2. नईगढ़ी थाने से गठन किये गये पुलिस बल ने अपनी सूझ-बूझ एवं साहस का परिचय देते हुए एक बड़ी कामयाबी हासिल की।
3. ए.एस.आई. रमेश पाण्डेय के नेत्रित्व में उनके साथ आरक्षक जगत नारायन मिश्रा एवं आरक्षक संकर सिंह, बेची गई युवती को हरियाणा राज्य से बरामद किया।
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क्राइम रिपोर्टर// राजमणी कुशवाह (फौजी)
(नईगढ़ी// टाइम्स ऑफ क्राइम)
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(नईगढ़ी// टाइम्स ऑफ क्राइम)
रिपोर्टर से सम्पर्क 92003 88440
22 फरवरी 2010 की
रात शुशीला बसोर उम्र-16 वर्ष (परिवर्तित नाम) पुत्री इन्द्रमणि बसोर ग्राम अकौरी (रामपुर) अपने घर से अचानक गायब हो गई, शुशीला के पिता इन्द्रमणि बसोर अपनी लड़की की तलाश आस-पास एवं सगे सम्बंधियों के यहां कि लेकिन उन्हें लड़की का कहीं अता-पता नहीं चला तब जाकर इन्द्रमणि ने नईगढ़ी थाने में अपनी लड़की के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। कुछ दिन बीतने के पश्चात इन्द्रमणि को कुछ ऐसी भनक लगी कि उसकी लड़की को बाँदा (उत्तर प्रदेश) में बेच दिया गया है। इन्द्रमणि ने अपनी व्यथा आ.जी. रीवा को अवगत कराई, जिनके निर्देशानुसार नईगढ़ी थाने से एक पुलिस बल बाँदा भेजा गया। बाँदा भेजे गये पुलिस बल में मुख्य ए.एस.आई. रमेश पाण्डेय साथ में आरक्षक जगत नारायण मिश्रा एवं आरक्षक शंकर सिंह थे। उक्त पुलिस दल 16 अप्रैल 2010 को बुद्धिमान यादव को उसके घर पर दाबिश देकर दबोच लिया बुद्धिमान अपने ग्रह ग्राम खंडेहा थाना मऊ चित्रकुट का निवासी है। तीसरा साथी जितेन्द्र लोहार निवासी जमुहरा थाना कमासी जिला बाँदा का वासी है। ये तीनों लड़की को हरियाणा राज्य में ले जाकर ले जाकर बेच दिया था। पकड़े गये बुद्धिमान यादव को पुलिस रिपांड पर लेकर ए.एस.आई रमेश पाण्डेय आरक्षक जगत नारायन मिश्रा और शंकर सिंह ने नईगढ़ी थाने से हरियाणा के लिए कूच किया। मनजीत सिंह उर्फ अजीत सिंह/पिता जीत सिंह साकिम कन्ताखेड़ी थाना सदर फतेहाबाद जिला फतेहाबाद शुशीला को बुद्धिमान यादव एवं उसके साथी यही मनजीत सिंह के हाथों 50 हजार रूपये में बेचा था। मनजीत सिंह उक्त खरीदी गई लड़की को बतौर अपनी पत्नी बना कर रखा था। 20 अप्रैल 2010 को उक्त नईगढ़ी पुलिस बल ने थाने सदर फतेहाबाद से मदत लेते हुए मनजीत सिंह को उसके घर पर दबोच लिया साथ में शुशीला भी उसी के घर पर मिल गई। मनजीत सिंह एवं शुशीला दोनों को पुलिस हिरासत में नईगढ़ी लाया गया। मानव तस्करी करने वाले बुद्धिमान यादव को और लड़की की खरीद करने वाले अजीत सिंह को मऊगंज उप जेल भेज दिया गया है। शुशीला को उसके पिता इन्द्रमणि बसोर को सौंप दिया गया। गिरोह के बाकी रामायण नामदेव, शेषमणि यादव, कैलाश यादव, फुलचन्द्र यादव, और जितेन्द्र लोहार सभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में सक्रिय है।
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