Present by - Toc News
भोपाल। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के करीब सात सौ करोड़ रुपए पंच सरपंच डकार गए। यह खुलासा हुआ है राज्य शासन को मिली तकरीबन चार हजार शिकायतों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की 23 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों के सवा तीन लाख से अधिक पंच-सरपंच सरकारी धन का मनमाने तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं।
राज्य और केंद्र ने ग्रामीण विकास के लिए पिछले साल 10 हजार करोड़ रुपए बजट आवंटित किया था। यह राशि विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सीधे पंचायतों के खाते में जमा की जाती है। शिकायतों के पुलिंदा से बनी यह रिपोर्ट पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री गोपाल भार्गव ने तैयार कराई है।
सरकार पंच परमेश्वर सहित छह योजनाओं के बजट की राशि सीधे ग्राम पंचायतों के खाते में डालती है, लेकिन शाला भवन हो या फिर शौचालय बनाने का फंड, सरपंचों ने निर्माण कराया नहीं और राशि या तो अन्य मद में खर्च कर दी या फिर बैंक खाते से निकाल ली। रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में हुए पंचायत चुनाव करीब आने पर कई सरपंचों ने निर्माण कार्यों का हवाला देते हुए 10 से 25 लाख रु निकाल लिए। इसमें सबसे अधिक राशि पंच परमेश्वर मद की है। यही वजह है कि इस बकाया राशि वसूल करने के उद्देश्य से ही उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करते समय पंचायत का नो ड्यूज सार्टिफिकेट भी जमा करने की शर्त रखी गई थी।
20 साल से गड़बड़ियां
पिछले 20 साल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में चार मंत्री बदल गए, लेकिन निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार कम करने के बजाय लगातार बढ़ता गया। वजह यह है कि ग्रामीण विकास के लिए बजट लगातार बढ़ रहा है। बता दें कि कांग्रेस शासनकाल में हरवंश सिंह, अजय सिंह और भाजपा के शासनकाल में नरेंद्र सिंह तोमर इस विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। सात साल से इस विभाग में गोपाल भार्गव मंत्री हैं।
रायसेन : 28 लाख खर्च, नहीं मिला पानी-
सांची की ग्राम पंचायत अम्बाड़ी में नलजल योजना के तहत 28 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिला। उप सरपंच ने जिला पंचायत सीईओ को शिकायत में आरोप लगाया कि सरपंच ने राशि हड़प ली।
छतरपुर : फर्जी सील लगाकर निकाले 5.43 लाख-
लवकुश नगर में शौचालय निर्माण के लिए 50 ग्रामीणों को 2.30लाख रुपए दिए जाने थे, लेकिन सरपंच व सचिव ने यह रकम बैंक से निकाल ली। शिकायत सीएम हेल्प लाइन में की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
मंडला : काली रेत से बना दी सीसी रोड
जनपद पंचायत नारायणगंज के अंतर्गत मैली पंचायत में सीसी रोड के निर्माण में काली रेत का इस्तेमाल किया गया। आरोप है कि सरपंच और उपयंत्री ने 10 लाख का भ्रष्टाचार किया है। शिकायत के बावजूद सड़क बनाने वाली एजेंसी को पूरा भुगतान कर दिया।
नरसिंहपुर : कागजों पर खोद दिया कुआं
गाडरवारा के ग्राम माल्हनबाड़ा में सरपंच ने सरकारी निर्माण सामग्री का इस्तेमाल निजी मकान में कर लिया। कपिलधारा योजना के तहत सूरज बाई के घर कुआं खुदवाना था, लेकिन काम नहीं हुआ और राशि निकाल ली गई।
सागर : 50 शौचालय, राशि 3 सौ की निकाली
केसली की ग्राम पंचायत पटनाखुर्द में समग्र स्वच्छता मिशन के तहत 3 सौ शौचालयों का निर्माण होना था, लेकिन बनाए गए सिर्फ 50। सरपंच पर आरोप है कि उसने सहायक सचिव के साथ मिलकर 3 सौ शौचालय का निर्माण होने का प्रमाण पत्र कलेक्टर को दे दिया।
- 'गोपाल भार्गव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री
