Wednesday, February 17, 2016

प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी, आईपीएस व आईएएस बदलेंगे


भारतीय पुलिस सेवा के एक दर्जन वरिष्ठ अफसरों की पदोन्नति व नई पदस्थापना के आदेश संभवत: एक दो दिन में जारी हो जाएंगे। इससे पुलिस रेंज में पदस्थ अफसरों समेत पुलिस मुख्यालय में तैनात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों व महानिरीक्षकों को नया काम मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक पदोन्न्ति की फाइल गृह विभाग से अनुमोदन के बाद मुख्यसचिव के पास सोमवार को भेजी गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एसीएस बीपी सिंह व डीजीपी सुरेंद्र सिंह से फेरबदल के संबंध में चर्चा भी हो चुकी है। इसमें रेंज तथा मुख्यालय में पदस्थ महानिरीक्षकों को बदला जाएगा। इस कड़ी में उज्जैन आईजी वी मधुकुमार बाबू के नाम को लेकर असमंजस है, दो महीने बाद शुरू होने वाले सिंहस्थ की तैयारियों से बाबू लंबे समय से जुड़े हैं, ऐसे में उन्हें बदलने के बजाए सरकार इसी रेंज में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा हुआ तो मप्र में रेंजों में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों की संख्या दो हो जाएगी। इंदौर में भी एडीजी विपिन माहेश्वरी पदोन्न्ति के काफी समय बाद भी पदस्थ हैं। शहडोल आईजी के.बाबूराव को बदला जाएगा, भोपाल और रीवा में भी नए आईजी की आमद की सुगबुगाहट है। इधर मुख्यालय में तैनात पदोन्नत होने वाले अधिकारी सोमवार को अपनी शाखा का पेंडिंग काम तेजी से निपटाने में जुटे रहे। इस फेरबदल को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कानून व्यवस्था में कसावट पर लगातार जोर दे रहे मुख्यमंत्री हाल में पुलिस को अपना तंत्र मजबूत करने की हिदायत दी है। लिहाजा डीआईजी के पदों को भरना भी प्राथमिकता में हैं। एडीजी बनने वाले अफसरों में वरुण कपूर, उपेंद्र जैन, आलोक रंजन, के बाबूराव, वी मधुकुमार बाबू, प्रज्ञा ऋचा, आरके गुप्ता के नाम हैं। आईजी वेतनमान में विवेक शर्मा, साजिद फरीद शापू, आरके मराठे, डीके आर्य पदोन्न्त होंगे। आईएएस बदलाव की तैयारी पूरी सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अफसरों को बदलने की तैयारी भी कर ली है। सूत्रों का कहना है कि यह आदेश भी जल्द जारी होंगे। इसकी वजह विधानसभा का लंबा बजट सत्र है, जो अगले सप्ताह शुरू हो रहा है। राज्य सरकार शहडोल, ग्वालियर के संभागआयुक्त समेत टीकमगढ़, छतरपुर, रायसेन, मंडला, भोपाल, विदिशा कलेक्टरों समेत आधा दर्जन प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अफसर बदल सकते हैं। यह फेरबदल अपर मुख्यसचिव अरुणा शर्मा के केंद्र में जाने के समय से अटका हुआ है।

मोदी की सभा के लिए हर किसान को 400 रुपए

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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 18 फरवरी को आयोजित किसान महासम्मेलन की तैयारियों को लेकर रविवार को मुख्य सचिव अंटोनी डिसा और कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने करीब तीस जिलों के कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें बताया गया कि मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना और आत्मा योजना के तहत जिलों को पैसा भेजा जा रहा है। प्रत्येक किसान पर लगभग 400 रुपए व्यय होंगे। इसमें उनका आना-जाना और खान-पान भी शामिल है। साढ़े चार हजार से लेकर पांच हजार बसों की व्यवस्था होगी।

कॉन्फ्रेंस में आयोजन स्थल शेरपुर (सीहोर) से 400 किमी के दायरे में जो भी जिले आते हैं, उन्हें किसानों की संख्या जुटाने के लक्ष्य भी दिए गए। भोपाल, विदिशा और राजगढ़ जिलों को 20-20 हजार, सीहोर को 50 हजार, होशंगाबाद व रायसेन को 15 हजार तथा अन्य जिलों को एक से 5 हजार का टार्गेट दिया है। इससे पूर्व सीहोर कलेक्टर सुदाम खाड़े ने आयोजन स्थल शेरपुर का ड्रोन से खींचा गया फोटो पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए बताया।

बिना सेक्स किए कैसे गर्भवती हो गईं 16 लड़कियां


Florida में एक बर्थ-डे सेलिब्रेशन में की गई पूल पार्टी में एक अजीब मामला सामने आया है। पार्टी में आईं 16 लड़कियां गर्भवती हो गई हैं। मामला इतना सीधा नहीं है जितना पहली नज़र में देखने पर लगता है। मामले पर गौर करें तो लगता है, पार्टी में शराब की मदहोशी में लड़कियों ने सेक्स किया होगा और वो गर्भवती हो गई होंगी। लेकिन ये केस थोड़ा उलट है। उन 16 लड़कियों और पार्टी में शामिल लोगों की माने तो वहां सेक्स जैसा कुछ भी नहीं हुआ।

अब सवाल ये उठता है कि आखिर बिना सेक्स के लड़कियां गर्भवती हुईं कैसे? जांच और पूछताछ के बाद जो बात सामने आई वो चौंकाने वाली है। पार्टी के दौरान एक लड़के का वीर्य (Sperm) पूल में गिर गया और पूल में मौजूद सारी लड़कियां गर्भवती हो गईं। सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन ये बात बिलकुल सच है।

पार्टी की होस्ट Daliah Jennings बताती हैं कि 'ये एक सरप्राइज़ पार्टी थी। इस कारण मैं अपना स्विम सूट लेकर नहीं आई थी। पार्टी में सेक्स नहीं हुआ था, लेकिन अब मुझे लगता है कि अच्छा हुआ में स्विम सूट नहीं लाई। वरना ये मेरे साथ भी हो सकता था'।
वहीं जिस लड़के का वीर्य पूल में गिरा था उसका कहना है कि 'बहुत लोग कह रहे हैं कि इस पार्टी में Orgy हुई है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। मैं किसी भी मेडिकल टेस्ट से गुज़रने के लिए तैयार हूं। हां, मेरा वीर्य पूल में गिरा था वो बस पार्टी के जोश की वजह से हुआ था और कुछ नहीं'।

 आपको बता दें कि गर्भवती हुई 16 लड़कियों की उम्र 13 से 17 साल है, जिसका मतलब है कि सारी लड़कियां नाबालिग हैं। डॉक्टर्स की एक टीम पूरे मामले की जांच कर रही है। उनके सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर पार्टी में मौजूद सारे लोग सच बोल रहे हैं तो पूल में गिरा वीर्य कैसे इतनी लड़कियों को गर्भवती कर सकता है। खैर जांच जारी है और जांच के बाद ही ये सामने आएगा कि आखिर हुआ क्या था उस पार्टी में।

बेटियों की नंगी लाशों का सैलाब अब मुख्‍यमंत्री आवास तक पहुंचा


कुमार सौवीर
लखनऊ : यह है यूपी में बेटियों के प्रति जघन्‍य अपराधियों का नंगा नाच। सरकार के चेहरे पर करारा तमाचा मारते हुए गिरोहबन्‍द अपराधियों ने आज फिर एक लखनऊ की एक नाबालिग बेटी को न सिर्फ चार दिनों तक अगवा किये रखा, बल्कि लगातार उनका दैहिक-शोषण करने के बाद उनकी नृशंस हत्‍या भी कर डाली। आज इस बच्‍ची की नंगी लाश मुख्‍यमंत्री और पुलिस महानिदेशक के आवास और महिला सहायता केंद्र 1090 के मुख्‍यालय के चंद कदम दूर गाजी कैनाल के किनारे मिली। यह जगह चिडि़याघर के ठीक पीछे लोहिया पथ पर है।

ताजा खबर के अनुसार जू यानी अजायबघर के ठीक पीछे और मुख्‍यमंत्री आवास  के घर से चंद दूर एक स्‍कूली बच्‍ची की नंगी लाश बरामद हुई है। इसका पता तब पता चला, जब करीब सुबह साढे दस के करीब लोहिया पथ से गुजर रहे राहगीरों ने इस इलाके में चील-कौवों को मंडराते देखा। जहां पर लाश मिली है, वहां से समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो का आवास और कार्यालय ही नहीं, बल्कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का आवास बस चंद कदम दूर है। इतना ही नहीं, प्रदेश की महिलाओं को सुरक्षा‍ दिलाने के लिए बनाये गयी वीमन हेल्‍प लाइन 1090 के मुख्‍यालय से बमुश्किलन दो सौ मीटर है, जो आजकल महिलाओं के प्रति किसी कुख्‍यात कलंक के तौर पर मशहूर होता जा रहा है।
लोहिया से गुजर रही एक सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद वर्षा चतुर्वेदी ने बताया कि करीब पौने ग्‍यारह के आसपास इस इलाके में सायरन बजाती हुई कुद पुलिस गाडि़यां इस जगह पहुंचीं थीं। तब तक नागरिकों की भी खासी भीड़ जमा हो चुकी थी। पुलिस ने आनन-फानन इस लाश को अपने कब्‍जे में लिया, और उस लाश को पंचनामा कर पोस्‍टमार्टम के लिए ले गये।

खबर पाते ही मौके पर पहुंचे शिवम तिवारी ने बताया कि मारी गयी बच्‍ची का नाम ............... है, जो इंदिरा नगर की रहने वाली थी। लेकिन मैंने तय किया है कि अब या ऐसी किसी भी बच्‍ची का नाम मैं केवल "मेरी बिटिया" ही कहूंगा। सम्‍भवत: एक बड़े स्‍थानीय स्‍कूल में हाई स्‍कूल की छात्रा थी मेरी बिटिया। मेरी बिटिया पिछली 10 फरवरी से लापता थी! लेकिन मेरी बिटिया की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस ने कब दर्ज की, इस बारे में कोई भी पता अब तक नहीं चल पाया है। जबकि वर्षा जी के मुताबिक कल एक अखबार में इस मेरी बिटिया के बारे में एक खबर प्रकाशित हो चुकी थी।
आपको याद होगा कि करीब डेढ़ साल पहले यानी पिछले 16-17 जुलाई-2014 की रात लखनऊ के मोहनलाल गंज इलाके में एक युवती की नंगी लाश बरामद हुई थी। यह लाश एक स्‍कूल के हैंडपम्‍प के किनारे मिली थी। आसपास का इलाका पूरी तरह रक्‍त-रंजित था, इस युवती की लाश को देख कर साफ पता चल रहा था कि मानों इसने हत्‍यारों से काफी देर तक संघर्ष किया। आशंका व्‍यक्‍त की जा रही थी कि इस बच्‍ची के गुप्‍तांग में किसी बड़े रॉड और सम्‍भवत पास ही लगे इंडिया मार्क हैंडपम्‍प के हत्‍थे से प्रहार किया गया था। पुलिस में मौजूद अनेक सूत्रो की आशंका थी कि इस हत्‍याकांड में कम से कम आधा दर्जन हत्‍यारे शामिल थे। लेकिन लखनऊ पुलिस ने इस हत्‍या में सिर्फ एक आदमी को गिरफ्तार किया, जो इस इलाके में बन रही कालोनी का गार्ड था।

इन 68 गांवों में खेती होती है अफीम की, कारोबार है जिस्म का!

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मध्यप्रदेश का नीमच जिला अफीम की खेती के लिए मशहूर है, लेकिन इसी जिले के मालवा क्षेत्र के माथे पर अब वेश्यावृत्ति का बदनुमा दाग लग रहा है। यहां रहने वाली एक विशेष समुदाय की महिलाएं वेश्यावृत्ति की तरफ तेजी से बढ़ रही हैं।

मालवा, नीमच, मन्दसौर और रतलाम के करीब 68 गांवों में 250 से अधिक डेरे हैं, जहां खुलेआम वेश्यावृत्ति होती है। जिसकी वजह से अंचल में बड़ी तेजी से एड्स अपने पांव पसार रहा है।

नीमच से करीब पांच किलोमीटर दूर देह व्यापार की बड़ी मंडी जेतपुरा में जिला प्रशासन ने बड़ी  कार्रवाई करते हुए पांच युवतियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जेतपुरा में चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है।

टीआई हितेश पाटिल ने बताया कि एसपी मनोज कुमार सिंह और सीएसपी अभिषेक दीवान के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जेतपुरा में देर रात दबिश दी। पुलिस के कुछ सिपाही ग्राहक बनकर पहुंचे। हाई-वे किनारे खड़ी युवतियों ने उन्हें इशारा किया और सौ—सौ रूपए के हस्ताक्षरयुक्त नोट भी दिये। इतने में पुलिस की एक टीम ने कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने मौके से पांच युवतियों को गिरफ्तार किया है।

