लॉकडाउन के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा 263 पार्सल विशेष ट्रेनों के ज़रिये 40 हज़ार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
पश्चिम रेलवे ने राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ, बड़े पैमाने पर यह सुनिश्चित करना जारी रखा है कि कोरोना महामारी के इस कठिन समय में देश भर में अत्यावश्यक वस्तुऍं अनवरत उपलब्ध कराई जाती रहें।
यह गौरव की बात है कि देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने 40 हजार टन अत्यावश्यक सामग्री के बड़े ऑंकड़े को पार कर लिया है, जिसे पश्चिम रेलवे द्वारा लॉकडाउन की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी 263 टाइम टेबल्ड पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से निर्धारित गंतव्यों तक पहुॅंचाया गया।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 22 मार्च से 23 मई, 2020 तक, पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 4488 रेकों का उपयोग 9.03 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 8867 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ जोड़ा गया, जिनमें 4464 ट्रेनें सौंपी गईं और 4403 ट्रेनें अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाई गईं। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकरों (आरएमटी) के 264 मिलेनियम पार्सल रेकों को आवश्यक सामग्री जैसे दूध पाउडर, तरल दूध, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांगों का सामना करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया।
गौरतलब है कि, 23 मार्च से 23 मई, 2020 तक, 40 हज़ार टन से अधिक वजन वाली अत्यावश्यक वस्तुओं को पश्चिम रेलवे ने अपनी 263 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से अपेक्षित स्थानों तक पहुॅंचाया है, जिनमें कृषि उपज, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन से लगभग 12.14 करोड़ रु. की आय हुई है, जिसके तहत पश्चिम रेलवे द्वारा बत्तीस दुग्ध विशेष रेलगाड़ियाॅं चलाई गईं, जिनमें 23,500 टन से अधिक भार और वैगनों का 100% उपयोग से लगभग 4.04 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया गया। इसी तरह, 227 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं,
जिनके लिए अर्जित आय 7.3 करोड़ रुपये से अधिक रही। इनके अलावा, लगभग 78 लाख रु. की आय के लिए 100% उपयोग के साथ 4 इंडेंटेड रेक भी चलाये गये। श्री भाकर ने बताया कि 24 मई, 2020 को देश के विभिन्न भागों के लिए पश्चिम रेलवे से तीन पार्सल स्पेशल ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस - लुधियाना, पोरबंदर - शालीमार और भुज - दादर स्पेशल ट्रेनें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मार्च, 2020 के बाद से उपनगरीय और गैर-उपनगरीय खंडों सहित पश्चिम रेलवे की कमाई का लॉकडाउन के कारण अनुमानित कुल नुकसान 1001.40 करोड़ रुपये रहा है।
इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 280.12 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 134.49 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 43 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।
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