाड़खाना ?
खैरा पलारी में संचालित सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल कबाड़खाने में हो रहा संचालित - शिक्षा विभाग मौन
TOC NEWS // देवराज डेहरिया
सिवनी। ग्रामीण बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने हेतु केन्द्र शासन एवं राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनायें संचालित की जा रही है। परन्तु निजि शिक्षण संस्थानों द्वारा बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के नाम पर खोले गये निजी स्कूलों में लापरवाही, मनमानी, अनिमित्ताओं के चलते आधुनिक भारत के प्रतिभावी बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है।
जिसमें शासन प्रशासन की उदासीनता साफ झलक रही है। लाख शिकायतों के बावजूद भी इन प्रायवेट शालाओं के संचालकों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, न ही किसी प्रकार का कोई अंकुश लगाया जा रहा है। जैसे तैसे शिकायत पर जाॅंच भी की जाती है तो जाॅंच के दौरान अधिकारियों द्वारा सांठ-गाॅंठ कर लीपापोती कर दी जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप इन स्कूल संचालकों के हौंसले बुलंद होते जा रहे है। इन्हे शासन प्रशासन का कोई खौफ नही है।
प्राप्त जानकारी से ज्ञात होवे कि केवलारी ब्लाक के अंतर्गत आने वाले पलारी क्षेत्र में संचालित सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल कबाड़खाने जैसे मकानों पर संचालित किया जा रहा है। लापरवाही, अनिमितताओं से भरा हुआ है। शासन के नियमों को ताक में रख इस स्कूल के संचालक द्वारा मनमानी की जा रही हैं देखा जाये तो शासन के नियमानुसार स्कूल खोलने हेतु शिक्षा विभाग से मान्यता होना अतिआवश्यक है एवं निजि भवन, बच्चों के अध्ययन हेतू बैठक व्यवस्था, ग्राऊंड, शौंचालय, शुद्ध पेयजल, बी.एड. डी.एड. डिग्री धारी शिक्षक-शिक्षिका, पुस्तकालय, खेल मैदान, प्रसाधन की व्यवस्था, बच्चों के मेडिकल चेक-अप की व्यवस्था इत्यादि होना आवश्यक है,
परन्तु इनके पास न ही निजि भवन है न ही बच्चों के खेलने हेतू ग्राऊंड उपलब्ध है न ही शौंचालय उपलब्ध है न ही बी.एड., डी.एड. डिग्री धारी शिक्षक शिक्षिका, न ही पुस्तकालय, न ही खेल मैदान, न ही प्रसाधन की व्यवस्था, न ही बच्चों के मेडिकल चेक-अप की व्यवस्था है, न ही बच्चों के पीने हेतु शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है। दस बाई दस के कमरे मे बच्चों की क्लास लगाई जा रही है, न ही जर्नेटर उपलब्ध है न ही इनवेटर है न ही किसी भी कक्षा में पंखे की व्यवस्था है भारी गर्मी के चलते छाटे-छोटे नौनिहाल बच्चे पसीने से तरबतर हो रहे हैं। यहां तक की बच्चों के पीने हेतु शुध्द पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है। देखा जाये तो शासन के किसी भी मापदण्ड में यह स्कूल खरा नहीं उतरा है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग द्वारा इस स्कूल को मान्यता दी गई है? यह सोचनीय विषय है।
ज्ञात होवे कि गत दिवस विश्व हिन्दु परिषद प्रखण्ड केवलारी के अध्यक्ष बसंत ठाकुर से क्षेत्रीयजनो द्वारा उक्त स्कूल की अनियमितताएं संबंधी जानकारी एवं शिकायत की गई जिसके पश्चात उनके द्वारा उक्त स्कूल का जायजा लिया गया तो देखा गया कि जहां स्कूल संचालित किया जा रहा है देखने पर वह किसी कबाड़खाने से कम नही लग रहा है। टीन सेड में स्कूल लगाया जा रहा है। जहां बच्चे अध्ययन कर रहे हैं वहां ऊपर कबाड़ रखा हुआ है कब कौन सी चीज बच्चों के ऊपर गिर जाये कोई क्षति हानि हो जाये कोई भरोषा नहीं, न ही पंखे की व्यवस्था है भारी गर्मी के चलते छाटे-छोटे नौनिहाल बच्चे पसीने से तरबतर हो रहे हैं। बावजूद इसके शिक्षा विभाग द्वारा इन स्कूल संचालकों पर कोई कार्यवाही न करना संदेह के घेरे में है।
इस संबंध में हमारे संवाददाता द्वारा संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को उक्त घटना की सूचना दी गई तो उनके द्वारा कहा गया कि संबंधित उक्त स्कूल की जांच की जावेगी, पश्चात इसके उचित कार्यवाही की जावेगी।
ज्ञात होवे कि मध्यम वर्गीय परिवार अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने हेतु निजि शिक्षण संस्थाओं का सहारा लेने के लिए मजबूर है क्योकि शासकीय स्कूलो में सही ढंग से पढ़ाई न होने के कारण इन बच्चों को ऊॅंची संस्थाओं में नौकरी नही मिल पाती है। इस हेतु ग्रामीण आवश्यकता से अधिक रूप्ये खर्च कर अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने हेतु निजि शिक्षण संस्थानों का सहारा ले रहे हैं। एवं खुलेआम लुट रहे हैं।
वहीं ग्रामीणजनों ने संबंधित शिक्षा विभाग एवं कलेक्टर महोदय से अपेक्षा जताई है कि उक्त स्कूल जहाॅं से संचालित हो रहा है अविलंब स्पाॅट वेरीफिकेशन कर तत्काल स्कूल वहाॅं से हटाया जाये।
इनका कहना है
संबंधित उक्त स्कूल की जांच की जावेगी, पश्चात इसके उचित कार्यवाही की जावेगी।
गोपालसिंह बघेल
जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी
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