Tuesday, February 16, 2016

अवैध होर्डिंग के डिफॉल्टरों की सूची भोपाल नगर निगम ने की जारी

अवैध होर्डिंग के डिफॉल्टरों की सूची भोपाल नगर निगम ने की जारी

भोपाल। राजधानी में अवैध होर्डिंग्स के मामले में सिर्फ होर्डिंग संचालक ही नहीं राष्ट्रीयकृत बैंक, बीमा कंपनी और बीएसएनएल सहित 5 सरकारी विभाग भी डिफॉल्टर हैं। अवैध होर्डिंग के मामले में बकाया वसूली के लिए निगम ने इन्हें भी नोटिस जारी किया है। इन पर करीब 2 करोड़ 15 लाख रुपए की वसूली निकाली गई है। निगम ने 79 होर्डिंग संचालकों को 128 करोड़ रुपए की वसूली के लिए नोटिस जारी किया है।
जानकारी के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) हेड ऑफिस को 80 लाख 99 हजार 775, भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड (एलआईसी) को 30 लाख 20 हजार, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) पर 80 लाख 89 हजार, राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी पर 14 लाख 32 हजार और मप्र गृह निर्माण मंडल पर 7 लाख 24 हजार रुपए की वसूली निकाली गई है। इसके अलावा बघीरा अपार्टमेंट को भी 25 लाख रुपए वसूली का नोटिस दिया गया है। इन सभी को अंतिम नोटिस व्यक्तिगत व सार्वजनिक रूप से दिए गए हैं।

पांच साल से नहीं दिया टैक्स
इन सभी पर निगम ने 2008-09 से 2014-15 तक का बकाया निकाला है। इन संस्थाओं और विज्ञापन संचालकों ने विज्ञापन टैक्स, किराया, पूर्व बकाया पर ब्याज और अग्रिम राशि जमा नहीं कराई है। जिसके बाद निगम ने इन्हें नोटिस थमाए हैं। नगर निगम के जनसंपर्क प्रभारी प्रेमशंकर शुक्ला ने बताया कि पैसा जमा करने के लिए सभी को 7 दिन की मोहलत दी गई है। इसके बाद होर्डिंग संचालकों की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई होगी। नोटिस नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत जारी हुए हैं।

जोनल अधिकारियों को संपत्ति पता लगाने के निर्देश
नोटिस जारी करने से पहले निगम ने सभी 19 जोन के जोनल अधिकारियों को होर्डिंग संचालकों की संपत्ति पता लगाने व इसका ब्यौरा निगम प्रशासन को देने को कहा है। ताकी नोटिस की मियाद खत्म होते ही होर्डिंग संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सके।

अनुमति जारी हुई नहीं फिर भी बढ़ गई होर्डिंग की संख्या
निगम के रिकॉर्ड में 2008 से अभी तक करीब 700 अवैध होर्डिंग होने की बात कही गई है। इनमें से हटाने की कार्रवाई सिर्फ 250 पर ही हुई। जबकि तब शहर में वैध 1078 होर्डिंग लगे हुए थे। यह होर्डिंग 2004 से 2008 के दौरान लगे थे। इसके बाद एक भी होर्डिंग को अनुमति जारी नहीं हुई। होर्डिंग पर कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार टैक्स लगाया गया था। इससे नाराज 2008 में होर्डिंग संचालक हाई कोर्ट चले गए थे। तब अभी तक नए होर्डिंग लगाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। प्राइम लोकेशन पर होर्डिंग का साल भर का किराया औसतन तीन लाख रुपए है। इस हिसाब से 700 होर्डिंग का एक साल का किराया 21 करोड़ रुपए होता है। पांच साल में यह राशि 105 करोड़ रुपए होती है। उल्लेखनीय है कि अवैध होर्डिंग के मामले में हाई कोर्ट ने 5 मार्च को कोर्ट ने निगम के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद निगम ने 19 मार्च को कार्रवाई कर पूरे शहर को होर्डिंग मुक्त कर दिया और होर्डिंग संचालकों पर रिकवरी निकाल दी।

कब, क्या हुआ
– शहर में 2008 के बाद निगम ने एक भी होर्डिंग को परमिशन जारी नहीं की
– 2004 से 2008 के दौरान शहर में 1078 होर्डिग वैध थे।
– 2008 में निगम ने होर्डिंग नीति बनाई और किराया कलेक्टर गाइड लाइन के तहत तय कर दिया।
– इसकेबाद होर्डिंग संचालक हाई कोर्ट चले गए
– 2008 से निगम को होर्डिंग से राजस्व मिलना बंद है
– निगम 2012-13 में निगम द्वारा कराए गए सर्वे में करीब 500 अवैध पाए गए
– हाई कोर्ट के आदेश के बाद निगम ने पिछले महीने करीब 250 होर्डिंग हटाए

जैकी की बेटी कृष्णा श्रॉफ ने बोल्ड फोटोज को किया वायरल


अभिनेता जैकी श्रॉफ की बेटी कृष्णा श्रॉफ ने पहले अपनी टॉपलेस तस्वीर डालकर काफी सुर्खियों बटोरी थी और ‘टॉपलेस’ कमेंट को लेकर भी अपना विरोध दर्ज किया था। वहीं कृष्णा ने फिर से कहीं छुट्टियां मनाने की तस्वीरें इंट्राग्राम पर तस्वीरें अपलोड की है। आगे की स्लाइड्स में देखें कृष्णा की तस्वीरें।
अपनी छुट्टियों की तस्वीरों में कृष्णा पानी में मस्ती करती हुई नजर आ रही है। कृष्णा ने अपने हॉलीडे डेस्टिनेशन की तस्वीर डाली है। इससे पहले भी टाइगर श्रॉफ की बहन कृष्णा श्रॉफ की टॉपलेस फोटोज ने कुछ दिन पहले इंटरनेट पर तहलका मचा दिया था।
इंस्टाग्राम पर ऐसा कर खबरों में छा जाने वाली कृष्णा ने फिर से ऐसी ही तस्वीरें पोस्ट की हैं। बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ की बेटी कृष्णा श्रॉफ आज कल काफी चर्चा में हैं। कृष्णा की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। कृष्णा ने अपनी ये ग्लैमरस तस्वीरें सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम पर पोस्ट की हैं। इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरें पोस्ट कर बॉलीवुड से दूर रहने वाली कृष्णा इन दिनों सुर्खियों में आ गई हैं। देखें कृष्णा श्रॉफ की वायरल हुई तस्वीरें।
टाइगर श्रॉफ की बहन कृष्णा श्रॉफ की टॉपलेस फोटोज ने कुछ दिन पहले इंटरनेट पर तहलका मचा दिया था। इंस्टाग्राम पर ऐसा कर खबरों में छा जाने वाली कृष्णा ने फिर से ऐसी ही तस्वीरें पोस्ट की हैं। बोल्ड इमेज पोस्ट करने के बाद विवादों में आई टाइगर श्रॉफ की छोटी बहन ने इंस्टाग्राफ पर दोबारा टॉपलेस होकर फोटोज पोस्ट की हैं।

हॉट मॉडल आयशा शर्मा ने फोटोशूट तौबा तौबा

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किंगफिशर कैलेंडर 2016 के लिए हॉट मॉडल आयशा शर्मा ने फोटोशूट कराया, फोटो शूट के दौरान उनकी अदाएं काफी दिलकश थीं ! उन्होंने कंफर्ट अंदाज में कैमरे को पोज दिए ! आयशा की हर अदा ने फोटोशूट में जान डाल दी।
Aisha-Sharma-Kingfisher-Calendar-2016-1हर शूट में आयशा शर्मा अपनी अदाएं दिखाने से नहीं चूकीं। आयशा शर्मा के लिए ये फोटोशूट उनके बेस्ट फोटोशूट में से एक रहा।
फोटोशूट में आयशा शर्मा का हर पोज दिलकश रहा।aisha-poses-for-the-camera

पत्रकारो को जूते की नोक पर रखता है कानपुर का एक थानेदार

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- भारत सरकार की संस्था को गालियो से संबोधित करने वाला थानेदार ।
- पत्रकारो को जूते की नोक पर रखने वाला कानपुर का थानेदार ।
- कानपुर के कप्तान शलभ माथुर् का नाम लेकर धौष् दिखाने वाला थानेदार।
- वर्दी के नशे में चूर कानपुर का नीरज यादव।

सूबे में समाजवादी सरकार है जिसके मुखिया श्री मान अखिलेश यादव जी है अखिलेश सरकार में नाम के आगे यादव लगा होना किसी वरदान से कम नही है , यादव होने के वरदान का सबसे प्रमुख फायदा तब मिलता है जब किसी थानेदार का रिस्तेदार या फिर सम्बन्धी सपा सरकार से जुड़ा हुआ हो ।

ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले कानपुर महानगर से सामने आया है , कानपुर महानगर के सी ओ  बाबुपुरवा सर्किल में आने वाले जूही थाने के थानेदार नीरज यादव ने जन एक्सप्रेस अखबार के सहसंपादक को मामूली सी बात पर ""फोन पर धमकी देते हुए कह दिया कि वह पत्रकारो को जूते की नोक पर रखते है अगर संपादक महोदय उनके थाना छेत्र में कही भी दिखाई दिए तो वह सलाखों के पीछे पहुचा देंगे ।""

जूही थाने के थानेदार नीरज यादव ने भारत सरकार के उस विभाग को भी नहीं बक्शा जो क़ि किसी पत्रकार को यह अधिकार देता है कि वह आम जनता के सरोकारों और उनके उत्पीड़न के खिलाफ अपनी कलम से सत्य उजागर कर सके ।
"" नीरज यादव के अगर पुराने रिकार्ड पर गौर किया जाए तो यह साफ़ पता चलता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में उन्हें सिर्फ थानेदार इस लिए बनाया गया है क्योकि उनके सरनेम के आगे यादव शब्द निहित है ऐसे में नीरज यादव पर किसी तरह की विभागीय कार्यवाही की बात सोचना भी बेईमानी होगी ।

Monday, February 15, 2016

ई.ओ.डब्ल्यू के कागज छुपाकर मलय श्रीवास्तव ने करवाया प्रमोशन

नीमच नगर पालिका सी.एम.ओ. को उपकृत करने की वजह क्या ?

आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों (ई.ओ. डब्लू) के दस्तावेजों को दबाकर नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने प्रमोशन करवा डाला। राजनैतिक दबाव या लाखों का लेन देन, आखिर क्या वजह हैं ? कि नीमच नगर पालिका सी.एम.ओ. सविता प्रधान की खुद मलय श्रीवास्तव के इशारें पर अधीनस्थों ने उपकृत करवा डाला।
गौरतलब हैं कि मंडला नगर पालिका में पदस्थ रहने के दौरान सविता विवेक प्रधान ने नियम विरूद्ध तरीके और पद का दुरूपयोग करते हुए खरीददारी करवा डाली। सूत्रों के अनुसार दरों में दस से लेकर तीन सौ प्रतिशत तक अधिक दर पर खरीददारी करने का मामला सामने आया था। जिसकी शिकायत ई.ओ.डब्लू. को की गई। 31 अगस्त 2013 को ई.ओ. डब्लू जबलपुर ने 25/3 प्रकरण दर्ज किया। ई. ओ. डब्लू ने जब लंबे समय तक कोर्ट में चालान प्रस्तुत नहीं किया तो माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की खण्डपीठ ने चालान प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। सारणी में भी सविता प्रधान के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जो शिकायतों में हैं।
संपूर्ण मामले की जानकारी नगरीय प्रशासन विभाग में हैं इसके बावजूद गत माह सविता प्रधान की पदोन्नति दे दी गई।
जब इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि मैं इस पदोन्नति मामले की जॉच करवाऊँगा और दोषियों के विरूद्ध उचित कदम उठाए जाएंगे।

Sunday, February 14, 2016

आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं किसानों को शिवराज

अवधेश पुरोहित
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ दिनों से अपनी खेती से हो रही फसल जिसमें अनार, मौसंबी, मटर, मिर्ची, शिमला मिर्च, लौकी और प्याज आदि की खेती और उससे लाभ को लेकर नित्य नये-नये खुलासे कर रहे हैं, वह इस तरह के खुलासे ऐसे समय कर रहे हैं जबकि प्रदेश का अधिकांश किसान पिछले चार वर्षों से उन पर पड़ रही मार झेल रहे हैं और आज भी यह स्थिति है कि प्रदेश के अधिकांश जिलों में किसानों को न तो खाद, बिजली और खेतों की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपनी खेती के उत्पाद को लेकर एक तरह से किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं, हालांकि उनके इस तरह के बढ़ा-चढ़ाकर दावे करने को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है

 एक तरफ तो लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि शिवराज अकेले ही इस प्रदेश में वह राजनेता नहीं हैं जिनके यहां खेती में लगातार लाभ हो रहा है और ऐसे भी पहले कई नेता हुए हैं जिनकी खेती हमेशा लाभ की रही लेकिन आजतक उन्होंने अपनी खेती किसानी को लेकर रोज-रोज नये-नये खुलासे नहीं किये तो वहीं लोगों की राय है कि मुख्यमंत्री यह दावे ठीक उन टैक्स चोरों की तरह कर रहे हैं जिन्होंने प्रदेश में लगातार खेती किसानी में पड़ी मौसम की मार से नुकसान ही नुकसान झेला है, मगर उनके द्वारा जो आयकर का रिटर्न भरा गया है उसमें उनके द्वारा अपने खेतों में कहीं मूंग तो कहीं फूल तो कहीं सब्जियां को लेकर कई कृषि उत्पादों से भारी मुनाफा होने का दावा करते हुए आयकर में फार्म भरे हैं, यदि आयकर द्वारा ठीक से पूरे प्रदेश के उन आयकरदाताओं के द्वारा भरे गये फार्मों की जांच कराई जाए तो ऐसे एक नहीं अनेकों मामले उजागर होंगे जिनमें आयकरदाताओं द्वारा अपनी खेती को लाभ का धंधा बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने आयकर रिटर्न में उनके खेती में हो रही लगातार उन्नति और उससे लाभ को लेकर किस तरह का विवरण देते हैं, यह तो आयकर रिटर्न फार्म देखकर ही पता चलता है लेकिन इसी बीच कुछ लोग यह मांग करते नजर आ रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पिछले चार वर्षों के दौरान हुई खेती-किसानी से हुई आय का ब्यौरा प्रदेश की  जनता के समक्ष रखना चाहिए जिससे यह साफ हो जाएगा कि वह जिस तरह के दावे कर रहे हैं उनमें कितनी सच्चाई है,

कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के इस तरह के दावों से जहां प्रदेश का किसानों के जख्म पर नमक छिड़कने का काम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जा रहा है इसको लोग उचित नहीं मान रहे हैं तो वहीं लोग यह मांग भी करते नजर आ रहे हैं कि यदि वास्तव में मुख्यमंत्री  के फार्म हाउस में दिन प्रतिदिन प्रगति नजर आ रही है और वह उन्नत खेती करने की दिशा में लगे हुए हैं तो इस तरह की उन्नत खेती का जायजा प्रदेशभर के किसानों को अपने फार्म हाउस पर लाकर देने की योजना बनाएं जिससे वह उनके द्वारा की जा रही खेती वह भी ऐसे समय में जबकि प्रदेश के किसान लगातार चार वर्षों से मौसम की मार झेल रहे हैं और ऐसे में मुख्यमंत्री की खेती लगातार लाभ का धंधा बन रही है, लोग यह भी कहते नजर आ रहे हैं

कि मुख्यमंत्री  जब अपनी खेती का बड़ाचढ़ाकर आंकड़े देते हैं तो उन्हें यह भी बताने में संकोच नहीं करना चाहिए कि उनकी खेती की पूरी देखभाल कृषि विभाग के अधिकारियों और कृषि विशेषज्ञों की देखरेख में की जा रही है, जबकि प्रदेश के किसानों को यह सब नसीब नहीं है, कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के इस तरह के अपनी खेती किसानी के दावों को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं तो एक तरफ लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि मुख्यमंत्री का यह कृत्य किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा नहीं है तो वहीं दूसरी ओर लोगों की यह राय है कि मुख्यमंत्री के इस तरह के दावे टैक्स चोरों की संज्ञा में नहीं आते, मामला जो भी हो यह वही जाने लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा लगातार अपनी खेती किसानी के बारे में किये जा रहे खुलासों से लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं।      

मोदी की सभा में भीड़ जुटाने कलेक्टरों को टारगेट

Toc news
भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान रैली के लिए कलेक्टरों को किसानों की भीड़ जुटाने का टारगेट दिया गया है. एक चिट्ठी से खुलासा हुआ है, जिसमें एक कलेक्टर ने तो बाकायदा इनके खाने-पीने का इंतजाम भी किया हैं.

होशंगाबाद कलेक्टर संकेत भोंडवे ने एक ऐसी चिट्ठी जारी की है, जिसने मध्यप्रदेश की सियासत से लेकर सरकार और पूरे सिस्टम को एक साथ सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है. कलेक्टर ने इस चिट्ठी के जरिए अपने जूनियर अफ़सरों और मातहत कर्मचारियों को ये निर्देश दिया है कि वो सीहोर में 18 फरवरी को होने वाले प्रधानमंत्री किसान सम्मेलन में हज़ारों की तादाद में भीड़ जुटाएं.

कलेक्ट्रेट से जारी ख़त
"किसान महासम्मेलन दिनांक 18 फरवरी 2016 को ज़िला सीहोर के ग्राम शेरपुर में आयोजित किया जा रहा है. उक्त समारोह में ज़िले से 30 हज़ार कृषकों को भ्रमण पर भिजवाना है. उक्त प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम की भव्यता को देखते हुए अधिकारी/कर्मचारी को निम्न अनुसार दायित्व सौंपे जाते हैं."

हैरानी की बात यह है कि सत्ताधारी बीजेपी संगठन के कार्यकर्ताओं और नेताओं को जो काम करना चाहिए, उसे सरकारी ख़र्चे पर सरकार के अधिकारी करवा रहे हैं. होशंगाबाद से तीस हज़ार किसानों को शेरपुर पहुंचाने के लिए कलेक्टर साहब ने बसों के अलावा उनके भोजन और पार्किंग तक की ज़िम्मेदारी तय की है.

जिन अफ़सरों के ज़िम्मे भीड़ जुटाने की जिम्मेंदारी है, उनमें ऋतु चौहान को होशंगाबाद, धीरेंद्र सिंह को सिवनी-मालवा, आरएस पटले को इटारसी, मनोज उपाध्याय को सोहागपुर, राजेश शाही को पिपरिया से भीड़ लाने का ज़िम्मा सौंपा गया है.

होशंगाबाद कलेक्टर की इस एक चिट्ठी ने बीजेपी के उन दावों की पोल खोल कर रख दी है,  जिसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान, पीएम नरेंद्र मोदी के सम्मेलन में दस लाख किसानों की भीड़ जमा करने का दावा कर रहे थे.

आइसना AISNA का प्रांतीय सम्मेलन मार्च में छतरपुर में होगा

भोपाल.  आइसना के पत्रकार साथियों ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि छतरपुर में मार्च 2016 में होने वाला AISNA - All India Small News Papers Association
का महाकुम्भ आदरणीय श्री अवधेश भार्गव जी प्रदेश अध्यक्ष आइसना, श्री नवनीत जैन (बन्टी) भाई आइसना के प्रदेश उपाध्यक्ष, श्री कुंदन अरोरा आइसना के उपाध्यक्ष के दिशा निर्देशन में होगा। विधि सम्मत लिए गए सभी निर्णयों का का तत्परता के साथ अक्षरसः पालन करवाने में कर्त्तव्य और पूर्ण निष्ठा के साथ क्रियान्वित करने में श्री विनय जी. डेविड जी प्रदेश महासचिव आइसना, श्री रामकिशोर पंवार प्रदेश सचिव आइसना, श्री अविनाश कुमार तिवारी प्रदेश सचिव आइसना, छतरपुर जिला अध्यक्ष आइसना श्री भास्कर पाठक, छतरपुर जिला महासचिव आइसना श्री सुनील पाण्डे, और सभांग अध्यक्ष आइसना के श्री देवेन्द्र चतुर्वेदी, आइसना के संभाग महासचिव श्री अनुपम गुप्ता, के समस्त साथियों से आशा और विश्वास करता हू कि आइसना के इस महाकुम्भ को सफल बनाने में सभी साथी अपना तन, मन, एवं धन से योगदान देंगे। एवं आप का साथ आइसना को मिलेगा।
सभी पत्रकार साथियों को मेरी हार्दिक  शुभकामनाएं।

विनय जी. डेविड
प्रदेश महासचिव, आइसना
9009844445
9893221036

अविनाश कुमार तिवारी
प्रदेश सचिव, आइसना
9425143675
7869176133

Thursday, February 11, 2016

भाभी ने देवर का काटा गुप्ताग ,देवर ने की खुदखुशी !

Toc news


सीधी जिले के चुरहट में उस समय हडकम्प मच गया जब भाभी  ने देवर का गुप्ताङ काट लिया  ,बताया जा रहा है कि देवर द्वारा भाभी से अवैध शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा था ,तभी भाभी देवर द्वारा बनाए जा रहे अवैध शारीरिक सम्बन्ध का विरोध कर देवर के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया गया ,देवर को लहुलुहान कर उसका  गुप्ताङ काट लिया !
      गुप्ताङ लेकर जब भाभी  चुरहट थाने में पहुची तो महिला को बदहवास हालत में देखकर  थाने के पुलिस कर्मियो के रोघटे खडे हो गए ,फिर महिला ने ही पुलिस कर्मियों को ख़ुद बताया कि उसके द्वारा देवर के प्राइवेट पार्ट गुप्ताङ काट लिया गया  है !फिर चुरहट पुलिस ने उससे पूछताछ कर मामले की गम्भीरता को देखकर  उसे हिरासत में लेकर मामले की तस्दीक करने घर पहुची तो देवर को घर के बाहर पेड में लटके देखकर पुलिस के होश उड गए !
        वही दूसरी तरफ जब देवर को लहूलुहान कर उसका गुताङ काट कर थाने ग​ई तभी देवर घर के बाहर स्थित पेड पर फासी लगाकर आत्म हत्या कर लिया ,पुलिस मौके पहुचकर शव को कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया है ,मामले की गम्भीरता को देखकर पुलिस अधीक्षक आविद खान घटना स्थल पर पर्याप्त बल साथ पहुचे गए है !


Tuesday, February 9, 2016

वॉट्सऐप के जरिए ग्राहकों फोटो भेजकर देह व्यापार

अहमदाबाद। सूरत में सोमवार को फ्लैट में चल रहे देह व्यापार के बड़े रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में दलाल, ग्राहक सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की गिरफ्तारी के डर से आरोपी वॉट्सऐप के जरिए ग्राहकों फोटो भेजता था। जानकारी के मुताबिक हजीरा पट्टी के चौर्यासी तहसील के भाठा गांव में रसराज अपार्टमेंट स्थित है। पुलिस को सूचना मिली थी कि इस अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 304 में मुंबई से कॉलगर्ल लाकर देह व्यापार का रैकेट चलाया जाता है। जिसके आधार पुलिस ने बनावटी ग्राहक भेज कर छापा मारा।
इस छापे के दौरान किराए पर फ्लैट रखकर जिस्‍म का व्यापार करने के आरोप में पुलिस ने दशरथ राजबहादुर यादव, ब्रिजेश रमेश चंद्र राठौड़ तथा ग्राहक खोडीदास बाबूलाल राजपूत, विजय धनश्याम अनघड़ तथा दो कॉलगर्ल सहित कुल छह लोगों को दबोच लिया। इनके पास इनके पास छह मोबाइल, नगदी, मारुति कार तथा मोटर साइकिल बरामद की गई। पुलिस के बताए अनुसार दलाल दशरथ मुंबई से कॉलगर्ल लाकर यहां यह अवैध धंधा कर रहा था। वह ग्राहक से 1500 रुपए ऐंठ कर कॉलगर्ल को 500 रुपए देता था।

Sunday, February 7, 2016

मार्तण्ड सिंह जूदेव ट्रस्ट को 250 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का हकदार

Toc news @ rewa
रीवा_ मप्र के प्रसिद्ध रीवा राजघराने की 250 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर कब्जे का विवाद आखिरकार खत्म हो गया है। रीवा की जिला अदालत ने 1992 में बने महाराजा गुलाब सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट को अमान्य करार दिया है और 1970 में बने मार्तण्ड सिंह जूदेव ट्रस्ट को 250 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का हकदार बताया है। जिला अदालत के आदेश के बाद रीवा राजघराने के महाराजा और पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह ने दावा किया कि गुलाब सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट रीवा राजघराने की संपत्ति को हथियाने के षडयंत्र के तहत बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि रीवा रियासत के गांव मुकुंदपुर में ही मुगल बादशाह अकबर का बचपन बीता था। अकबर के दरबार की शोभा बढ़ाने वाले संगीत के पुरोधा तानसेन भी इसी रियासत की देन थे। अकबर ने तानसेन के बदले में रीवा रियासत को कई मुगल तोपें भेंट की थी।

250 कराेड़ से ज्यादा की संपत्ति.......
1992 में कोर्ट में दाखिल केस के वक्त रीवा राजघराने की संपत्ति करीब 68 करोड़ की आंकी गई थी। महाराजा पुष्पराज सिंह के मुताबिक, इस समय राजघराने की संपत्ति 250 करोड़ से ज्यादा है। जिसमें रीवा का किला, इलाहाबाद का गुलाब मेंशन और मुंबई स्थित रीवा कोठी शामिल है। उल्लेखनीय है कि रीवा के किले में पहली बार देखा गया सफेद बाघ 'मोहन' की खाल आज भी मौजूद है। राजघराने के म्यूजियम में चांदी के सिंहासन, रत्न जड़ित आभूषण समेत कई कीमती वस्तुएं भी रखी हुई हैं।

क्या है मामला......
पुष्पराज सिंह के मुताबिक, स्व. महाराजा मार्तण्ड सिंह ने 1970 में महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव चैरिटेबिल ट्रस्ट बनाया था और उसमें महारानी प्रवीण कुमारी एवं पुष्पराज सिंह नाम भी शामिल है। इसके बाद 1992 में कुछ लोगों ने रीवा राजघराने की संपत्ति को हासिल करने के लिए महाराजा मार्तण्ड सिंह की बीमारी का लाभ उठाकर महाराजा गुलाब सिंह के नाम से ट्रस्ट बनाया था और राजघराने की संपत्ति पर हक जमाया था। 1992 में यह संपत्ति करीब 68 करोड़ की थी। गुलाब सिंह ट्रस्ट के लोगों ने तत्कालीन महाराजा मार्तण्ड सिंह के नाम से फर्जी दस्तावेज एवं रसीद पेश करके संपत्ति को ट्रस्ट में दिए जाने का दावा किया गया था। इस दावे के खिलाफ महारानी प्रवीण कुमारी सिंह ने न्यायालय में केस दायर किया। उनकी मौत के बाद पुष्पराज सिंह यह केस लड़ रहे थे। रीवा की जिला अदालत ने कहा कि महाराजा मार्तण्ड ट्रस्ट चाहे तो गुलाब सिंह ट्रस्ट पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

