लो आ गए अच्छे दिन - साक्षर भारत योजना बन्द, लाखो
प्रेरक होंगे बेरोजगार, राज्य सरकार व केंद्र सरकार परिणाम भुगतने के लिए रहे तैयार
TOC NEWS // गोपाल दस बैरागी
नीमच (मध्य प्रदेश) - देश की आज़ादी के समय देश की साक्षरता दर 18 प्रतिशत थी। देश में पूर्व में सत्ता में रही कांग्रेस की पहल से साक्षर भारत मिशन प्रारम्भ किया जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत पुरे देश में संचालित रहा। जिसकी गाइड लाइन में देश की समस्त ग्राम पंचायत स्तर पर 2 हजार रु प्रतिमाह मानदेय पर संविदा आधार पर दो प्रेरक (एक महिला/एक पुरुष) की नियुक्ति प्रदान की गयी थी।
आज प्रेरको की बदौलत देश की साक्षरता दर 81 प्रतिशत हो चुकी हे।
स्वर्णिम हिन्दुस्तान व् अच्छे दिन आने वाले हे का ढिंडोरा पीटने वाली मोदी सरकार ने देश के लाखो प्रेरक व् करोड़ो प्रेरक परिवार पर संकट के बादल खड़े कर दिए है।
आज देश सहित मध्य प्रदेश में
25 सितम्बर को राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल मध्य प्रदेश संचालक लोकेश कुमार जाटव द्वारा पत्र क्र/राशिके/ सा.भा./07/2017/1430 - दिनांक 25.9.17 के अनुसार आदेश जारी कर बताया गया हे की प्रेरको की नियुक्ति सम्बन्धि विज्ञापन क्र./राशिके/सा.भा./2012/9274 भोपाल,दिनांक 27.9.12 के तृतीय बिंदु में स्पष्ट रूप से निर्देश दिये गए थे की यह नियुक्ति पूर्णतः अस्थाई है तथा योजना समाप्ति के साथ प्रेरको की नियुक्ति स्वतः ही समाप्त मानी जायेगी। अतः 01 अक्टूबर 2017 से प्रेरको की नियुक्ति समाप्त हो जायेगी। भविष्य में किसी भी प्रेरक की नियुक्ति का नवीनीकरण नही किया जाये तथा सभी प्रकार की आउटसोर्सिंग नियुक्ति दिनांक 30 सितम्बर 17 के बाद बन्द कर दी जाए।
मध्य प्रदेश सरकार व् केंद्र सरकार की इस तानाशाही व निर्दयी निर्णय से देश सहित मध्य प्रदेश के लगभग 24 हजार प्रेरको व् प्रेरक परिवार का भविष्य अन्धकार में दिखाई पड़ रहा है। मोदी सरकार को संज्ञान में रखना चाहिए की आपकी सरकार किसी बेरोजगार को नोकरी दे नही सकती हे तो कांग्रेस सरकार द्वारा लाखो गरीब, बेरोजगार युवाओ को प्रदान की गयी नोकरी को छीनने का भी कोई अधिकार नही हे।
केंद्र सरकार सत्ता में मद मस्त होकर गरीब व् बेरोजगारो को नोकरी देने के बजाय बाहर का रास्ता दिखाकर कर क्या साबित करना चाहती हे? साथ ही मध्य प्रदेश में प्रेरको का 5 माह से अधिक का मानदेय बकाया है। उसका भुगतान भी 30 सितम्बर से पूर्व करे।
अखिल भारतीय साक्षरता प्रेरक संघ दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव व मध्य प्रदेश प्रेरक संघ के प्रदेश संयोजक गोपालदास बैरागी ने मध्य प्रदेश व केंद्र सरकार के इस निर्णय पर चिंता करते हुए घोर निंदा की है। व मध्य प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार को आगाह किया है की अभी भी वक्त है आगामी 1 अक्टूबर तक प्रेरको के भविष्य के प्रति दोनों सरकारे गम्भीर हो कर प्रेरक हितार्थ में निर्णय ले।
अन्यथा जिस बेरहमी से हम लाखो प्रेरको को प्रेरक पद से हटाने की साजिस रचकर हमे बेरोजगार कर बाहर का रास्ता दिखा रहे हो। इसका प्रतिफल आगामी कुछ समय में भयंकर रूप से दोनों सरकारो को भुगतना पड़ेगा। देश की आज़ादी से आज तक लगभग 50 साल लगे हे सत्ता में आने के लिए, हम गरीबो पर अन्याय व अत्याचार किया तो तो आगामी चुनाव 2018 व 2019 में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
साथ ही आगामी दिनांक 1 अक्टूबर 17 से मध्य प्रदेश सहित हिन्दुस्तान के प्रेरको द्वारा अपने अपने जिले में देशव्यापी आंदोलन किया जायेगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार व् केंद्र सरकार की होगी।
