Tuesday, December 8, 2015

सास पर जानलेवा हमला करने वाली बहू प्रीती पाल व उसकी मां गिरफ्तार

आईएनएस न्यूज़ नरसिंहपुर रिपोर्टर पप्पी राय

नरसिंहपुर सदर कॉलोनी निवासी छाया पॉल वृद्ध महिला उम्र 72 वर्ष के साथ उनकी की पुत्रबधू प्रीती पाल और पुत्रवधु की माँ शोभा डे ने की सुने घर में हमला किया था, वही बहू व उसकी मां ने वृद्ध सास पर चढ़कर गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की थी, इस हमले में महिला को गम्भीर चोटे भी आई, हमलावारों से बचाव करते हुए वृद्ध सास ने जान बचाने के लिए जोर जोर से चिल्लाने पर आस पड़ोस के लोग पहुंच गये जिन्होने वृद्ध महिला की जान बचाई, अगर समय पर पड़ोसी नही पहुचते तो वृद्ध महिला की बहू और उसकी मां हत्या कर देते। वृद्ध महिला परिवार सदस्यों के घर पहुचने पर जानलेवा हमले की शिकायत थाना कोतवाली में की जिसकी जांच करने के उपरांत इस चर्चित मामले मैं नरसिंहपुर कोतवाली थाना प्रभारी श्री धर्मवीर सिहं नागर ने हमले की गम्भीरता को दिखाते हुए मामला पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

मप्र के 63 विधायक: आज तक 1 सवाल भी नहीं किया

जनता जर्नादन बेटा इनको प्रणाम करों.....
मप्र के 63 विधायक: आज तक 1 सवाल भी नहीं किया
Toc News
भोपाल। विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले विधायकों को एक्टिव माना जाता है। तो सदन में हमेशा चुप रहने वाले विधायकों को आप क्या कहेंगे। मध्यप्रदेश में 63 ऐसे विधायक हैं जिन्होंने विधानसभा में 1 भी प्रश्न नहीं पूछा। अब या तो इनकी विधानसभाओं में रामराज्य स्थापित हो चुका है या मतदाताओं से एक गंभीर भूल हो गई। ये रही लिस्ट:
हजारीलाल दांगी- खिलचीपुर
गोपाल सिंह चौहान- चंदेरी
गोपीलाल जाटव- अशोकनगर
चेतराम मानेकर- आमला
महेंद्र चौहान- भैंसदेही
नत्थनशाह कवरेती- जुन्नारदे
वकमलेश शाह- अमरवाड़ा
चौधरी चंद्रभान सिंह- छिंदवाड़ा
कल्याण सिंह ठाकुर-विदिशा
वीर सिंह पवार- कुरवाई
गोवर्धन उपाध्याय- सिरोंज
सूर्यप्रकाश मीना- शमशाबाद
लखन पटेल- पथरिया
कमल मर्सकोले- बरघाट
प्रेम सिंह- चित्रकूट
पंडित सिंह धुर्वे-बिछिया
राम प्यारे कुलस्ते-निवास
ओमप्रकाश धुर्वे- शहपुरा
कुंवर सिंह टेकाम-धौहनी
मोती कश्यप- बड़वारा
नंदनी मरावी-सिहोरा
मनोज अग्रवाल- कोतमा
डॉ.कैलाश जाटव- गोटेगांव
मीना सिंह विधायक मानपुर
प्रमिला सिंह- जयसिंहनगर
जयसिंह मरावी- जैतपुर
ओमप्रकाश सकलेचा- जावद
दिलीप सिंह परिहार- नीमच
भारत सिंह कुशवाह-ग्वालियर ग्रामीण
नारायण सिंह कुशवाह- ग्वालियर दक्षिण
जय भान सिंह पवैया- ग्वालियर
मुकेश चौधरी-मेहगांव
रुस्तम सिंह- मुरैना
दिनेश अहिरवार- जतारा
रेखा यादव- बड़ा मलहरा
रामेश्वर शर्मा-हुजूर
नागरसिंह चौहान- अलीराजपुर
माधवसिंह डाबर- जोबट
शांतिलाल बिलवाल- झाबुआ
निर्मला भूरिया- पेटलावद
वेलसिंह भूरिया- सरदारपुर
रंजना बघेल- मनावर
भंवरसिंह शेखावत- बदनावर
जगदीश देवड़ा- मल्हारगढ़
दिलीपसिंह परिहार- नीमच
चंदरसिंह सिसौदिया- गरौठ
ओमप्रकाश सकलेचा- जावद
देवेंद्र वर्मा- खंडवा
हितेंद्र सिंह सोलंकी- बड़वाह
बालकृष्ण पाटीदार- खरगोन
दीवानसिंह विट्ठलसिंह पटेल- पानसेमल
सुदर्शन गुप्ता- विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 इंदौर
रमेश मेंदोला- विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 इंदौर
मालिनी गौड़- विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 इंदौर
महेंद्र हार्डिया- क्षेत्र क्रमांक 5 इंदौर
कैलाश विजयवर्गीय- महू
अनिल फिरौजिया- तराना
मथुरालाल- रतलाम ग्रामीण
चैतन्य काश्यप- रतलाम शहर
संगीता चारेल- सैलाना
गोपाल परमार- आगर
जसवंतसिंह हाड़ा- शाजापुर
एलबी लोबो- नामांकित

Monday, December 7, 2015

खुद को शिवराज का रिश्तेदार बताकर की ठगी

Toc News
भोपाल :- पुराने भोपाल के सबसे व्यस्ततम शादी कार्ड मार्केट इब्राहिमपुरा की एक शादी कार्ड की दुकान पर अपने आप को प्रदेश के मुख्यमंत्री का रिश्तेदार बताकर ठगी का मामला प्रकाश में आया है ।

प्रेम सिंह चौहान पिता भवानी सिंह चौहान पुर्व सरपंच निवासी  जौनतला तह.बुधनी जो खुद को मुख्यमंत्री का भतीजा कहता है इनके द्वारा उक्त दुकान से  500 नग शादी कार्ड खरीदे गए, कार्डो का मुल्य  12500/- तय हुआ । ओर एडवांस के तोर पर चौहान ने  5000/- दिये गये ओर बकाया का पेसा छपाई के उपरांत देने को कहा दिनांक  4/12/15 को व्यवसायी ने चौहान को कार्ड डिलेवरी  कर दिए पर जब बकाय का पैसा मांगा गया तो चौहान ने अपना रोब झाड़ते हुए पेसे देने से साफ मना कर दिया ओर सीधे सीधे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का सगा रिश्तेदार बताने लगा ।
मामला बडता देख आसपास के दुकानदार कुछ समझ पाते यह जनाब चुपचाप भाग गए ओर व्यवसायि की 7500/-  की ठगी कर गये ।
कार्ड पर अकिंत उक्त नम्बर पर जब व्यवसायि ने मोबाइल लगाया तो उत्तर कुछ इस प्रकार आया 👇👇👇इनका मोबाइल नंबर 09893985200, 9826570157,ओर 9893393649  है

तीन पूर्व सरपंचों को जेल भेजने के आदेश जारी

सचिव एवं रोजगार सहायक पर कार्रवाई के आदेश
Toc News
राजगढ़ । जिला मुख्यालय पर आज एसडीएम निमिषा जायसवाल ने विगत वर्ष के तीन प्रकरणों को निपटाते हुए, राजगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायतों के तीन पूर्व सरपंचों को पंचायत राज अधिनियम की धारा 92 के तहत जेल भेजने के वारंट जारी किए ।
ग्राम पंचायत कचनारिया के पूर्व सरपंच दिनेश नागर द्वारा की गयी गड़बड़ियों में 16 लाख 31 हजार 874 रुपए की वसूली के चलते सरपंच को जेल वारंट जारी किया गया जबकि पूर्व सचिव दिनेश सेन के निलम्बन के लिए जिला पंचायत सीईओ को पत्र जारी किया। इसी प्रकार ग्राम पंचायत गोरखपुरा के पूर्व सरपंच नारायणसिंह से 3 लाख 10 हजार नो सो रुपए की वसूली के चलते जेल वारंट जारी किया एवं सचिव ओमप्रकाश को पद से पृथक करने के आदेश जारी किये। जबकि ग्राम पंचायत मुरारिया के सरपंच रेखाबाई से दो लाख 64 हजार 652 रुपए की वसूली के चलते जेल वारंट जारी कर सचिव प्रेमसिंह के निलम्बन के लिए जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखा है ।
उल्लेखनीय है की ग्राम पंचायत कचनारिया में गबन का मामला सामने आने पर विगत वर्ष हमारे द्वारा मामला अखबार में प्रमुखता से उठाया गया था जिसे तत्कालीन कलेक्टर आनन्द शर्मा एवं तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ इलैयाराजा टी ने संज्ञान में लेकर मामले की जांच करवाई थी जिसमे 37 लाख के मनरेगा बीआरजीएफ आदि कार्यों में कागजों पर कार्य कर पूर्ण बता दिया था। जांच होने के बाद कचनारिया सरपंच को धारा 42 के तहत सरपंच पद से पृथक कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी जिसके 3 माह जेल में रहने के बाद उपरोक्त सरपंच जमानत पर था ।
एसडीएम न्यायालय के इस आदेश के बाद ग्रामीणों में न्यायिक प्रक्रिया पर आस्था एवं विशवास बढ़ने के साथ ही हर्ष की लहर है ।

सरपंच से रिश्वत मांग रहा पंचायत सचिव रंगे हाथों अरेस्ट

INS NEWS @ Badwani      
लोकायुक्त पुलिस ने बड़वानी जिले में ग्राम सचिव को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. सचिव सड़क निर्माण से जुड़े दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के एवज में सरपंच से ही रिश्वत ले रहा था.
इंदौर लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, राजपुर जनपद पंचायत के ग्राम वासवी के सरपंच बाबूलाल की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई.
बाबूलाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि आरसीसी सड़क निर्माण की स्वीकृति के लिए पंचायत सचिव आनंदीलाल पांच हजार रुपए की रिश्वत देने के लिए दबाव बना रहा था. रिश्वत नहीं देने पर आनंदीलाल ने जरूरी दस्तावेज रोक रखे थे.
सरपंच नेे रिश्वत देने के बजाए इंदौर लोकायु्क्त पुलिस को सचिव की शिकायत कर दी. शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को आनंदीलाल को राजपुर रेस्ट हाऊस में पांच हजार रुपए रिश्वत के साथ धरदबोचा.
आनंदीलाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. कार्रवाई पूरी होने पर आरोपी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
सूत्रों के मुताबिक, वासवी पंचायत के पूर्व सरपंच और सचिव आनंदीलाल के खिलाफ शासकीय धन की हेराफेरी के आरोपों की जांच लोकायुक्त पुलिस द्वारा पहले से की जा रही है. लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी जांच दर्ज की है.

मप्र बड़वानी जिले में पंचायत सचिव रिश्‍वत लेते पकड़ाया

Toc news
लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने ग्राम पंचायत बासवी के सचिव आनंदीलाल राठौड़ को रिश्‍वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।
जानकारी के अनुसार फरियादी सरपंच बाबूलाल सोलंकी की शिकायत पर आरआरसी सड़क निर्माण के ईपीएफ फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए राठौड़ को 5000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
उल्‍लेखनीय है कि इस पंचायत के पूर्व सरपंच और सचिव के खिलाफ शासकीय धन की हेराफेरी करने के लिए लोकायुक्त इंदौर द्वारा पहले से ही प्राथमिक जांच की जा रही है

सरपंच से रिश्वत मांग रहा पंचायत सचिव रंगे हाथों अरेस्ट


Toc News
लोकायुक्त पुलिस ने बड़वानी जिले में ग्राम सचिव को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. सचिव सड़क निर्माण से जुड़े दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के एवज में सरपंच से ही रिश्वत ले रहा था.
इंदौर लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, राजपुर जनपद पंचायत के ग्राम वासवी के सरपंच बाबूलाल की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई.
बाबूलाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि आरसीसी सड़क निर्माण की स्वीकृति के लिए पंचायत सचिव आनंदीलाल पांच हजार रुपए की रिश्वत देने के लिए दबाव बना रहा था. रिश्वत नहीं देने पर आनंदीलाल ने जरूरी दस्तावेज रोक रखे थे.
सरपंच नेे रिश्वत देने के बजाए इंदौर लोकायु्क्त पुलिस को सचिव की शिकायत कर दी. शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को आनंदीलाल को राजपुर रेस्ट हाऊस में पांच हजार रुपए रिश्वत के साथ धरदबोचा.
आनंदीलाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. कार्रवाई पूरी होने पर आरोपी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
सूत्रों के मुताबिक, वासवी पंचायत के पूर्व सरपंच और सचिव आनंदीलाल के खिलाफ शासकीय धन की हेराफेरी के आरोपों की जांच लोकायुक्त पुलिस द्वारा पहले से की जा रही है. लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी जांच दर्ज की है.

विधानसभा की पत्रकार दीर्घा समिति में शराब पीकर पहुंचे दो सदस्य

नशेले पत्रकारों ने काटे पत्रकारों के पास, मचा बवाल
विधानसभा की पत्रकार दीर्घा समिति में शराब पीकर पहुंचे दो सदस्य

INS NEWS @ Vinay David
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से प्रारंभ हो गया है। विधानसभा में पत्रकारों के प्रवेश के लिए हर वर्ष पत्रकारों की एक समिति बनायीं जाती है। समिति का नाम विधानसभा पत्रकार दीर्घा समिति है, समिति के सभापति विधानसभा के उपाध्यक्ष होते हैं, जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त या उनका एक प्रतिनिधि समिति के सदस्य के रूप में  शामिल किया जाता है और बाक़ी सदस्य पत्रकारों के प्रतिनिधि के रूप में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मिडिया आदि से विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं प्रभावशाली नेताओं की सिफारिश पर शामिल किये जाते हैं। हर बार की तरह इस बार भी चार दिसंबर को पत्रकार दीर्घा समिति की बैठक आहुत की गयी थी। लेकिन  इस बार की बैठक में दो पत्रकार दारू पीकर पहुँच गए।इन नशीले पत्रकारों में एक इलेक्ट्रानिक मीडिया से और एक प्रिंट मीडिया से है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार समिति की बैठक शुरू होते ही इन नशेले पत्रकारों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और ऐसा कुछ कर डाला जो समिति के इतिहास में हमेशां याद किया जाएगा। इन दोनों नशेलों ने व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते  ऐसे - ऐसे पत्रकारों के नाम सूचि से उड़ा दिए जिन्हे वर्षो से प्रवेश पत्र मिलता रहा है।चुकी मामला पत्रकारों से जुड़ा हुआ है इस कारण कोई इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है. जिन पत्रकारों के प्रवेश सूचि से नाम कटे हैं उन लोगों ने इन नशीले पत्रकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रवेश पत्र से वंचित पत्रकारों का कहना है कि समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया है और विधिवद समिति का  कार्यकाल भी नहीं बढ़ा है तो फिर बैठक कैसे बुलायी गयी ? पुरानी सूचि में शामिल  पत्रकारों के नामो पर विचार करने की आवश्यकता क्यों पड़ी ? जबकि बैठक नए आवेदनों पर विचार करने के लिए बुलाई जाती है। पास से वंचित पत्रकारों ने इसे विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ षड्यंत्र बताते हुए कहा है कि बैठक  अवैधानिक है इस लिए उसके द्वारा लिए गए निर्णय भी अवैध मानकर निरस्त किये जाएं। और यह सुनिश्चित किया जाये कि भविष्य में  नशा करने वालों को समिति में शामिल नहीं किया जाये, समिति के सदस्यों का और विधानसभा का  पास प्राप्त करने वाले पत्रकारों का  पुलिस बेरिफिकेशन कराया जाए।

Sunday, December 6, 2015

IAS अधिकारियों की नई पोस्टिंग

Toc @ प्रशासनिक
भोपाल. ट्रेनिंग के बाद केंद्र सरकार में दो माह बिताकर लौटे मप्र कैडर के 14 आईएएस अधिकारियों को शासन ने शनिवार को नई पोस्टिंग देने के आदेश जारी कर दिए। सभी अधिकारी 2013 बैच के हैं। ट्रेनिंग के बाद इन्हें मप्र में सहायक कलेक्टर तो बना दिया गया था, लेकिन पदस्थापना के बाद ये सभी केंद्र सरकार में चले गए थे। अब इन्हें एसडीएम के पद पर पोस्टिंग दी जा रही है। इनमें मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस के पुत्र अमनबीर सिंह बैंस भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 14 आईएएस अधिकारियों का तबादला भी सरकार ने किया है। ये एसडीएम व सीईओ हैं। रीवा और सागर नगर निगम में सरकार ने इस बार आईएएस अफसरों को आयुक्त पदस्थ किया है।

