घटना की निंदा करते हुए कहा कि पत्रकार बस अपनी लेखनी का इस्तेमाल सच लिखने के लिए करता है वो किसी की तरफ नहीं होता. नक्सलियों ने पत्रकारों को निशाना बनाकर दिखा दिया है कि उनकी ना तो कोई नीयत है और ना ही कोई विचारधारा है. पत्रकारों ने प्रशासन की भी आलोचना करते हुए कहा कि पत्रकारों को एक तरफ तो नक्सलियों का खतरा रहता है तो दूसरी तरफ प्रशासन भी उन्हें प्रताड़ित करता रहता है.
पत्रकारों ने कहा कि साई रेड्डी पर नक्सलियों से सांठ गांठ का आरोप लगाकर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. अगर उनकी नक्सलियों से साठ गांठ होती तो उनकी हत्या क्यूं की जाती. धरने में बस्तर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बिलासपुर, रायपुर तथा कई अन्य स्थानों के पत्रकार पहुंचे थे.
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