58 दिनों तक छकाने के बाद ऐसे हाथ आया नारायण साईं
नारायण के साथ उसके सहयोगी हनुमान को भी गिरफ्तार किया गया है। गैरजमानती वॉरंट के साथ नारायण पर 5 लाख और हनुमान पर 1 लाख का इनाम गुजरात पुलिस ने घोषित किया था। दोनों को आज दोपहर दो बजे रोहिणी कोर्ट में पेश किया जाएगा। क्राइम ब्रांच के अडिशनल डीसीपी ने बताया कि फरार नारायण की लोकेशन गुजरात पुलिस के अलावा दिल्ली पुलिस भी ट्रेस करने में लगी थी। कन्फर्म सूचना मिली तो क्राइम ब्रांच की टीम उसका पंजाब से पीछा करती हुई आ रही थी।
पुलिस को जब नारायण की लोकेशन के बारे में कन्फर्म सूचना मिली तो करीब 60 पुलिसकर्मियों की जॉइंट टीम ने रेड मारी। नारायण साईं को जब इस बात की भनक लगी कि पुलिस ने उसे घेर लिया है तो उसने एसयूवी में बैठकर भागने की कोशिश भी की लेकिन पुलिस ने इस संभावना को देखते हुए पहले से पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी थी।
गौरतलब है कि सूरत की दो बहनों ने नारायण साईं और उसके पिता आसाराम के खिलाफ रेप के आरोप लगाए थे। इसके बाद 6 अक्टूबर को नारायण साईं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। इस दौरान पिछले 58 दिनों में कई जगहों पर नारायण साईं को देखे जाने की सूचना मिली लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा था।
नारायण साईं की गिरफ्तारी के लिए 16 अक्टूबर को दिल्ली में, श्योपुर में, 17 अक्टूबर को जयपुर और रतलाम में, 18 अक्टूबर को गाजियाबाद, 19 तारीख को आगरा और दरभंगा में जबकि 25 अक्टूबर को बसई में छापेमारी की गई।
कई राज्यों की पुलिस को 58 दिनों तक छकाने के बाद नारायण साईं आखिरकार अब दिल्ली पुलिस के शिकंजे में है। दिल्ली और सूरत पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में उसे साथियों के साथ हरियाणा के कुरुक्षेत्र से दबोचा। रेप का केस दर्ज होने के बाद नारायण फरार था। तभी से वह भेष बदल-बदल कर छिप रहा था। करीब दो महीने तक पुलिस को छकाने के बाद कैसे हाथ आया नारायण साईं आइए आपको बताते हैं...
2 दिसंबरः साईं के पंजाब में होने की खबर मिली-दिल्ली और सूरत पुलिस की जॉइंट टीमें नारायण साईं की तलाश में जुटी थी। 2 दिसंबर को पुलिस को नारायण साईं के बारे में खबर मिली। पता चला कि नारायण साईं पंजाब के लुधियाना में कहीं छिपा है। साईं का पता दरअसल मोबाइल नंबर के जरिए मिला। यह मोबाइल नंबर नारायण के ड्राइवर रमेश का था। वह दूसरे ड्राइवर विष्णु से संपर्क में था।
3 दिसंबरः पुलिस टीम रवानाः साईं को दबोचने के लिए पुलिस की टीम पूरी तैयारी के साथ लुधियाना रवाना हुई। लेकिन हमेशा की तरह नारायण साईं पुलिस को यहां भी चकमा देने में कामयाब रहा।
दिल्ली की ओर भागा साईं: नारायण साईं लुधियाना में पुलिस के हाथ नहीं आया, लेकिन एक बेहद अहम जानकारी पुलिस के हाथ लग गई। सूचना थी, साईं अपनी SUV से दिल्ली की ओर भागा है।
कुरुक्षेत्र में दबोचा गयाः इसके बाद नारायण साईं का पीछा शुरू हुआ। 3 दिसंबर की रात दस बजे नारायण साईं को कुरुक्षेत्र के पीपली में नैशनल हाइवे के पास पेट्रोल पंप पर दबोचा गया। गाड़ी में नारायण साईं के साथ तीन और लोग मौजूद थे। इनमें एक उसका खास हनुमान भी शामिल है। नारायण साईं ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह करीब 20 दिन पहले लुधियाना पहुंचा था।
पहनी हुई थी पैंट, टी-शर्ट और जैकेटः जब नारायण साईं को गिरफ्तार किया गया वह सिखों की वेशभूषा में था। उसने टीशर्ट, पैंट और जैकेट पहनी हुई थी। उसने पहचान छिपाने के लिए लाल रंग की पगड़ी भी लगाई हुई थी।
हरियाणा से गिरफ्तार हुआ नारायण साईं |
