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मध्य प्रदेश में तहलका के पत्रकार शिरीष खरे को इस साल स्त्री लेखन पर सर्वश्रेष्ठ फीचर लेखन की श्रेणी में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष यानी यूएनएफपीए ने बीते शुक्रवार नई दिल्ली के चिन्मय मिशन ऑडिटोरियम में लाडली मीडिया अवार्ड दिया है. जिस रिपोर्ट के लिए शिरीष खरे को यह अवार्ड मिला है उसका शीर्षक है- ‘आधी आबादी, पूरी दावेदारी.’
यह रिपोर्ट बताती है कि मप्र की पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण देने के बाद किस तरह से वे कई इलाकों में जमीनी राजनीति के परांपरागत प्रतीकों को बदल रही हैं. शिरीष खरे बीते 12 सालों से जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं. इसी वर्ष उन्हें उप-राष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने ग्रामीण क्षेत्र की गई पत्रकारिता के लिए उन्हें नई दिल्ली में एक समारोह के दौरान भारतीय प्रेस परिषद का राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किया था.
टेलीवीजन पत्रकारिता में इस साल का लाडली मीडिया अवार्ड आईबीएन-7 को उसकी रिपोर्ट 'सरोगेट मां' के लिए दिया गया है.
मध्य प्रदेश में तहलका के पत्रकार शिरीष खरे को इस साल स्त्री लेखन पर सर्वश्रेष्ठ फीचर लेखन की श्रेणी में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष यानी यूएनएफपीए ने बीते शुक्रवार नई दिल्ली के चिन्मय मिशन ऑडिटोरियम में लाडली मीडिया अवार्ड दिया है. जिस रिपोर्ट के लिए शिरीष खरे को यह अवार्ड मिला है उसका शीर्षक है- ‘आधी आबादी, पूरी दावेदारी.’
पुरस्कार प्राप्त करते शिरीष खरे |
यह रिपोर्ट बताती है कि मप्र की पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण देने के बाद किस तरह से वे कई इलाकों में जमीनी राजनीति के परांपरागत प्रतीकों को बदल रही हैं. शिरीष खरे बीते 12 सालों से जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं. इसी वर्ष उन्हें उप-राष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने ग्रामीण क्षेत्र की गई पत्रकारिता के लिए उन्हें नई दिल्ली में एक समारोह के दौरान भारतीय प्रेस परिषद का राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किया था.
टेलीवीजन पत्रकारिता में इस साल का लाडली मीडिया अवार्ड आईबीएन-7 को उसकी रिपोर्ट 'सरोगेट मां' के लिए दिया गया है.
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