केंद्र से लौटे अफसर
नाम वर्तमान नवीन पदस्थापना
सोनिया मीना डिंडोरी राजनगर, छतरपुर
अमनबीर सिंह बैस उज्जैन डबरा, ग्वालियर

हर्ष दीक्षित झाबुआ बैहर, बालाघाट
ऋषि गर्ग गुना नरसिंहगढ़, राजगढ़
रजनी सिंह खंडवा बीना, सागर
सोमेश मिश्रा
बालाघाट नैनपुर, मंडला
प्रियंक मिश्रा टीकमगढ़ सबलगढ़, मुरैना
मयंक अग्रवाल अनूपपुर पांढुर्ना, छिंदवाड़ा
अनूप कुमार सिंह दतिया जावरा, रतलाम
सतीश कुमार एस रतलाम केवलारी, सिवनी
एस कृष्ण चैतन्य छिंदवाड़ा मऊगंज, रीवा
फ्रेंक नोबल ए होशंगाबाद सिहोरा, जबलपुर
संदीप जीआर जबलपुर महू, इंदौर
गिरीश कुमार मिश्रा छतरपुर शुजालपुर, शाजापुर
सीईओ, एसडीएम के तबादले
कर्मवीर शर्मा सीईओ, जिपं, डिंडोरी आयुक्त, ननि, रीवा
कौशलेंद्र विक्रम सिंह सीईओ, जिपं, नरसिंहपुर आयुक्त, नगि, सागर
पंकज जैन एसडीएम, डबरा, ग्वालियर अपर संचालक, स्वास्थ्य
निधि निवेदिता एसडीएम, पांढुर्ना, छिंदवाड़ा सीईओ, जिपं, सिंगरौली
चंद्रमोहन ठाकुर एसडीएम, गंजबासौदा, विदिशा सीईओ, जिपं, छतरपुर
रोहित सिंह एसडीएम, बैहर, बालाघाट सीईओ, जिपं, डिंडोरी
स्वरोचिशा सोमवंशी एसडीएम, बैढन, सिंगरौली सीईओ, जिपं, रायसेन
प्रवीण सिंह अधयक एसडीएम, लखनादौन, सिवनी सीईओ, जिपं, भिंड
अनुराग वर्मा एसडीएम, बिजावर, छतरपुर सीईओ, जिपं, मुरैना
प्रतिभा पाल एसडीएम, नरसिंहपुर, राजगढ़ सीईओ, जिपं, नरसिंहपुर
एफ राहुल हरिदास एसडीएम, पुष्पराजगढ़, अनूपपुर सीईओ, जिपं, श्योपुरकलां
राजीव रंजन मीणा एसडीएम, बड़नगर, उज्जैन सीईओ, जिपं, सागर
बी. कार्तिकेयन एसडीएम, पुनासा, खंडवा सीईओ, जिपं, बड़वानी
दीपक आर्य एसडीएम, बड़वानी सीईओ, जिपं, विदिशा
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी...
मालसिंह गयडिया सीईओ, जिपं, बड़वानी संयुक्त आयुक्त, रोजगार
गारंटी परिषद, भोपाल
आशीष कुमार सीईओ, जिपं, मुरैना सीईओ, ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, भोपाल
सुभाष द्विवेदी जीएम, आपूर्ति निगम, भोपाल सीईओ, जिपं, भोपाल
चंद्रमोहन मिश्रा सीईओ, जिपं, विदिशा
संयुक्त संचालक, प्रशासन
अकादमी, भोपाल

पदम नगर पुलिस नें 43 पेटी शराब सहित दो को पकड़ा

Toc news
खंडवा-  खंडवा जिले में शहर हो या गाँव अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है इसी का उदाहरण आज पदम नगर थानें द्वारा जब्त की गई अवैध शराब से साफ साफ दिख रहा है ।पुलिस ने 43 पेटी देसी शराब सहित मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। असल में  खंडवा में विगत काफी समय से आबकारी विभाग के साये में अवैध शराब का धंधा बड़े आराम से फल-फूल रहा था, लेकिन पिछले दिनों शहर के बस स्टैंड क्षेत्र में जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक द्वारा नेताजी के भाई की होटल से अवैध शराब जब्त कर कार्यवाही किये जाने के बाद से अवैध शराब के खिलाफ अभियान में तेज़ी आई है।

शराब भरी 43 पेटियां जब्त

पदमनगर थाने के प्रभारी बीएल अटोदे ने बताया के मुखबीर की सुचना पर सुबह  पदमनगर वार्ड में पुलिस ने दबिश देकर देसी शराब भरी 43 पेटियां जब्त की है, जिनका मूल्य 43000 रूपए है।वहीं मौके से पदमकुंड वार्ड निवासी नितिन दराडे व गोविंद नामक दो लोगो को गिरफ्तार किया है। श्री अटोदे ने बताया के शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने सनावद की ओर से शराब लाये जाने की बात कही है,  आरोपियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) के तहत केस दर्ज किया गया है।

आबकारी विभाग की कार्यशैली लम्बे समय से सवालों के घेरे में .....

आज शहरी क्षेत्र से पुलिस द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में अवैध शराब जब्त किये जाने की कार्यवाही, जिम्मेदार आबकारी विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही  है। इसके पहले भी पुलिस द्वारा अवैध शराब पकड़ने की कार्यवाहियां की गई है साथ ही अवैध शराब के खिलाफ जिला कलेक्टर डॉ. एमके अग्रवाल व एसपी डॉ. एमएस सिकरवार द्वारा भी सख्त रुख अख्तियार किया गया है।

वैसे आबकारी विभाग द्वारा भी अवैध शराब पकड़ने की कार्यवाहियां की  जाती रही है लेकिन ज्यादातर कार्यवाहियो में आरोपी मौके से फरार पाये जाते है एंव पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही आबकारी विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से ज्यादा संख्या में है जिससे पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाहियों से आबकारी विभाग की किरकिरी होती  नजर आ रही है।
व पुलिस विभाग के पास बल की कमी होते हुए भी व दुनिया भर की जिम्मेदारी होते हुए भी अवैध शराब पकड़नें के मामले में पुलिस बधाई की पात्र है !

अनाडिय़ों के हाथ में फंसी अरबों की त्योंथर बहाव योजना

पेटी पर चल रहा मेंटेना का काम
रीवा। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी त्योंथर बहाव योजना काम शुरू होने के साथ ही गुणवत्ता को लेकर सवालों के घेरे में फंसती जा रही है। इसका कारण  निर्माता कम्पनी मेंटेना की मनमानी है। बताया जाता है कि अरबों रूपये लागत की उक्त योजना का काम कम्पनी खुद करने की बजाय नियम और गाईड लाइन के विरूद्ध उन हाथो में सौंप दिया है। जिन्हें इस तरह के काम का कोई अनुभव नही। लिहाजा योजना के तहत बनाई जा रही नहर और अन्य निर्माण कार्यो की गुणवत्ता का अंदाजा विना किसी के बताये जा सकता है।
 तराई क्षेत्र को हरा भरा बनाने और हर खेत तक बाणसागर का पानी पहुंचाने के लिए सिरमौर से वहां के लिए नहर बनाई जा रही है। त्योंथर बहाव के नाम से बनी इस योजना का काम मेंटेना क म्पनी को सरकार द्वारा दिया गया है। 229 करोड़ की इस योजना का काम कम्पनी कर रही है। तकरीबन साल भर से कम्पनी द्वारा शुरू हुये काम में इसकी  मनमानी अधिक और शासन की गाईड लाइन  और नियम कम ही नजर आ रहे है। बात हवा में नहीं प्रमाण के साथ कही जा रही है।
क्षमता प्रमाण पत्र सावित हो बेमानी
काम देने से पहले  सरकार कम्पनी के अब तक के कामो का मूल्यांकन करती है। कसौटी पर जब यह बात साबित हो जाती है कि उक्त कम्पनी अनुभव  व क्षमता इसके काबिल है तब उसे दिया जाता है। ऐसा नही है कि जो चाहे इतने बड़े काम में हाथ लगा दे और सरकार उसे सौंप देगी। काम से पहले सरकार अपनी तमाम क्षमता और अनुभवों का प्रमाण पत्र सौंप कर सामने आने वाली कम्पनी काम पाने के बाद मनमानी पर उतर आई है। आलम यह है कि उक्त योजना का काम खुद करने की बजाय मेंटेना कम्पनी ऐसे लोगो और एजेन्सीयों से करा रही है जो इसके बारे मे कुछ भी नही जानते है। बस कुछ मशीनरी और लेबर लेकर वह काम में जुट गये है। परिणाम भी इसी तरह सामने है। जरूरत है तो बस जांच करने की।
कमीशन का खेल
ठेके पर ठेका कमीशन के खेल का एक नया तरीका है। मुख्य कम्पनी शासन मिलने वाले रेट से कम पर दूसरे हाथों को काम सौंप देती है और बिना कुछ किये मजा काटती है। दूसरी तरफ कम पैसे पर काम लेने वाले उसी से अपना हिस्सा भी बचाते है इस तरह एक सौ रूपये का काम जब साठ रूपये में किया गया तो उसकी गुणवत्ता क्या होगी आप खुद समझ सक ते है। यही सब खेल 229 करोड़ की त्योंथर बहाव योजना के साथ मेंटेना कम्पनी खेल रही है। कम्पनी तो अपना हिसाब कर करोड़ो रूपये कमाकर एक दिन यहां से चली जायेगी और खमियाज यहां की जनता को भुगतना पड़ेगा। उक्त योजना के पानी के साथ अपनी किस्मत जोड़ रहे है। उनकी ऑखे तब फटी की फटी रह जायेगी जब उन्हें पता चलेगा कि उनका सपना तो कम्पनी के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। बाद में भले ही वह सरकार और प्रशासन को कोसते रहे, उन्हें फिर मिलने वाला कुछ नही।
जनता को आना होगा आगे
कम्पनी का काम ठीक ठाक चले और उनका भविष्य संवारने वाली नहर मानक के अनरूप बने इसकी  जम्मेदारी जनता की भी है। सिर्फ शासन व प्रशासन के  भरोसे उन्हें नही बैठना चाहिए। इससे संबंधित नहर और अन्य निर्माण कार्यो में जहां भी कमी समझ में आए जनता को जवाब देह और संबंधित अधिकारी के पास अपनी अपत्ति दर्ज करानी चाहिए। यह सिर्फ उनका अधिकार ही नही कर्तव्य भी है।
इनका कहना है
त्योंथर बहाव योजना का काम मेंटेना कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। कम्पनी के कामों की जांच की जाती है। जहां कमी समझ में आती है उसे सुधरवाया जाता है। कम्पनी पेटी कॉन्टे्रक्ट पर काम करा करा रही है। इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। यह जांच के बाद ही पता चलेगा।
अरबिंद त्रिपाठी  कार्यपालन यंत्री त्योंथर नहर  संभाग सिरमौर।

निर्माण कम्पनी मेंटेना मनमानी पर उतारू
त्योंथर बहाव योजना में घटिया मटेरियल का प्रयोग
रीवा। अरबो रूपये की लागत से बनाई जा रही  त्योंथर बहाव योजना की नहर में गुणवत्ताहीन मटेरियल का प्रयोग किया जा रहा है। कम्पनी द्वारा शासन से निर्धारत मानक के इतर मटेरियल लगाये जा रहे है। बात चाहे लोहा, गिट्टी व सीमेन्ट के अनुपात की हो सब पर आरोप लग रहे है। इस तरह कम्पनी की मनमानी के चलते नहर का निर्माण गुणवत्तापूर्ण नही हो रहा है। सामने आ रही इन बातों की उच्चस्तरीय जांच के बाद हकीकत सामने होगी।
 बताया जाता है कि कम्पनी द्वारा जिन कामों को दूसरे स्थानीय ठेकेदारों को सौंपा गया है। वह इसमें अधिक मनमानी कर रहे है। कम्पनी द्वारा उनको काम कराने के लिए निर्धारित दर से मिलने वाली राशि में वह अधिक बचाने के लिए उन तमाम तरीको का इस्तेमाल करते है जिससे उनकी मंशा सफल हो जायें। नतीजा यह निकलता है कि काम गुणवत्तापूर्ण होने की जगह घटिया रहता है।
बलुकन गिट्टी का प्रयोग
नहर में कराये जा रहे कामों में उपयोग की जानी वाली गिट्टी बालुदार पत्थरों की होती है। जबकि शासन के नियम के मुताबिक इस काम में काले पत्थरों की गिट्टी का प्रयोग किया जाना है। बलुकन गिट्टी कमजोर होती है। वह दवाव पडऩे पर जल्दी टुट जाती है। जबकि काली गिट्टी में यह क्षमता अधिक होती है। कम्पनी अपने फायदें के  लिए आस-पास के केसरों से सस्तें दामों में मिलने वाली घटियां गिट्टी खरीदती है। और उसी से निर्माण कार्य कराया जाता है।
अनुपातहीन सीमेन्ट का उपयोग
नहर  व अन्य निर्माण कार्यो में सीमेन्ट की अलग-अलग जगह उपयोग के अनुपात का निर्धारण गाइड लाइन में है। कम्पनी को उसी आधार पर सीमेन्ट का अनुपात बनाये रखना चाहिए । जबकि कम्पनी इस अनुपात का ध्यान नही देती है। इसी तरह लोहे के उपयोग में भी अनियमितता की जा रही है। शासन के नियम के मुताबिक इस काम में अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग साइज के लोहे का प्रयोग किया जाना है। जिसमें कम से कम 10 एमएम से लेकर 32 एमएम तक की सरियां शामिल है। इसके साथ ही कई जगहों में 12 और 16 एमएम मोटाई की छड़ो का प्रयोग होना है। बताया जाता है कि कम्पनी लोहे की निर्धारित साइजों की जगह कम मोटाये के छड़ों का प्रयोग कर रही है। जिससे काम की गुणवत्ता में कमी है। अब तक कम्पनी द्वारा अलग-अलग स्थानों कराई गये तकरीबन 15  से 20 फीसदी काम की जांच होनी आवश्यक है जिससे लग रहे  आरोपों की सच्चाई सामने आ जायें।

रेल मंत्रालय की महिला IAS अफसर से ट्रेन में छेड़छाड़, टीईटी को जेल

Toc News
लखनऊ। रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट करने के बाद जहां कुछ महिलाओं को ट्रेन में छेड़छाड़ से राहत मिली, वहीं आज कालका मेल में रेल विभाग की अधिकारी से छेड़छाड़ की गई। कोलकाता जा रहीं रेल मंत्रालय में तैनात महिला आइएएस अफसर से छेड़छाड़ करने पर पुलिस ने टीटीई को गिरफ्तार कर लिया है। विभाग ने उसे निलंबित भी कर दिया।

रेल मंत्रालय में तैनात आइएएस अफसर दिल्ली में ही सपरिवार रहती हैं। आज सुबह बसु कालका मेल के एसी-2 टियर की बोगी संख्या तीन से कोलकाता जा रही थीं। दिल्ली से ट्रेन चली। खुर्जा से ट्रेन के अलीगढ़ की ओर बढ़ते ही कोच के टीटीई राजपाल सिंह ने जांच शुरू कर दी। महिला आइएएस का आरोप है कि टीटीई ने एसी की कूलिंग घटाने और अतिरिक्त कंबल मांगने पर अभद्र कमेंट करते हुए उनसे ही छेड़छाड़ कर दी। महिला के रेल मंत्रालय में ऊंचे ओहदे पर होने का टीटीई को पता नहीं था। आइएएस महिला ने तुरंत रेल मंत्रालय से लेकर बोर्ड तक के अफसरों से बात की।

इसके बाद मची खलबली का आलम यह कि सुबह 9.40 बजे ट्रेन अलीगढ़ स्टेशन पर पहुंची तो मंडलीय यातायात प्रबंधक राजेंद्र कुमार, स्टेशन अधीक्षक आरके पाठक व जीआरपी इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह इंतजार करते मिले। महिला अधिकारी से पूरी जानकारी लेकर टीटीई को ट्रेन से उतार लिया गया। करीब 20 मिनट तक ट्रेन खड़ी भी रही। ट्रेन कानपुर की ओर रवाना होने से पहले स्थानीय अफसरों ने उनकी खूब खुशामद की। आइएएस तब बगैर कुछ कहे यहां से चली गईं। इस बीच उन्होंने दूसरे अफसरों को भी घटना की जानकारी दे दी। हाथरस में ट्रेन रुकी तो वे ट्रेन से उतर गईं और अधिकारी की कार लेकर अलीगढ़ डीएम डॉ. बलकार सिंह से मिलने पहुंचीं। पूरा मामला बताया।