नई दिल्ली. पिछले दो महीने से फरार चल रहे रेप के आरोपी नारायण साईं को दिल्ली और सूरत पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में कुरुक्षेत्र के पास पीपली से गिरफ्तार कर लिया है। जब नारायण साईं को गिरफ्तार किया गया वह सिखों की वेशभूषा में था। बताया जा रहा है कि वह टीशर्ट, पैंट और जैकेट पहने हुए था। उसने पहचान छिपाने के लिए लाल रंग की पगड़ी भी लगाई हुई थी।
नारायण के साथ उसके सहयोगी हनुमान को भी गिरफ्तार किया गया है। गैरजमानती वॉरंट के साथ नारायण पर 5 लाख और हनुमान पर 1 लाख का इनाम गुजरात पुलिस ने घोषित किया था। दोनों को आज दोपहर दो बजे रोहिणी कोर्ट में पेश किया जाएगा। क्राइम ब्रांच के अडिशनल डीसीपी ने बताया कि फरार नारायण की लोकेशन गुजरात पुलिस के अलावा दिल्ली पुलिस भी ट्रेस करने में लगी थी। कन्फर्म सूचना मिली तो क्राइम ब्रांच की टीम उसका पंजाब से पीछा करती हुई आ रही थी।
पुलिस को जब नारायण की लोकेशन के बारे में कन्फर्म सूचना मिली तो करीब 60 पुलिसकर्मियों की जॉइंट टीम ने रेड मारी। नारायण साईं को जब इस बात की भनक लगी कि पुलिस ने उसे घेर लिया है तो उसने एसयूवी में बैठकर भागने की कोशिश भी की लेकिन पुलिस ने इस संभावना को देखते हुए पहले से पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी थी।
गौरतलब है कि सूरत की दो बहनों ने नारायण साईं और उसके पिता आसाराम के खिलाफ रेप के आरोप लगाए थे। इसके बाद 6 अक्टूबर को नारायण साईं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। इस दौरान पिछले 58 दिनों में कई जगहों पर नारायण साईं को देखे जाने की सूचना मिली लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा था।
नारायण साईं की गिरफ्तारी के लिए 16 अक्टूबर को दिल्ली में, श्योपुर में, 17 अक्टूबर को जयपुर और रतलाम में, 18 अक्टूबर को गाजियाबाद, 19 तारीख को आगरा और दरभंगा में जबकि 25 अक्टूबर को बसई में छापेमारी की गई।
कई राज्यों की पुलिस को 58 दिनों तक छकाने के बाद नारायण साईं आखिरकार अब दिल्ली पुलिस के शिकंजे में है। दिल्ली और सूरत पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में उसे साथियों के साथ हरियाणा के कुरुक्षेत्र से दबोचा। रेप का केस दर्ज होने के बाद नारायण फरार था। तभी से वह भेष बदल-बदल कर छिप रहा था। करीब दो महीने तक पुलिस को छकाने के बाद कैसे हाथ आया नारायण साईं आइए आपको बताते हैं...
2 दिसंबरः साईं के पंजाब में होने की खबर मिली-दिल्ली और सूरत पुलिस की जॉइंट टीमें नारायण साईं की तलाश में जुटी थी। 2 दिसंबर को पुलिस को नारायण साईं के बारे में खबर मिली। पता चला कि नारायण साईं पंजाब के लुधियाना में कहीं छिपा है। साईं का पता दरअसल मोबाइल नंबर के जरिए मिला। यह मोबाइल नंबर नारायण के ड्राइवर रमेश का था। वह दूसरे ड्राइवर विष्णु से संपर्क में था।
3 दिसंबरः पुलिस टीम रवानाः साईं को दबोचने के लिए पुलिस की टीम पूरी तैयारी के साथ लुधियाना रवाना हुई। लेकिन हमेशा की तरह नारायण साईं पुलिस को यहां भी चकमा देने में कामयाब रहा।
दिल्ली की ओर भागा साईं: नारायण साईं लुधियाना में पुलिस के हाथ नहीं आया, लेकिन एक बेहद अहम जानकारी पुलिस के हाथ लग गई। सूचना थी, साईं अपनी SUV से दिल्ली की ओर भागा है।
कुरुक्षेत्र में दबोचा गयाः इसके बाद नारायण साईं का पीछा शुरू हुआ। 3 दिसंबर की रात दस बजे नारायण साईं को कुरुक्षेत्र के पीपली में नैशनल हाइवे के पास पेट्रोल पंप पर दबोचा गया। गाड़ी में नारायण साईं के साथ तीन और लोग मौजूद थे। इनमें एक उसका खास हनुमान भी शामिल है। नारायण साईं ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह करीब 20 दिन पहले लुधियाना पहुंचा था।
पहनी हुई थी पैंट, टी-शर्ट और जैकेटः जब नारायण साईं को गिरफ्तार किया गया वह सिखों की वेशभूषा में था। उसने टीशर्ट, पैंट और जैकेट पहनी हुई थी। उसने पहचान छिपाने के लिए लाल रंग की पगड़ी भी लगाई हुई थी।
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