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नई दिल्लीः क्या कहीं ऑटो पार्ट्स की दुकान पर मिट्टी के बर्तन बिकते आपने सुना है। आप कहेंगे क्या मजाक है। मगर, सरकार शिवराज सिंह चौहान की हो और आयोजन सिंहस्थ कुंभ मेले का है तो आटो पार्ट वाले भी कागज में मटके बेचेंगे। जी हां, मई में उज्जैन में हुए सिंहस्थ मेले के आयोजन के दौरान कुल 47 करोड़ रुपये कीमत के मिट्टी के मटके खरीदे जाने का घोटाला हुआ है। जांच में जिन फर्मों से मटकों के खरीदे जाने की सरकार ने बता कही, वे आटो पार्ट्स बेचने वालीं फर्म निकलीं। जिस पर विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा सरकार को बुरी तरह घेर ऱखा है।
12 हजार का लैपटॉप 52 हजार में खरीदा
मेले की व्यवस्था में लैपटॉप व कंप्यूटरों की भी खरीद हुए। मार्केट से दो से तीन गुना ज्यादा कीमत पर सैकडों कंप्यूटर खरीदे गए। 12 हजार का लैपटॉप 52-52 हजार रुपये में खरीदे गए।
बाला बच्चन बोले, ऑटो पार्ट्स वाले कब से मटके बेचने लगे
मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने शिवराज सरकार से पूछा कि ऑटो पार्ट्स फर्म कब से मटके बेंचने लगीं।
कांग्रेस ने उठाया सवाल तो सरकार ने कहा-अदालत जाओ
सिंहस्थ आयोजन में घोटाले का खुलासा होने के बाद भी भाजपा सरकार कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं है। बीते दिनों जब कांग्रेसी नेताओं ने विधानसभा में मामला उठाया तो संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दो टूक कह दिया कि जाओ अदालत या लोकायुक्त के पास जाओ।
अब 2G, 3G जैसे टेक्नीकल आइटम को तो लोग छोड़ भी दे, उन्हें इनकी टेक्नीकलिटी समझ नहीं आती ना, और दिमाग हमें लगाना नहीं है। लेकिन मटका को कौन नहीं समझता है। 47 रूपये के मटके को 470 रूपये में खरीदते तो भी एक बार को सोचते।
4700 रूपये में भी नहीं, 47000 रूपये भी नहीं, 470000 भी नहीं, 4700000 भी नहीं, 47000000 भी नहीं, सीधे 470000000 रूपये में ख़रीदा।। अंधेर नगरी बनाया हुआ है। अरे खरीदा सो खरीदा, लेकिन वो भी किसी ऑटो पार्ट्स की दूकान से। किसी कुम्हार से खरीद लेते। शायद उस बेचारे का कुछ भला हो जाता। वैसे भी डिसपोजेबल आइटम ने कुम्हारों की प्रगति रोक दी है।
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