छेड़छाड़ की खबर इलाहाबाद मंडल के डीआरएम तक पहुंची तो उन्होंने आरोपी को तत्काल निलंबित कर दिया। जीआरपी ने आरोपी गिरफ्तार कर लिया है।

पीआरओ इलाहाबाद मंडल एसके श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रेन में महिला अधिकारी से छेडख़ानी के आरोप में कालका मेल के टीटीई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

रिपोर्ट दर्ज

एसपी रेलवे आगरा, गोपेश खन्ना ने बताया कि टीटीई के खिलाफ छेडख़ानी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोपी को जेल भेजा गया है।

वेटिंग ‌टिकट लेकर नहीं कर सकेंगे सफर, देना होगा जुर्माना

Toc News
यदि आपका ट्रेन टिकट कंफर्म नहीं हुआ है और आप वेटिंग टिकट लेकर रिजर्व डिब्बे में यात्रा कर रहे हैं तो ठहर जाइए। रेलवे ने इस तरह के टिकटों को यात्रा के लिए वैध दस्तावेज की सूची से हटा दिया है। अब यदि ऐसे टिकटों के साथ कोई यात्री ट्रेन के रिजर्व कोच में यात्रा करता है उसे बेटिकट मानते हुए उस पर इसी हिसाब से जुर्माना होगा।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ आधिकारिक सूत्र ने बताया कि किसी भी ट्रेन के वेटिंग टिकट को यात्रा करने के लिए वैध दस्तावेज की सूची से हटा दिया गया है। हालांकि, रेलवे ने वेटिंग टिकट कटाने वालों को एक सहूलियत दी है कि यात्री यदि चाहे तो अनरिजवर्ड कोच मतलब जनरल डिब्बे में वे इस टिकट पर यात्रा कर सकते हैं। इसमें यह नहीं देखा जाएगा कि टिकट स्लीपर क्लास का है या एसी वन, एसी टू या फर्स्ट एसी का।

उल्लेखनीय है अभी तक सिर्फ राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में वेटिंग टिकट पर यात्रा की अनुमति नहीं थी। लेकिन अन्य मेल-एक्सप्रेस और पैसेंजर गाड़ियों में वेटिंग टिकट वाले उसी तरह यात्रा करते थे जैसे कि कंफर्म टिकट वाले। लेकिन इस तरह की शिकायत मिलीं कि वेटिंग टिकट वाले कुछ यात्री रेलगाड़ी में यात्रा भी कर लेते थे और इस पर रिफंड भी ले लेते थे। ऐसे में रेलवे को दोहरा नुकसान होता था।

रेलवे को होता था नुकसान

अब तो रेलगाड़ी के रवाना होने से आधा घंटा पहले ही इसे अवैध करार दिया गया है। इसलिए इस पर न तो रिफंड मिलेगा और न ही यात्रा हो सकेगी। हालांकि, रेलवे ने वेटिंग टिकट कटाने वालों को एक सहूलियत दी है कि यात्री यदि चाहे तो अनरिजवर्ड कोच मतलब जनरल डिब्बे में वे इस टिकट पर यात्रा कर सकते हैं। इसमें यह नहीं देखा जाएगा कि टिकट स्लीपर क्लास का है या एसी वन, एसी टू या अन्य श्रेणी का।

केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के करीब सात सौ करोड़ रुपए पंच सरपंचों डकारें

Present by - Toc News
भोपाल। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के करीब सात सौ करोड़ रुपए पंच सरपंच डकार गए। यह खुलासा हुआ है राज्य शासन को मिली तकरीबन चार हजार शिकायतों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की 23 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों के सवा तीन लाख से अधिक पंच-सरपंच सरकारी धन का मनमाने तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं।

राज्य और केंद्र ने ग्रामीण विकास के लिए पिछले साल 10 हजार करोड़ रुपए बजट आवंटित किया था। यह राशि विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सीधे पंचायतों के खाते में जमा की जाती है। शिकायतों के पुलिंदा से बनी यह रिपोर्ट पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री गोपाल भार्गव ने तैयार कराई है।

सरकार पंच परमेश्वर सहित छह योजनाओं के बजट की राशि सीधे ग्राम पंचायतों के खाते में डालती है, लेकिन शाला भवन हो या फिर शौचालय बनाने का फंड, सरपंचों ने निर्माण कराया नहीं और राशि या तो अन्य मद में खर्च कर दी या फिर बैंक खाते से निकाल ली। रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में हुए पंचायत चुनाव करीब आने पर कई सरपंचों ने निर्माण कार्यों का हवाला देते हुए 10 से 25 लाख रु निकाल लिए। इसमें सबसे अधिक राशि पंच परमेश्वर मद की है। यही वजह है कि इस बकाया राशि वसूल करने के उद्देश्य से ही उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करते समय पंचायत का नो ड्यूज सार्टिफिकेट भी जमा करने की शर्त रखी गई थी।

20 साल से गड़बड़ियां
पिछले 20 साल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में चार मंत्री बदल गए, लेकिन निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार कम करने के बजाय लगातार बढ़ता गया। वजह यह है कि ग्रामीण विकास के लिए बजट लगातार बढ़ रहा है। बता दें कि कांग्रेस शासनकाल में हरवंश सिंह, अजय सिंह और भाजपा के शासनकाल में नरेंद्र सिंह तोमर इस विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। सात साल से इस विभाग में गोपाल भार्गव मंत्री हैं।

रायसेन : 28 लाख खर्च, नहीं मिला पानी- 
सांची की ग्राम पंचायत अम्बाड़ी में नलजल योजना के तहत 28 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिला। उप सरपंच ने जिला पंचायत सीईओ को शिकायत में आरोप लगाया कि सरपंच ने राशि हड़प ली।

छतरपुर : फर्जी सील लगाकर निकाले 5.43 लाख-
लवकुश नगर में शौचालय निर्माण के लिए 50 ग्रामीणों को 2.30लाख रुपए दिए जाने थे, लेकिन सरपंच व सचिव ने यह रकम बैंक से निकाल ली। शिकायत सीएम हेल्प लाइन में की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

मंडला : काली रेत से बना दी सीसी रोड
जनपद पंचायत नारायणगंज के अंतर्गत मैली पंचायत में सीसी रोड के निर्माण में काली रेत का इस्तेमाल किया गया। आरोप है कि सरपंच और उपयंत्री ने 10 लाख का भ्रष्टाचार किया है। शिकायत के बावजूद सड़क बनाने वाली एजेंसी को पूरा भुगतान कर दिया।

नरसिंहपुर : कागजों पर खोद दिया कुआं
गाडरवारा के ग्राम माल्हनबाड़ा में सरपंच ने सरकारी निर्माण सामग्री का इस्तेमाल निजी मकान में कर लिया। कपिलधारा योजना के तहत सूरज बाई के घर कुआं खुदवाना था, लेकिन काम नहीं हुआ और राशि निकाल ली गई।

सागर : 50 शौचालय, राशि 3 सौ की निकाली
केसली की ग्राम पंचायत पटनाखुर्द में समग्र स्वच्छता मिशन के तहत 3 सौ शौचालयों का निर्माण होना था, लेकिन बनाए गए सिर्फ 50। सरपंच पर आरोप है कि उसने सहायक सचिव के साथ मिलकर 3 सौ शौचालय का निर्माण होने का प्रमाण पत्र कलेक्टर को दे दिया।

हेराफेरी के अनगिनत तरीके

ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए राज्य सरकार कीं विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार होने की शिकायतें मिल रही थी। इसकी जांच में यदि पंच-सरपंच दोषी पाए गए हैं तो उन्हें नियम विरुद्ध खर्च राशि जमा करना पड़ेगी। नहीं तो जेल वारंट काटा जाएगा। वसूली की कार्रवाई कई जिलों में शुरू हो गई है।'
- 'गोपाल भार्गव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री

Saturday, December 5, 2015

जोधपुर के पुलिस कन्ट्रोल रूम में देखने को मिला राजस्थान पुलिस का भ्रष्ट चेहरा

Toc News @ jodpur

हिम्मत की भी हद है।पुलिस का कन्ट्रोल रूम सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए होता है। मुसीबत की सूचना पीडि़त व्यक्ति कन्ट्रोल रूम पर देता है और फिर कन्ट्रोल रूम से संबंधित पुलिस स्टेशन को सूचना देकर पीडि़त की मदद करवाई जाती है। लेकिन यदि इसी कन्ट्रोल रूम में पुलिस का बड़ा अधिकारी रिश्वत वसूलने के दिशा-निर्देश देता हो तो इससे ज्यादा शर्मनाक और घिनौनी बात नहीं हो सकती। 5 दिसम्बर को जोधपुर कमिश्नरेट के एसीपी (पूर्व) जगदीश विश्नोई को एसीबी ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वह एक दलाल से 70 हजार रुपए रिश्वत के मंगवा रहा था। एसीबी के एसपी अजयपाल लाम्बा ने बताया कि जोधपुर के महामंदिर थाने में विनय पंवार के खिलाफ एससीएसटी में मुकदमा दर्ज था।

इस मुकदमे में एससीएसटी की धारा हटाने के लिए ही विश्नोई ने 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। योजना के मुताबिक पवार ने यह राशि दयाल डुगरदान को दी। तभी एसीपी ने डुगरदान को गिरफ्तार कर लिया और तत्काल ही एसीपी विश्नोई से मोबाइल पर बात करवाई। जोधपुर के पुलिस कन्ट्रोल रूम में बैठे विश्नोई ने कहा कि रिश्वत को लेकर कन्ट्रोल रूम ही आ जाओ। इसी आधार पर एसीबी ने विश्नोई को भी गिरफ्तार कर लिया। खुद लाम्बा को भी इस बात पर आश्चर्य है कि विश्नोई ने कन्ट्रोल रूम में बैठकर रिश्वत की राशि प्राप्त करने की हिम्मत दिखाई है।

इससे राजस्थान पुलिस का भ्रष्ट चेहरा भी उजागर हो गया है। यदि एएसपी स्तर के अधिकारी 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं तो इससे पुलिस में फैले भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिन लोगों का पुलिस से वास्ता पड़ा है उन्हें अहसास होगा कि रिश्वत दिए बिना पुलिस विभाग में कोई काम होता ही नहीं है। पासपोर्ट बनवाने के लिए निवास प्रमाण पत्र देने तक में पुलिस रिश्वत वसूलती है।

असल में पुलिस की वर्दी का असर ही कुछ ऐसा है। आरपीएस बनने से पहले जगदीश विश्नोई एक साधारण शिक्षक थे लेकिन जैसे ही विश्नोई न खादी वर्दी पहनी वैसे ही चेहरा भ्रष्ट हो गया। विश्नोई की पत्नी ने भी घरेलू हिंसा करने का मुकदमा करवा रखा है।

जोधपुर के पुलिस कन्ट्रोल रूम में देखने को मिला राजस्थान पुलिस का भ्रष्ट चेहरा

Toc News @ jodpur

हिम्मत की भी हद है।पुलिस का कन्ट्रोल रूम सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए होता है। मुसीबत की सूचना पीडि़त व्यक्ति कन्ट्रोल रूम पर देता है और फिर कन्ट्रोल रूम से संबंधित पुलिस स्टेशन को सूचना देकर पीडि़त की मदद करवाई जाती है। लेकिन यदि इसी कन्ट्रोल रूम में पुलिस का बड़ा अधिकारी रिश्वत वसूलने के दिशा-निर्देश देता हो तो इससे ज्यादा शर्मनाक और घिनौनी बात नहीं हो सकती। 5 दिसम्बर को जोधपुर कमिश्नरेट के एसीपी (पूर्व) जगदीश विश्नोई को एसीबी ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वह एक दलाल से 70 हजार रुपए रिश्वत के मंगवा रहा था। एसीबी के एसपी अजयपाल लाम्बा ने बताया कि जोधपुर के महामंदिर थाने में विनय पंवार के खिलाफ एससीएसटी में मुकदमा दर्ज था।

इस मुकदमे में एससीएसटी की धारा हटाने के लिए ही विश्नोई ने 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। योजना के मुताबिक पवार ने यह राशि दयाल डुगरदान को दी। तभी एसीपी ने डुगरदान को गिरफ्तार कर लिया और तत्काल ही एसीपी विश्नोई से मोबाइल पर बात करवाई। जोधपुर के पुलिस कन्ट्रोल रूम में बैठे विश्नोई ने कहा कि रिश्वत को लेकर कन्ट्रोल रूम ही आ जाओ। इसी आधार पर एसीबी ने विश्नोई को भी गिरफ्तार कर लिया। खुद लाम्बा को भी इस बात पर आश्चर्य है कि विश्नोई ने कन्ट्रोल रूम में बैठकर रिश्वत की राशि प्राप्त करने की हिम्मत दिखाई है।

इससे राजस्थान पुलिस का भ्रष्ट चेहरा भी उजागर हो गया है। यदि एएसपी स्तर के अधिकारी 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं तो इससे पुलिस में फैले भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिन लोगों का पुलिस से वास्ता पड़ा है उन्हें अहसास होगा कि रिश्वत दिए बिना पुलिस विभाग में कोई काम होता ही नहीं है। पासपोर्ट बनवाने के लिए निवास प्रमाण पत्र देने तक में पुलिस रिश्वत वसूलती है।

असल में पुलिस की वर्दी का असर ही कुछ ऐसा है। आरपीएस बनने से पहले जगदीश विश्नोई एक साधारण शिक्षक थे लेकिन जैसे ही विश्नोई न खादी वर्दी पहनी वैसे ही चेहरा भ्रष्ट हो गया। विश्नोई की पत्नी ने भी घरेलू हिंसा करने का मुकदमा करवा रखा है।

दाऊद की प्रॉपर्टी में रुचि दिखाने वाले पत्रकार को छोटा शकील की धमकी

Toc news
मुंबई- अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की संपत्ति 9 दिसंबर को नीलाम हो रही है। प्रॉपर्टी खरीदने में रुचि दिखने वाले एक पूर्व पत्रकार को धमकी मिली है। ये धमकी किसी और ने नहीं बल्कि छोटा शकील ने दी है।

वरिष्ठ पत्रकार बालाकृष्णन ने दावा किया है कि छोटा शकील ने मैसेज भेजकर दाऊद की संपत्ति की निलामी में हिस्सा नहीं लेने के लिए कहा है। बालाकृष्णन ने कहा कि, अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद की भिंडी बाजार की प्रॉपर्टी को सरकार नीलाम कर रही है और इस नीलामी में मैंने भी हिस्सा ले रहा हूं। नीलामी के जो भी कानून है उसे मैंने पढ़ लिया है।

उन्होंने कहा कि आज मैं प्रॉपर्टी का मुआयना करने गया था लेकिन वहां पर मौजूद दो सरकारी कर्मचारियों ने मुझे होटल को अंदर से दिखाने से इनकार कर दिया, उन्होंने कहा की जो भी आपको देखना वो बाहर से ही देखिए। जब सरकार के लोग ही डरेंगे तो आम जनता का क्या होगा।

रिश्वतखोर एसआई सतेंद्र वर्मा 50 हजार की रिश्‍वत लेते गिरफ्तार

INS NEWS @ Raipur
रायपुर। एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो ने शनिवार को अभनपुर थाने के एसआई सतेंद्र वर्मा को 50 हजार रुपए की रिश्‍वत लेते गिरफ्तार कर लिया। एसआई ने जमीन विवाद के मामले में नंद कुमार नामक एक व्‍यक्ति से रिश्‍वत मांगी थी। फरियादी की शिकायत पर एसीबी की टीम ने एसआई को रिश्‍वत लेते गिरफ्तार कर‍ लिया।

मोदी सरकार ने 32 साल बाद बीफ की चर्बी के निर्यात से प्रतिबंध हटाया

Present by - toc news
नई दिल्ली. एक तरफ देश में बीफget-'v बैन को लेकर सियासत गर्म है तो दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी सरकार ने अब भैंस, गाय आदि की चर्बी पर लगे प्रतिबंधों को 32 साल बाद हटा दिया है. 'द हिंदू' में छपी खबर के मुताबिक चर्बी की एक्सपोर्ट मार्केट में पिछले काफी समय से महीने दर महीने बड़ा बूम आ रहा है जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

मोदी सरकार ने बीफ की चर्बी निर्यात के फैसले पर 31 दिसंबर 2014 को तब मुहर लगाई थी जब डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड(DGFT) ने (buffalo tallow) पर आधिकारिक आदेश को ड्राफ्ट दिया. DGFT के आदेश के मुताबिक, ''अब टैलो एक्सपोर्ट  APEDA रजिस्टर्ड एकीकृत मीट प्लांट से ही किया जा सकता है. इसके अलावा इसे APEDA द्वारा अप्रूव्ड लेबोरेटरीज से बायो-केमिकल टेस्ट कराना भी अनिवार्य होता है.''

