Saturday, May 9, 2020

छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री :तंगहाली में शराब से आस, शराब बिक्री से लहूलुहान समाज या सुधरती अर्थ व्यवस्था

छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री :तंगहाली में शराब से आस, शराब बिक्री से लहूलुहान समाज या सुधरती अर्थ व्यवस्था

TOC NEWS @ www.tocnews.org
खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036
  • विजया पाठक 
दिसंबर 2018 में जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार का गठन हुआ तब सरकार ने घोषणा की थी कि पूरे राज्य में शराबबंदी की जाएगी l लेकिन 16 माह में सरकार ने यूटर्न लेते हुए शराब की बड़े पैमाने पर बिक्री शुरू कर दी है l देश में लागू लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब की होम डिलीवरी तक शुरू कर दी है l सोमवार से प्रारंभ हुई इस व्यवस्था से राज्य सरकार को कई संगठनों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है l
गौरतलब है कि सरकार ने 40 दिन से बंद प्रदेश के शराब दुकानों को 4 मई से खोल दिया l लॉकडाउन फेस 3.0 के पहले दिन शराब की जमकर खरीददारी भी हुई है l प्रदेश में 662 शराब की दुकानों से सरकार ने देशी और विदेशी शराब बीयर बेची l छत्तीसगढ़ में सरकार ही शराब की दुकानों का संचालन कर रही है l पहले दिन ही 45 से 50 करोड़ रू की बिक्री l जबकि आम दिनों में या लगभग 20 करोड़ की बिकती है l इसके साथ ही शराब बिक्री में सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ी l
यह बात सत्य है कि राज्य सरकार की आज का प्रमुख स्रोत शराब हीं हैं l शराब की बिक्री से सरकार को राजस्व का प्राप्ति होती है l पिछले 40 दिनों से शराब की बिक्री ना होने से आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है l लेकिन शराब बिक्री का दूसरे पहलू को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है l लॉकडाउन जैसी स्थिति में शराब की बिक्री करना एक नजरिए से गलत हीं है राज्य के जांजगीर-चांपा जिले में मंगलवार को शराब के नशे में एक बेटे ने कथित तौर पर मां की पीट-पीटकर हत्या कर दी l अब यदि ऐसी घटनाएं घटती हैं तो इनका जिम्मेदार कौन होगा क्या भूपेश बघेल सरकार शराब की बिक्री से होने वाली आमदनी के दूसरे विकल्पों पर विचार कर सकती है l वैसे भी शराब के कारण समाज में असामाजिक कृत्य बहुत होते हैं अब जबकि देश के साथ साथ प्रदेश में लॉकडाउन लगा है केवल शराब की बिक्री को छूट मिली है l शराबी इस कारण सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जिया उड़ा ही रहे हैं साथ ही नशे में गैरकानूनी कार्यो को अंजाम दे रहे हैं l
छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में भी शराब की बिक्री शुरू हो गई है और हर एक जगह से सरकार के इस कदम की नकारात्मक खबरें आ रही हैं कहीं वाद विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है तो कहीं नियमों को तोड़ा जा रहा है ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए l पिछले 40 दिन में कोरोना वायरस को लेकर जो कदम उठाए गए हैं उनके सकारात्मक परिणाम आ रहे थे l फिर एक गलती के कारण कहीं पूरे किए कराए पर पानी ना फिर जाये lआज की तारीख में राज्य में देसी शराब के 337 और विदेशी शराब की 313 दुकानें हैं l जिनका संचालन राज्य सरकार ही करती है l
देश में प्रति व्यक्ति शराब की खपत के मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल है l अब आंकड़ों में देखें तो 2018-19 में राज्य सरकार को शराब बिक्री से 4700 करोड़ रूपये से अधिक का राजस्व मिला था, छत्तीसगढ़ राज्य में रहा है जिन्होंने केंद्र सरकार के आदेश से पहले लॉकडाउन घोषित कर दिया था l हालांकि इसके बाद भी राज्य में शराब बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई थी l लेकिन जब इसे लेकर विरोध शुरू हुआ तो राज्य सरकार 23 मार्च से शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया l अब जबकि राज्य में सोमवार से सरकारी कार्यालयों में कामकाज शुरू किए जा रहे हैं तब से शराब की दुकानों को भी खोला जा रहा है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर शराब की घर पहुंचाने की सेवा को लेकर अभी से सवाल उठने लगे हैं l
