TOC NEWS @ Oct 27, 2016,
जबलपुर। एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है जहां एक कब्र के अंदर से मदद के लिए पुकार सुनाई देती है। हमें पता है आप हमारी बातों पर यकीन नही करेंगे, लेकिन यह सत्य है। यह किसी की कल्पना नहीं है, यह सच्ची घटना है मेरठ के एक गांव की, जहां एक पिता ने ज़िला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसके बेटे की कब्र को खोदा जाए, क्योंकि वो रोज़ कब्र के अंदर से उन्हें आवाज़ देता है, यह मामला है मेरठ के गांव जलालपुर का।
लोग बताते हैं कि वो गुनगुनाता भी है
मेरठ के इस गांव जलालपुर में इन दिनों लोगों के चेहरों की रौनक गायब है, उनकी आंखों से खौफ साफ झलक रहा है, हर वक्त किसी अनहोनी का डर लगा रहता है क्योंकि उनके गांव का एक मुर्दा सुबह शाम कब्र से आवाज़ें दे रहा है लोग बताते हैं कि वो गुनगुनाता भी है। दरअसल, वह कब्र है इरफान की, जिसकी 2 महीने पहले मौत हो चुकी है। लेकिन इरफान के घरवालों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से कब्र से इरफान की आवाज़ें सुनाई देती हैं, जिनमें वो कहता है ज़िंदा हूं मैं, मुझे बाहर निकालो। इरफान का छोटा भाई दीन मुहम्मद बताता है कि मौत के बाद कुछ वक्त तक तो सब ठीक था, लेकिन एक रोज़ जब वह कब्र के पास से गुज़रा तो उसे कब्र से गुनगुनाने की आवाज़ सुनाई दी। पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ लेकिन जब वह कब्र के पास पहुंचा तो उसके होश उड़ गए।
पत्थर रख कर बेटे को दो गज़ ज़मीन के नीचे दफ़्न कर दिया
इरफान अच्छा ख़ासा स्वस्थ नौजवान था, अपने घर के साथ साथ गांव में भी सबका चहेता था, लेकिन अचानक उसे खून की उल्टियां आना शुरू हुईं और उसकी हालत बिगड़ती चली गई, 25 फरवरी को इरफान की मौत हो गई। इरफान की अचानक मौत से गांव वाले सकते में हैं, उनका मानना है कि ये सामान्य मौत नहींए कुछ तो है जो रहस्य के पर्दे के पीछे दफ्न है। दो गज़ ज़मीन के नीचे दफ्न हो चुके 32 साल के इरफ़ान को गाने का बहुत शौक था, एक दिन अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी, इसके बाद इरफान को खून की उल्टियां होने लगीं, सारी कोशिशें धरी की धरी रह गईं और इरफान चल बसा, गांव वालों को इरफान की मौत कुदरती नहीं लग रही थी, लेकिन बूढ़े पिता सबीरुद्दीन ने कलेज़े पर पत्थर रख कर बेटे को दो गज़ ज़मीन के नीचे दफ़्न कर दिया।
गांव के लोगों के लिए इरफान की मौत किसी सदमे से कम नहीं थी
और उन्हें किसी अनहोनी का डर भी सता रहा था, लोगों का डर उस वक्त खौफ में बदल गया जब कब्र से गुनगुनाने की बात उन्हें पता चली, मन में तरह तरह के ख्याल आने लगे। पिता सबीरुद्दीन के लिए जवान बेटे की मौत का ग़म किसी पहाड़ से कम नहीं था और अब कब्र से सुनाई देने वाली उसकी आवाज़ें बुरी तरह तोड़ रही हैं, अब इरफान का परिवार चाहता है कि प्रशासन उनकी मदद करे ताकि वो कब्र खोदकर अपने बेटे के सच को बाहर ला सकें।
जबलपुर। एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है जहां एक कब्र के अंदर से मदद के लिए पुकार सुनाई देती है। हमें पता है आप हमारी बातों पर यकीन नही करेंगे, लेकिन यह सत्य है। यह किसी की कल्पना नहीं है, यह सच्ची घटना है मेरठ के एक गांव की, जहां एक पिता ने ज़िला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसके बेटे की कब्र को खोदा जाए, क्योंकि वो रोज़ कब्र के अंदर से उन्हें आवाज़ देता है, यह मामला है मेरठ के गांव जलालपुर का।
लोग बताते हैं कि वो गुनगुनाता भी है
मेरठ के इस गांव जलालपुर में इन दिनों लोगों के चेहरों की रौनक गायब है, उनकी आंखों से खौफ साफ झलक रहा है, हर वक्त किसी अनहोनी का डर लगा रहता है क्योंकि उनके गांव का एक मुर्दा सुबह शाम कब्र से आवाज़ें दे रहा है लोग बताते हैं कि वो गुनगुनाता भी है। दरअसल, वह कब्र है इरफान की, जिसकी 2 महीने पहले मौत हो चुकी है। लेकिन इरफान के घरवालों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से कब्र से इरफान की आवाज़ें सुनाई देती हैं, जिनमें वो कहता है ज़िंदा हूं मैं, मुझे बाहर निकालो। इरफान का छोटा भाई दीन मुहम्मद बताता है कि मौत के बाद कुछ वक्त तक तो सब ठीक था, लेकिन एक रोज़ जब वह कब्र के पास से गुज़रा तो उसे कब्र से गुनगुनाने की आवाज़ सुनाई दी। पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ लेकिन जब वह कब्र के पास पहुंचा तो उसके होश उड़ गए।
पत्थर रख कर बेटे को दो गज़ ज़मीन के नीचे दफ़्न कर दिया
इरफान अच्छा ख़ासा स्वस्थ नौजवान था, अपने घर के साथ साथ गांव में भी सबका चहेता था, लेकिन अचानक उसे खून की उल्टियां आना शुरू हुईं और उसकी हालत बिगड़ती चली गई, 25 फरवरी को इरफान की मौत हो गई। इरफान की अचानक मौत से गांव वाले सकते में हैं, उनका मानना है कि ये सामान्य मौत नहींए कुछ तो है जो रहस्य के पर्दे के पीछे दफ्न है। दो गज़ ज़मीन के नीचे दफ्न हो चुके 32 साल के इरफ़ान को गाने का बहुत शौक था, एक दिन अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी, इसके बाद इरफान को खून की उल्टियां होने लगीं, सारी कोशिशें धरी की धरी रह गईं और इरफान चल बसा, गांव वालों को इरफान की मौत कुदरती नहीं लग रही थी, लेकिन बूढ़े पिता सबीरुद्दीन ने कलेज़े पर पत्थर रख कर बेटे को दो गज़ ज़मीन के नीचे दफ़्न कर दिया।
गांव के लोगों के लिए इरफान की मौत किसी सदमे से कम नहीं थी
और उन्हें किसी अनहोनी का डर भी सता रहा था, लोगों का डर उस वक्त खौफ में बदल गया जब कब्र से गुनगुनाने की बात उन्हें पता चली, मन में तरह तरह के ख्याल आने लगे। पिता सबीरुद्दीन के लिए जवान बेटे की मौत का ग़म किसी पहाड़ से कम नहीं था और अब कब्र से सुनाई देने वाली उसकी आवाज़ें बुरी तरह तोड़ रही हैं, अब इरफान का परिवार चाहता है कि प्रशासन उनकी मदद करे ताकि वो कब्र खोदकर अपने बेटे के सच को बाहर ला सकें।
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