- मामला पत्रकार को धमकाने का।
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भिंड।पत्रकार को फ़ोन पर धमकाने के मामले में भिंड कलेक्टर के खिलाफ फैसला सुनाते हुए प्रेस कॉउंसिल ऑफ़ इण्डिया ने प्रदेश सरकार को कलेक्टर इलैया राजा टी के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं वही पत्रकार की सुरक्षा को लेकर गंभीरता बरतने की बात कही हैं। कलेक्टर द्वारा पत्रकार को धमकाने की निन्दा करते हुए पीसीआई ने इसे पत्रकार उत्पीड़न माना है।
ज्ञात हो कि 29 मार्च 2016 को राजएक्सप्रेस समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को लेकर कलेक्टर ने पत्रकार को मोबाइल पर धमकाया था जिसकी शिकायत पत्रकार ने पीसीआई में दर्ज कराई थी जिसके बाद पीसीआई की जाँच समिति ने 9 अगस्त 2016 को जबलपुर में दोनों पक्षो को सुनने के बाद 9 सितंबर 2016 को अपने फैसले में कलेक्टर को दोषी मानते हुए राज्य सरकार को कलेक्टर के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
इस मामले में पीसीआई ने साफ कहा है कि क्लेक्टर की ओर से प्रतिनिधी के रूप में जांच समिती के सामने उपस्थित हुए अटेर एसडीएम उमेश शुक्ला कलेक्टर के बचाव में न तो कोई सबूत पेश कर पाये और न ही कोई सफाई दे पाए वहीँ पत्रकार द्वारा पेश किये गए सबूतों और उनके पक्ष सुनने के बाद कलेक्टर को दोषी माना गया हैं।
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भिंड।पत्रकार को फ़ोन पर धमकाने के मामले में भिंड कलेक्टर के खिलाफ फैसला सुनाते हुए प्रेस कॉउंसिल ऑफ़ इण्डिया ने प्रदेश सरकार को कलेक्टर इलैया राजा टी के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं वही पत्रकार की सुरक्षा को लेकर गंभीरता बरतने की बात कही हैं। कलेक्टर द्वारा पत्रकार को धमकाने की निन्दा करते हुए पीसीआई ने इसे पत्रकार उत्पीड़न माना है।
ज्ञात हो कि 29 मार्च 2016 को राजएक्सप्रेस समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को लेकर कलेक्टर ने पत्रकार को मोबाइल पर धमकाया था जिसकी शिकायत पत्रकार ने पीसीआई में दर्ज कराई थी जिसके बाद पीसीआई की जाँच समिति ने 9 अगस्त 2016 को जबलपुर में दोनों पक्षो को सुनने के बाद 9 सितंबर 2016 को अपने फैसले में कलेक्टर को दोषी मानते हुए राज्य सरकार को कलेक्टर के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
इस मामले में पीसीआई ने साफ कहा है कि क्लेक्टर की ओर से प्रतिनिधी के रूप में जांच समिती के सामने उपस्थित हुए अटेर एसडीएम उमेश शुक्ला कलेक्टर के बचाव में न तो कोई सबूत पेश कर पाये और न ही कोई सफाई दे पाए वहीँ पत्रकार द्वारा पेश किये गए सबूतों और उनके पक्ष सुनने के बाद कलेक्टर को दोषी माना गया हैं।
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