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बॉलिवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने हाल ही में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मानसिक विकारों जैसे गंभीर मसले पर जागरूकता फैलाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआती की है। इस मौके पर दीपिका अपने डिप्रेशन के दिनों को यादकर भावुक हो गईं और ना चाहते हुए भी उनके आंखों से आंसू छलक गए। आपकों बता दे कि अपनी जिंदगी के मुश्किल दौर में दीपिका डिप्रेशन की शिकार हुई थी।
खबर है कि दीपिका अपने व्यक्तिगत संघर्ष की कहानी साझा करते हुए कार्यक्रम के दौरान रो पड़ीं। भरे गले से उन्होंने अपने परिवार का जिक्र करते हुए कहा कि "दो साल पहले मेरा परिवार मुझे देखने आया था। वे जाने ही वाले थे और मैं अपने बैडरूम में अकेली थी। मेरी मां आई और पूछा सब ठीक है ना तो मैंने कहाए हां। उन्होंअने फिर पूछा काम या किसी और बात से परेशानी तो नहीं। मैंने कहा नहीं। उन्हों ने मुझसे कई बार पूछा तो मैं भावुक हो गई और मेरी आंखों में आंसू आ गए'। अपने आसंओं को पोंछते हुए दीपिका ने कहा कि "मैं मां से कहना चाहती थी कि यदि तुम नहीं होती तो मैं यहां नहीं होती। हमेशा मेरा साथ देने के लिए धन्यमवाद। मेरी बहन, पिता और दोस्तों को धन्यैवाद जिन्हों ने मेरा अब तक खूब साथ दिया है"।
आपको बता दे कि यह अभियान मानसिक स्वास्थ्य विषय पर समाज की मुख्यधारा के बीच बहस शुरू करने और इस बीमारी को लेकर समाज में फैली गलत धारणा को तोड़ने के लिए शुरू किया गया है। इस मौके पर दीपिका ने बताया कि उनके लिए इस स्टिग्मा से बाहर निकलना आसान नहीं था। उन्हों ने यह भी कहना था कि आपके पास परिवार जैसी संस्था और दोस्त होने चाहिएं, जो आपके लिए हर समय खड़े हों। इससे मानसिक तौर पर ग्रस्त व्यक्ति को इस से उबरने में मदद मिलती है।
वे बताती है कि मानसिक बीमारी से जुड़ा सामाजिक कलंक इस बीमारी पर समाज द्वारा ध्यान ना देने का कारण है और जिस दिन हम साथ मिलकर इससे उभर जाएंगे और जागरूकता फैलाएंगे, उस दिन हमें इस पर जीत मिल जाएगी। 30 साल की यह अभिनेत्री अपनी जिंदगी के पिछले कुछ दिनों में खुद इस समस्या से ग्रस्त रही हैं।
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