जनवरी से लेकर मार्च 2015 तक 29.85 लाख की 74 हजार किलो चर्बी को एक्सपोर्ट किया गया. जबकि अप्रैल से अगस्त तक इस साल यह बढ़कर 36 गुना यानी तकरीबन 10.95 करोड़ हो गया. अप्रैल से अगस्त के बीच करीबन 2.7 मिलियन किलो मीट एक्सपोर्ट किया गया. टैलो एक्सपोर्ट की कीमत में भी लगभग 40 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी देखी गई.

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 'पिंक रिवॉल्यूशन' को जोरों-शोरों से उठाया था और उन्होंने देश में मीट एक्सपोर्ट की भी कड़ी निंदा की थी. चुनाव के समय नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार पर ये कह कर हमला बोला था कि मनमोहन सरकार चोरी-छिपे मीट निर्यात को बढ़ावा दे रही है. पहली बार इसके लिए 'गुलाबी क्रांति' यानी 'पिंक रिवॉल्यूशन' शब्द का इस्तेमाल हुआ था. अब सवाल उठ रहा है कि मोदी ने जिसे 'पिंक रिवल्यूशन' कहा था क्या वह महज एक चुनावी मुद्दा था?

पहले भी हुआ है विवाद
इससे पहले भी आज से 32 साल पहले देश भर में वनस्पति घी में बीफ टैलो होने की बात को लेकर काफी बवाल मचा था. इस मुद्दे को उस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी और दूसरे विपक्षी नेताओं ने उठाया था. इन लोगों ने उस समय इस मुद्दे को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के खिलाफ एक बड़े राजनीतिक मुद्दे की तरह इस्तेमाल किया था.

जिसके बाद उग्र होते इस विवाद को लेकर उस समय इंदिरा गांधी ने टैलो इंपोर्ट को बैन कर दिया था. इसके अलावा उन्होंने सीबीआई जांच के आदेश भी दिए थे. इसे लेकर देशभर में कई गिरफ्तारियां भी हुई थीं.  सवाल उठता है कि मीट के निर्यात में हर साल इजाफा क्यों हो रहा है.

मीट निर्यात से जुडे लोग और व्यापारियों और जानकारों का कहना है कि लगातार बढती मांग और अच्छी गुणवता के चलते मीट निर्यात में लगातार बढोतरी हो रही है.

दो मासूम बच्चों के लिए घर बना चिता, जिंदा जलने से भाईयों की मौतtt

Toc News @ Dindori
डिंडौरी में दो मासूम बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई. घटना के वक्त दोनों बच्चे झोपड़ी में अकेले थे.
मामला जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के बिलगड़ा गांव का है. यहां शनिवार दोपहर को एक झोपड़ी में अचानक आग लगने से छह साल के अंकित और तीन साल के शशिकांत की झुलसने से मौत हो गई.
घटना के वक्त दोनों बच्चे घर पर अकेले ही थे, जबकि माता-पिता काम पर गए हुए थे.
अभी आग लगने की वजह का खुलासा नहीं हो सका है. इस हादसे में झोपड़ी भी पूरी तरह जलकर खाक हो गई.
घटना की जानकारी मिलने पर शाहपुर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है. पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए दोनों के शव को अपने कब्जे में ले लिया है.
झोपड़ी पूरी तरह जलकर खाक होने की वजह से पुलिस को प्रथम दृष्टया कोई सबूत हाथ नहीं लगा है.

मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने न्यायमूर्ति श्री के.एम.अग्रवाल के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया

 Toc news
रायपुर, 05 दिसम्बर 2015
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के प्रथम लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्री के.एम. अग्रवाल के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।उन्होंने स्वर्गीय श्री अग्रवाल के शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है।मुख्यमंत्री ने आज यहां जारी शोक संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र स्वर्गीय श्री अग्रवाल एक विद्वान और प्रतिभावान कानून विशेषज्ञ थे।उन्होंने मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश, आंध्रप्रदेश में ही लगभग साढ़े तीन साल तक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, सिक्किम हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और नई दिल्ली में केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के अध्यक्ष के पद पर अपनी मूल्यवान सेवाएं दी।न्यायमूर्ति स्वर्गीय श्री अग्रवाल वर्ष 2002 से 2008 तक छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम लोकायुक्त भी रह चुके थे। उनके निधन से छत्तीसगढ़ ने और देश ने एक कुशल न्यायविद को हमेशा के लिए खो दिया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
नमस्कार साथियों
🙏🏻
मेरी माताजी के स्वर्गवास होने के कारण मेरे सभी संस्थानों के कार्यों में विराम लगा था, माताश्री की जबलपुर में श्रद्धांजंलि होने के पश्चात पुन: सभी कार्यों का संचालन सुचारु रुप से शुरू हो गया है, इस दुख:द घड़ी में प्रदेश के सभी पत्रकार साथियों ने जो सहयोग, और हिम्मत दिया उसके लिए ह्रदय से धन्यवाद, आप सभी अब व्यवसायिक कार्यों के लिए सम्पर्क कर सकते है.
फिर वही तीखी खबरों के साथ मैं आपके साथ.
धन्यवाद
🙏🏻
आपका
विनय जी. डेविड
9009844445
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🔹आई एन एस न्यूज टीवी चैनल
चैनल हेड मप्र/छग
🔹राष्ट्रीय पत्रकार संगठन " आइसना "
स्टेट जनरल सेकेट्री, मध्यप्रदेश
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🔹आरटीआई एक्टीविस्ट फोरम,
स्टेट जनरल सेकेट्री, मध्यप्रदेश

अवैध रूप से जे सी बी मशीन लगाकर मिटटी का उत्खनन जारी

toc news @ Satna

मैहर/फोर लेने निर्माण को लेकर जारी हुआ अवैध खनन स्थानीय प्रशासन को दी गई जानकारी घण्टो बाद भी नहीं पंहुचा प्रशासनिक अमला ज्ञात हो की कटनी रोड स्थित महर्षि स्कूल के समीप बने तालाब से विगत कई दिनों से रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक अवैध रूप से जे सी बी मशीन लगाकर मिटटी का उत्खनन किया जा रहा है वही दिन के समय ग्राम हरदुआ में बने तालाब से मसीनो के द्वारा उत्खनन का कार्य बिना प्रशासनिक अनुमति या पिटपास के किया जा रहा है यह मिटटी ट्रको के माद्यम से फोरलेन निर्माण में भेजी जा रही है इस बात की जानकारी जब स्थानीय प्रशासन को दी गयी तो एसडीएम और तेहसिलदार ने इसे अवैध तो बताया लेकिन मसीनो की जप्ती और कार्यवाही हेतु घण्टो बाद भी नहीं पहुचें ।

Friday, November 27, 2015

मप्र पुलिस: 228 नगरनिरीक्षकों को डीएसपी बनाया

भोपाल।मप्र पुलिस मुख्यालय ने मंजूरी मिलते ही डीएसपी की प्रमोशन लिस्ट जारी कर दी है। कुल228 नगरनिरीक्षकों को डीएसपी बनाया गया है।
1.इंद्रवीर सिंह भदौरिया - भिंड से पीएचक्यू
2.धरमवीर सिंह - लोकायुक्त संगठन में यथावत
3.महेंद्र के शर्मा - आजाक मुरैना से पीएचक्यू
4.आरके रिछारिया - रीवा से पीएचक्यू
5.अखिल कुमार वर्मा - जबलपुर से पीएचयू
6.अभिमन्यु मिश्रा - सतना से पीएचक्यू
7.प्रमोद कुमार शर्मा - दूरसंचार भोपालसे पीएचक्यू
8.मनीष राजौरिया - श्योपुर से पीएचक्यू
9.धीरेंद्र एस चौहान - सतना से पीएचक्यू
10.बेतलदास आर्य - अशोकनगर से पीएचक्यू
11.शंकरसिंह पटेल - दूरसंचार भोपाल से पीएचक्यू
12.महेंद्र सिंह बड़गुर्जर - आजाक पीएचक्यू से पीएचक्यू
13.एआर नेगी - सीहोर से पीटीसी इंदौर
14.प्रदीप बख्शी - इंदौर से पीएचक्यू
15.अनिल तिवारी - सीहोर से पीएचक्यू
16.रविकुमार सिंह चौहान - जबलपुर से पीएचक्यू
17.अजय सिंह राठौर - अनूपपुर से पीएचक्यू
18.राकेश शंखवार - देवास से पीएचक्यू
19.सतीश कुमार चतुर्वेदी - जबलपुर से ईओडब्ल्यू
20.प्रकाश मिश्रा - राजगढ से पीएचक्यू
21.रामबाबू शर्मा - गुना से पीएचक्यू
22.बिट्टू शर्मा - प्रशिक्षण भोपाल से पीएचक्यू
23.राजेंद्र सिंह रघुवंशी - भोपाल से रेल मुख्यालय
24.संतोष कुमार निगम - कटनी से पीटीएस रीवा
25.अजीत पटेल - खंडवा से पीएचक्यू
26.अशोक तिवारी - इंदौर से पीएचक्यू
27.शैलेंद्र मार्टिन - जेएनपीए सागर सेपुलिस अकादमी भौंरी
28.श्रीनाथ एस बघेल - शहडोल से पीएचक्यू
29.कमल कुमार जैन - दूरसंचार भोपाल से पीएचक्यू
30.शालिगराम पाटीदार - नीमच से पीएचक्यू
31.भारतभूषण शर्मा - उज्जैन से पीएचक्यू
32.दिबाकर सिंह बघेल - धार से पीएचक्यू33.राजेश तोमर - ग्वालियर से पीटीएस तिगरा
34.रामदयाल मिश्रा - देवास से ईओडब्ल्यू
35.गंगाराम कसेटा - जबलपुर जीआरपी से पीएचक्यू
36.नंदकिशोर कोली - राजगढ़ से पीएचक्यू
37.रविप्रकाश सिंह भदौरिया - ग्वालियर से पीएचक्यू
38.वीरेंद्र कुमार मिश्रा - आजाक भोपालसे पीएचक्यू
39.धर्मेंद्र एस तोमर - शिवपुरी से पीएचक्यू
40.हरीशंकर तिवारी - श्योपुर से पीएचक्यू
41.कीर्ति कुमार अग्रवाल - लोकायुक्त संगठन में यथावत
42.प्रवीण कुमार जैन - जबलपुर से पीएचक्यू
43.प्रशांत मुकादम - लोकायुक्त संगठन से पीएचक्यू
44.वीके विश्वकर्मा - ईओडब्ल्यू मंेें यथावत
45.नवलकिशोर यादव - पीटीएस सागर से लोकायुक्त संगठन
46.देवेेंद्र कुमार सैनी - उज्जैन से पीएचक्यू
47.चंदन सिंह सूरमा - राजगढ से पीएचक्यू
48.अनिल कुमार शुक्ला - ग्वालियर पीएक्यू
49.राजेंद्र प्रसाद मिश्रा - ग्वालियर से पीएचक्यू
50.राजेश सिंह राठौर - शिवपुरी से पीएचक्यू
51.अरविंद कुमार तिवारी - उमरिया से पीएचक्यू
52.धरमराज सूर्यवंशी - उज्जैन से पीएचक्यू
53.शिवचरण दीक्षित - विदिशा से पीएचक्यू
54.राकेश मोहन शुक्ला - उज्जैन से पीएचक्यू
55.भूपेंद्र सिंह - भोपाल से पीएचक्यू
56.उमेश कुमार - मुरैना से पीएचक्यू
57.शंकरलाल सेनिया - खंडवा से लोकायुक्त संगठन
58.दिलीप कुमार झरवड़े - होशंगाबाद से लोकायुक्त
59.सुरेश शैजवार - भोपाल से पीएचक्यू
60.लक्ष्मण अनुरागी - सागर से पीएचक्यू
61.आनंद राहा - शिवपुरी से पीएचक्यू
62.शिवकुमार सिंह - बैतूल से पीएचक्यू
63.संजय चतुर्वेदी - इंदौर से पीएचक्यू
64.विनोद कुमार शर्मा - आजाक इंदौर से पीएचक्यू
65.रविशंकर पांडे - रीवा से पीएचक्यू
66.ओमप्रकाश शर्मा - मंदसौर से पीएचक्यू
67.गोपाल सिंह चौहान - भोपाल से पीएचक्यू
68.मनोज कुमार रत्नाकर - इंदौर से रेल मुख्यालय69.त्रिलोक सिंह तोमर - देवास से पीएचक्यू70.दिलीप जोशी - देवास पीएचक्यू71.एसएल सिसौदिया - राजगढ से पीएचक्यू72.मुकेश के अविंदा - जबलपुर से पीएचक्यू73.देवलाल प्रेमकिशोर - आजाक से पीएचक्यू74.शशिभूषण सिंह - गुना से पीएचक्यू75.राजेंद्र बाबू शर्मा - लोकायुक्त संगठन यथावत76.शैलेंद्र श्रीवास्तव - इंदौर से पीएचक्यू77.कृष्णकुमार वर्मा - एससीआरबी से पीएचक्यू78.अभयराम चौधरी - बैतूल से पीएचक्यू79.वीरेंद्र सिंह कुशवाह - मुरैना से पीएचक्यू80.भारतभूषण चौधरी - धार से पीएचक्यू81.कौशल सिंह - नरसिंहपुर से पीएचक्यू82.लक्ष्मण सिंह गुर्जर - मंदसौर से पीएचक्यू83.जितेंद्र कुमार शिंदे - जीआरपी भोापल से पीएचक्यू84.देवीसिंह ठाकुर - सिवनी से पीएचक्यू85.अनवर सिंह चंद्रवंशी - खरगोन से पीएचक्यू86.अंतर सिंह जामरा - सीआईडी से पीएचक्यू87.खुमान सिंह - जबलपुर से पीएचक्यू88.लालदेव सिंह - अनूपपुर से पीएचक्यू89.कलावती डामोर - नारकोटिक्स इंदौर सेपीएचक्यू90.शिवनंदन कुमरे - सतना से पीएचक्यू91.ओमदास टांडिमा - सागर से पीएचक्यू92.लेखराम सिंह - मंडला से पीएचक्यू93.काशीराम करवेती - अनूपपुर से पीएचक्यू94.भानुमति उईके - छिंदवाड़ा से पीएचक्यू95.मानसिंह चौहान - पीटीएस पचमढ़ी से पीएचक्यू96.लक्ष्मी कश्यप - होशंगाबाद से पीटीएस पचमढी97.फूलचंद टेकाम - छिंदवाड़ा से पीएचक्यू98.फहाड़ सिंह कन्नाौजे - बड़वानी से पीएचक्यू99.दिनेश सिंह चौहान - आजाक खंडवा से पीएचक्यू100.प्रेमनारायण गोयल - ईओडब्ल्यू मेंयथावत101.अनिरुध्द भाटिया - धार से ईओडब्ल्यू102.लोकेश कुमार मार्को - आजाक बालाघाट से पीएचक्यू103.जौहरीलाल इनावाती - एससीआरबी से पीएचक्यू104.राजेश सूलिया - बुरहानपुर से पीएचक्यू105.दिनेशचंद्र पटषल - लोकायुक्त में यथावत106.त्रिलोक चंद्र पवार - नीमच से पीएचक्यू107.पुरषोत्तम सिंह मरावी- खंडवा से पीएचक्यू108.मेहंती मराबी - लोकायुक्त से पीएचक्यू109.उमाकांति आर्मो - जबलपुर से पीएचक्यू110.उमराव सिंह - जबलपुर से जेएनपीए सागर111.शिवदास सिंह सोलंकी - खरगोन से पीएचक्यू112.मोहनलाल पुरोहित - रतलाम से पीएचक्यू113.देवसर पुरोहित - अलीराजपुर से पीएचक्यू114.इंदुशोभा सैनी - जेएनपीए सागर यथावत115.घनश्याम प्रसाद दुबे - भोपाल से पीएचक्यू116.भंवर सिंह सिसौदिया - नीमच से पीएचक्यू117.जगदीश भट्ट - ग्वालियर से पीएचक्यू118.मोहन सारवाल - भोपाल से पीएचक्यू119.रमेश कुमार गहलोत - ध्ाार से पीएचक्यू120.संजय जैन - भोपाल से पीएचक्यू121.बबीता बामनिया - रायसेन से पीएचक्यू122.राजेश गुप्ता - पीटीएस तिगरा से पीएचक्यू123.मो असलम खान - उमरिया से पीएचक्यू124.जिया खुर्शीद खान - रीवा से पीएचक्यू125.ओमप्रकाश त्रिपाठी - ईओडब्ल्यू यथावत126.पूरनमल जैन - मुरैना से पीएचक्यू127.नरेंद्र सिंह गहरवाल - इंदौर से लोकायुक्त संगठन128.प्रदीप रामावत - इंदौर से पीएचक्यू129.राघवेंद्र सिंह परमार - ग्वालियर से पीएचक्यू130.नरेंद्र सिंह राठौर - रायसेन से लोकायुक्त संगठन131.अनिलकुमार त्रिपाठी - सीहोर से पीएचक्यू132.कृपाशंकर द्विवेदी - जबलपुर से पीएचक्यू133.बद्रीप्रसाद तिवारी - आजाक गुना से पीएचक्यू134.उपेंद्र नारायण परिहार - पीटीएस तिगरा से पीएचक्यू135.टीकाराम पटैैैैरिया - छतरपुर से पीएचक्यू136.रामचंद्र भाकर - एससीआरबी से पीएचक्यू137.महेंद्र मालवीय - भोपाल से पीएचक्यू138.बद्रीप्रसाद वर्मा - खंडवा से पीएचक्यू139.विजय पुंज - छिंदवाड़ा से पीएचक्यू140.सुदेश कुमार सिंह - दमोह से यातायात जबलपुर141.रामेश्वर प्रसाद चौबे - धार से पीटीसी इंदौर142.दिनेश सिंह - भोपाल से पीटीसी इंदौर143.मुकेश दीक्षित - देवास से पीटीएस पचमढ़ी144.विनोद पांडे - होशंगाबाद से तिगरा145.संतोष मिश्रा - रायसेन से पीएचक्यू146.अजय सिंह चौेहान - दतिया से ग्वालियर147.पंकज परमार -बालाघाट से जबलपुर148.सुनील कुमार - शाजापुर से इंदौर149.संतोष शुक्ला - खंडवा से भौरी भोापल150.मोहित कुमार बडवंकर - इंदौर से पीएचक्यू151.अजय वाजपेयी - भोपाल से पुलिस लाइनभोापल152.विजय सिंह भदौरिया -मुरैना से तिगरा153.किरण कुमार शर्मा - उज्जैन से पुलिस लाइन उज्जैन154.नितिन दीक्षित - उज्जैन से पीएचक्यू155.पराग खरे - बड़वानी से पीएचक्यू156.आंनद स्वरूप सोनी - कटनी से उमरिया157.महेंद्र सिंह चौहान - टीकमगढ से जेएनपीसागर158.उमाकांत चौधरी - बुरहानपुर से पीएचक्यू159.एसएस रिजवी - इंदौर से पीएचक्यू160.राजेश गुरू - भोापल से ईओडल्यू161.रामबाबू पाठक - 23वीं वाहिनी भोपाल से पीएचक्यू162.रविश श्रीवास्तव - छिंदवाड़ा से पीएचक्यू163.सुरेश सिंह यादव - मुरैना से 7वी बटालियन भिंड164.संजय पोद्दार - ग्वालियर से हाइकोर्ट ग्वालियर165.महादेव बर्मन - दतिया से 23वीं बटालियन भोपाल166.भवेंद्र गोयल - 15वीं वाहिनी इंदौर से हाइकोर्ट इंदौर167.रामानंद मोगलिया - ग्वालियर से दतिया168.नारायण चौधरी - ग्वालियर से 17वी बटालियन भिंड169.पुष्पेंद्र आठिया - धार से 32 वीं बटालियन उज्जैन170.महेंद्र सूर्यवंशी - इंदौर से 26वी बटालियन गुना171.विनोद चंदेल - इंदौर से 32वीं बटालियन उज्जैन172.प्रवीण बघेल - इंदौर से पहली वाहिनी इंदौर173.तरूण कुमार पटले - भोपाल से हाकफोर्स भोपाल174.भैयालाल प्रजापति - भोपाल से पीएचक्यू175.अजीत शाक्य - द्वितीय बटालियन ग्वालियर से हाक फोर्स176.नंदकिशोर मालवीय - 32वीं वाहिनी उज्जैन से 34वीं वाहिनी धार177.संतोष हाडा - उज्जैन से हाकफोर्स178.राजेश खेड़े - धार से हाकफोर्स179.अजय बहादुर- धार से जावरा180.शैलेंद्र सिंह ठाकुर - धार से हाकफोर्स181.नरेंद्र बैस - छिंदवाड़ा से 6वीं बटालियन जबलपुर182.दिलीप चंद्र छारी - ग्वालियर से 14वीं बटालियन ग्वालियर183.प्रधुम्न पाराशर - ग्वालियर से हाक फोर्स184.प्रवीण सिंह परिहार - ग्वालियर से शिवपुरी185.शाहिद अहमद - 29 वीं बटालियन दतिया से 23वीं वाहिनी मंडला186.शिवजी ओझा - भोपाल से पीएचक्यू187.मनोज जयमौला - इंदौर से भौंरी भोपाल188.जयदीप सूद - भोापल से हाकफोर्स189.इंद्रजीत छाबड़ा - भोपाल से हाकफोर्स190.प्रहलाद सिंह - 10वीं वाहिनी सागरयथावत191.मानसिंह - गुना से 35वीं बटालियन मंडला192.श्रीपत धुर्वे - 8वीं बटालियन छिंदवाड़ा यथावत193.शिवकुमार विल्सन - 6वीं वाहिनी जबलपुर यथावत194.सीएम बरकडे - मंडला से 36वीं बटालियन बालाघाट195.फोर्नियस मिंज - भोपाल से पीएचक्यू196.किशोर खड़तोरकर - भोपाल से डायल- 100197.धरमवीर सिंह - रेडियो से डायल 100198.दिनेश ठाकुर - छिंदवाड़ा से रेडियो छिंदवाड़ा199.संजीव कुमार दुबे - रेडियो से डायल100200.घनश्याम सिंह - पीआरटीएस इंदौर यथावत201.फन्नाालाल तिवारी - रेडियो मंडला से डीएसपी रेडियो शहडोल202.संजय नामदेव - रेडियो सागर से रेडियो होशंगाबाद203.सुभाष सिंह - रेडियो इंदौर से पीआरटीएस इंदौर204.महावीर श्रीवास्तव - रेडियो ग्वालियर यथावत205.नरेशदयाल सक्सेना - एससीआरबी भोपाल से डायल 100 भोपाल206.संजीव नागर - दतिया से विशेष शाखा (एसबी) पीएचक्यू207.अरूण कुमार मिश्रा - सीधी से एसबी पीएचक्यू208.राकेश पाठक - छतरपुर से एसबी पीएचक्यू209.भागीरथ मालवीय - भोपाल से एसबी पीएचक्यू210.ओमप्रकाश श्रीवास्तव - भोपाल से एसबी पीएचक्यू211.सुरेंद्र सिंह सिकरवार - भोपाल से एसबी पीएचक्यू212.विजयकुमार मिश्रा - प्रशिक्षण भोपाल से एसबी पीएचक्यू213.जितेंद्र सिंह कुशवाह - एसटीएफ भोापाल से एसबी पीएचक्यू214.संजय सिंह ठाकुुर - एटीएस भोपाल सेएसबी पीएचक्यू215.राजेंद्र कुमार खंगार - गुना से एसबी पीएचक्यू216.महेश मरगावे - झाबुआ से एसबी पीएचक्यू217.रामलाल शाहिदे - खरगोन से एसबी पीएचक्यू218.शिवचरण आर्य - विसबल इंदौर से पीएचक्यू219.तसलीम खान - भोपाल से पीएचक्य

