Toc News 24 Oct 2016
भोपाल। एमपी नगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक मूलचंद द्विवेदी को छह हजार रुपए की रिश्वत लेन वालेे आरोपी कोे आज प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री काशीनाथ सिंह ने भ्रष्टाचार अधिनियम का दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई.
ज्ञात हो कि लोकायुक्त पुलिस ने एमपी नगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक मूलचंद द्विवेदी को छह हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। हवलदार गिरफ्तारी वारंट के नाम पर रिश्वत मांग कर पत्रकार विनय डेविड का ब्लेक मेल कर रहा था। मूलचंद द्विवेदी द्वारा बेवजह रिश्वत की मांग करते हुए प्रताडि़त किये जाने पर डेविड ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी।
एक मामले में एमपी नगर थाने में पदस्थ हवलदार मूलचंद द्विवेदी ने पुराने गिरफ्तारी वारंट को लेकर लगातार रिश्वत की मांग कर रहा था। जबकि उसके पास मूल वारंट था ही नहीं उक्त वारंट के नाम पर द्विवेदी ने विनय डेविड को एक बार थाने में भी बेवजह रोक लिया था। उच्चाधिकारी को जानकारी देने पर हवलदार ने बाद में निराकरण करने की बात कही थी। मूलचंद द्विवेदी ने 9 हजार रुपए में मामले का तोड़ करवाने का कही थी। जिसकी प्रथम किस्त 6 हजार रुपये देना तय हुआ था.
जिसकी सूचना डेविड ने लोकायुक्त पुलिस को दी जिस पर लोकायुक्त टीम ने तय योजनाबद्ध तरीके से दबिश देते हुए जिला न्यायालय परिसर के बाहर चाय की दुकान पर मूलचंद द्विवेदी और उसके साथी महेंद्र मेहतो को 6 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।
रिश्वत को जिला अदालत के बाहर देना तय हुआ था। उसी दिन दोपहर में हवलदार ने रिश्वत के रुपए लेने के लिए महेंद्र मेहतो को साथ में रखा था। महेंद्र आईएसबीटी में स्थित होटल में कर्मचारी है। जैसे ही डेविड ने मूलचंद द्विवेदी के कहने पर मेहतो को रूपए दिए वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोच लिया और हवलदार को भी लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पूरी कार्यवाही करके लोकायुक्त पुलिस ने मामले को कोर्ट में पेश किया था, जिस परआरोपी कोे आज प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री काशीनाथ सिंह ने भ्रष्टाचार अधिनियम का दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई. और सहयोगी आरोपी महेंद्र मेहतो को बरी कर दिया. प्रकरण में विनय डेविड परियादी की ओर से एडवोकेट यावर खान ने पैरवी की.
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