म्यूजियम में हो चुकी है लूट, मुंबई का बंगला भी फर्जी तरीके से बेचा
रीवा राजघराने में 2012 में एक बड़ी लूट भी हो चुकी है। इस लूट में लुटरों ने राजघराने के म्यूजियम से करोड़ों के आभूषण और कीमती सामान चुरा लिए थे। वहीं,पुष्पराज सिंह ने 2013 में मुंबई स्थित रीवा कोठी को भी फर्जी तरीके से बेचने की शिकायत की थी। पुष्पराज सिंह ने शिकायत की थी कि मुंबई के पेद्दार रोड स्थित रीवा कोठी को कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से 20 करोड़ रुपए में बेच दिया था। यह रीवा कोठी मुंबई में समुद्र तट पर हाजी अली दरगाह और महालक्ष्मी मंदिर के बीच में स्थित है। मुंबई के जमालुद्दीन शेख ने 2011 में यह सौदा किया था।

Friday, February 5, 2016

नगरपालिका में एक करोड की फाइल गायब

Toc NEWS
— पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने कलेक्टर—एसपी को दर्ज करवाई शिकायत

— पार्षद का आरोप— कॉलोनाइजर भारत जारौली और सुनील बम्ब को अध्यक्ष—सीएमओ ने फायदा पहुंचाने के लिए रिकवरी करने की बजाय फाइल ही गायब करवा दी, प्रकरण दर्ज की मांग

नीमच। नगरपालिका परिषद में इन​ दिनों चुपचाप भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। सार्वजनिक रूप से अपने आप को ईमानदा बताने वाले जनप्रतिनिधि और अफसरों का ताजा कारनामा करोडों रूपए की फाइल गुम होने का सामने आया है। इसमें करीब एक करोड का भू माफियाओं और कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने के लिए नपा के अधिकारी अपना दायित्व तो भूल ही गए है साथ ही फाइल गायब कर अपराध को अंजाम दे रहे है।

यह आरोप कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने लगाया है। उन्होंने बताया कि  नगरपालिका में भाजपा का बहुमत होने के कारण भरपूर भ्रष्टाचार चुपचाप किया जा रहा है। एक और सनसनीखेज मामलसा सामने आया है। इसमें अध्यक्ष राकेश जैन पप्पू और सीएमओ सविता प्रधान ने कॉलोनाइजर भारत जारौली और सुनील अम्ब को फायदा पहुंचाने के लिए  एक करोड की फाइल ही गायब करवा दी। जब जानकारी मांगी तो ना—नुकर किया जा रहा है।

नगरपालिका परिषद ने 21 मई 2015 को अंतिम आदेश जारी किया था। आदेश क्रमांक 621—2015 में उल्लेख किया गया कि कृषि भूमि सर्वे 2131, 2132, 3233,2 पे.की. एवं 3134 पर बिना अनुमति के दुकान बना ली गई। 24 घंटे के दौरान तत्काल 96 लाख 77 हजार 683 रूपए तत्काल  भारत जारोली और सुनील अम्ब को जमा करवाना जरूरी है नहीं तो दुकानें जमींदोज करवा दी जाएगी। 24 घंटे की चेतावनी को करीब आठ माह होने में आया है, लेकिन तोडना तो दूर नगरपालिका ने वसूली भी नहीं की है। ठीक इसके वितरीत फाइल गायब करवा दी है।

शुक्रवार को कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव व एसपी मनोजसिंह को शिकायत प्रस्तुत की गई। इसमें उल्लेख किया गया है कि करोड रूपए की वसूली नहीं की जा रही हैं वहीं फाइल गायब कर दी है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कर उनसे एक करोड की वसूली की जाना है।

श्री लोक्स ने बताया कि कॉलोनाइजर भारत जारोली और सुनील बम्ब ने सीएमओ और अध्यक्ष  से सेटिंग की है। यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर इन्होंने कार्रवाई क्यों न की। उल्टा कॉलोनाइजर को बचाने का प्रयास ​किया जा रहा है। इसकी जानकारी नपा से मांगी गई तो नहीं दी जा रही है। 

100 करोड़ का यह बंगला छगन भुजबल के बेटे अमित भुजबल का है।

Toc news

मुंबई। मनी लॉन्डरिंग मामले में एनफोर्समेंट
डायरेक्टरेट (ईडी) महाराष्ट्र के पूर्व पीडब्ल्यूडी
मंत्री छगन भुजबल और बेटे पंकज भुजबल को भी
गिरफ्तार करने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के
मुताबिक छगन भुजबल के अमेरिका से वापस लौटने के
बाद उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। भुजबल पर
अरबों की संपत्ति गबन का आरोप है। बता दें कि
छगन भुजबल कभी सब्जी बेचते थे। राजनीति में आने
के बाद उनका कद कैसे बढ़ा और छापों में उनके यहां
कितनी संपत्ति मिली पढ़िए इसकी पूरी
कहानी.....
मां संग बेचते थे सब्जी
राजनीति में आने के पहले छगन भुजबल मुंबई के
भायखला सब्जी मंडी में अपनी मां के साथ सब्जी
और फल बेचा करते थे। मेकैनिकल इंजीनियरिंग में
डिप्लोमा करने के बाद बाल ठाकरे के विचारों से
प्रभावित होकर भुजबल शिवसेना से जुड़े।
1973 में पहली बार जीते चुनाव
छगन भुजबल पहली बार 1973 में शिवसेना से पार्षद
का चुनाव लड़े और जीते। 1973 से 1984 के दरमियान
छगन मुंबई के पार्षदों में सबसे तेज तर्रार नेता माने
जाते थे। जिसकी बदौलत वे दो बार मुंबई
महानगरपालिका के मेयर भी रहे। मेयर रहते हुए छगन ने
'सुन्दर मुंबई, मराठी मुंबई' के नाम से अभियान भी
चलाया था। बाद में वे एनसीपी पार्टी से जुड़े और
कांग्रेस- राकांपा सरकार में वे पहली बार महाराष्ट्र
के उपमुख्यमंत्री बनाए गए।
बंगलों में हेलिपैड...
-हाल में ईडी द्वारा मारे गए छापे में छगन भुजबल के
बेटे पंकज के नाम पर नासिक में 100 करोड़ रुपए का
बंगला मिला।
-46,500 वर्गफुट में फैले इस बंगले में 25 कमरे, स्विमिंग
पूल और जिम जैसी सुविधाएं थीं।
-इसके अलावा लोनावला में 2.82 हेक्टेयर में फैले छह
बेडरूम वाले बंगले में हेलिपैड, स्विमिंग पूल के साथ
विदेशी फर्नीचर और प्राचीन मूर्ति मिली है।
जिस शहर से चुनाव लड़े वहीं बनाई संपत्ति
छगन भुजबल ने अपने पूरे राजनीतिक करियर में
नासिक, येवला, मुंबई, मझगांव शहरों से चुनाव लड़ा
था। छापे में मिली संपत्ति के अनुसार जिस शहर में
छगन ने चुनाव लड़ा उन शहरों में छगन ने करोड़ों की
संपत्ति भी बनाई। कुछ दिनों पहले एंटी करप्शन
ब्यूरो ने मुंबई, ठाणे, नासिक और पुणे में छापे मारे थे
जहां छगन और उनके परिवार के नाम अरबों की
संपत्ति मिली थी।
अमेरिका गए हैं भुलबल...
- भुजबल एक सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए
अमेरिका गए हुए हैं। उनके रविवार को भारत लौटने
की उम्मीद है।
- मामले में भुजबल के भतीजे समीर भुजबल की
गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है।
- ईडी अधिकारियों का दावा है कि 840 करोड़ के
घोटाले में समीर मुख्य साजिशकर्ता हैं।
- बताया जा रहा है कि उनके भारत लौटते ही उन्हें
अरेस्ट किया जा सकता है।

सोम डिस्टलरी के मालिको द्वारा फर्जीवाड़ा, जगदीश अरोड़ा दोषी

सोम डिस्टलरी के मालिको द्वारा फर्जीवाड़ा कर हल्की और सस्ती ब्लैक फोर्ट बीयर की बोतलों पर मंहगी और एक्सपोर्ट क्वालिटी की बीयर हंटर के लेबल लगा कर एक्सपोर्ट करने के मामले में आबकारी कमिश्नर ने अपने आपको और डिस्टलरी मालिक को बचाने के लिए सोम डिस्टलरी के प्रभारी अधिकारी और डीओ जी.सी. गढ़वाल को कल 03.02.16 को निलम्बित कर दिया जबकि सोम डिस्टलरी के मालिको से मोटी भ्रष्ट सांठ गांठ कर एक्सपायर/दूषित ब्लैक फोर्ट बीयर को धोखे और फर्जीवाड़ा कर एक्सपोर्ट करने की अनुमति आबकारी कमिश्नर ने दी थी । इंदौर हाईकोर्ट में डब्लू पी याचिका में कंटेम्प्ट पर जवाब देने के लिए भी गढ़वाल को निलम्बित किया गया है, जबकि पूरे मामले में आबकारी  कमिश्नर राकेश श्रीवास्तव और सोम डिस्टलरी के मालिक जगदीश अरोड़ा सीधे दोषी है।

मंत्री विजय शाह के खास समर्थक भाजपा नेता राजेश तिवारी निवासी खंडवा के खिलाफ राशि हड़पने केस दर्ज

मध्यप्रदेश केबिनेट मंत्री विजय शाह के खास समर्थक भाजपा नेता राजेश तिवारी निवासी खंडवा के खिलाफ शासकीय कार्य में पचास लाख चालीस हजार रुपयों की राशि हड़पने की शिकायत खंडवा जिले के खालवा थाणे में दर्ज।

मामला 9/4/2013 का है , मंत्री के खास समर्थक ने बाड़ी परियोजना का कार्य 19/11/2014 तक किया
इस मामले की शिकायत लोकायुक्त को की , जिसमे जाँच पश्चात शासन की और से अपराध क्रमांक 26/11में  आईपीसी की धारा 420,406 और 409 के तहत खालवा थाणे में कायमी 3/2/16 की गई।
जिसकी जांच अधिकारी असलम कुरैशी द्वारा की जा रही है ।

आरोपी
सचिव राजेश तिवारी
निवासी रामेश्वर नगर खंडवा के खिलाफ आरोप है की राजेश तिवारी द्वारा हितग्राही कार्यों के लिए 50,40,000 रुपयों की राशि स्वयं हड़प लिए। व कोई हिसाब नहीं दिया।
अभिनव भारत योजना के अंतर्गत कुपोषण से निपटने के लिए खंडवा के आदिवासी विकासखंड खालवा को 150 लाख रुपयो कि जो विशेष सहायता मिली , उसमे कुल 50 लाख 40 हजार रुपयों कि राशि ,बगैर कोई कार्य किये निकाल ली गई , यह मामला सामने तब आया , जब एक आर टी आई कार्यकर्ता ने सुचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। इस आर टी आई कार्यकर्ता ने पुरे मामले कि मय दस्तावेज लोकायुक्त इंदौर में 21-8-13 को शिकायत कि। लोकायुक्त ने यह मामला जाँच हेतु खंडवा कलेक्टर को भेजा,

खंडवा जिले के ग्राम आशापुर निवासी ,आर टी आई कार्यकर्ता भविष्य जैन , जो अपने स्तर पर क्षेत्र के आदिवासियों को उनका हक दिलाने कि लड़ाई लड़ रहे है। इन्हे जानकारी मिली कि खालवा के जनपद पंचायत कार्यपालन अधिकारी ने इसी वर्ष के पांचवे माह खंडवा जिला पंचायत को पत्र क्रमांक 954  में यह लिखा कि संबंधित एन जी ओ ने 633  हितग्राहियों कि संख्या बताकर देड करोड़ कि राशि में से चालीस प्रतिशत राशि जो 50लाख,40हजार रुपयों का आहरण कर लिया है  जिसके खिलाफ यथाशीघ्र कार्यवाही कि जावे।  बस यही से मामला बिगड़ गया।  और बड़ी मशक्क़त के बाद इस मामले कि पूरी जानकारी आर टी आई कार्यकर्ता ने सुचना के अधिकार के तहत निकाली और इंदौर लोकायुक्त को मय दस्तावेज 21-8-13 को इसकी शिकायत की ,

पूरा मामला क्या है -

केंद्र सरकार ने कुपोषण से निपटने के लिए वर्ष 2010 -11 में अभिनव भारत योजना के तहत कुल एक करोड़ पचास लाख रूपये कि बाड़ी परियोजना ,खंडवा जिले के आदिवासी विकास खंड खालवा जनपद पंचायत को 29 मार्च 2011 को आवंटित कि  , जिसके तहत कुपोषित बच्चो के आदिवासी माता -पिता को अपने  -घर आँगन में फल-सब्जी लगाये जाने हेतु  न सिर्फ प्रशिक्षित किया जाना था ,बल्कि उन्हें उपयोगी सामग्री भी देनी थी। शासन कि गाइड लाइन के हिसाब से परियोजना को संचालित किये जाने के लिए कुल पांच एन जी ओ को काम दिया जाना था।हालांकि इस परियोजना के संचालित किये जाने के लिए प्रारम्भ में पांच एन जी ओ के नाम भी शामिल किये गए  ,लेकिन  दिल्ली से हितग्राहीयों कि राशि में वृद्धि करने कि मांग के नाम पर इस योजना को एक साल तक पेंडिंग रखा , और बाद में अपने चहेते को ना सिर्फ काम सौप दिया, बल्कि बिना काम किये कुल राशि के चालीस प्रतिशत राशि का चैक भी बनाकर दे दिया।जबकि नाबार्ड के नियमो के आधार पर पहले हितग्राहियों को चयनित किया जाकर उनकी सूचि बनाई जाती , फिर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता , उसके बाद उन्हें बाड़ी लगाई जाने के लिए उपयोगी सामग्री दी जाती।और फिर हितग्राहियों को बाड़ी कि प्रोग्रेस के आधार पर किश्तो में राशि का भुगतान किया गया
   
