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पौष्टिïकता से भरपूर मूली पूरे भारत में पैदा होती है। अक्टूबर-नवंबर में आने वाली मूली खाने योग्य मानी जाती है। सलाद के रूप में खायी जाने वाली मूली से कई प्रकार के स्वादिष्टï व्यंजन भी बनाये जाते हैं। मूली के बीजों से तेल निकलता है। मूली का तेल वजन में पानी से भारी और रंग रहित होता है। भोजन के मध्य में कच्ची मूली खाने से भोजन करने में रुचि बढ़ती है। सुबह के समय मूली का सेवन स्वास्थ्य के लिये बहुत फायदेमंद होता है।
प्रति सौ ग्राम मूली में मिलने वाले पोषक तत्वों में प्रोटीन 7 ग्राम, काबरेहाइड्रेट 3.4 ग्राम, वसा 1 ग्राम, ऊर्जा 17 मिग्रा, खनिज 6 ग्राम, कैल्शियम 35 मिग्रा, फाइबर 8 ग्राम, फास्फोरस 22 मिग्रा, नायोसन 5 मिग्रा, विटामिन सी 15 मिग्रा, आयरन 4 मिग्रा, कैरोटीन 3 मिग्रा और पानी 94.4 ग्राम पाया जाता है। कई लोगों को मूली खाने के बाद डकार के साथ या बिना डकार थोड़ी बदबू जरूर आती है, जिसे दूसरे लोग पसंद नहीं करते। लेकिन ये किसी भी प्रकार से नुकसानदेह नही होती।
पत्ते भी हैं फायदेमंद
उसके पत्तों को फेंक देते हैं, जबकि पत्तों में भी स्वाद तथा काफी मात्र में पोषक तत्व होते हैं। उन्हें भूजी- सब्जियां, पराठों में प्रयोग करें। इसमें पतली-पतली फलियां भी आती हैं, जिसे मोंगर या मोंगरा के नाम से जाना जाता है। इन फलियों की सब्जियां बहुत स्वादिष्ट बनती हैं। हमेशा छोटी, पतली तथा ताजा मूली का ही प्रयोग करें।
हड्डियों को मजबूती दे
मूली खाने से शरीर की विषैली गैस (कार्बन डाई ऑक्साइड) का निष्कासन होता है तथा जीवनदायी ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है। मूली खाने से दांत मंसूडे मजबूत होते हैं, हड्डियों में मजबूती आती है। थकान मिटाने और नींद लाने में भी मूली सहायक है।
पीलिया में फायदेमंद
यह उच्च रक्तचाप, बवासीर की तकलीफ में लाभकारी है। इसका रस निकाल पीने से मूत्र रोगों में भी लाभ होता है। पीलिया रोग में ताजा मूली का प्रयोग बहुत ही उपयोगी है।
मोटापा से मुक्ति दिलाए
आज के महारोग मोटापे से परेशान हैं तो इसके रस में नींबू व नमक मिला कर नियमित सेवन करें, लाभ होगा। सिर में जूं पड़ रही हो तो इसका रस पानी में मिलाकर धोएं।
हीमोग्लोबिन की कमी दूर करे
मूली के रस में सामान मात्र में अनार का रस मिलाकर पीने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
दांतों को चमकाए
इसके खाने से रक्तविकार दूर होते हैं। त्वचा के दाग धब्बे हटते हैं। दांतों पर पीलापन हो तो मूली के टुकड़े पर नींबू का रस लगाकर दांतों पर धीरे-धीरे मलने से दांत साफ होंगे। इसके अलावा मूली को काट कर नींबू लगा कर छोटे छोटे टुकड़े दांतों से काट कर धीरे-धीरे चबाएं। थोड़ी देर बाद उगल दें। ऐसा नियमित रूप से करने से दांतों पर चढ़ी पीली परतें हट जाएंगी।
पायरिया से राहत
पायरिया से परेशान लोग मूली के रस से दिन में 2-3 बार कुल्ले करें और इसका रस पिएं तो लाभ होगा। मूली के रस से कुल्ले करना, मसूड़ों-दांतों पर मलना और पीना दांतों के लिये बहुत लाभकारी है। मूली को चबा-चबा कर खाना दांतों व मसूड़ों को निरोग करता है।
कब्ज से राहत दिलाए
कब्ज से परेशान हैं तो मूली पर नींबू व नमक लगा कर सवेरे खाएं, लाभ होगा। भोजन में मूली सलाद के रूप में लें तो और लाभ होगा। सुबह-शाम मूली का रस पीने से पुराने कब्ज में भी लाभ होता है। इस दौरान तला-भूना भोजन न खाएं, बल्कि खिचड़ी, दलिया आदि खाएं।
पेट-दर्द में कारगर
