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हाइलाइट्स
- दो लाख लोगों से 13 हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी के आरोपी संजय भाटी ने शुक्रवार को जिला अदालत में सरेंडर कर दिया
- दोगुना मुनाफा कमाने का लालच देकर प्रति बाइक के नाम पर 62,100 रुपये निवेश करवाया जाता था
- कंपनी ने मात्र 3 साल में 13 हजार करोड़ से अधिक रुपये लोगों से निवेश करा लिए
नोएडा. नोएडा पुलिस ने गुरुवार को बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर बिहार सहित देश के आठ राज्यों के करीब तीन लाख लोगों से 10,000 करोड़ से ज्यादा की ठगी के मामले में फरार चल रहे बाइक बोट कंपनी के निदेशक विजयपाल कसाना को मेरठ से गिरफ्तार कर लिया. इस कंपनी का मुख्य कर्ता-धर्ता और ठगी का मास्टरमाइंड संजय भाटी सहित 50 आरोपी अभी भी फरार हैं.
बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर करीब दो लाख लोगों से 13 हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी के मामले में फरार चल रहे गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (बाइक बोट कंपनी) के मालिक संजय भाटी ने शुक्रवार को जिला अदालत में सरेंडर कर दिया। धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों ने कंपनी के मालिक संजय भाटी, डायरेक्टर विजयपाल कसाना आदि के खिलाफ दादरी कोतवाली में 33 से अधिक केस दर्ज कराए हैं।
जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम ने गुरुवार को मेरठ से कंपनी के डायरेक्टर विजय पाल कसाना को गिरफ्तार किया था। पुलिस के दबाव के चलते शुक्रवार को कंपनी के मालिक संजय भाटी ने शुक्रवार को सूरजपुर स्थित एसीजेएम-3 की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अदालत ने संजय भाटी की 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। ठगी के इस मामले को एनबीटी ने सबसे पहले उठाया था।
3 साल में बन गया हजारों करोड़ रुपये का मालिक
गौैतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (बाइक बोट) के नाम से संजय भाटी व उसके अन्य साथियों ने बाइक टैक्सी चलाने के लिए तीन साल पहले मेरठ में कंपनी शुरू की। दोगुना मुनाफा कमाने का लालच देकर प्रति बाइक के नाम पर 62,100 रुपये निवेश करवाया जाता था। उसके एवज में इन लोगों ने उन्हें 9,765 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से 12 महीने तक देने का वादा किया। उसके बाद प्रोत्साहन राशि का लालच देकर और लोगों को जोड़ने के लिए प्रेरित किया। इस कंपनी की कई शहरों में फ्रेंचाइजी खुली हैं। कंपनी ने मात्र 3 साल में 13 हजार करोड़ से अधिक रुपये लोगों से निवेश करा लिए। इन रुपयों से 7 हजार नई बाइक खरीदी गई। इनमें 2 हजार चल रही है और 5 हजार बाइक का अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।
संजय भाटी ने 51 लोगों की बनाई ठग कंपनी
एसएसपी ने बताया कंपनी की शुरुआत संजय भाटी ने की। उसके बाद इसमें विजय पाल कसाना समेत 51 लोग जुड़ गए। 51 लोगों की टीम ने यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों से करीब सवा दो लाख निवेशकों से इस कंपनी में पैसे निवेश करवा दिए। संजय भाटी का पैतृक गांव चीती है। गांव में ही बाइक बोट कंपनी का कार्यालय है। 28 अप्रैल को यहां संदिग्ध परिस्थितियों में लगी आग में कागजात जल गए थे। लोगों का आरोप है कि सबूत मिटाने के लिए यह आग लगाई गई थी। सैकड़ों निवेशक कोट गांव के पास स्थित बाइक बोट कंपनी के मुख्यालय के बाहर चार दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। निवेशक अपने रुपये वापस लेने और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
बीएसपी से लोकसभा चुनाव की तैयारी में था संजय भाटी
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर संजय भाटी को प्रभारी बनाया था। चुनाव से पहले इनके नाम पर टिकट की बीएसपी सुप्रीमो ने मुहर लगा दी। लगातार चिटफंड और थानों में मुकदमे दर्ज होने की जानकारी लगने पर मायावती ने चुनाव से कुछ दिन पहले टिकट काट दिया और सतवीर नागर को दे दिया।
एजेंसियों के रेडार पर थी भाटी की कंपनी
संजय भाटी ने तेजी से तरक्की की हैं। चिटफंड के काम से बाइक बोट कंपनी और मीडिया के क्षेत्र में बेहद कम समय में करोड़ों का निवेश किया। बताया जा रहा है कि ग्रेनो के एक बड़े मॉल में भी निवेश किया है। इसके चलते वह विभिन्न एजेंसियों के रडार पर भी है। कई महीने पहले कंपनी पर हरियाणा जीएसटी की टीम ने तीन दिन तक डेरा डाले रखा और कई ठिकानों पर छापेमारी की। वहीं, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से भी नोटिस भेजा गया था।
बीएसपी से लोकसभा चुनाव की तैयारी में था संजय भाटी
संजय भाटी ने तेजी से तरक्की की हैं। चिटफंड के काम से बाइक बोट कंपनी और मीडिया के क्षेत्र में बेहद कम समय में करोड़ों का निवेश किया। बताया जा रहा है कि ग्रेनो के एक बड़े मॉल में भी निवेश किया है। इसके चलते वह विभिन्न एजेंसियों के रडार पर भी है। कई महीने पहले कंपनी पर हरियाणा जीएसटी की टीम ने तीन दिन तक डेरा डाले रखा और कई ठिकानों पर छापेमारी की। वहीं, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से भी नोटिस भेजा गया था।
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