लेकिन ऐसा हुआ नहीं।  यह मामला प्रदेश के केबिनेट जातीमंत्री विजय शाह कि विधान सभा का होने के कारण , सभी नियमो को ताक  पर रखकर , चयन समिति को आधार बनाकर , मंत्री के ख़ास भाजपा नेता राजेश तिवारी के तेजस्वी लोक सेवा कार्यक्रम एवं शोध संस्थान , पता रामेश्वर रोड खंडवा नामक एन जी ओ को काम दे दिया गया। जबकि योजनानुसार प्रारम्भ में यह कार्य जिले के उद्यानिकी विभाग से करवाया जाना था। लेकिन राजनैतिक दबाव के चलते उद्यानिकी विभाग ने कर्मचारियों कि संख्या में कमी दर्शाते हुए इस कार्य को करने में अपनी असमर्थता जाहिर कि, फिर यह कार्य जिले के आदिम जाती कल्याण विभाग के जरिये खालवा जनपद पंचायत को करवाने हेतु भेजा , यही से खेल आरम्भ हुआ। बाड़ी परियोजना को खालवा विकासखंड के पांच राजस्व ग्राम और लगभग बीस वनग्रामों में  लागू किये जाने के नाम पर इसी वर्ष के मई माह कि एक तारीख को जनपद पंचायत खालवा को लिखे पत्र में हितग्राहियों कि संख्या 633 बताकर चालीस प्रतिशत राशि कि मांग कि और सबसे मजेदार बात यह रही कि आवेदन प्राप्त होने के छठवें दिन याने सात मई को विभाग ने चेक नंबर 3022752 के माध्यम से पचास लाख चालीस हजार रुपयों कि राशि आंवटित कर दी। जिसके बाद खालवा जनपद पंचायत कि नींद खुली और उसने जिला मुख्यालय खंडवा को भेजे पत्र क्रमांक 954 में एनजीओ द्वारा फर्जी तरीके से राशि के आहरण कि बात लिखते हुए उसके खिलाफ यथाशीघ्र कार्यवाही किये जाने कि मांग कि।  चूँकि मामला प्रदेश केबिनेट मंत्री विजय शाह के ख़ास भाजपा नेता से जुड़ा होने के कारण प्रशासन खुलकर कार्यवाही करने से कतरा रहा है। आर टी आई कार्यकर्ता ने जो शिकायत लोकायुक्त भोपाल को कि थी , लोकायुक्त ने वह शिकायत खंडवा कलेकटर को जाँच के लिए भेज दी। कलेक्टर ने सक्षम अधिकारी से फिल्ड स्तर पर जाँच करवायी ।

 लोकायुक्त ने जाँच हेतु यह प्रकरण खंडवा कलेकटर को भेजा तो ताबड़ -तोड़ खालवा जनपद पंचायत सीओ को पदमुक्त करते हुए उनकी जगह बैतूल के एक अधिकारी को ,खालवा जनपद पंचायत का कार्यभार सौंप दिया, इससे जाँच कि विश्वसनीयता पर भी सवाल उठे है।

Thursday, February 4, 2016

शाबास! विनय डेविड जनसम्पर्क द्वारा 300 करोड़ रुपए के घोटाले को न्याय के मंदिर तक ले जाने का प्रयास

शाबास! विनय डेविड जनसम्पर्क द्वारा 300 करोड़ रुपए के घोटाले को न्याय के मंदिर तक ले जाने का प्रयास

सीजेएम भोपाल 2 मार्च को दायर इस्तगासे पर लेंगे कथन
मध्यप्रदेश का जनसम्पर्क विभाग पत्रकारिता के नाम पर भाई-भतीजावाद, कमीशन आधारित विज्ञापनवाद चहेतों को आर्थिक लाभ पहुंचाना तथा एक ही परिवार के कई सदस्यों को मीडिया अथवा पत्रकारिता के नाम पर विज्ञापन देकर स्वच्छ एवं सजग निर्भीक पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को अपनी तलवार की धार के अधीन रखने के आरोप तो हमेशा लगते आए।
लोकायुक्त ने कई प्रकरणों में जांच भी की परंतु इस मामले में कभी भी दोषियों को सजा तो क्या देना बल्कि बेखौफ निर्भीक एवं सजग स्वच्छ पत्रकारिता करने वालों को दबाने का प्रयास किया गया। कई पत्रकार संगठनों ने समय-समय पर आंदोलन भी किए। परंतु ऐसे संगठनों में फूट डालकर आंदोलनों को उनके रास्ते से दूर करने की कोशिश4 भी की जाती रही है।
आखिरकार भोपाल के विनय डेविड पत्रकारों के वह सूरमा बन गए जिन्होंने विज्ञापन के नाम पर हुए इस पूरे तीन सौ करोड़ रुपए के घोटाले के विरुद्ध माननीय न्यायालय में सम्पूर्ण साक्ष्य सहित सीजेएम भोपाल न्यायालय में एक इस्तगासा दायर किया। एडवोकेट यावर खां तथा विनय डेविड के मुताबिक दायर इस्तगासे में प्रमुख सचिव एसके मिश्रा, आयुक्त जनसम्पर्क अनुपम राजन के अलावा दो अन्य के विरुद्ध 420, 467, 468, 120 बी की एफआईआर दर्ज करने के लिए निवेदन किया गया है।
अब सीजेएम भोपाल इस इस्तगासे में दो मार्च 2016 को इस्तगासे के समर्थन में सभी के कथन लेने उपरांत अपना निर्णय सुनाएंगे। फिलहाल इस  दायर इस्तगासे से जहां पत्रकार जगत में खुशी की लहर दौड़कर निर्भीक एवं स्वच्छ, ईमानदार पत्रकारों का मनोबल बढ़ा है। वहीं 300 करोड़ के इस घोटाले में लिप्त सभी आरोपी इस इस्तगासे को मैनेज करने के प्रयास भी करने शुरु कर दिए हैं।
Sabhar -
http://cititoday.in/cititoday/शाबास-विनय-डेविड-जनसम्पर/

क्या शिवराज को हिट करवाना चाहते हैं अनुपम राजन

 
क्या शिवराज को हिट करवाना चाहते हैं अनुपम राजन
 


शैफाली गुप्ता
मध्यप्रदेश जनसम्पर्क विभाग में चर्चा है न्यूज़ वेबसाइड के जरिये जनसम्पर्क आयुक्त अनुपम राजन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को हिट करवाना चाहते हैं ,इस हिट के कई मायने निकाले जा रहे हैं। जनसम्पर्क के अधिकारीयों का कहना है कि आयुक्त राजन ,जनसम्पर्क जैसे संवेदनशील विभाग को महिला बाल विकास विभाग की तरह चला रहे हैं। जिस कारण तमाम दुश्वारियाँ सामने आ रही हैं।

बेसिरपैर की सलाह
समाचार के नए माध्यम ई मीडिया को लेकर जनसम्पर्क विभाग में लम्बे समय से अफरातफरी मची हुई है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और जनसम्पर्क विभाग के प्रमुख सचिव एस के मिश्रा इस माध्यम की तासीर और ताकत को बखूबी समझते हैं लेकिन आयुक्त अनुपम राजन इसे लेकर कतई गंभीर नजर नहीं आते हैं। अनुपम राजन वेब मीडिया को लेकर एक ऊटपटाँग सी नीति बना चुके हैं ,जिसका कोई नतीजा नहीं निकला और उनके हिसाब से बनाई गई नीति को देखें तो खुद जनसम्पर्क विभाग की वेबसाइड उनके मापदंडों को पूरा नहीं करती है । जनसम्पर्क में चर्चा है कि कटनी में कलेक्टर रहते अनुपम राजन के करीबी रहे एक शख्स की बेसिरपैर की सलाह की वजह से जनसम्पर्क विभाग मजाक का विषय बना हुआ है।

वेब मीडिया के पत्रकारों की ये कैसी मीटिंग
शनिवार को भी जनसम्पर्क आयुक्त ने वेब मीडिया के नियम कायदे बनाने के लिए एक बैठक बुलाई लेकिन मजे की बात यह है कि इसमें भी वेब मीडिया से जुड़े दो तीन लोग बुलाये गए कई असल लोगों को मीटिंग से दूर रखा गया। वेब मीडिया में काम कर रही किसी महिला प्रतिनिधि तक को मीटिंग में बुलाना उचित नहीं समझा गया। अब सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह महिलाओं को बढ़ावा देने की जो बात करते हैं उसे अनुपम राजन जैसे अधिकारी क्या पलीता लगाने की कोशिस नहीं कर रहे हैं।

कैसे बंद करें विज्ञापन
अब मुद्दे की बात करते हैं वेब मीडिया को लेकर भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और जनसम्पर्क के विभाग के प्रमुख सचिव एस के मिश्रा सकारात्मक सोच रखते हों लेकिन उनके मातहत अधिकारियों के लिए यह कोई गंभीर मसला नहीं है। जनसम्पर्क में बैठे कुछ बाबू टाइप के लोगों के लिए तो कतई नहीं हैं। जनसम्पर्क के इन बाबू और बाबूनुमा अफसरों को हर जगह कमीशन का खेल नजर आता है ,बिना trp और चवन्नी छाप चैनलों को लाखों करोडों के विज्ञापन देकर फर्जीवाड़ा करने वाले ये लोग चाहते थे कि वेब मीडिया में जा रहे विज्ञापनों से भी इन्हें हिस्सा मिले और जब ऐसा नहीं हुआ तो इन्होने कई फर्जी वेबसाइड बनाकर पैसा बनाया और अब जब इस सब का खुलासा हो गया है तो जनसम्पर्क के ये कमीशनखोर चाहते हैं कि येनकेन प्रकारेण वेबमीडिया को विज्ञापन ही न मिलने दिए जाएँ। इसके लिए बाकायदा जनसम्पर्क आयुक्त अनुपम राजन का माइंड मेकअप किया गया और कहा गया वेबसाइड पर सबसे पहले ऐसे नियम लादें जाएँ जिन्हें वेबमीडिया के लोग पूरा ही न कर सकें और उसी तारतम्य में एक ड्राफ्ट बनाया गया कि हर वेबसाइड पर दस हजार यूनिक विजिटर्स होना चाहियें ?इतने यूनिक विजिटर्स तो अनुपम राजन अपने जनसम्पर्क विभाग की समाचार साइड पर ला कर दिखा दें। यूनिक विजिटर्स की परिभाषा जब इन अधिकारियों की समझ में आई तो जनसम्पर्क में ऐसी मूर्खतापूर्ण सलाह देने वाले की तलाश शुरू हुई ,तक सब ने इसे एक दूसरे पर टाला और अंत में कहा गया शायद यह मशविरा nic वालों ने या क्रिस्प वालों ने दिया था।

नियम और राजन की मंशा
सवाल यह भी है कि क्या जनसम्पर्क आयुक्त अनुपम राजन वेबमीडिया से जुड़े पत्रकारों के हितों को ध्यान में रखकर नीति बनाना चाहते हैं या वेब मीडिया का गला घोंटने के लिए। अगर उनकी मंशा चंद कमिशनखोरों और कुछ चवन्नी छाप चैनल चला रहे लोगों से मेल खाती है तो वे यक़ीनन कोई न कोई ऐसे नियम वाली नीति बनाएंगे जिससे वेबमीडिया को विज्ञापन मिलना तत्काल बंद हो जायेंगे। लेकिन अगर उन्हें भविष्य के इस सबसे दमदार और असरकारक मीडिया और इससे जुड़े पत्रकारों की परवाह है तो वे सकारत्मक सोच के साथ बेबमीडिया में लम्बे समय से काम कर रहे लोगों के बड़े समूह से चर्चा कर नियम और नीति बनाएंगे।

कहीं cm को हिट न करवा दें
www की इस खबरी दुनिया को लेकर जनसम्पर्क में जो चल रहा है वो भी कम चौंकाने वाला नहीं है। आयुक्त अनुपम राजन के साथ काम करने वाले लोगों की माने तो उनका कहना है cpr जनसम्पर्क विभाग को समझ ही नहीं पाये हैं वे जनसम्पर्क जैसे विभाग को भी महिला बाल विकास की तरह चला रहे हैं। इस विभाग में वह वेब मीडिया के जरिये मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कई काम करवा सकते हैं लेकिन ऐसा लगता है राजन वेबसाइड के हिट के चक्कर में पड़कर कहीं मुख्यमंत्री और सरकार को ही हिट नहीं करवा दें।

राजन को लेकर जनसम्पर्क दो फाड़
अनुपम राजन के जनसम्पर्क आयुक्त बनने के बाद जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी दो भागों में बंट गए हैं। एक राजन समर्थक और दूसरे राजन विरोधी। इनमे राजन विरोधियों की तादात ज्यादा है। राजन विरोधी मानते हैं कि चाहे वेब मीडिया का मसला हो या बिना trp वाले और अपराधिक कारनामों में लिप्त रहे लोगों के चैनलों को विज्ञापन देने का मामला, वे हर जगह फेल साबित हुए हैं और जल्दी वे ऐसी बड़ी चूक कर सकते हैं जिसके कारण उन्हें इस संजीदा विभाग से हटाया जाएगा। वहीँ राजन समर्थक अधिकारी कहते वे अपनी बीमारी की वजह से ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। दूसरा विभाग के सारे अधिकार प्रमुख सचिव एस के मिश्रा के पास हैं राजन साहब के पास अधिकारों की कमी है वे सिर्फ नाम के आयुक्त हैं सारा किया धरा प्रमुख सचिव का और नाम ख़राब हो रहा है आयुक्त का । कुल मिलकर ऐसा लगता है जनसम्पर्क में मसला कोई भी हो असल झगड़ा दो आला अधिकारियों और उनके अधिकारों का हैं। साभार - www.madhyabharat .net

I.A.S के विरूद्द धोखाधड़ी का मुकदमा पेश

03/02/2016
भोपाल. जनसंपर्क आयुक्त अनुपम राजन,
सीएम के सेकेट्री एस के मिश्रा व 2 अन्य के विरूद्ध  धोखाधड़ी कर 300 करोड़ के घोटाला प्रसार प्रचार एवं एक ही परिवार के कई सदस्यों को लाखों करोड़ो रूपये देकर शासन को हानि पहुचाने पर धारा 420, 467, 468, 120बी की एफआईआर दर्ज करने का परिवाद आज सीजेएम कोर्ट में एडवोकेट यावर खान ने विनय डेविड की ओर से पेश किया, कोर्ट ने बयान के लिए 02/03/16 पेशी नियत की है.