Sunday, November 22, 2015

डाक्टरों ने नंबर दो में लिए करोड़ों रुपए

Toc news
भोपाल.  जबलपुर में अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान चलाने वालो दो समूहों ने आयकर छापामारी के पांचवें दिन अपनी ओर से 50 करोड़ रुपए सरेंडर कर दिए। 35 में से ज्यादातर ठिकानों पर देर रात तक छानबीन पूरी हो गई। आयकर अफसरों ने ऐसे दस्तावेज जब्त किए हैं जिनमें अनेक डॉक्टरों के नाम पर करोड़ों रुपए का लेनदेन दर्ज है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अघोषित संपत्ति का दायरा 100 करोड़ से अधिक निकलने की संभावना है।

आयकर अफसरों को जबलपुर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर एवं मेट्रो हास्पिटल समूह व उनसे जुड़े अन्य संस्था संचालकों के बही-खाते, कम्प्यूटर व लैपटॉप में जो ब्योरा मिला है उसमें जबलपुर के 12-14 ऐसे डाक्टरों के नाम पते भी मिले हैं, जिन्हें इन्होंने कालेधन के रूप में करोड़ों रुपए का भुगतान किया। विभाग ने ऐसे डाक्टरों की सूची तैयार कर ली है, साथ ही उनके बैंक अकाउंट्स और संपत्ति का ब्योरा भी खंगाला जा रहा है। इनमें से एक वरिष्ठ डॉक्टर के यहां दो दिन पहले छापे की कार्रवाई भी शुरू की गई जो कि शनिवार देर रात पूरी हो गई।

चौंकाने वाले दस्तावेज
नर्सिंग इंस्टीट्यूट, फार्मास्युटिकल फर्म और मेडिकल स्टोर्स से भी अनेक चौंकाने वाले दस्तावेज मिले हैं। मेडिकल और पैरा मेडिकल यूनिट्स संचालन में ये समूह ट्रस्ट के तहत मिलने वाले फायदे ले रहे हैं, लेकिन नियमों का उल्लंघन भी करते पाए गए। इनमें सत्य साईं कैंसर सोसायटी का नाम भी दस्तावेजों में सामने आया है।

होगी टैक्स वसूली
आयकर सूत्रों का कहना है कि दोनों समूहों ने स्वेच्छा से 50 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति पर टैक्स देने पर सहमति जताई है। लेकिन दस्तावेजों की छानबीन में अस्पताल समूहों और उनसे जुड़े डाक्टर व अन्य कारोबारियों के यहां 100 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति मिलने की संभावना है। विभागीय अफसर दस्तावेजों की छानबीन के बाद टैक्स एवं जुर्माना वसूलने की कार्रवाई करेंगे

हर जिला मुख्यालय पर बनेगा तीन मंजिल मीडिया सेंटर

पत्रकारो को सीएम अखिलेश का तोहफा
Toc news

उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार पत्रकारों को तोहफा देने के मूड में है। दरअसल खबर है कि प्रदेश के हर जिले में सरकार तीन मंजिला मीडिया सेंटर की स्थापना की योजना बना रही है। इस मीडिया सेंटर में जिला सूचना कार्यालय, प्रेस क्लब शासन और प्रशासन के अधिकारियों और पत्रकार लोगों के बैठने के लिए मीटिंग हाल होगा।
इस योजना को अम्लीय जामा पहनाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक ने राजकीय निर्माण निगम से मीडिया सेंटर के लिए भूमि, नक्शा और ऐस्टीमेट मांगा है।
प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक आशुतोष निरंजन ने प्रदेश के सभी डीएम को पत्र भेजकर ये जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के सभी जिलों में एक प्रेस मीडिया सेंटर की स्थापना की अनुमति दी है, जो तीन मंजिला होगी और इस भवन में जिला सूचना कार्यालय, जनसामान्य एवं मीडिया के लोगों के लिए जिला सूचना केंद्र, प्रेस क्लब शासन और प्रशासन के प्रतिनिधियों और अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों की सुविधा के लिए मीडिया हाल का निर्माण होगा।

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Friday, November 20, 2015

लालू के बेटे तेजस्वी यादव के सिर पर है 34 लाख का लोन..

पहली गेंद पर छक्का जड़ने वाले लालू के बेटे तेजस्वी यादव के सिर पर है 34 लाख का लोन..            
          पटना: राष्ट्रीय जनता दल     (जेडीयू) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को ही पार्टी विधायक दल का नेता बनाया जाएगा। पहली बार विधायक बने तेजस्वी नवगठित विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के प्रमुख बन जाएंगे, साथ ही मुख्यमंत्री पद की फिर से शपथ लेने वाले नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में भी उन्हें शामिल किए जाने के रास्ता साफ हो जाएगा।

ऐसा कहा जा रहा है कि तेजस्वी को राज्य का उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है। बिहार की राजनीति के इस अहम शख्स ने राघोपुर सीट से चुनाव लड़ा था और नामांकन भरने के दौरान उन्होंने खुद को नवीं पास बताया था। दिलचस्प बात ये है कि पहली गेंद पर ही छक्का जड़ने वाले तेजस्वी ने अपने जन्मदिन के दिन ही अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज की थी।

करोड़ों की संपत्ति के मालिक
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी भले ही मैट्रिक पास ना हो, लेकिन वह करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। तेजस्वी यादव ने 2014-15 के सालाना आयकर रिटर्न में 5,08,019 की आमदनी बताई है। उन्होंने अपनी कुल संपत्ति करीब एक करोड़ चालीस लाख रुपये बताई है। इसके साथ ही तेजस्वी ने बताया कि उनके पास एक लाख बीस हजार नकद है, जबकि उन्होंने 34 लाख रुपये का बैंक लोन ले रखा है।

चुनाव के लिए हलफनामे में तेजस्वी ने खुद को पेशे से समाजसेवी और व्यवसायी बताया था। अलग-अलग बैंको में सात बैंक अकॉउंट रखने वाले तेजस्वी ने कई कंपनियों में भी निवेश कर रखा है और उनके पास दस तोला सोने के जेवर भी हैं। इसके साथ ही उन्होंने खुद पर एक संज्ञेय अपराध का मामला होने का भी जिक्र किया है।

राघोपुर और महुआ में जीते तेजस्वी व तेज प्रताप

गौरतलब है कि इस बार के चुनाव के ज़रिए तेजस्वी ने पहली बार राजनीति में अपनी क़िस्मत आज़माई। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार के लिए दोहरी खुशी लेकर आए। महागठबंधन को बड़ी जीत मिलने के साथ ही उनके दोनों बेटों ने भी अपने जीवन के पहले चुनाव में विजय हासिल की। लालू के दोनों बेटों तेजस्वी प्रसाद यादव और तेज प्रताप यादव ने अपने-अपने क्षेत्रों से जीत हासिल की।
तेजस्वी ने राघोपुर में भाजपा के सतीश कुमार को 22,733 मतों से पराजित किया। अतीत में लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। राघोपुर की सीट से उनके पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी दो-दो बार विधायक रह चुके हैं।

Thursday, November 19, 2015

भतीजे ने संबंध बनाने से किया इनकार, आंटी ने काटा गुप्तांग

Toc News
मुंबई। रिश्तों की गरिमा को मुंबई के मोरेगांव में महिला ने तार-तार कर दिया। यहां चाची ने अपने ही भतीजे के साथ शारीरिक संबंध का दबाव डाला लेकिन जब भतीजे ने इनकार किया तो उसे चाकू मार दिया।

पति का किसी और से अफेयर होना, पत्‍नी के प्रति क्रूरता नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नाला सोपारा में रहने वाले 30 वर्षीय जितेंद्र विश्वकर्मा को अपनी ही चाची की विभत्सता का शिकार होना पड़ा। वहीं जब जितेंद्र को खून से लथपथ उनकी पत्नी ने देखा तो उन्होंने आनन फानन में पुलिस को फोन करके जितेंद्र को अस्पताल पहुंचाया।
दरअसल जीतेंद्र जब एक काम के सिलसिले में भोपाल गये थे, वहां उनकी मुलाकात उनकी आंटी रीना से हुई। पुलिस के मुताबिक जीतेंद्र और रीना के बीच तीन महीने तक अवैध संबंध रहा।

