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केंद्र सरकार प्राइवेट फर्म में काम करने वाली महिलाओं की मैटरनिटी लीव 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करना चाहती है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सोमवार को कहा कि श्रम मंत्रालय महिलाओं की मैटरनिटी लीव बढ़ाकर साढ़े छह महीने करने के लिए तैयार हो गई है. उन्होंने कहा कि हमने श्रम मंत्रालय को लिखा था कि मैटरनीटी लीव को बढ़ाया जाए क्योंकि बच्चों को मां का दूध छह महीने तक पिलाना अनिवार्य है.
श्रम मंत्रालय इसे लागू करने के लिए मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961 में बदलाव कर सकती है. इस एक्ट में फिलहाल महिला कर्मचारियों को 12 सप्ताह की ही लीव दी जाती है, जिसमें उन्हें पूरी सैलरी अपने कंपनी से मिलती है. इस एक्ट में संशोधन किया जा सकता है.
आपको बता दें कि सरकारी नौकरियों में भारत में महिलाओं को छह महीने की मैटरनिटी लीव सेंट्रल सीविल सर्विस 1972 के रूल्स के मुताबिक दी जाती है.
केंद्र सरकार प्राइवेट फर्म में काम करने वाली महिलाओं की मैटरनिटी लीव 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करना चाहती है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सोमवार को कहा कि श्रम मंत्रालय महिलाओं की मैटरनिटी लीव बढ़ाकर साढ़े छह महीने करने के लिए तैयार हो गई है. उन्होंने कहा कि हमने श्रम मंत्रालय को लिखा था कि मैटरनीटी लीव को बढ़ाया जाए क्योंकि बच्चों को मां का दूध छह महीने तक पिलाना अनिवार्य है.
श्रम मंत्रालय इसे लागू करने के लिए मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961 में बदलाव कर सकती है. इस एक्ट में फिलहाल महिला कर्मचारियों को 12 सप्ताह की ही लीव दी जाती है, जिसमें उन्हें पूरी सैलरी अपने कंपनी से मिलती है. इस एक्ट में संशोधन किया जा सकता है.
आपको बता दें कि सरकारी नौकरियों में भारत में महिलाओं को छह महीने की मैटरनिटी लीव सेंट्रल सीविल सर्विस 1972 के रूल्स के मुताबिक दी जाती है.
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