दूध के धुले नही हैं अनुपम राजन

जय श्रीवास्तव @ toc news
भोपाल। इन दिनों जनसंपर्क आयुक्त अनुपम राजन सोशल मिडिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं । चर्चा उनके उपर पंजीबद्ध 420/120 बी धाराओं की  है। जनसंपर्क आयुक्त बनने से पहले वह लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक थे , जहां अनुपम राजन के रहते करोड़ों के आर्थिक घोटाले का  एक मामला प्रकाश में आया है ।
  मामला यह है कि ई-पंचायत योजना के अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 240 करोड़ रूपये का कम्प्यूटर एस्सेल कंपनी से खरीदा गया जिसका भुगतान लघु उद्योग निगम द्वारा किया गया था।   एस्सेल कंपनी को सभी  ग्राम पंचायतो में  कम्प्यूटर भेजना थे लेकिन मध्यप्रदेश  की  अधिकतर ग्राम पंचायतो में कम्प्युटर या तो पहुंचे  ही नही या आउट डेटेड कम्प्युटर पहुंचे गए और एस्सेल कंपनी को ९० करोड़ रूपये का भुगतान भी कर दिया गया ।  इस  मामला को सतना एवं उज्जैन के तत्कालीन सांसदों ने उठाया भी था। इस खबर की जानकारी लगने पर एन.सी.पी. के प्रदेश अध्यक्ष श्री बृजमोहन श्रीवास्तव ने लघु उद्योग निगम द्वारा केवल 90 करोड़ रूपये का भुगतान एस्सेल कंपनी को किए जाने को लेकर  एक लिखित आपत्ति के साथ यह अनुरोध किया कि कम्प्युटर मामले में आगे का भुगतान न किया जाये तथा निष्पक्ष जांच होने के पश्चात् ही निर्णय लिया जाए। अनुपम राजन ने श्री बृजमोहन श्रीवास्तव द्वारा की गयी   जांच की मांग को अनदेखा कर  आगे कि संपूर्ण राशि का भुगतान  एस्सेल कंपनी को कर  दिया। ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा 240 करोड़ की राशि प्रत्येक जिले में भेज दी और वह राशि लघु उद्योग निगम को देदी गई और  लघु उद्योग निगम ने एस्सेल कंपनी को संपूर्ण राशि का भुगतान कर दिया ।  लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक ने  प्रदेश  में कम्प्युटर वितरण न होने की  शिकायत मिलने के बावजूद शेष राशि के  भुगतान पर  रोक लगाने और मामले की निष्पक्ष  जांच कराने की बजाय कंपनी को पूर्ण भुगतान कर दिया। स्पष्ट है की अनुपम राजन ने  न केवल उक्त कंपनी को फायदा पहुँचाया बल्कि शासन  को करोड़ों का आर्थिक नुकसान भी पहुचाया  जिसके जिम्मेदार अनुपम राजन है।

Sunday, January 31, 2016

किरण बेदी के पति का देहांत

Toc news
अमृतसर - पूर्व आईपीएस और दिल्‍ली में बीजेपी की सीएम पद की उम्‍मीदवार रही किरन बेदी के पति बृज बेदी का गुड़गांव के अस्पताल में निधन हो गया है। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्‍कार सोमवार को अमृतसर में किया जाएगा।
बृज बेदी अमृतसर में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते थे। वह वहां पर नशे के आदी बच्‍चों के लिए काम करते थे। किरण बेदी की मुलाकात उनसे पहली बार अमृतसर के टेनिस कोर्ट में ही हुई थी। बृज बेदी अपने समय के यूनिवर्सिटी लेवल के टेनिस खिलाड़ी रहे हैं।
किरण बेदी और बृज बेदी की शादी 9 मार्च 1972 को हुई। दोनों की एक बेटी है, जिसका नाम सायना है। पति के निधन पर किरन बेदी ने कहा कि समाज के लिए किए गए उनके अधूरे काम को हम पूरा करेंगे।

खजुराहो नृत्य समारोह की व्यवस्थाओं हेतु स्थानीय समिति की बैठक, आइसना के सुझाव पर स्वीकृति प्रदान

 Toc news @ Khujraho

दिनांक 30 जनवरी 2016 की शाम को 6:30 बजे छतरपुर कलेक्टर डॉ मसूद अख्तर जी की अध्यक्षता में खजुराहो नगर परिषद् के सभागार कक्ष में दिनांक 20 फरवरी 2016 से 26 फरवरी 2016 तक होने वाले खजुराहो नृत्य समारोह की व्यवस्थाओं हेतु स्थानीय समिति की हुई बैठक।

बैठक में राजनगर विधायक श्री कुंवर विक्रम सिंह जी नातीराजा, चंदला विधायक श्री आर डी प्रजापति जी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश प्रजापति जी, बमीठा मंडल के भा ज प अध्यक्ष श्री दिनेश गौतम जी, बी जे पी के जिला महा मंत्री संजय रैकवार खजुराहो नगर परिषद् की अध्यक्ष महोदया श्री मती कविता सिंह जी, छतरपुर SP श्री ललित शाक्यवार जी, राजनगर SDM सुश्री सोनिया मीणा जी, तहसीलदार महोदय बलबीर रमण जी, खजुराहो CMO अरुण पटैरिया जी, पी आर ओ श्री लक्षमण सिंह जी एवं पी आर ओ एडिशनल श्री देवेन्द्र सिंह जी एवं अन्य अधिकारी गण, गणमान्य नागरिक, आइसना के प्रदेश सचिव अविनाश कुमार तिवारी, एवं अध्यक्ष् खजुराहो होटल्स एसोसिएशन, संभाग अध्यक्ष श्री देवेन्द्र चतुर्वेदी जी, आइसना के संभाग महासचिव एवं विश्व् हिन्दू परिषद् के जिला महामंत्री, श्री अनुपम गुप्ता जी, जिलाध्यक्ष श्री भास्कर पाठक जी, आइसना के संभाग सह सचिव श्री सचिन ताम्रकार जी सभी आइसना के पत्रकार साथी, एवं अन्य पत्रकार साथी, मुराद अली जी, आनंद (अन्नू) अग्रवाल जी, ब्रजेंद्र नायक, तुलसीदास सोनी, राजू चौहान जी,  आर एस एस एवं खजुराहो होटल्स एसोसिएशन के संजीव शुक्ला जी, समिति के अन्य सदस्य, समाज के लोग, अन्य  अधिकारी वगैरह भी बैठक में मौजूद थे। एजेंडा के अलावा भी अन्य विषयों पर अध्यक्ष् महोदय जी  कलेक्टर साहब ने अपनी सहमति दी।

आइसना के प्रदेश सचिव अविनाश कुमार तिवारी ने दो सुझाव दिये जिसे अध्यक्ष महोदय ने स्वीकृति प्रदान की।
1. नृत्य उत्सव में आये सभी लोगों को पीने के लिए आरो का पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था  पर विचार किया जाये।
अध्यक्ष महोदय जी ने CMO श्री पटैरिया जी को यह व्यवस्था करने के लिए कहा।
खजुराहो नगर परिषद् सभी के लिये आरो का पानी उपलब्ध कराएगी।
2. नृत्योत्सव उपरान्त नृत्योत्सव  परिसर की बाउण्ड्री वाल बनाकर साफ स्वकक्ष हरा भरा रख कर परिसर को जानवरों से सुरकक्षित रखने हेतु गेट लगाकर आम जन मानस को निशुल्क घूमने हेतु व्यवस्थित करने पर विचार किया जाये। ताकि पश्चमी मन्दिर समूह के अन्दर घूमने वाले सैलानियों को आस पास भी हरा भरा नजारा दिखाई दे।
अध्यक्ष महोदय जी ने अनिल कुमार को बताया कि वह कैसे इसको मैनेज कर सकते हैं। अनिल कुमार जी ने अपनी सहमति दी।
अन्य लोगों ने भी सुझाव दिये।
3. मणिपुर व्यंजनों के साथ बुंदेलखंड के व्यंजनों को भी उपलब्ध कराया जाये। जिसे अनिल कुमार जी ने विचार करेंगे के लिए कहा।
4. सी एम ओ श्री अरुण पटैरिया जी ने प्रस्ताव रखा कि खजुराहो के लोगों द्वारा हमेशा विभिन्न तरह के सुझाव दिए जाते हैं, जिनपर अमल करने में कठिनाई होती है अतः कलेक्टर साहब को अध्यक्ष होने के नाते इस बैठक के पहले भोपाल में जो बैठक होती है उसमें बुलाया जाना चाहिये।

अन्त में छतरपुर SP श्री ललित शाक्यवार जी ने बैठक में पधारे सभी लोगों से सहयोग के लिए कहा एवं बैठक में आये सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।

अविनाश कुमार तिवारी
प्रदेश सचिव (म. प्र.)
आइसना
ऑल इंडिया स्मॉल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन
होटल लेकसाइड
खजुराहो
9425143675
7869176133

मध्य प्रदेश में हो पूर्ण शराव बंदी नशा बंदी।

   गंज बासौदा- मध्य प्रदेश में नई शराव की दुकानों को नहीं खोला जायेगा एवं देशी मदिरा की दूकान पर इंग्लिश शराव नहीं मिलेगी इस आशय के आदेश मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान ने दिये हैं जो वास्तव में सराहनीय हैं लेकिन मुख्यमन्त्री को वास्तव में और अधिक कठोर कदम उठाने की जरूरत है उन्हें प्रदेश भर की पीड़ित माँ बहिनों के हक में पूरे प्रदेश में शराव बंदी की घोषणा कर देनी चाहिये उक्त भावना व्यक्त करते हुए क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता गंज बासौदा को जिला बनाओ अभियान संयोजक  शैलेन्द्र सक्सेना ने कहा कि शराव के कारण आज अनेकों घर बर्बाद हो गये हैं। शराव के नशे के कारण ही अर्थ पूर्ति हेतु घरों में पति पत्नी में  कलह,युवाओं में बढ़ती नशा खोरी नशे में मदहोश लोगों द्वारा बलात्कार,हत्या  जैसे जघन्य अपराध  हो रहे हैं युवा वर्ग के युवक यवतियों में विवाह पूर्व ही मॉडर्न बनने के चक्रव्यूह में अनैतिक सम्बन्ध पनप रहे हैं जिनका परिणाम नव युवतियों एवं नव योवनाओं की आत्म हत्याओं के रूप में देखने को मिल रहा है । इस प्रकार की विसंगतियों पर रोक लगाने के लिए   मुख्यमन्त्री को पुरे प्रदेश में शराव तथा नशे के सम्पूर्ण माध्यमों जैसे गांजा,चरस,भांग,अफीम,कोकीनएवम्गुटखा इत्यादि पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए । ऐसा होने से राजस्व की हानि होगी परंतु इन जान लेवा मादक द्रव्यों ,पदार्थों पर रोक लगने से जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ होने से बच  जायेगा एवं दूसरे मदों से राजस्व की क्षति पूर्ति हो जायेगी। शैलेन्द्र सक्सेना ने कहा कि वे अब जिला बनाओ अभियान के जन जागरण के साथ साथ शराव एवं अन्य नशीले मादक पदार्थों पर भी प्रतिबन्ध लगाने हेतु जन जागरण आम सभाओं बैठकों नुक्कड़ नाटकों व लोक संगीत के द्वारा  जन सहयोग से आयोजित करेंगे ।उन्होंने सभी के सहयोग की भावना  जन हित में व्यक्त की है।

आख़िरकार मन्दसौर में भी हो ही गया नौकरी के नाम पर ठगी का खेल....!