वहीं जब जीतेंद्र वापस अपने घर मुंबई लौटा तो उसकी आंटी रीना भी कुछ दिन बाद मुंबई आ गयी। जीतेंद्र और उसकी आंटी रीना के बीच संबंध की भनक जीतेंद्र की पत्नी को लग गयी थी।
लेकिन जब जीतेंद्र की आंटी रीना मुंबई वापस आयी तो उसने जीतेंद्र को अपनी पत्नी से संबंध खत्म करके उसके साथ रहने को कहा लेकिन किसी तरह से जीतेंद्र ने अपनी अपनी पत्नी को इस बात के लिए मना लिया कि वह रीना को उसके घर में ही रहने दे।

इस बीच मुंबई में अपने घर में भी जीतेंद्र का अपनी आंटी रीना के साथ संबंध कायम रहा। लेकिन जब रविवार को जीतेंद्र ने अपनी आंटी से संबंध बनाने से इनकार किया तो रीना ने जीतेंद्र का गुप्तांग ब्लेट से काट दिया। यही नहीं उसने जीतेंद्र के पेट और पीठ पर चाकू से वार किया।
जीतेंद्र बुरी तरह से जख्मी हो गए।

आदेश मप्र सरकार का, कलेक्टर की हुई छिछालेदारी, आदेश में टीवी का जिक्र नही


राजगढ़ । जिले के विभिन्न तहसीलदारों को फसल क्षतिपूर्ति मुआवजे के सर्वेदल को निर्देश देने सम्बंधित आदेश भले ही कलेक्टर ने दिया हो लेकिन यह आदेश आया तो मप्र शासन से ही साथ ही उस आदेश में कहीं भी एसा नही लिखा हुआ था की जिस किसान के घर टीवी होगी उस किसान को मुआवजा नही मिलेगा।  लेकिन कल गंगाजल न्यूज की खबर प्रकाशन के बाद विभिन्न टीवी चैनल एवं मिडिया ने तोड़ मरोड़ कर खबर को पेश किया । यही वजह है की राजस्वमंत्री रामपालसिंह भी आज अपने बयानों में कलेक्टर राजगढ़ से नाराज दिखे , जबकि वास्तविक आदेश में 18 बिंदु दिए गए हैं । हालांकी उन 18 बिन्दुओ को अगर मान्य किया गया तो प्रदेश का एक भी किसान फसल क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने की श्रेणी में नही आएगा ।

यह है वो 18 बिंदु ।

1. शासकीय सेवक
2. सेवा निवर्त शासकीय सेवक
3. व्यापारी
4. प्राइवेट स्कुल संचालक
5. पेट्रोल पम्प संचालक
6. गैस एजेंसी संचालक
7. पुजारी अथवा धार्मिक स्थल पर सेवारत
8. अतिक्रामक
9. किसी भी राजनितिक दल का पदाधिकारी
10. सेवाभूमि धारक
11. पटेल
12. दूध डेयरी संचालक
13.आयकर एवं वृत्तिकर दाता
14. समस्त प्रकार के बड़े दूकानदार
15. ट्रेक्टर या चार पहिया वाहनधारी
16.खेती के अतिरिक्त अन्य कोई धंधाकार
17.क्रिमिलयेर के अंतर्गत आनेवाले खाता धारी
18. अन्य

एसईसीएल का अधिकारी एक लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार

TOC News @
शहडोल। सीबीआई की टीम ने एसईसीएल के अधिकारी को बुढ़ार में अपने ही कर्मचारी से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार एसईसीएल का अधिकारी ज्योति बैनर्जी अपने ही एक कर्मचारी की विभागीय जांच कर रहा था। इसी जांच को कर्मचारी के पक्ष में करने अधिकारी ने कर्मचारी से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत कर्मचारी ने सीबीआई से कर दी थी। सीबीआई की टीम ने गुरुवार सुबह कार्रवाई करते हुए अधिकारी को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। कार्रवाई अभी जारी है।

Wednesday, November 18, 2015

नगर में रह रहे नागरिक नगरपालिका में पंजीयन कराएं एवं गंज बासौदा के मतदाता बनें-सक्सेना

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गंज बासौदा- अनेक वर्षों से कई गांवों के लोग गंज बासौदा में निवास कर रहे हैं यहाँ तक कि उन्होंने अपने मकान भी नगर के बिभिन्न वार्डों में बना लिए हैं उनके बच्चे भी गंज बासौदा में ही पढ़ रहे हैं कई वर्षों से नगर में रहने के कारण उनका भी अधिकार है कि वे अब नगरपालिका में ही अपना पंजीयन करा लें तथा जिस वार्ड में वे निवासरत हैं

उस वार्ड के सम्मानपूर्वक स्थानीय निवासी कहलायें एवं गंज बासौदा के चतुर्मुखी विकास में योगदान दें उक्त नैतिक कार्य से नगरपालिका गंज बासौदा के नागरिक  कहलाने का गौरव उन्हें  भी हासिल होगा तथा दो दो जगह गांव में व नगर में रहने के प्रमाणपत्र देने के संदेहास्पद घेरे में आने से भी बच जायेंगे क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं गंज बासौदा को जिला बनाओ अभियान के संयोजक शैलेन्द्र सक्सेना ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए  एवं जनहित में उक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि गंज बासौदा के चतुर्मुखी विकास एवं  निकट भविष्य में जिला बनने की  पूरी सम्भावना के मद्देनजर हजारों नागरिकों को जो वर्षों से नगर में बिभिन्न वार्डों में रह रहे हैं को इस कार्य को नगरपालिका के हित में नगर के विकासके हित में अवश्य करना चाहिए.

शैलेन्द्र सक्सेना ने बताया कि इस नगर एवं नगरपालिका के हित में अत्यंत लाभकारी कार्य  के लिए वे जन हित में यह मुहिम चला रहे हैं सभी सम्माननीय नागरिकों से पूर्ण सहयोग की अपेक्षा है यदि बिभिन्न वार्डों में रहने वाले नागरिकों की संख्या एक लाख से ऊपर हो जायेगी तो हम सभी मिल कर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं देश की सशक्त नेता व विदेशमन्त्री सांसद सुषमा स्वराज के सम्मुख गंज बासौदा  के चतुर्मुखी विकास के लिए  गंज बासौदा को जिला बनाने की जनहित कारी मांग का पक्ष प्रमुखता से रख पाएंगे एवं भविष्यमें हमारे नगर को भी जिला कहलाने का गौरव हासिल होगा.

पति की प्रताड़ना से तंग पंधाना विधायक ने तलाक मांगा

कोर्ट को दिए आवेदन में कहा-पति शराब पीकर गाली गलौज करता है

सदाकत पठान | खंडवा
Present by - toc ness
आए दिन मारपीट व गालीगलौज से तंग भाजपा विधायक योगिता बोरकर ने पति नवलसिंह बोरकर से तलाक मांगा है। नवलसिंह संघ और भाजपा से जुड़े रहे हैं। योगिता पंधाना विधायक है। उन्होंने धारा 13 हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कुटुम्ब न्यायालय में हलफनामा पेश किया।

मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान केस नंबर 972 ए/15 रजिस्टर्ड किया। मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी 16 को होगी। विधायक द्वारा पेश किए हलफनामे में पति नवलसिंह पर आरोप लगाया है कि वर्ष 1996 में शादी के बाद से ही पति शराब पीकर गालीगलौज, मारपीट, चरित्र शंका, मानसिक व शारीरिक यातनाएं दे रहा है। 2013 में पंधाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद अधिकारियों व मंत्रियों से मिलना पड़ता है। पति नवलसिंह मारपीट कर झूठे लांछन लगाकर जान से मारने व दूसरी शादी करने की धमकी देते है। पति की प्रताड़ना से तंग होकर अपने चार बच्चों के साथ अलग रह रही हूं। इसके बावजूद वह विधायक निवास पर आकर मारपीट कर गालीगलौज करते है। पंधाना क्षेत्र के ग्राम धावड़िया की एक महिला से अवैध संबंध स्थापित कर विवाह करना चाहते है। पति को समझाने की तमाम कोशिशें नाकाम हो जाने के बाद ही विवाह विच्छेद कर अलग रहकर जीवन यापन करने का निर्णय लिया है।

विधायक पति ने कहा- उनकी मर्जी, मेरे नॉलेज में नहीं..

आपकी पत्नी योगिता बोरकर ने तलाक मांगा है, इस सवाल पर विधायक पति नवलसिंह ने कहा यह उनकी मर्जी है, यह बात मेरे नॉलेज में नहीं है, उनके मन में मेरे साथ रहने का नहीं होगा। मेरे जीवन में मुसीबत और संघर्ष लिखा है। लोगों के पीछे सरकारी नौकरी छोड़ दी। मेरी आदत में है, मैं समाजसेवी हूं। उन्हें यह सब पसंद नहीं है। इन्हीं कारणों से पहली प|ी ने तलाक ले लिया था लेकिन बाद में वह भी आ गई। महिला है महिला का ध्यान भटकता रहता है। परसो मामूली कहासुनी हुई थी।

अभी तो मैं उपचुनाव का प्रचार करने झाबुआ में हूं।

एक्सपर्ट कमेंट्स : विधायक ने केस वापस नहीं लिया तो हो सकता है तलाक अधिवक्ता देवेंद्रसिंह यादव, वीरेंद्र वर्मा के मुताबिक हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अनुच्छेद 142 के प्रावधानों का उपयोग कर दायर अर्जी पर दिए आधारों को प्रमाणित करने के लिए दस्तावेज व मौखिक साक्ष्य न्यायालय में पेश करना होगा। इसके अलावा विरोध पक्ष अपना जवाब प्रस्तुत करेगा, इसके लिए समय दिया जाएगा। दोनों के साक्ष्य व प्रमाण आने पर न्यायालय द्वारा परिशीलन उपरांत निराकरण कर निर्णय दिया जाता है। जिन आधारों पर तलाक मांगा है, अगर उन्हें न्यायालय में प्रमाणित कर दिया तो तलाक हो जाएगा।

थाने में भी दे चुकी है आवेदन..

विधायक ने एक माह पहले अजाक थाने में अावेदन दिया था। महिला सेल द्वारा जांच पड़ताल के बाद पति को समझाइश देकर समझौता करवा दिया। बाद में विधायक ने लिखित में दिया कि गुस्से में तलाक मांग लिया था। इससे पहले भी विधायक पति से तलाक के लिए आवेदन पेश कर चुकी है लेकिन समझौता और समझाइश के बाद मामला शांत हो जाता था। इस बार केस न्यायालय में रजिस्टर्ड हो गया। अब कोर्ट से ही निर्णय होगा।

मामला सार्वजनिक करने से कतराई विधायक, बोलीं- ऐसा कुछ नहीं
न्यायालय में हलफनामा पेश कर पति नवलसिंह से आपने तलाक मांगा है, इस सवाल पर विधायक ने कहा ऐसा कुछ नहीं है, आपको किसने बताया है।

यह कहा हलफनामे में

मैं योगिता पति नवलसिंह बोरकर (36) निवासी पंधाना जिला खंडवा शपथ पूर्वक कथन करती हूं। यह कि मैंने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत विवाह विच्छेद हेतु श्रीमान न्यायालय के समक्ष अावेदन पत्र प्रस्तुत किया है। आवेदन पत्र में मेरे द्वारा वर्णित समस्त कथन मेरे स्वज्ञान से सही व दुरुस्त हैं।

नवलसिंह बोरकर
योगिता बोरकर


⚡ खंडवा- पंधाना से BJP विधायक योगिता बोरकर ने की पति की शिकायत । मारपीट , गाली गलौच का लगाया आरोप । पति से तलाक माँगा । कुटुंब कोर्ट में 9 फरवरी को सुनवाई ।

सारणी पॉवर प्‍लांट में कन्‍वेयर बेल्‍ट का ढांचा ढहा, 7 मजदूर घायल

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बैतूल। सारणी में स्थित सतपुड़ा ताप विद्युत् गृह की पुरानी 5 इकाइयों को डिस्मेन्टल करने के दौरान कन्वेयर बेल्ट लाइन का ढांचा बुधवार सुबह 8.45 पर भरभराकर ढह गया। इसमें 7 मजदूर चपेट में आ गए। 2 मजदूर बुरी तरह फंस गए थे, जिन्हें हाइड्रा मशीन की मदद से बाहर निकल गया।
घायल मजदूरों के नाम देव कुमार सिंह(26), सुरेन्द्र बचलु (23), रमेश सिंह (24), अरविन्द राम स्वरूप (20), आरके मिश्रा (38), रामलाल तलसा (22) सभी उत्तरप्रदेश के हैं।
मुंबई की सिक्किम फेरो कंपनी ने प्लांट की 5 इकाइयों को डिस्मेन्टल करने का ठेका लिया है। यहां एक नवंबर से ये काम जारी है। मजदूर पॉवर हाउस से सीएचपी तक कन्वेयर लाइन को तोड़ रहे थे। करीब 45 मीटर ऊंचाई पर स्थित कन्वेयर लाइन अचानक गिर गई। इसमें 2 मजद्दूर फंस गए बाकी 5 घायल हुए हैं। आधे घंटे बाद फंसे लोगों को हाइड्रा मशीन की मदद से निकाला गया। सभी का सारणी एमपीईबी अस्पताल लाया और बाद में पाढर अस्पताल भेजा गया।
घटना के बाद पुलिस प्‍लांट के अंदर पहुंची और घायलों को बाहर निकाला। पुलिस पता लगा रही है की और कोई हताहत तो नही है। मलबा हटाने का काम चल रहा है। आरोप है कि कंपनी सुरक्षा के इंतजाम के बिना काम कर रही थी।

भाजपा के लिए सिरदर्द साबित हो रहा झाबुआ में रोजगार गारंटी के काम

भोपाल// अवधेश पुरोहित
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 भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मुखिया सहित तमाम नेताओं द्वारा इस लोकसभा उपचुनाव के दौरान झाबुआ के विकास के बड़े-बड़े दावे व वायदे किये जा रहे हैं लेकिन स्थिति यह है कि चाहे कांग्रेस का शासन काल हो या भाजपा का दोनों ही पार्टी की सरकारों के कार्यकाल के दौरान झाबुआ के विकास के लिये जितनी धनराशि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा इस जिले के विकास के लिये आवंटित की गई यदि उस सबको लेखा-जोखा तैयार किया जाए और उस बजट राशि के अनुपात पर खर्च किये जाने का जोड़भाग लगाया जाए तो यही सामने आएगा कि झाबुआ के विकास के नाम पर चाहे भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही सरकार के कर्ताधर्ताओं ने झाबुआ के विकास और खासकर आदिवासियों के उत्थान के लिये कोई ईमानदारी से प्रयास नहीं किये हैं, झाबुआ के लोगों का इस संबंध में यह कहना है कि चाहे भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के नेता भले ही झाबुआ के विकास के बड़े-बड़े दावे करें लेकिन उसकी जमीनी हकीकत यह है कि झाबुआ में विकास के नाम पर दोनों ही पार्टी के नेताओं ने और खासकर इस जिले में अभी तक पदस्थ अधिकारियों ने जिले के विकास और खासकर आदिवासियों के विकास के नाम पर अपना तो विकास किया है लेकिन आज इस जिले के लोगों की स्थिति ज्यों की त्यों ही बनी हुई है।

इन लोगों का यह भी दावा है कि यदि आजादी के बाद से झाबुआ जिले के विकास के नाम पर जितनी राशि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा इस जिले के लिये दी गई है यदि वह राशि यहां के लोगों को नगद दे दी जाती तो शायद कुछ विकास नजर आता, मगर जिले की मूलभूत सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान करने के नाम पर केवल और केवल फर्जीवाड़ा ही हुआ है, तभी तो यह स्थिति है कि इस जिले का आदिवासी यहां से पलायन करने को मजबूर है।

सरकार भले ही यह दावा करे कि जिले में रोजगार गारंटी योजना के तहत अधिकांश लोगों को काम दिया जा रहा है लेकिन सरकारी रोजगार गारंटी योजना की यह स्थिति है कि ना तो उससे इन लोगों को पर्याप्त मजदूरी मिलती और ना ही समय पर पैसा, जबकि इसी जिले के सीमावर्ती प्रांत गुजरात में इन्हीं आदिवासियों को ठेकेदारों द्वारा रोजगार गारंटी की तुलना में कहीं अधिक मजदूरी दी जाती है और वह वहां खुशी-खुशी मजदूरी करने के लिये जाते हैं। रोजगार गारंटी के तहत सालभर में दस हजार रुपये की सरकारी मजदूरी दी जाती है जबकि गुजरात में एक माह में यहां मजदूरी करने जाने वाले परिवारों को दस हजार से ज्यादा मजदूरी के मिलते हैं।