पेट-दर्द परेशान करे तो मूली का रस नींबू मिला कर पिएं या मूली का अचार खाएं।
मुंह की दुर्र्गंध दूर करे
मुंह से गंध आती हो तो मूली के पत्तों पर सेंधा नमक मिला कर सवेरे-सवेरे रोज खाएं। दुर्गन्ध नष्ट होगी।
चेहरा दमकाए, खूबसूरत बनाए
हम सभी खूबसूरत दिखना चाहते हैं लेकिन मुंहासे और झाईयां चेहरे की खूबसूरती छीन लेती हैं। अगर आप इससे मुक्ति के लिए काफी प्रयास कर चुके हैं तो इस बार मूली को आजमा कर देखें, लाभ होगा। मुंहासों के लिए मूली का टुकड़ा गोल काट कर मुंहासों पर लगाएं और तब तक लगाए रखें, जब तक यह खुश्क न हो जाए। थोड़ी देर बाद चेहरे को ठण्डे पानी से धो लें, काफी लाभ होगा। मुंहासे निकलना खून की खराबी का लक्षण है। मूली के सेवन से इस समस्या से मुक्ति मिलती है।
मूली के कुछ अन्य लाभ:
-मूली शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड को निकालकर जीवनदायी ऑक्सीजन पैदा करती है।
-मूली में विटामिन-ए पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। इसके नियमित प्रयोग से चश्मे का नंबर कम हो जाता है और चश्मा उतर भी जाता है।
-मूली के सोडियम और क्लोरीन तत्त्व मल को आसानी से निकालने में सहायक होते हैं। मूली में पाया जाने वाला मैग्नीशियम पाचन-क्रिया को नियमित करता है। गंधकीय तत्व चर्म (त्वचा) रोगों से छुटकारा दिलाते हैं।
-मूली में काफी मात्रा में लौह-तत्व मौजूद होते हैं, जो खून को साफ करते हैं। खून साफ होने से शरीर में प्राकृतिक निखार आता है। नाखूनों में लाली आ जाती है और चेहरा गुलाबी आभा से चमकने लगता है।
-मूली में कैल्शियम प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है, जिससे हड्डियां और दांत मजबूत हो जाते हैं।
-मूली शरीर की शुष्कता (सूखापन) को दूर करती है। जठराग्नि (भूख को बढ़ाती) प्रदीप्त करती है और पेट की गर्मी को दूर करती है। मूली के सेवन से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
-चेहरे के मुंहासे, कील, झांईयां और दाग कम करने में मूली का बड़ा सहयोग रहता है।
-मूली मासिक-धर्म और वीर्य पुष्ट करती है। श्वेतप्रदर के रोग को दूर करने में भी यह बहुत सहायक है।
-मूली खांसी और दमे में लाभदायक है, लेकिन इसको खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
-मूली के 5 ग्राम बीज मक्खन के साथ सुबह के समय 1 महीने तक नियमित रूप से लेंने से पौरुष परिपुष्ट (मर्दानगी) होती हैं।
-जोड़ों में दर्द हो या कंधे और घुटने में दर्द हो तो मूली का सेवन करने से जकडऩ भी खुल जाती है।
-शरीर के किसी ऊपरी भाग मे सूजन आ गई हो तो मूली का रस गर्म करके लगाने से लाभ होता है।
-गुर्दे की बीमारी में मूली लाभदायक हैं। मूली के सेवन से पेशाब सम्बंधी बीमारियां, जैसे रूक-रूककर पेशाब आना, उसमें जलन होना आदि रोग दूर होते हैं।
-मूली के रस से सिर को धोने से लीखें और जुएं समाप्त हो जाती हैं।
-डायबिटीज के रोगियों के लिए मूली काफी लाभकारी है।
-कान की सुनने की शक्ति कमजोर हो गई हो, तो मूली के रस में नींबू का रस मिला लें और उसे गुनगुना करके कान में डालें और उल्टा लेट जाएं, ताकि कान की सिंकाई के बाद रस बाहर निकल जाए। इससे कान का मैल बाहर आ जाएगा और साफ सुनाई देने लगेगा।
-कान में दर्द हो तो मूली के पत्ते सरसों के तेल में उबाल लें। इस रस की 2-2 बूंदे कान में टपकाने से दर्द अवश्य शांत होगा।
-मूली को उबालकर खाने से गर्भ मे स्थिरता आती है और गर्भपात नहीं होता है।
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