⏩खंडवा,इंदौर,आगर-मालवा के बाद मन्दसौर में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह की दस्तक
Toc news
मन्दसौर ।  नौकरी दिलवाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं के साथ हो रही धोखाधड़ी को लेकर दशपुर दिशा ने नवम्बर माह अंक में "प्रदेशभर में ठग गिरोह सक्रिय " होने पर खबर का प्रकाशन किया था । खबर में हमारी टीम ने प्रदेश के चार जिलो में ठगी के मामले को प्रमुखता से उछाला था । लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने अपनी सक्रियता नही दिखाई ।मन्दसौर में नौकरी के नाम पर बेरोजगार युवाओं से जालसाजी करे वाले गिरोह   ने दस्तक भी दे दी और सैकड़ो युवाओ को हजारों रूपये की चपत भी लगा दी । मन्दसौर जनपद पंचायत में युवाओ के विरोध के बाद मामला पुलिस तक गया । नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी ,ठगी,जालसाजी के मामले जिस गति से बढ़ रहे है ये पुलिस प्रशासन के लिए चिंता का विषय है ।साथ ही साथ धोखाधडी में फंसने वाले युवाओ को भी सम्भलने की जरूरत है । मन्दसौर में सुरक्षा कर्मी भर्ती में प्रति युवक पांच-पांचह हजार रूपये ऐंठने का मामला सामने आया है । उल्लेखनीय है की नौकरी देने वाले फर्जी गिरोह रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड तथा शहर के मूत्रालयों पर आवश्यकता के पम्पलेट चिपका देते है,जिससे बेरोजगार युवा इनके झांसे में आ जाते है । ठग गिरोह द्वारा लगवाये जाने वाले पम्पलेट पर सिर्फ नम्बर लिखे होते है । जो सम्पर्क करने वाले को नौकरी के नाम पर बरगलाकर रूपये ऐंठकर नौ दो ग्यारह हो जाते है । ध्यान रहे सावधानी हटी,दुर्घटना घटी !

Saturday, January 30, 2016

SC/ST एक्ट में संशोधन, SC/ST ACT में अब फंसने पर और बढ़ेंगी मुश्किलें,

💥SC/ST एक्ट में संशोधन💥
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🔻नई दिल्ली, SC/ST ACT में अब फंसने पर और बढ़ेंगी मुश्किलें, आरोपी को ही साबित करना होगा खुद को बेकसूर🔺

आने वाले हफ्ते से जातिगत भेदभाव के केस में फंसने वालों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
संशोधित एसएसटी एक्ट (amended Prevention of SC/ST Atrocities Act या POA) के तहत अब दलित और आदिवासियों के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में आरोपी को ही साबित करना होगा कि वो दोषी नहीं है। संशोधित एक्ट के मुताबिक, कोर्ट यह मानकर चलेगा कि आरोपी अगर पीड़ित या उसके घरवालों का परिचित है तो उसे पीड़ित की जाति के बारे में जानकारी थी, जबतक कि इसका उलट साबित न हो जाए। इससे पहले तक शिकायतकर्ता पर ही सबूत देने की जिम्मेदारी थी।
पिछले शीतकालीन सत्र में संसद ने नया कानून पास किया था, जो मंगलवार से प्रभाव में आएगा। ये कानून ऐसे वक्त में प्रभावी होने वाला है, जब हैदराबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट रोहित वेमुला की आत्महत्या का मामला पूरे देश में छाया हुआ है।
क्या है कानून में:
संशोधित एक्ट में 17 नए अपराधों को शामिल किया गया है, जिसके आधार पर छह महीने से लेकर पांच साल तक की कैद हो सकती है। इनमें ‘अनुसूचित जाति के लोगों या आदिवासियों के बीच ऊंचा आदर हासिल करने वाले’ किसी मृत शख्स का अनादर भी शामिल है। हालांकि, एक्ट में उन मृत आदरप्राप्त लोगों के नाम साफ नहीं किए गए हैं, जिनका ‘लिखित या मौखिक शब्दों से अनादर’ नहीं किया जा सकता।
संशोधित एक्ट में जिन अपराधों को शामिल किया गया है, उनमें सिर के बाल छीलना या मूंछ काटना, चप्पलों की हार पहनाना, सिंचाई की सुविधा देने से इनकार करना, किसी दलित या आदिवासी को मानव या जानवर का शव ठिकाने लगाने के लिए बाध्य करना, जातिगत नामों से गालियां देना, मल ढुलवाना या इसके लिए बाध्य करना, सामाजिक या आर्थिक बहिष्कार, चुनाव लड़ने से एससी या एसटी कैंडिडेट को रोकना, घर या गांव छोडने के लिए बाध्य करना, एससी या एसटी महिला के कपड़े उतरवाकर उसके सम्मान को ठेस पहुंचाना, महिला को छूना या उसके खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करना आदि प्रमुख हैं।
अफसरों पर भी होगी कार्रवाई:
इस एक्ट में यह भी कहा गया है कि अगर कोई गैर दलित या गैर आदिवासी पब्लिक सर्वेंट दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर अपनी जिम्मेदारियों का ठीक ढंग से पालन नहीं करता तो उसे छह महीने से लेकर एक साल तक की जेल हो सकती है। नए कानून के तहत एससी और एसटी के खिलाफ मामलों के लिए अलग से कोर्ट बनाने का भी प्रावधान है। इन अदालतों को मामले पर खुद से संज्ञान लेने की आजादी होगी। चार्जशीट दाखिल करने के दो महीने के अंदर ये कोर्ट सुनवाई पूरी कर लेंगे।

पत्रकार भवन के मामले में चोरी का मामला दर्ज

Toc news
भोपाल. पत्रकार भवन जो इस समय म.प्र. शासन के अधिपत्य में है, इसके (पत्रकार भवन समिति) के उपाध्यक्ष विनय डेविड ने आज न्यायालय में एक चोरी का मामला न्यायालय में दर्ज करा दिया।यहॉ यह उल्लेखनीय है, कि 18 अक्टूबर 2014 को पत्रकार भवन के पुस्तकालय का ताला रात में तोड़कर लगभग 40 क्विन्टल रद्दी एक वेन में भरकर अरशद अली, दिलीप भदौरिया और अख्तर अली चुरा ले गये थे। पुलिस में रिपोर्ट की गई थी, किन्तु दबाव बनाकर इन लोगो ने मुकदमा दर्ज नहीं करने दिया था।
अब न्यायालय में, परिसर में अनाधिकृत प्रवेश कर चोरी करने का मामला इन रद्दी चोरों पर दर्ज हो गया है।

टोल टैक्स बचाने पत्रकार बन गए 100 करोड़ टर्नओवर के Liquor King

Represent by - toc News
ग्वालियर. मध्यप्रदेश, झारखंड, यूपी आदि राज्यों के लिकर किंग (शराब कारोबारी) ने मध्यप्रदेश सरकार से पत्रकारिता की राज्य स्तरीय अधिमान्यता हथिया ली है। ये हर साल दिखावे के लिए करोड़ों रुपए का इनकम टैक्स भी भरते हैं।


100 करोड़ के शराब कारोबारियों के पास क्यों हैं अधिमान्यता...

छापे में जब्त दस्तावेजों की जांच में जुटे इनकम टैक्स अफसरों का ध्यान गुमनाम संपत्तियों व टैक्स चोरी पर है, लेकिन वे इस बात से हैरान हैं कि 100 करोड़ से अधिक के शराब ठेके चलाने वाले लल्ला (रामस्वरूप शिवहरे) व लक्ष्मीनारायण शिवहरे पूर्णकालिक श्रमजीवी पत्रकार हैं।

जब जनसंपर्क विभाग के अफसरों से चर्चा की, तो पता चला कि अल्प शिक्षित लल्ला व लक्ष्मीनारायण को शासन ने संपादक मान्य करते हुए अधिमान्यता दी है। इन्हीं की तरह ही विवादास्पद जमीनों के कारोबारी राजकुमार उर्फ राजू कुकरेजा व कॉलेज संचालक, नेताओं सहित 50 से अधिक फर्जी पत्रकार शामिल हैं।  

वॉट्सएप पर वायरल हो रहा फर्जीवाड़ा
अधिमान्यता से जुड़ा यह फर्जीवाड़ा वॉट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया एप्लीकेशंस पर भी वायरल हो रहा है। राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों की सूची में रामस्वरूप उर्फ लल्ला शिवहरे का नाम 588वें नंबर पर, राजकुमार कुकरेजा का नाम 589वें और लक्ष्मीनारायण शिवहरे का नाम 590वें नंबर पर दर्ज है। इसके अलावा प्रदेशभर में 50 से अधिक नेता व बिजनेसमैन अधिमान्य पत्रकार हैं।

अफसरों पर हो कार्रवाई
वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक कहते हैं कि पत्रकारिता को बदनाम करने वाले इन लोगों से सरकार को सावधान रहना चाहिए। ऐसे लोगों को जिन लोगों ने अधिमान्यता दी है, सरकार को उनके विरुद्ध भी कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही अयोग्य लोगों की अधिमान्यता तत्काल निरस्त की जाना चाहिए।

हां, नहीं कर पाते बैकग्राउंड चेक
जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव एसके मिश्रा ने कहा कि  अधिमान्यता देने के लिए समाचार पत्र प्रस्ताव भेजता है। जिसे अधिमान्यता दी जा रही है, उसका बैकग्राउंड क्या है, यह हम चेक नहीं कर पाते हैं। इस तरह के मामलों में आगे से हम सावधानी बरतेंगे।

यह बहुत बड़ा मामला है
इनकम टैक्स विजीलेंस में डिप्टी कमिश्नर सुरेश बी. गायकवाड़ ने बताया कि यह करोड़ों के टैक्स से जुड़ा बहुत बड़ा मामला है। रामस्वरूप और लक्ष्मीनारायण शिवहरे के ग्वालियर स्थित घरों व अन्य राज्यों के ठिकानों पर मारे गए छापे में जब्त दस्तावेजों का परीक्षण चल रहा है।

शलभ भदौरिया की शामत आई

भोपाल. म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ के अद्भुद आजीवन, अनोखे, अध्यक्ष के विरुद्ध आर्थिक अपराध ब्युरो ने जो चार सौ बीसी का मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें "श्रमजीवी पत्रकार" नाम के समाचार पत्र का फर्जी रजिस्ट्रेशन बनाकर जनसम्पर्क व भारतीय डाक तार विभाग में लगाकर जनसम्पर्क से लाखों रुपयों के विज्ञापन हड़पे थे और डाक विभाग को भी डाक दर में छूट लेकर चूना लगाया था। उस प्रकरण में सुनवाई चालू हो गई है। विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत में शिकायतकर्ता श्री राधा वल्लभ शारदा की गवाही हो चुकी है।उन्होने सारे आरोपों की अपने बयान में पुष्टि की है।
अब 11 फरवरी को आइसना के प्रदेश अध्यक्ष श्री अवधेश भार्गव के बयान दर्ज किये जायेंगे। श्री भार्गव ने आर्थिक अपराध थाने में जॉच के दौरान अपने बयान में बताया था, कि शलभ भदौरिया नें,पत्रकार भवन के टाइप रायटर में स्वयम् ही, टाइप करके फर्जी आर एन आई सर्टीफिकेट तैयार किया था।
इसके पहले एक ओरिजनल आर एन आई सर्टीफिकेट में टाइप की हुई इबारत पर कागज रखकर पत्रकार भवन के फोटो कापियर में फोटो कापी कर कोरा सर्टीफिकेट बनाया। फिर उसी में टाइपरायटर से स्वयं टाइप कर फर्जी प्रमाणपत्र तैयार किया।
श्री भार्गव ने दौराने जॉच बताया था, कि मैं उस समय श्रमजीवी पत्रकार संघ का स्टेट सेकेट्री था, मैंने बार बार शलभ भदौरिया को मना किया, कि यह गलत है,फोर्जरी है, ऐसा मत करो, किन्तु वह नहीं माना, मैने कहा संघ की बदनामी होगी, आप पर पुलिस केस बन जायेगा, किंतु वह नही माना, बोला मुझे निपटना आता है,सब निपट लूंगा।
अब अदालत में श्री भार्गव की 11 फरवरी को गवाही होगी, इस बारे में जब श्री भार्गव से पूछा गया, उनके रुख के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दो टूक कहा, कि शलभ भदौरिया शुरू से ही षड़यंत्रकारी है, मेरे मना करने, बार बार मना करने पर भी षड़यंत्र कर फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट बनाकर जन सम्पर्क से लाखों के विज्ञापन कबाड़े और पूरे पैसे हड़प कर संघ को भी ठेंगा दिखा दिया। अब कानून की बारी है, मैं तो जो सच्चाई है, न्यायालय में वही कहूंगा।
कुछ भी हो, न्याय चाहे देर से मिले, किन्तु मिलता है,अपराध हारता है और अपराधी को दण्ड जरूर मिलता है।
यदि न्यायालय में यह बयान हो जाते हैं तो शलभ भदौरिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
                 मंडला जिले में भी संगठन के नाम पर चल रहा है फर्जी वाड़ा और अवैध वसूली ।

मुठभेड़ में मारा गया 30 हजार का इनामी डकैत चन्दन

Toc news
कुख्यात डकैत चन्दन गड़रिया को शिवपुरी पुलिस ने भौंती थाना क्षेत्र के  करमई खदान के पास बाबरी झोरा केंवयाके जंगल में  मार गिराने में सफलता हासिल की है। मारा गया चन्दन गड़रिया 30 हजार का इनामी डाकू था। पुलिस अधीक्षक मोहम्मद युसूफ कुरैशी ने दी जानकारी में बताया की डकैत गिरोह के खोड़ चौकी क्षेत्र में होने की जानकारी उन्हें मुखबिर से मिली इस सूचना के आधार पर पुलिस पार्टियों का गठन कर चिन्हित इलाके की घेराबंदी कराइ गई वे खुद भी इस ऑपरेशन को लीड कर  रहे थे । जंगल में तड़के 4 बजे पुलिस को आग जलती नजर आई गिरोह संभवतः खाना पाक रहा था । पुलिस ने गैंग को ललकारा तो डाकुओं में खलबली मच गई। डकैत चन्दन और उसके साथियों ने पुलिस पर फायर खोल दिया पुलिस ने भी जबाबी फायरिंग की इस गोलीबारी में  डकैत चन्दन गड़रिया जो की 30 हजार का इनामी था मारा गया चन्दन ही इस  गिरोह का लीडर था। इसके साथी मोके से अंधेरे का लाभ उठाकर जंगल में भाग निकलने में सफल रहे। पुलिस इस गैंग का पीछा कर रही है। मौके से पुलिस ने तीन बंदूकें और कारतूस के अलावा दैनिक उपयोग की   बस्तुएं भी बरामद की हैं। यहाँ कुछ बैग भी मिले हैं । डकैत चन्दन के पास से 12 बोर रायफल मिली है जबकि 2  बंदूकें वे भी बरामद की गई हैं।