 मजदूरी की इस विसंगति के चलते कोई भी व्यक्ति रोजगार गारंटी का काम करने के लिये तैयार नहीं होता, क्योंकि सरकारी रोजगार गारंटी में काम मिलने पर न तो समय पर पैसा मिलता है और वहीं जितनी मेहनत वह करते हैं उतनी राशि उन्हें मजदूरी की नहीं मिलती। यही वजह है कि मध्यप्रदेश सरकार की रोजगार की कोई भी योजना में झाबुआ के निवासियों को कोई दिलचस्पी नहीं है इससे यह भी संकेत मिलते हैं कि रोजगार गारंटी जैसे मामले में लोगों को रोजगार देने के जो आंकड़ें हैं उनमें कहीं न कहीं फर्जीवाड़ा नजर आता है। 

कैलाश ने दी झाबुआ के मतदाताओं को धमकी भाजपा हारी तो रोक देंगे विकास

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झाबुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भारतीय जनता पार्टी के तमाम लाव लश्कर के साथ झाबुआ-रतलाम लोकसभा उपचुनाव में अपना कब्जा बरकरार रखने में नाकाम दिखाई दे रही भाजपा के नेताओं की अब यह स्थिति हो गई है कि वह मतदाताओं को धमकी देने पर उतारू हो गई है।

झाबुआ जिले के रानापुर कस्बे में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने चुनाव प्रचार के दौरान अब जनता को ही धमकी दे डाली, उन्होंने यहां तक कह डाला कि यदि भाजपा को छोड़कर और कोई ऐसा वैसा इस क्षेत्र से जीता तो झाबुआ का विकास ही रुक जाएगा। भाजपा के हारने के बाद यदि कोई झाबुआ के विकास संबंधी काम लेकर मुख्यमंत्री के पास जाएगा तो समस्याएं कचरे के डिब्बे में चली जाएंगी, उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में मतदाताओं से कहा कि आप देख लो किसको वोट देना है, सोच लो, नुकसान किसका होगा।

विजयवर्गीय ने मतदाताओं को चेतावनी भरे स्वर में कहा कि भाजपा को वोट नहीं देने से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नहीं बल्कि मतदाताओं का नुकसान होगा इस चुनाव की हारजीत को प्रदेश और देश की सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह को कोई फर्क नहीं पड़ेगा बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद रतलाम-झाबुआ लोकसभा चुनाव को बहुत अहम माना जा रहा है। इस चुनाव को जीतने के लिये भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

तमाम सरकारी एजेंसियों के सर्वे और भाजपा द्वारा कराए जा रहे सर्वे में भाजपा की हार की संभावना को देखते हुए भाजपा के नेताओं की अब यह स्थिति हो गई है कि वह मतदाताओं को भी धमकी देने लगे हैं इससे पहले कैलाश विजयवर्गीय जब मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह मंत्रीमण्डल के सदस्य थे तब २०१३ के चुनाव में सोनकच्छ के मतदाताओं को भी धमकी दे चुके हैं। कुल मिलाकर रतलाम-झाबुआ लोकसभा उपचुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है और ऐसे में अपनी हार को देखते हुए अब भाजपा के नेता इस तरह हताशाभरी रणनीति पर उतर आए हैं। 

सेल टैक्‍स के डिप्‍टी कमिश्‍नर, असिस्‍टेंट कमिश्‍नर सहित तीन रिश्‍वत लेते पकड़ाए

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सागर। लोकायुक्‍त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सागर के राजीव नगर में सेल टैक्‍स डिप्‍टी कमिश्‍नर, असिस्‍टेंट कमिश्‍नर और एक टैक्‍स सलाहकार को तीन लाख रुपए की रिश्‍वत लेते पकड़ा है। इन्‍होंने छतरपुर के एक पिपरमेंट व्‍यापारी से रिश्‍वत की मांगी थी। फरियादी की शिकायत पर लोकायुक्‍त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए देर रात तीनों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
जानकारी के मुताबिक छतरपुर के व्‍यापारी ने लोकायुक्‍त पुलिस को सेल टैक्‍स विभाग के अधिकारियों द्वारा रिश्‍वत मांगे जाने की शिकायत की थी। एसपी गीतेश गर्ग की अगुवाई में लोकायुक्‍त की टीम ने डिप्‍टी कमिश्‍नर एचएस ठाकुर, असिस्‍टेंट कमिश्‍नर जलज रावत और एक टैक्‍स सलाहकार पंकज कुकरेजा को पकड़ तीन लाख रुपए की रिश्‍वत लेते हुए पकड़ लिया

Tuesday, November 17, 2015

चार दिन से सीएम शिवराज को हवा में उड़ा रही है Birthday गर्ल


पिछले चार दिनों से एक बर्थडे गर्ल सीएम शिवराज सिंह चौहान को हवा में उड़ा रही है. ये गर्ल और कोई नहीं बल्कि सीएम के हेलिकॉप्टर की पायलट है. जिसे सीएम ने मंगलवार को चुनावी सभा में बर्थडे विश किया.
दरअसल, सीएम शिवराज रतलाम उपचुनाव को लेकर पिछले चार दिनों से लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं. इस दौरान वो सभास्थल तक पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर का प्रयोग कर रहे हैं.
इस हेलिकॉप्टर को कैप्टन सोनल वर्मा उड़ा रही हैं. जिनकी काबिलियत सबके सामने उस वक्त आई जब उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए हेलिकॉप्टर को बिजली के तारों से बचाते हुए सीएम की जान बचाई.
मंगलवार को भी सीएम के हेलिकॉप्टर की कमान एक बार फिर सोनल वर्मा के हाथ में ही थी. इस दौरान वो उन्हें रतलाम लेकर गईं. जहां शिवराज ने भरी चुनाव सभा में सोनल को बर्थडे विश किया.
जबलपुर में हुआ था सोनल का जन्म
कैप्टन सोनल वर्मा का जन्म जबलपुर में हुआ था. यहीं के लिटिल वर्ल्ड हाई स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पायलेट बनने की ट्रेनिंग अमेरिका के हवाई में स्थित एक पायलट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से ली.
जिसके बाद वो पंजाब सरकार में बतौर ऑपरेशन ऑफिसर और हेलिकॉप्टर पायलेट के रूप में जुड़ीं. इसके बाद वो इंडिया एयरलाइन्स/एवियेशन से जुड़ीं और इन दिनों वो फास्ट हेलिचार्टर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत हैं. जिसके अंतर्गत वो इन दिनों सीएम शिवराज के चुनावी दौरों में हेलिकॉप्टर उड़ा रही हैं

सीएम शिवराज की सुरक्षा में बड़ी चूक, बिजली के तारों के पास बना दिया हेलीपैड


एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई है. रतलाम जिले में शिवराज के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए बिजली के तारों के बेहद करीब ही हेलीपैड बना दिया गया. पायलट ने सतर्कता दिखाते हुए हेलीकॉप्टर की सुरक्षित तरीके से लैंडिंग कराई.
दरअसल, सीएम शिवराज को रविवार को रतलाम उपचुनाव के लिए बिरमाल में एक रैली को संबोधित करना था. इस दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा गया और बिजली के तारों के पास ही हेलीपैड का निर्माण किया गया था.
इस वजह से लैडिंग के दौरान सीएम का हेलीकॉप्टर बिजली के तारों के बेहद नजदीक से गुजरा. इसे देखकर कुछ पलों के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं और अधिकारियों की भी सांसे थम गई थीं.
कौन है लापरवाही का जिम्मेदार..?
सीएम की सुरक्षा का जिम्मा एएसपी प्रशांत दुबे को सौंपा गया था, जबकि इंजीनियर धर्मेंद्र पाटीदार पर सारी व्यवस्था करने की जवाबदारी थीं. सीएम की सुरक्षा में चूक सामने आने के बाद इन दोनों के अलावा बड़े अफसरों ने भी चुप्पी साध ली हैं.
कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि वो हेलीपेड पर नहीं गए थे. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर ने क्लीयरेंस सर्टिफिकेट दिया था. उसके बाद ही हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति दी गई थी.

संजय दत्त को असलहे दाऊद के भाई ने दिये थे

किताब का दावा: संजय दत्त को असलहे दाऊद के भाई ने दिये थे
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दिल्ली। मुंबई धमाकों में इस्तेमाल हुए हथियारों को अभिनेता संजय दत्त को डी कंपनी के कर्ता-धर्ता यानी दाऊद के भाई अनीस ने ही दिये थे। यह कहना है दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार का, जिन्होंने अपनी किताब 'डायर डी फॉर डॉन' में यह लिखा है।

नीरज के मुताबिक यह बात उन्हें दाऊद ने ही बतायी थी और दाऊद ने यह भी कहा था कि उसने इस बात के लिए अपने भाई को पीटा भी बहुत था। 'एशियन एज' ने किताब के कुछ हिस्सों को पब्लिश किया है।

नीरज ने लिखा है कि अनीस और संजय दत्त के बीच दोस्ती 'यलगार' फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थी और संजय दत्त ने तब अपने परिवार की सुरक्षा के लिए अनीस से हथियार मांगे थे लेकिन संजय को यह नहीं पता था कि यह हथियार मुंबई धमाकों में प्रयोग हो रहे हैं और गैर कानूनी है। नीरज का कहना है कि दाऊद ने उनसे कहा था कि मुंबई धमाकों में उसका हाथ नहीं है।

नीरज कुमार ने दाऊद से चार बार फोन पर बात की थी, नीरज ने लिखा है कि उनके सीनयर ऑफिसर उनसे दाऊद से बात करने के लिए मना करते हैं। नीरज का कहना है कि साल 2013 में दाऊद ने उनसे आखिरी बार बात कही थी और उसने अंजान नंबर से उनके पर्सनल नंबर पर फोन किया था। पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार की किताब 'डायर डी फॉर डॉन' शनिवार को रिलीज होने जा रही है।

अभिनेत्री सोनम कपूर की हॉट फ़ोटो हुई वायरल

बॉलीवुड में फैशन आइकन मानी जाने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर नवंबर महीने में फिल्मफेयर के कवर पर नजर आने वाली है। लेकिन इससे पहले ही उनकी फोटो वायरल हो गई है। सोनम कपूर के इस लुक को देखकर आप चौक जाएंगे। आपने सोनम का ऐसा लुक आपने इससे पहले नहीं देखा होगा। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब सोनम का इतना हॉट लुक सामने आया हो। इससे पहले भी वह अपने ट्विटर अकाउंट पर हॉट और सेक्‍सी फोटो डालकर सभी को चौंका चुकी हैं।

जुबेर खान "आइसना" के शहडोल इकाई के संयोजक नियुक्त

श्री जुबेर खान
Aisna @ shehdol

 देश में पत्रकारों का सबसे बड़ा संगठन "आल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन" (आइसना) के प्रांतीय अध्यक्ष श्री अवधेश भार्गव ने शहडोल जिले का संयोजक पत्रकार साथी " श्री जुबेर खान " जी को नियुक्त किया है, शहडोल जिला और तहसील स्तर में इकाइयों का गठन किया जाना है।

शहडोल के पत्रकार साथी सदस्यता प्राप्त करने हेतू आमन्त्रित हैं। सदस्यता हेतू योग्यता प्रमाणपत्र, प्रेस द्वारा जारी परिचय पत्र, दो रंगीन फोटो, सहित संपर्क कर सदस्यता लें सकते है।

श्री जुबेर खान जी का सम्पर्क - +919977300420
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श्री जुबेर खान जी को "आइसना" का शहडोल इकाई के "संयोजक" बनाये जाने पर हार्दिक बधाईयां...
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विनय जी. डेविड
प्रांतीय महासचिव (आइसना)
+91 9893221036
±91 9009844445
 ई-मेल: timesofcrime@gmail.com

सहायक समिति प्रबंधक की हत्या के सहआरोपी नितिन तिवारी की मां को निवृस्त्र कर 50 आदिवासीयों महिलाओं एंव पुरूषों ने पीटा

नितिन तिवारी की मां को बेहोशी की हालात में लाए सामुदायिक स्वास्थय केंन्द्र, किया जिला चिकित्सालय रैफर

सिवनी मालवा – ग्राम सोमलवाड़ा के सहायक समिति प्रबंधक मृतक दिलीप उर्फ मधु ऊइके की हत्या के सहआरोपी नितिन तिवारी की मां को घर में घुसकर मृतक दिलीप के परिजनों सहित 40/50 आदिवासी महिलाओं ने घर में घुसकर मारते हुए ग्राम पंचायत भवन तक लाए और छोडक़र भाग गए। जिसे बेहोशी की हालात में पुलिसकर्मी स्थानीय सामुदायिक स्वास्थय केंन्द्र लाए। जहां डा.जी.आर. करोड़े ने प्राथमिक उपचार कर जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया। नितिन तिवारी के पिता प्रवीण तिवारी ने बताया कि सुबह लगभग 8 बजकर 30 मिनट पर 40/50 लोग घर में घुसकर मारपीट करने लगे जिनसे बड़ी मुश्किल से मौका पाकर में खेत की और भाग गया। लेकिन मेरी पत्नी उमा देवी तिवारी उनके हाथ लग गई। जिसके साथ जमकर मारपीट की गई।
एस.आई आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि मृतक दिलीप ऊइके की हत्या के सह आरोपी नितिन तिवारी का परिवार ग्राम सोमलवाड़ा में ही रहता था। जिनके यहां सुबह लगभग 8 बजकर 30 मिनट पर मृतक के परिजनों सहित 40/50 आदिवासीयों ने धावा बोल दिया। जिसमें नितिन की मां उमा देवी तिवारी के साथ जमकर मारपीट की। जिसे बेहोशी की हालात में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया।

छात्राओं को छेड़ने वाला शिक्षक गया भाड़ में , रोजनामचे को फाड़ने में उलझी पुलिस

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ब्यावरा । सोमवार को ज्योति कान्वेंट स्कूल के एक शिक्षक दिलीप मैथ्यू ने कुछ छात्राओं से छेड़खानी की , घटना की जानकारी लगते ही छात्राओं के पालक ब्यावरा सिटी थाने पहुंचे और मामला दर्ज करवाया, मामला दर्ज होने में पुलिस ने एक छात्रा को मुख्य फरियादी बनाया और बाकी को गवाह, इस घटना की जानकारी जेसे ही छात्रा की माँ को लगी वो अखबार में छपने वाली खबर के डर से की कहीं मेरी बच्ची का नाम अखबार में न आए , आनन फानन में गयी थाने , रिपोर्ट देखी और फाड़ दिया रोजनामचा, अब पुलिस भी कहाँ देर करने वाली थी छात्राओं को छेड़ने वाला शिक्षक गया भाड़ में , बिठा लिया पालक को ही , डराया अलग की अब केस बनेगा शासकीय कार्य में बाधा का, हालांकि बाद में ब्यावरा के गणमान्य नागरिक थाने पहुंचे और रोजनामचा फाड़ने वाली महिला के पति को छुड़ाया।

अब शिक्षक का क्या?

उसने रोजनामचा फाड़ दिया तो उसको वहीँ बिठा लिया लेकिन उस शिक्षक का क्या जिसने तीन तीन छात्राओं को छेड़ा। उल्लेखनीय यह भी है की एक माह पूर्व भी उक्त शिक्षक दिलीप मैथ्यू इसी प्रकार की घटना को अंजाम दे चूका है उसके बाद एक माफीनामा लिखा था । हालांकि माफ़ी नामें को जब देखा गया तो उसने इस तरह की हरकत दोबारा न करने के स्थान पर लिखा की में एक माह तक ऐसी हरकत दोबारा नही करूँगा।

देखना यह है की पुलिस उक्त शिक्षक को पकड़ कर जनता को सन्देश देगी या सिर्फ रोजनामचे की फाड़ में ही उलझकर रह जाएगी।

खजुराहो के यूरोस्टार होटल में राष्ट्रीय पत्रकार संगठन आइसना द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया

कल साम 4 बजे खजुराहो के यूरोस्टार होटल में राष्ट्रीय पत्रकार संगठन आइसना द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया संभाग अध्यक्ष देवेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा दीप प्रज्जलित कर बैठक का सुभारम्भ किया गया आइसना के पत्रकार साथी एवं अन्य पत्रकार साथियों ने संकल्प लिया कि समाज के कमजोर और शोषित वर्ग को  न्याय दिलवाने में हर संभव मदद करेंगे एवं सभी पत्रकारों ने पत्रकारों के उत्थान के लिए एक जुट रहने का निर्णय लिया। साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया की कोई भी पत्रकार बो चाहे  संगठन में हो या न हो यदि पत्रकार कोई भी परेसानी में हे तो राष्ट्रीय पत्रकार संगठन आइसना उसकी पूरी मदद करेगा ।



बैठक में संभाग महासचिव अनुपम गुप्ता द्वारा पत्रकार रवि मिश्रा को जिला संयोजक बनाये जाने का प्रस्ताव रखा गया जो की सर्व सहमति से पारित किया गया ।। जिला महासचिव सुनील पाण्डेय द्वारा पूरन सिंह को ब्लॉक संयोजक व् प्रखरज्ञान पेपर के पत्रकार राजेश सोनी को ब्लॉक उपाध्यक्ष बनाये जाने का प्रस्ताव रखा गया जो की सर्ब सहमति से पारित किया गया । बैठक में प्रदेश सचिव अविनाश तिवारी सचिन ताम्रकार संभाग सह सचिव । अलौकिक खरे संभाग कोषाध्यक्ष । समाजसेवी कपिल सिंह । एड राजकुमार गगेलेे। सहित कई पत्रकार मौजूद रहे

अवैध कमाई के इल्जामों से घिरे कामरेड!

