TOC NEWS @ शिक्षा Oct 29, 2016
रक्तिम तिवारी की रिपोर्ट
अजमेर. कई लॉ कॉलेज बंद हो चुके। वे अब तक बार कौंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर ' जिंदा हैं। उधर, एलएलबी और एलएलए चला रहे महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय और लॉ कॉलेज के नाम से गलत जानकारियां दर्ज हैं। सरकार और न संस्थाएं इन्हें ठीक करा रही हैं।
देश में विधि शिक्षा की देखरेख बार कौंसिल ऑफ इडिया करती है। कौंसिल की मंजूरी से नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में एलएलबी, एलएलएम, डिप्लोमा पाठ््यक्रमों का संचालन होता है।
इसकी वेबसाइट पर देश के विभिन्न सरकारी और निजी संस्थाओं का नाम, पता, पाठ््यक्रम की जानकारी दी गई है, ताकि विद्यार्थियों को दाखिले लेते समय सहूलियत रहे। साथ ही कॉलेजों पर नजर रखी जा सके। अजमेर में मौजूदा वक्त महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, लॉ कॉलेज और एकाध निजी संस्थाओं में लॉ पाठ्यक्रम संचालित है। इन संस्थाओं के बारे में कौंसिल की वेबसाइट पर गलत जानकारियां दी गई है।
डॉ. डी. के. सिंह, प्राचार्य लॉ कॉलेज
रक्तिम तिवारी की रिपोर्ट
अजमेर. कई लॉ कॉलेज बंद हो चुके। वे अब तक बार कौंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर ' जिंदा हैं। उधर, एलएलबी और एलएलए चला रहे महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय और लॉ कॉलेज के नाम से गलत जानकारियां दर्ज हैं। सरकार और न संस्थाएं इन्हें ठीक करा रही हैं।
देश में विधि शिक्षा की देखरेख बार कौंसिल ऑफ इडिया करती है। कौंसिल की मंजूरी से नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में एलएलबी, एलएलएम, डिप्लोमा पाठ््यक्रमों का संचालन होता है।
इसकी वेबसाइट पर देश के विभिन्न सरकारी और निजी संस्थाओं का नाम, पता, पाठ््यक्रम की जानकारी दी गई है, ताकि विद्यार्थियों को दाखिले लेते समय सहूलियत रहे। साथ ही कॉलेजों पर नजर रखी जा सके। अजमेर में मौजूदा वक्त महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, लॉ कॉलेज और एकाध निजी संस्थाओं में लॉ पाठ्यक्रम संचालित है। इन संस्थाओं के बारे में कौंसिल की वेबसाइट पर गलत जानकारियां दी गई है।
ताले में बंद कॉलेज, यहां संचालित
वर्ष 2003-04 में निजी स्तर पर अजयेमरू लॉ कॉलेज और संत परमहंस लॉ कॉलेज खोले गए थे। बार कौंसिल और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के नियमों पर खरा नहीं उतरने और कथित अनियमितताओं के चलते दोनों कॉलेज बंद हो गए। आज बार कौंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर दोनों कॉलेजों के नाम तीन साल से लिखे हुए हैं। कौंसिल ने इन्हें हटाया नहीं है।अजमेर या रोहतक में विश्वविद्यालय!
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में पिछले पांच साल से एलएलएम पाठ्यक्रम संचालित है। बार कौंसिल की वेबसाइट पर विश्वविद्यालय को रोहतक अजमेर में होना बताया है। साथ ही यहां विधि संकाय वर्ष 1976 से संचालित होना बताया है, जबकि विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1987 में हुई है। वेबसाइट पर लोगो महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का है। मालूम हो कि महर्षि दयानंद के नाम से रोहतक में विश्वविद्यालय है। अजमेर और रोहतक के विश्वविद्यालय में सिर्फ 'सरस्वती नाम का अन्तर है।लॉ कॉलेज की जगह गर्वमेंट कॉलेज
अजमेर में वर्ष 2005 में लॉ कॉलेज की स्थापना हुई। कौंसिल की वेबसाइट पर इसका नाम गर्वनमेंट कॉलेज अजमेर (जीसीए) लिखा है। वेबसाइट में सिर्फ एलएलबी पाठ्यक्रम संचालित करना बताया है। इसके विपरीत कॉलेज में एलएलएम, डीएलएल और डीसीएल कोर्स भी संचालित हैं। कौंसिल की वेबसाइट पर कोई त्रुटि है तो हम उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे। इसके लिए कौंसिल को पत्र लिखेंगे।डॉ. डी. के. सिंह, प्राचार्य लॉ कॉलेज
No comments:
Post a Comment