गोपाल दास बैरागी |
TOC NEWS // गोपाल दस बैरागी
नीमच (मध्य प्रदेश) - देश की आज़ादी के समय देश की साक्षरता दर 18 प्रतिशत थी। देश में पूर्व में सत्ता में रही कांग्रेस की पहल से साक्षर भारत मिशन प्रारम्भ किया जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत पुरे देश में संचालित रहा। जिसकी गाइड लाइन में देश की समस्त ग्राम पंचायत स्तर पर 2 हजार रु प्रतिमाह मानदेय पर संविदा आधार पर दो प्रेरक (एक महिला/एक पुरुष) की नियुक्ति प्रदान की गयी थी।
आज प्रेरको की बदौलत देश की साक्षरता दर 81 प्रतिशत हो चुकी हे।
स्वर्णिम हिन्दुस्तान व् अच्छे दिन आने वाले हे का ढिंडोरा पीटने वाली मोदी सरकार ने देश के लाखो प्रेरक व् करोड़ो प्रेरक परिवार पर संकट के बादल खड़े कर दिए है।
आज देश सहित मध्य प्रदेश में
25 सितम्बर को राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल मध्य प्रदेश संचालक लोकेश कुमार जाटव द्वारा पत्र क्र/राशिके/ सा.भा./07/2017/1430 - दिनांक 25.9.17 के अनुसार आदेश जारी कर बताया गया हे की प्रेरको की नियुक्ति सम्बन्धि विज्ञापन क्र./राशिके/सा.भा./2012/9274 भोपाल,दिनांक 27.9.12 के तृतीय बिंदु में स्पष्ट रूप से निर्देश दिये गए थे की यह नियुक्ति पूर्णतः अस्थाई है तथा योजना समाप्ति के साथ प्रेरको की नियुक्ति स्वतः ही समाप्त मानी जायेगी। अतः 01 अक्टूबर 2017 से प्रेरको की नियुक्ति समाप्त हो जायेगी। भविष्य में किसी भी प्रेरक की नियुक्ति का नवीनीकरण नही किया जाये तथा सभी प्रकार की आउटसोर्सिंग नियुक्ति दिनांक 30 सितम्बर 17 के बाद बन्द कर दी जाए।
मध्य प्रदेश सरकार व् केंद्र सरकार की इस तानाशाही व निर्दयी निर्णय से देश सहित मध्य प्रदेश के लगभग 24 हजार प्रेरको व् प्रेरक परिवार का भविष्य अन्धकार में दिखाई पड़ रहा है। मोदी सरकार को संज्ञान में रखना चाहिए की आपकी सरकार किसी बेरोजगार को नोकरी दे नही सकती हे तो कांग्रेस सरकार द्वारा लाखो गरीब, बेरोजगार युवाओ को प्रदान की गयी नोकरी को छीनने का भी कोई अधिकार नही हे।
केंद्र सरकार सत्ता में मद मस्त होकर गरीब व् बेरोजगारो को नोकरी देने के बजाय बाहर का रास्ता दिखाकर कर क्या साबित करना चाहती हे? साथ ही मध्य प्रदेश में प्रेरको का 5 माह से अधिक का मानदेय बकाया है। उसका भुगतान भी 30 सितम्बर से पूर्व करे।
अखिल भारतीय साक्षरता प्रेरक संघ दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव व मध्य प्रदेश प्रेरक संघ के प्रदेश संयोजक गोपालदास बैरागी ने मध्य प्रदेश व केंद्र सरकार के इस निर्णय पर चिंता करते हुए घोर निंदा की है। व मध्य प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार को आगाह किया है की अभी भी वक्त है आगामी 1 अक्टूबर तक प्रेरको के भविष्य के प्रति दोनों सरकारे गम्भीर हो कर प्रेरक हितार्थ में निर्णय ले।
अन्यथा जिस बेरहमी से हम लाखो प्रेरको को प्रेरक पद से हटाने की साजिस रचकर हमे बेरोजगार कर बाहर का रास्ता दिखा रहे हो। इसका प्रतिफल आगामी कुछ समय में भयंकर रूप से दोनों सरकारो को भुगतना पड़ेगा। देश की आज़ादी से आज तक लगभग 50 साल लगे हे सत्ता में आने के लिए, हम गरीबो पर अन्याय व अत्याचार किया तो तो आगामी चुनाव 2018 व 2019 में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
साथ ही आगामी दिनांक 1 अक्टूबर 17 से मध्य प्रदेश सहित हिन्दुस्तान के प्रेरको द्वारा अपने अपने जिले में देशव्यापी आंदोलन किया जायेगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार व् केंद्र सरकार की होगी।
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