शेखर पंडित
लखनऊ। नाम बड़े, दर्शन छोटे यह कहावत इंडियन फेडरेशन ऑफ  वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के अध्यक्ष के. विक्रम राव पर सटीक साबित होती है। 30 साल से आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष पद पर काबिज राव भले ही अपनी तकरीरों से चैनलों पर नेताओं और नौकरशाहों के राज को  भले ही बेपर्दा कर रहे हो, लेकिन खुद के काले कारनामों को छिपाने के लिए साम, दण्ड और भेद का सहारा ले रखा है। जहां इस बात का खुलासा आईएफडब्ल्यूजे के एक कर्मचारी श्री भगवान भारद्वाज और पत्रकार विमल थम्ब ने किया है वहीं मजीठिया वेज बोर्ड में सदस्य के तौर फर्जी हवाई यात्राओं बिल के मामले में केन्द्रीय सतर्कता विभाग ने नोटिस भेजा है।

मालूम हो कि तीस सालों से पत्रकार संगठन आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष पद पर काबिज के. विक्रम राव पर खुद उनके संगठन के लोग पैसों की हेरा-फेरी के आरोप अक्सर लगाते रहे हैं। पत्रकारों के वेतन निर्धारण के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड के सदस्य के रुप में भी के. विक्रम राव फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आए।

राव को यात्रा का कूटरचित फर्जी बिल पेश करने के आरोप में विजिलेंस ने नोटिस भेजा है। विक्रम राव ने बतौर वेज बोर्ड के सदस्य बैठक में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ से दिल्ली की हवाई यात्रा का बिल 8000 रुपये की जगह 58000 रुपये का पेश किया और मामला खुलने पर इसकी गलती ट्रैवेल एजेंट के मत्थे मढऩे का प्रयास किया गया। उल्लेखनीय है कि मजीठिया वेज बोर्ड में राव सहित कुल छह सदस्य थे। जिनका कायर्काल 31 दिसंबर 2010 को समाप्त हुआ था। सदस्यों को बैठक में भाग लेने के लिए यात्रा सहित अन्य भत्ते सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यात्रा भत्ते के नाम पर राव के फर्जीवाड़े का मामला खुलने पर बदनामी के डर के सभी सदस्यों ने मिलकर इसे रफा-दफा करने का भरसक प्रयास किया। जबकि खुद जस्टिस मजीठिया इसको लेकर बहुत नाराज थे। बहरहाल हाल ही में एक बार फिर से यह मामला खुला है और के. विक्रम राव को केंद्रीय विजिलेंस की ओर से नोटिस भेजा गया है।

संगठन के पुराने सहयोगी और कभी राव के खास लोगों में शुमार उड़ीसा के वरिष्ठ पत्रकार विमल थम्ब ने देश भर के पत्रकारों को ई-मेल के जरिए कई आरोप लगाए हैं। जिन्होंने आईएफडब्लूजे के दो बैंक खाते चलाने और शातिर तरीके से पैसे लखनऊ के खाते में जमाकर हेरा-फेरी करने का आरोप जड़ा है। थम्ब का दावा है कि संगठन के विभिन्न राज्यों में हुए सम्मेलनों में उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से दी गयी भारी-भरकम धनराशि को संगठन के दिल्ली के खाते (जिसका ब्योरा रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन के कार्यालय में पेश किया जाता है) न दिखा कर उसे लखनऊ के खाते में जमा कराया जाता है और उसका दुरुपयोग किया गया है। थम्ब ने अपने पास मौजूद दस्तावेजों के आधार पर एक पत्र लिख कर राव और संगठन के प्रधान महासचिव परमानंद पांडे से लखनऊ खाते का हिसाब मांगने की जुर्रत की थी। उड़ीसा के इस वरिष्ठï पत्रकार को दफ्तरी की ओर से भिजवाए गए पत्र में राव ने उनको देश के कई जिलों में मुकदमा दायर कर पुलिसिया कारवाई की धमकी दे डाली है।
निष्पक्ष दिव्य संदेश के पास मौजूद थम्ब के पत्र बताते हैं कि कैसे राव ने मध्य प्रदेश इकाई की ओर से दिए गए विज्ञापन के पैसे और कई मुख्यमंत्रियों से हासिल किए गए पैसों को लखनऊ में चलने वाले बैंक खाते में जमा करवाया और रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन को कोई जानकारी नहीं दी है।

पत्र में कहा गया है कि राव पर रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन को गुमराह किए जाने का आपराधिक मामला बनता है। विमल के मुताबिक राव पत्रकारों का सबसे बड़ा दुश्मन और दलाल है जिसे कलमकारों का नेता होने का कोई हक नही है। राव की दबंगई का आलम यह है कि गंभीर आरोप लगाने वालों को उन्होंने संगठन के दिल्ली कार्यालय का काम देखने वाले श्री भगवान भारद्वाज की ओर से अंग्रेजी में (भारद्वाज को अंग्रेजी की एबीसीडी भी मुश्किल से आती है) में धमकाने वाला जवाब भेज कर पैसों की धोखाधड़ी करने वाले आरोपों से मुक्ति पाने की अहमकाना हरकत कर डाली है।

एक वरिष्ठï पत्रकार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उत्तराखंड में ऋषिकेश में आयोजित आईएफडब्लूजे के सम्मेलन में तो राव ने सारा इंतजाम परमार्थ निकेतन के प्रमुख बाबा चिदानंद से करवाया और इसके नाम पर यूपी के काबीना मंत्री की ओर से दिलवाए गए 40 लाख रुपये डकार लिए। इतना ही नहीं सम्मेलन के नाम पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से भी उगाही की गयी और पत्रकारों को दिए जाने वाले गिफ्ट को बाजार में बेच डाला। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए आए लोगों से 500 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से वसूली की गयी और न देने वाले पत्रकारों के साथ बदसुलूकी की गयी (उड़ीसा के संबलपुर के पत्रकार से तो खाने की प्लेट तक छीन ली गयी)।

इस पूरे मामले में राव और उसके परिवार के सदस्य भी शामिल रहे हैं। राव सम्मेलनों में खाने के नाम पर पैसे बनाने के लिए बकायदा सत्कार कैटरर्स (तिवारी) की पूरी टीम लेकर चलते हैं। राजधानी के एक वरिष्ठ पत्रकार जो एक दशक पहले कभी राव के सबसे बड़े झंडाबरदार थे, का कहना है कि उस समय में जब मुलायम सिंह यादव यूपी के मुखिया थे तो उन्होंने आईएफडब्लूजे को एक सम्मेलन में 10 लाख रुपये देने का ऐलान किया।

मायावती के कार्यकाल में इस पैसे के उपयोग को जांचने के लिए सूचना विभाग के अधिकारी जेड. ए. सलमानी को कहा गया। राव ने इस पैसे से आईएफडब्लूजे के दिल्ली कार्यालय का उच्चीकरण होना बताया। जब सलमानी जांच के लिए दिल्ली कार्यालय पहुंचे तो ठीक एक दिन पहले राव के बेटे ने एक गाड़ी पर किराए के कंप्यूटर और एलसीडी लेकर दिल्ली कार्यालय पहुंचा और आनन-फानन में सब लगाकर कार्यालय को उच्चीकृत दिखा दिया। गौरतलब है कि सलमानी पहले खुद पश्चिम उत्तर प्रदेश में पत्रकार था और आईएफडब्लूजे का सदस्य रहा चुका था और राव के खास यूपी इकाई के मुखिया हसीब सिद्दीकी का बगलगीर था।

सरकारी पैसों की हेरा-फेरी के इन खुलासों के बाद एक पत्रकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में आरटीआई लगाकर अब तक आईएफडब्लूजे को दिए गए पैसों, उनके उपयोग और किस खाते में चेक आहरित किया गया, इन सबका का ब्यौरा मांगा। उक्त पत्रकार का कहना है कि जानकारी मिलने के बाद इस मामले में जांच एजेंसियों से कारवाई का अनुरोध किया जाएगा और मामला अदालत में ले जाया जाएगा। आईएफडब्ल्यूजे अध्यक्ष के. विक्रम राव ने कहा कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे असत्य और राजनीति से प्रेरित हैं। उनके विरोधी उनकी छवि खराब करने में जुटे हुए हैं, लेकिन वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।

Monday, November 16, 2015

पत्रकार यह पढ़कर जानें उनकी नौकरी कितनी पक्की-कच्ची है.

Toc news
सबसे पहले राष्ट्रीय प्रेस दिवस की सभी पत्रकार बन्धुओं को शुभकामनाएं..🙏✒📖

पूर्णत पत्रकारिता के पेशे में जीवनयापन करने वाले पत्रकारों के लिए भारत सरकार ने कई ऐसे नियम बनाए हैं जिससे वे सरकारी कर्मचारी की तरह निश्चिंत होकर काम कर सकते हैं। काम और वेतन दोनों केन्द्रीय कर्मचारी के समान होगा।तीन साल बाद नौकरी पक्की: श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा शर्त) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1955 की धारा 5 के तहत यह प्रावधान है कि एक ही समाचार पत्र में तीन साल की सेवा देने वाले पत्रकार को अनुशासनात्मक कार्यवाही छोड़कर किसी भी तरह से नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। यदि किसी कारणवश पत्रकार नौकरी छोड़ता है या कोई अन्य कारण है तो वह ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी है।वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 का विस्तार रूप है। औद्योगिक अधिनियम की धारा 3 (1) से श्रमजीवी पत्रकारों के सम्बन्ध में वे सब उपबंध लागू कियेगए हैं जो औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में कर्मकारों (वर्कमैन)पर लागू होते हैं। किन्तु धारा 3 (2) के जरिये पत्रकारों की छंटनी के विषय में यह सुधार किया गया है।छंटनी का नियम: जर्नलिस्ट एक्ट 1955 की धारा 3(2) के तहत किसी पत्रकार को संस्थान से निकालने के पूर्व 6 माह व संपादक को तीन माह पहले सूचना देनी पड़ती है। या फिर इसके आधे माह काएक मुश्त वेतन देना पड़ता है। धारा 5 के तहत मृत्यु, सेवानिवृत्ति, दस वर्ष की सेवा देने के बाद या किसी कारण वर्ष नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारी (जो तीन साल सेवा दें चुके हो) को सेवाकाल के हर पूरे किए वर्ष या उसके छह मास से अधिक के किसी भाग पर, 15 दिन के औसत वेतन के बराबर धनराशि दी जाएगी। स्वेच्छा से इस्तीफा देने वाले श्रमजीवी पत्रकार को अधिकाधिक साढ़े 12 माह के औसत वेतन के बराबर ग्रेच्युटी मिलेगा।काम का समय: धारा 6 के तहत काम के समय का प्रावधान है। चार सप्ताहों में 144 घंटों से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। सात दिन में एक दिन (24 घंटे) का विश्राम। दो प्रकार की छुट्टियां हैं पहली उपार्जित छुट्टी और चिकित्सा छुट्टी। उपार्जित छुट्टी काम पर व्यतीत अवधि की1/11 से कम नहीं होगी और यह पूरी तनख्वाह पर मिलेगी। चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर चिकित्सा छुट्टियाँ कार्य पर व्यतीत अवधि की 1/18 से कम नहीं होंगी। यह आधी तनख्वाह पर दिया जाएंगा। मतलब एक माह की उपार्जित छुट्टी व चार सप्ताह की मेडिकल छुट्टी (आधे वेतन पर)।वैसे धारा 7 के तहत काम के घंटों का प्रावधान संपादक पर लागू नहीं होता। लेकिन श्रमजीवी पत्रकारों से दिन की पारी में 6 घंटे से ज्यादा व रात्रि की पारी में साढ़े पांच घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। दिन में चार घंटे में एक घंटे का विश्राम व रात्रि में तीन घंटे में आधे घंटे का विश्राम दिया जायेगा। एक पत्रकार वर्ष में 10 सामान्य छुट्टियों का अधिकारी है। लेकिन यदि किसी कारणवश छुट्टी के दिन भी कार्य करना पड़ता है तो मालिक व पत्रकार की सहमति से किसी अन्य दिन छुट्टी ले सकता है। 11 माह में एक माह की उपार्जित छुट्टी दी जाएगी। किन्तु 90 उपार्जित छुट्टियां एकत्र हो जाने के बाद और छुट्टियां उपार्जित नहीं मानी जायेंगी। सामान्य छुट्टियों, आकस्मिक छुट्टियों और टीका छुट्टी की अवधि को काम पर व्यतीत अवधि माना जाएगा। प्रत्येक 18 मास की अवधि में एक मास की छुट्टी चिकित्सक के प्रमाण-पत्र पर दी जाएगी। यह छुट्टी आधे वेतन पर होगी। ऐसी महिला श्रमजीवी पत्रकारों को, जिनकी सेवा एक वर्ष से अधिक की हो, तीन मास तक की प्रसूति छुट्टी दी जाएगी। यह छुट्टी गर्भपात होने पर भी सुलभ की जाएगी। इसके अलावा नियोजक की इच्छा पर वर्ष में 15 दिन की आकस्मिक छुट्टी दी जाएगी।मजदूरी की दरें: धारा 8 (1) में उपबंधित किया गया है कि केंद्रीय सरकार एक निर्धारित रीति सेश्रमजीवी पत्रकारों और अन्य समाचारपत्र-कर्मचारियों के लिए मजदूरी की दरें नियत कर सकेगी और धारा 8 (2) के तहत मजदूरी कि दरों को वह ऐसे अंतरालों पर, जैसा वह ठीक समझे, समय-समय पर पुनरीक्षित कर सकेगी। दरों का निर्धारण और पुनरीक्षण कालानुपाती (टाइम वर्क) और मात्रानुपाती (पीस वर्क) दोनों प्रकार के कामों के लिए किया जा सकेगा। इसलिए धारा 9 में एक मजदूरी बोर्ड केगठन का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में मजीठिया वेतन बोर्ड लागू है और मजदूरी दरें वेतन बोर्ड की दरों से किसी तरह कम नहीं होगी नहीं तो धारा 13 के तहत अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में 500 रूपए का जुर्माना अदा करना पड़ेगा।कैसे लें शासन की मदद: शासन की मदद लेने के लिए पहले श्रमजीवी पत्रकार या मीडिया संस्थान का कर्मचारी श्रम विभाग जाकर बकायदा लिखित शिकायत कर सकता है। यदि 45 दिन में श्रम विभाग कोई कार्यवाही नहीं करता और कोर्ट में परिवाद भी दायर नहीं करता तो कोई भी कर्मचारी औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 31(3) के तहत सीधे श्रम न्यायालय में परिवाद दायर कर सकता है। इसके लिए पूर्व शिकायत की कापी भी संलग्न करना अनिवार्य है। औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25 के तहत लगातार 240 दिन से ज्यादा सेवा देना वाला कर्मचारी नियमित कर्मचारी माना जाएगा और उसकी सेवाएं संतोषजनक मानी जाती हैं। चूंकि बड़े संस्थानों में मीडियाकर्मी या पत्रकारों को बैंक के माध्यम से भुगतान होता है इसलिए किसी को यह सिद्ध करने में कोई परेषानी नहीं होगी कि वह उक्त संस्था का कर्मचारी है। खास बात यह है कि ठेकेदारी या प्लेसमेंट के कर्मचारी को भी यही वेतन दिया जाएगा और वेतन ना देने का दोषी संबंधित व्यक्ति होगा। उस पर भी इसी अधिनियम की धारा के तहत कार्यवाही होगी।

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