TOC NEWS @ एस.पी.मित्तल
धौलपुर के हैलीपेड पर अचानक गिर पड़ी सीएम।
28 अक्टूबर को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे धौलपुर की पुलिस लाइन के हैलीपेड पर अचानक गिर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सरकारी हैलीकॉप्टर से उतरने के बाद जब कार की ओर जा रही थी, तभी उन्हें चक्कर आ गए और वे धड़ाम से जमीन पर गिर गई। सवाल उठता है कि सीएम के आसपास सरकार का इतना बड़ा लवाजमा होने के बावजूद वे कैसे गिर गई?
सीएम की चाकरी में लगे चिकित्सकों, अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को यह अच्छी तरह पता था कि राजे चिकनगुनिया बुखार से पीडि़त हंै। ऐसे में सरकारी लवाजमे को सीएम के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना चाहिए था। क्या चिकित्सकों ने सीएम को आराम की सलाह नहीं दी? यदि सीएम का स्वास्थ्य बेहद खराब था तो फिर कार को हैलीकॉप्टर के निकट क्यों नहीं लाया गया?
चिकनगुनिया से पीडि़त सीएम को पुलिस लाइन के मैदान पर पैदल चलने के लिए मजबूर क्यों किया गया? क्या सीएम के गिरने के पीछे सरकारी लवाजमे की जवाबदेही नहीं है? यूं तो यही सरकारी लवाजमा सीएम के पास किसी आम आदमी को फटकने नहीं देता, लेकिन वही सीएम को जमीन पर गिरने के लिए मजबूर कर देता है।
सीएम राजे माने या नहीं, लेकिन उनके गिरने के लिए सरकारी लवाजमा भी दोषी है। 28 अक्टूबर को धौलपुर के जिला प्रशासन के जो अधिकारी पुलिस लाइन पर मौजूद थे, उन्हें भी सीएम के गिरने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके साथ ही सचिवालय में बैठे अधिकारी भी इस घटना के लिए जिम्मेदार है। यदि किसी प्रांत का सीएम चलते-चलते ही गिर जाए तो इससे ज्यादा शर्मनाक बात नहीं हो सकती।
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