नशेले पत्रकारों ने काटे पत्रकारों के पास, मचा बवाल
विधानसभा की पत्रकार दीर्घा समिति में शराब पीकर पहुंचे दो सदस्य
INS NEWS @ Vinay David
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से प्रारंभ हो गया है। विधानसभा में पत्रकारों के प्रवेश के लिए हर वर्ष पत्रकारों की एक समिति बनायीं जाती है। समिति का नाम विधानसभा पत्रकार दीर्घा समिति है, समिति के सभापति विधानसभा के उपाध्यक्ष होते हैं, जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त या उनका एक प्रतिनिधि समिति के सदस्य के रूप में शामिल किया जाता है और बाक़ी सदस्य पत्रकारों के प्रतिनिधि के रूप में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मिडिया आदि से विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं प्रभावशाली नेताओं की सिफारिश पर शामिल किये जाते हैं। हर बार की तरह इस बार भी चार दिसंबर को पत्रकार दीर्घा समिति की बैठक आहुत की गयी थी। लेकिन इस बार की बैठक में दो पत्रकार दारू पीकर पहुँच गए।इन नशीले पत्रकारों में एक इलेक्ट्रानिक मीडिया से और एक प्रिंट मीडिया से है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार समिति की बैठक शुरू होते ही इन नशेले पत्रकारों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और ऐसा कुछ कर डाला जो समिति के इतिहास में हमेशां याद किया जाएगा। इन दोनों नशेलों ने व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते ऐसे - ऐसे पत्रकारों के नाम सूचि से उड़ा दिए जिन्हे वर्षो से प्रवेश पत्र मिलता रहा है।चुकी मामला पत्रकारों से जुड़ा हुआ है इस कारण कोई इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है. जिन पत्रकारों के प्रवेश सूचि से नाम कटे हैं उन लोगों ने इन नशीले पत्रकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रवेश पत्र से वंचित पत्रकारों का कहना है कि समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया है और विधिवद समिति का कार्यकाल भी नहीं बढ़ा है तो फिर बैठक कैसे बुलायी गयी ? पुरानी सूचि में शामिल पत्रकारों के नामो पर विचार करने की आवश्यकता क्यों पड़ी ? जबकि बैठक नए आवेदनों पर विचार करने के लिए बुलाई जाती है। पास से वंचित पत्रकारों ने इसे विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ षड्यंत्र बताते हुए कहा है कि बैठक अवैधानिक है इस लिए उसके द्वारा लिए गए निर्णय भी अवैध मानकर निरस्त किये जाएं। और यह सुनिश्चित किया जाये कि भविष्य में नशा करने वालों को समिति में शामिल नहीं किया जाये, समिति के सदस्यों का और विधानसभा का पास प्राप्त करने वाले पत्रकारों का पुलिस बेरिफिकेशन कराया जाए।
विधानसभा की पत्रकार दीर्घा समिति में शराब पीकर पहुंचे दो सदस्य
INS NEWS @ Vinay David
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से प्रारंभ हो गया है। विधानसभा में पत्रकारों के प्रवेश के लिए हर वर्ष पत्रकारों की एक समिति बनायीं जाती है। समिति का नाम विधानसभा पत्रकार दीर्घा समिति है, समिति के सभापति विधानसभा के उपाध्यक्ष होते हैं, जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त या उनका एक प्रतिनिधि समिति के सदस्य के रूप में शामिल किया जाता है और बाक़ी सदस्य पत्रकारों के प्रतिनिधि के रूप में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मिडिया आदि से विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं प्रभावशाली नेताओं की सिफारिश पर शामिल किये जाते हैं। हर बार की तरह इस बार भी चार दिसंबर को पत्रकार दीर्घा समिति की बैठक आहुत की गयी थी। लेकिन इस बार की बैठक में दो पत्रकार दारू पीकर पहुँच गए।इन नशीले पत्रकारों में एक इलेक्ट्रानिक मीडिया से और एक प्रिंट मीडिया से है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार समिति की बैठक शुरू होते ही इन नशेले पत्रकारों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और ऐसा कुछ कर डाला जो समिति के इतिहास में हमेशां याद किया जाएगा। इन दोनों नशेलों ने व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते ऐसे - ऐसे पत्रकारों के नाम सूचि से उड़ा दिए जिन्हे वर्षो से प्रवेश पत्र मिलता रहा है।चुकी मामला पत्रकारों से जुड़ा हुआ है इस कारण कोई इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है. जिन पत्रकारों के प्रवेश सूचि से नाम कटे हैं उन लोगों ने इन नशीले पत्रकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रवेश पत्र से वंचित पत्रकारों का कहना है कि समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया है और विधिवद समिति का कार्यकाल भी नहीं बढ़ा है तो फिर बैठक कैसे बुलायी गयी ? पुरानी सूचि में शामिल पत्रकारों के नामो पर विचार करने की आवश्यकता क्यों पड़ी ? जबकि बैठक नए आवेदनों पर विचार करने के लिए बुलाई जाती है। पास से वंचित पत्रकारों ने इसे विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ षड्यंत्र बताते हुए कहा है कि बैठक अवैधानिक है इस लिए उसके द्वारा लिए गए निर्णय भी अवैध मानकर निरस्त किये जाएं। और यह सुनिश्चित किया जाये कि भविष्य में नशा करने वालों को समिति में शामिल नहीं किया जाये, समिति के सदस्यों का और विधानसभा का पास प्राप्त करने वाले पत्रकारों का पुलिस बेरिफिकेशन कराया जाए।
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