असल में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी शराबबंदी को लेकर लगातार आवाज उठाती रही है l विपक्ष में रहते हुए भूपेश बघेल ने शराबबंदी को लेकर कई बड़े प्रदर्शन किए थे l यहां तक कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के समय राज्य में शराब बंदी लागू करने की घोषणा भी की थी l लेकिन राज्य में 2018 में सत्ता में आने के बाद से अध्ययन समिति बनाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया अब देखना होगा कि सरकार अपने फैसले पर कब तक अडिग रहती है l
शराब दुकानों को खोलने के पीछे की असली वजह है एक एक डिस्टलरी से मिलने वाली करोड़ों की मोटी रकम। यह रकम प्रदेशों के आलाकमान सहित जिलों के आबकारी विभाग और कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों तक पहुंचती है। शराब चाहे सरकारी दुकानों से बिके या ठेकेदारों की दुकानों से ।सरकारों में बैठे ऊपर से नीचे तक के लोगों को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट शराब से और अवैध शराब से करोड़ों की कमाई होती है। इसलिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ में शराब बंदी नहीं कर रही है ? यही हाल उन प्रदेशों का जहां शराब की दुकानें और डिस्टलरीज हैं।
एक डिस्टलरी के प्रबंधन के उच्च स्तरीय व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि प्रति वर्ष एक - एक प्रदेश मुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री को लगभग 50 - 50 करोड़ रुपए दिया जाता है। चुनावों के समय चुनावी चंदा अतिरिक्त दिया जाता है। यह धन कालाधन होता है। इस काली कमाई को करने के लिए डिस्टलरी मालिक एक ट्रक परिवहन परमिट पर सौ सौ ट्रकों को शराब सप्लाई कर देते हैं। जिससे टैक्स चोरी की जाती है। इसी टैक्स चोरी के पैसों का बटवारा होता है। जो सरकारी अमले के लोगों में बांटा जाता है। अवैध या वैध शराब बेचने वाले लोगों के खिलाफ अगर आम नागरिक अपने इलाके के थाने में जाता है तो उसकी शिकायत नहीं दर्ज की जाती है।
बल्कि शराब माफिया उस शिकायत कर्ता के विरुद्ध एक्सटॉर्शन की शिकायत दर्ज करा देते हैं ।इस पर पुलिस तत्काल प्रभाव से उस शिकायत कर्ता के विरुद्ध अपराध दर्ज कर लेती है। वैसे ही आम नागरिक इन लफड़ों में नहीं पड़ते हैं इसलिए शराब माफिया के हौसले बुलंद रहते हैं। लेकिन इस कोरोना की कठनाई के दौर में तो सरकारों को ही सोचना चाहिए कि आम नागरिकों की जिंदगी की सुरक्षा कैसे की जाय। सभी सरकारी अमला जानता है कि शराब की दुकानों को खोलने पर भीड़ तो बढ़ेगी और उसे नियंत्रण में रखना कठिन कार्य होगा। 4 मई 2020 का नज़ारा स्पष्ट था।
गरीब और मज़दूर जिनके घरों पैसे नहीं हैं वे घरों में पड़े बर्तन भांडे तक बेच डालेंगे। चोरी छीना झपटी करेंगे। घरों में झगड़ा करेंगे। जिससे घरेलू हिंसा बढ़ेगी। अवसाद भी बढ़ेगा जिससे आत्महत्या के प्रकरण बढ़ेंगे। लोग नशे के लिए लोगों की हत्याएं तक कर सकते हैं। और जब से शराब बिक्री शुरू हुई हैं इससे जुड़े अपराध का ग्राफ बढ़ने लगा हैं l
सरकारों को पुनः विचार करना चाहिए। शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। अगर सरकारों ने शराब बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो 31 मई तक सरकारों को गंभीर परिणाम दिखाई देने लग जाएंगे। तब हालात को नियत्रंण में लाना मुश्किल हो जाएगा। अभी वक्त है सम्भलने का, सोच विचार करने का। जो सरकारों ने गरीबों के घरों में राशन भेजा है, उसे बेचकर लोग शराब खरीदेंगे। फिर भुखमरी से मौतों का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
अब सरकारों को ही तय करना है कि वह समस्या को बढ़ाना चाहती हैं या घटाना चाहती हैं ?
कही ऐसा न हो कि अर्थ व्यवस्था के नाम पर शराब बिक्री ना बना दे भारत को लाशों का ढेर l

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news