भोपाल। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के करीब सात सौ करोड़ रुपए पंच सरपंच डकार गए। यह खुलासा हुआ है राज्य शासन को मिली तकरीबन चार हजार शिकायतों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की 23 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों के सवा तीन लाख से अधिक पंच-सरपंच सरकारी धन का मनमाने तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं।
राज्य और केंद्र ने ग्रामीण विकास के लिए पिछले साल 10 हजार करोड़ रुपए बजट आवंटित किया था। यह राशि विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सीधे पंचायतों के खाते में जमा की जाती है। शिकायतों के पुलिंदा से बनी यह रिपोर्ट पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री गोपाल भार्गव ने तैयार कराई है।
सरकार पंच परमेश्वर सहित छह योजनाओं के बजट की राशि सीधे ग्राम पंचायतों के खाते में डालती है, लेकिन शाला भवन हो या फिर शौचालय बनाने का फंड, सरपंचों ने निर्माण कराया नहीं और राशि या तो अन्य मद में खर्च कर दी या फिर बैंक खाते से निकाल ली। रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में हुए पंचायत चुनाव करीब आने पर कई सरपंचों ने निर्माण कार्यों का हवाला देते हुए 10 से 25 लाख रु निकाल लिए। इसमें सबसे अधिक राशि पंच परमेश्वर मद की है। यही वजह है कि इस बकाया राशि वसूल करने के उद्देश्य से ही उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करते समय पंचायत का नो ड्यूज सार्टिफिकेट भी जमा करने की शर्त रखी गई थी।
20 साल से गड़बड़ियां
पिछले 20 साल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में चार मंत्री बदल गए, लेकिन निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार कम करने के बजाय लगातार बढ़ता गया। वजह यह है कि ग्रामीण विकास के लिए बजट लगातार बढ़ रहा है। बता दें कि कांग्रेस शासनकाल में हरवंश सिंह, अजय सिंह और भाजपा के शासनकाल में नरेंद्र सिंह तोमर इस विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। सात साल से इस विभाग में गोपाल भार्गव मंत्री हैं।
रायसेन : 28 लाख खर्च, नहीं मिला पानी-
सांची की ग्राम पंचायत अम्बाड़ी में नलजल योजना के तहत 28 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिला। उप सरपंच ने जिला पंचायत सीईओ को शिकायत में आरोप लगाया कि सरपंच ने राशि हड़प ली।
छतरपुर : फर्जी सील लगाकर निकाले 5.43 लाख-
लवकुश नगर में शौचालय निर्माण के लिए 50 ग्रामीणों को 2.30लाख रुपए दिए जाने थे, लेकिन सरपंच व सचिव ने यह रकम बैंक से निकाल ली। शिकायत सीएम हेल्प लाइन में की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
मंडला : काली रेत से बना दी सीसी रोड
जनपद पंचायत नारायणगंज के अंतर्गत मैली पंचायत में सीसी रोड के निर्माण में काली रेत का इस्तेमाल किया गया। आरोप है कि सरपंच और उपयंत्री ने 10 लाख का भ्रष्टाचार किया है। शिकायत के बावजूद सड़क बनाने वाली एजेंसी को पूरा भुगतान कर दिया।
नरसिंहपुर : कागजों पर खोद दिया कुआं
गाडरवारा के ग्राम माल्हनबाड़ा में सरपंच ने सरकारी निर्माण सामग्री का इस्तेमाल निजी मकान में कर लिया। कपिलधारा योजना के तहत सूरज बाई के घर कुआं खुदवाना था, लेकिन काम नहीं हुआ और राशि निकाल ली गई।
सागर : 50 शौचालय, राशि 3 सौ की निकाली
केसली की ग्राम पंचायत पटनाखुर्द में समग्र स्वच्छता मिशन के तहत 3 सौ शौचालयों का निर्माण होना था, लेकिन बनाए गए सिर्फ 50। सरपंच पर आरोप है कि उसने सहायक सचिव के साथ मिलकर 3 सौ शौचालय का निर्माण होने का प्रमाण पत्र कलेक्टर को दे दिया।
हेराफेरी के अनगिनत तरीके
ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए राज्य सरकार कीं विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार होने की शिकायतें मिल रही थी। इसकी जांच में यदि पंच-सरपंच दोषी पाए गए हैं तो उन्हें नियम विरुद्ध खर्च राशि जमा करना पड़ेगी। नहीं तो जेल वारंट काटा जाएगा। वसूली की कार्रवाई कई जिलों में शुरू हो गई है।'- 'गोपाल भार्गव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री
No comments:
Post a Comment