गुजराती ( गुंजन ) नमकीन फैक्ट्री पर खाद्य विभाग की छापामार कार्यवाही, घटियां पदार्थों का इस्तमाल
TOC NEWS @ SAGAR
विनय जी. डेविड की रिर्पोट.....
सागर जिन्दा सेमरा ग्राम में संचालित जेठाभाई फूड्स संस एण्ड स्नेक्स की फैक्ट्री पर खादय विभाग की टीम ने छापामार कार्यवाही की जिसमे बेसन खाद्य तेल एवं सेव के सेम्पिल लिए गए कपासिया के तेल से सामग्री का निर्माण चल रहा था, सेव के निर्माण में वेसन के साथ घड़ी डिटर्जन पावडर भी इस्तमाल किया जा रहा था घड़ी डिटर्जन पावडर के भी खाली पैकेट मिले. जबकि गोदाम में भारी मात्रा में पाम तेल के सैकडो़ं भरे टीन एवं तीन दर्जन खाली टीन भी रखे हुए थे फैक्ट्री के मैनिजर संजय वैद्य ने बताया इस सामग्री से हम गुजरती ( गुंजन ) नमकीन पैक करते है.
नमकीन फैक्ट्री में खाद्य विभाग की टीम के पहुंचते ही मीडिया ने भी फैक्ट्री में दस्तक दे डाली बाहर से तो फैक्ट्री बड़ी सुन्दर बनाई गई है अंदर जाने के लिए सिर की टोपी जूते के कवर जैसी व्यवस्था के इंतज़ाम किये गए थे लेकिन अंदर जाने पर देखा की कर्मचारियों की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा था पैर में जूते नहीं सिर पर सुरक्षा कैप नहीं बेसन का काम कर रहे लेकिन नाक पर मास्क भी नहीं मिला, भट्टी पर काम कर रहे कर्मचारी नंगे हाथ बिना दस्तानों मास्क जूतों के काम कर रहे थे सुरक्षा की कोई व्यवस्था नही थी, एेसी स्थिती में कर्मचारी घातक बिमारी का शिकार हो रहे है.
फैक्ट्री में जिस पानी से नमकीन निर्माण हो रहा घटिया था मानक स्तर का नही था, उसकी एलेक्टोलाइज़र से जांच की गई जिसमे लेड, जंक, कई जानलेवा कैमिकल की काफी मात्रा पाई गई, उक्त पानी पीने में उल्टी होने लगी थी, लेकिन फ़ूड एक्ट के अनुसार विभाग के अफसर लूज़ पानी का सैमपिल नहीं उठा पाये खाद्य निरीक्षक राजेश रॉय ने बताया एक्ट में खुले पानी की जांच का प्रावधान ही नहीं है पैक बंद पानी के ही सैमपिल की जांच हो सकती है, जांच अधिकारियों सभी सामग्री के सेम्पल लिए, गोडाउन और काडाईयों में रखे पाम तेल की सेंम्पलिंग बाकी है.
अधिकारी ने मिडिया को बताया की गुजराती नमकीन फैक्ट्री में पहले भी छापा पड़ा था उस समय भी नियम विरुध नमकीन में डिटर्जन पावडर पाया गया था जो हानिकारक तत्व है. 👇🏼
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विनय जी. डेविड की रिर्पोट.....
सागर जिन्दा सेमरा ग्राम में संचालित जेठाभाई फूड्स संस एण्ड स्नेक्स की फैक्ट्री पर खादय विभाग की टीम ने छापामार कार्यवाही की जिसमे बेसन खाद्य तेल एवं सेव के सेम्पिल लिए गए कपासिया के तेल से सामग्री का निर्माण चल रहा था, सेव के निर्माण में वेसन के साथ घड़ी डिटर्जन पावडर भी इस्तमाल किया जा रहा था घड़ी डिटर्जन पावडर के भी खाली पैकेट मिले. जबकि गोदाम में भारी मात्रा में पाम तेल के सैकडो़ं भरे टीन एवं तीन दर्जन खाली टीन भी रखे हुए थे फैक्ट्री के मैनिजर संजय वैद्य ने बताया इस सामग्री से हम गुजरती ( गुंजन ) नमकीन पैक करते है.
नमकीन फैक्ट्री में खाद्य विभाग की टीम के पहुंचते ही मीडिया ने भी फैक्ट्री में दस्तक दे डाली बाहर से तो फैक्ट्री बड़ी सुन्दर बनाई गई है अंदर जाने के लिए सिर की टोपी जूते के कवर जैसी व्यवस्था के इंतज़ाम किये गए थे लेकिन अंदर जाने पर देखा की कर्मचारियों की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा था पैर में जूते नहीं सिर पर सुरक्षा कैप नहीं बेसन का काम कर रहे लेकिन नाक पर मास्क भी नहीं मिला, भट्टी पर काम कर रहे कर्मचारी नंगे हाथ बिना दस्तानों मास्क जूतों के काम कर रहे थे सुरक्षा की कोई व्यवस्था नही थी, एेसी स्थिती में कर्मचारी घातक बिमारी का शिकार हो रहे है.
फैक्ट्री में जिस पानी से नमकीन निर्माण हो रहा घटिया था मानक स्तर का नही था, उसकी एलेक्टोलाइज़र से जांच की गई जिसमे लेड, जंक, कई जानलेवा कैमिकल की काफी मात्रा पाई गई, उक्त पानी पीने में उल्टी होने लगी थी, लेकिन फ़ूड एक्ट के अनुसार विभाग के अफसर लूज़ पानी का सैमपिल नहीं उठा पाये खाद्य निरीक्षक राजेश रॉय ने बताया एक्ट में खुले पानी की जांच का प्रावधान ही नहीं है पैक बंद पानी के ही सैमपिल की जांच हो सकती है, जांच अधिकारियों सभी सामग्री के सेम्पल लिए, गोडाउन और काडाईयों में रखे पाम तेल की सेंम्पलिंग बाकी है.
अधिकारी ने मिडिया को बताया की गुजराती नमकीन फैक्ट्री में पहले भी छापा पड़ा था उस समय भी नियम विरुध नमकीन में डिटर्जन पावडर पाया गया था जो हानिकारक तत्व है. 👇🏼
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