Friday, January 29, 2016

सेटेलाईड चैनल बताकर खुलेआम धोखाधड़ी



भोपाल से विनय जी. डेविड की रिर्पोट
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भोपाल. INS NEWS TV Channel चैनल की आड़ में मुम्बई चैनल आफिस में जुआ सट्टा का कारोबार चलता है बातचीत मैं यह जानकारी आई एन एस संचालक एवं यूपी चैनल हेड गोविन्द मिश्रा ने बताया, बातचीत की पूरी रिकार्डिग भी सुरक्षित है, INS NEWS TV Channel के नाम से पूरे देश के युवाओं और पत्रकारों को गुमराह किया जा रहा है, इनके द्वारा पहले चैनल के बारे में व्हाटएप पर जानकारी दी जाती है यह काम के सी शर्मा द्वारा किया जाता है फिर पूरी चक्रव्यूह में फसाने का काम INS NEWS का संचालक एवं यूपी चैनल हेड गोविन्द मिश्रा करते है INS NEWS चैनल सेटेलाईड चैनल बताते है जबकि यह कोई सेटेलाईड चैनल नही है.. बल्कि वह मात्र स्ट्रीमिंग है, फैकवेंसी मांगें जाने पर अभी दे रहे कल दे देंगें करके महिनों गुमराह करते रहते है, और मुम्बई कार्यालय काॅफेंस में लेकर चर्चा कर पूरी भूमिका तैयार की जाती है और चैनल का काम देने के नाम पर गोविन्द मिश्रा का उप्र का बैक एंकाउट का नंम्बर दिया जाता है, इनके एप पर लुभाबने फोटो ग्राफ का प्रदर्शन किया जाता है फर्जी ओवी वेन का प्रदर्शन करने से भी नही कतराते, इनदिनों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, सहित INS TV NEWS के नाम पर लाखों रुपये की वसूली कर धोखाधड़ी की जा रही है, मप्र में प्रदेश ब्यूरो चीफ बनाकर लाखों रुपयों धोखाधड़ी करने का मामला देश में छाया हुआ है, रुपये वसूल कर यह गुट पार्टीयों का फोन उठाना बंद कर देते है और नया शिकार बना लेते है, और यही शिलशिला लगातार चलता रहता है, इस घोटाले की शीघ्र जांच की जाना चाहिए एवं गोविन्द मिश्रा का उप्र का बैक एंकाउट का नंम्बर की भी जांच की जाना चाहिए जहां से वह ये गोरखधंधा चलाता है, प्रश्न खड़ा होता है कि क्या मप्र सहित अन्य प्रदेशों में आइडी चलाने की भी अनुमति है, या सब फर्जी चल रहा है, इसका उपयोग करने में अपराधिक प्रकरण भी दर्ज होगा तो कौन जिम्मेवार होगा, INS NEWS TV Channel की फैकवेंसी नही हो तो इनके एमडी और संचालक गण पूरे देश को क्यों गुमराह कर रहें है, चैनल की आड़ में मुम्बई चैनल आफिस में जुआ सट्टा का कारोबार चलता है यह जानकारी आइ एन एस संचालक एवं यूपी चैनल हेड गोविन्द मिश्रा ने बताया तो एेसा लगा की पूरा खेल अवैध व्यापार चलाने के लिए किया जा रहा है, INS NEWS TV Channel के एम डी अजय परिहार भी इस खेल में भागीदारी निभाते है और अनेको बहाने बनाकर उल्लू सीधा करने में माहिर है, इनके द्वारा मप्र में शिकार हुए व्यक्ति ने बताया कि गोविन्द मिश्रा के एकाउंट में जमा हुए थे वही आपने एवं गोविन्द मिश्रा और के सी शर्मा और अजय परिहार ने मुझे लगातार छ: माह तक गुमराह किया है कि आई एन एस न्यूज चैनल सेटेलाईड चैनल है यह बताकर रूपयों बैकों के माध्यम से ले लिए, जबकि सेटेलाईड चैनल न होकर मोबाइल बल्कि वह मात्र स्ट्रीमिंग है आइडी चलाने की भी अनुमति नही है, इसका उपयोग करने में अपराधिक प्रकरण भी दर्ज हो सकता है, धोखाधड़ी के शिकार हुए ने कहा मेरे पैसे नही मिले तो मैं सूचना मंत्रालय में इसकी शिकायत करुंगा, और पत्रकारों को गुमराह करने वालों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जा रहा है जिसकी शिकायत भी की गई है.

Wednesday, January 27, 2016

डीएनए के आधार पर दुष्कर्मी को 20 साल की जेल

Toc News
खंडवा. नाबालिग को शादी का झांसा देकर अपहरण व दुष्कर्म के मामले में दोषी पाते हुए आरोपी को 20 साल जेल की सजा व सात हजार रुपए अर्थदंड से दंडित कर जेल भेज दिया। फैसला विशेष न्यायाधीश शशिकला चंद्रा ने सुनाया। शासन की ओर से पैरवी कर रहे जिला अभियोजन अधिकारी राजेंद्रसिंह भदौरिया के मुताबिक दुष्कर्म का शिकार पीड़ित नाबालिग ने लड़की को जन्म दिया। आरोपी, पीड़िता व उसकी लड़की का डीएनए कराया गया। रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद यह फैसला सुनाया। कानून में संशोधन के बाद जिले का यह पहला मामला है जब किसी दुष्कर्मी को 20 साल की सजा सुनाई है।
 घटना 17 नवंबर 13 की रात 10 बजे धनगांव थाना क्षेत्र के ग्राम देलगांव की हैं। यहां 15 साल की नाबालिग को आरोपी रविशंकर पिता देवराम मानकर (22) ने दोस्ती कर शादी का झांसा देकर भगा ले गया। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तलाश की। आरोपी ने कई बार दुष्कर्म किया इस दौरान 24 मई 14 को मौका पाते ही पीड़िता आरोपी के कब्जे से भाग निकली। परिजन के साथ धनगांव थाने पहुंची। यहां आरोपी के विरुद्ध धारा 363, 366(क), 376(डी)(2)(आई)(2)(एन), 506, 368 आईपीसी व 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया। प्रकरण में तत्कालीन डीएसपी प्रियंका डुडवे ने जांच की। गुमशुदगी के दौरान ही पीड़िता ने लड़की को जन्म दिया। प्रकरण के दौरान  न्यायाधीश ने डीएनए के आदेश दिए। ताकि बच्चे की पैतृक पहचान हो सके। रिपोर्ट आने के बाद आरोपी रविशंकर से बच्चे का डीएनए मैच हो गया। पीडि़ता ने भी अपने साथ ही ज्यादती कोर्ट में सुनाई। आरोपी की मदद करने वाले दंपति मानसिंह पिता भावसिंह भिलाला (40), गेंदाबाई पति मानसिंह भिलाला (35) निवासी बलवाड़ा जिला खरगोन को बरी कर दिया।

Sunday, January 24, 2016

ट्रक कटीग गिरोह हथियार सहित धराया।

Toc news
नीमच । एस पी मनोजकुमार सिंह के मार्गदर्शन में एडिशनल एस पी राकेश सगर के निर्देशन में जावद एस डी ओ पी आर बी दीक्षित के नेतृत्व में जावद थाना प्रभारी कमलेश सिंगार और नयागाँव चौकी प्रभारी जे सी नीनामा सहित टीम ने पकड़े ट्रक कटिंग गिरोह के पाँच आरोपियों को जिनके कब्जे से हथियार बरामद किये ट्रक बस की लूट की घटना की वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे कई अहम खुलासा हो सकता

Saturday, January 23, 2016

भोपाल पुलिस ने फर्जी रसीदों पर काटे चालान: लोकायुक्त जाँच के आदेश.

Toc news
भोपाल। मप्र हाईकोर्ट ने लोकायुक्त को भोपाल के फर्जी चालान रसीद घोटाले की जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एएम खानविलकर और जस्टिस संजय यादव की खंडपीठ ने लोकायुक्त को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता द्वारा दिए अावेदन पर विचार कर उचित कार्रवाई करें।

लेपर्ड सोशल वेलफेयर सोसायटी भोपाल के अध्यक्ष प्रताप सिंह यादव ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया कि भोपाल पुलिस और ट्रेफिक पुलिस ने फर्जी रसीदों के द्वारा वाहन चालकों पर चालान की कार्रवाई की है। याचिका में कहा गया कि ये रसीदें निजी प्रेसों में छपवाईं गईं। चालानी कार्रवाई के दौरान एकत्र की गई राशि को सरकारी खजाने में जमा करने के बजाए अधिकारियों के खाते में जमा की गई। याचिका में आरोप है कि ये फर्जीवाड़ा पिछले 10 सालों से चल रहा है और इसमें निचले से लेकर उच्च स्तर के अधिकारी शामिल हैं। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में लोकायुक्त और पुलिस के सभी आला अधिकारियों को शिकायतें कीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

Friday, January 22, 2016

सिंहस्थ के बहाने बिल्डरों को लाभ पहुंचाने की साजिश

अवधेश पुरोहित @ toc news
भोपाल। सरकार द्वारा हर स्तर पर सिंहस्थ की तैयारी जोर-शोर से जारी है, लेकिन इसके साथ ही सरकार द्वारा बिल्डरों को लाभ पहुंचाने का भी गोरखधंधा भी जारी है इस सिंहस्थ के लिये तैयार की जा रही सड़कों की स्थिति यह है कि कुछ सड़कें तो इस उद्देश्य से बनाई जा रही हैं कि इससे सिंहस्थ के बाद बिल्डरों को लाभ पहुंचे, ऐसा अरोप वर्षों से सेवा समिति के सदस्य रहे क्रांतिलाल नागर का पांचवां सिंहस्थ है, वे कहते हैं कि जितने नए कामों की शुरुआत की गई है, उसके पीछे बिल्डरों को फायदा पहुंचाने की कोशिश है। जीवनखेड़ी में कुछ समय पहले एक एकड़ का भाव पचास लाख का था, वो सड़क बनते ही एक करोड़ हो हो गया। बिल्डर खान नदी के गंदे पानी को पाइप लाइन के जरिए आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन बामनकुंड के आगे वापस शिप्रा में मिलाने की तैयारी है। शहर की गंदगी को बाहर करने के लिए ९० करोड़ रुपए फूंके जा रहे हैं, जबकि खान नदी के पास के किसानों ने इसे तलाब में डालने का कहा था। दत्त अखाड़ा क्षेत्र और अंकपात क्षेत्र में सिंहस्थ होता आया है, लेकिन अंकपात में कई कॉलोनियंा कट गई हैं और पौधे लगा दिए गए हैं, जिससे जगह की कमी पड़ गई है। रिवाज रहा है कि जिस अखाड़े को जहां जगह दी जाती है, वहीं हर बार मिलती है, लेकिन कुछ लोगों की वजह से अखाड़े वाले नाराज हो रहे हैं। रामदल वालों ने पुरानी जगह नहीं मिलने से आने से मना कर दिया है। कुल मिलाकर सिंहस्थ के पूर्व जिस तरह का माहौल सरकार और उज्जैन के सिंहस्थ से वर्षों से जुड़े लोगों में सरकार के प्रति जिस प्रकार की नाराजगी और असंतोष है, वह भी सरकार के लिये परेशानी का सबक बन सकता है

Thursday, January 21, 2016

अवैध रेत परिवहन करते हुये 4 टेक्टर- ट्राली जप्त

Toc news
बड़वानी / खनिज विभाग ने गुरूवार को प्रातः राजघाट बड़वानी से अवैध रेत परिवहन करते हुये 4 टेªक्टर-ट्राली पकड़ी है। जिला खनिज अधिकारी श्री सचिन वर्मा से प्राप्त जानकारी अनुसार इस कार्यवाही के दौरान टेªक्टर ड्रायवरो द्वारा वाहन छोड़कर भाग जाने से इन वाहनो को स्थानीय लोगो की मदद से कलेक्टरेट कार्यालय लाया गया है। इन टेªक्टरो के रजिस्ट्रेशन नम्बरो के आधार पर वाहन मालिको के विरूद्ध प्रकरण बनाया गया है ।
कल भी हुई कार्यवाही के दौरान पकड़े गये थे 8 वाहन
खनिज विभाग ने इसी प्रकार की कार्यवाही बुधवार की शाम को भी की थी। इस कार्यवाही के दौरान खेड़ी से 4 बालू रेत भरे टेªक्टर-ट्राली तथा गोई-सुसाड़, सिलावद से 4 काली रेत भरकर ले जा रहे टेªक्टर-ट्राली जप्त कर प्रकरण बनाया गया है। पकड़े गये इन वाहनो को राजपुर एवं अंजड़ थाने में खड़ा कराया गया है। इस कार्यवाही के दौरान एक टेªक्टर ड्रायवर द्वारा अपने वाहन की हवा निकाल देने के कारण उसे थाने तक पहुंचाने में खनिज विभाग के पदाधिकारियो को भारी मस्क्कत भी करना पड़ी है ।

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जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

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‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
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