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चीनी मीडिया ने बुधवार को कहा कि भारतीय सोशल मीडिया पर चीन के उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान सिर्फ लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए किया जा रहा है। वास्तविकता यह है कि भारतीय उत्पाद चीनी उत्पादों का मुकाबला कर ही नहीं सकते। विचार-संपादकीय में सरकार के स्वामित्व वाले ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने कहा कि भारतीय सिर्फ चिल्ला सकते हैं, दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने की दिशा में कुछ नहीं कर सकते। गौरतलब है कि पाकिस्तान में बसे आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करवाने की भारत की कोशिशों का चीन द्वारा लगातार विरोध किए जाने से बहुत-से भारतीय गुस्से में हैं और उन्होंने ही चीन के उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है। ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ को भी ‘अव्यावहारिक’ बताया है।
अखबार ने चीनी कंपनियों को भी दी चेतावनी
ग्लोबल टाइम्स ने चीनी कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे भारत में निवेश न करें, क्योंकि ऐसे देश में पैसा लगाना ‘खुदकुशी’ करने जैसा होगा, जहां भ्रष्टाचार ज्यादा है, और कामगार आलसी। अखबार ने लिखा, “भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया में भी हाल ही में चीन के उत्पादों का बहिष्कार करने के बारे में काफी बातें हुई हैं। यह सिर्फ जनता की भावनाओं को भड़काने के लिए हो रहा है। भारतीय उत्पाद हरगिज चीन के उत्पादों का मुकाबला नहीं कर सकते हैं।
भारत को अभी सड़कें और हाईवे तक बनाने हैं और वहां बिजली और पानी की किल्लत हमेशा से रही है। समाचारपत्र में यह भी लिखा गया, “सबसे बुरा पहलू यह है कि वहां हर सरकारी विभाग में ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा व्याप्त है। इसके अलावा भारत अमेरिका के बीच करीबी भी चीनी मीडिया को नगवांर गुजर रही है, ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अमेरिका के साथ जुड़ने के लिए भी भारत को लताड़ा है। अखबार ने लिखा कि अमेरिका किसी का दोस्त नहीं है, अमेरिका अपने साथ भारत को लेकर सिर्फ इसलिए चल रहा है, ताकि चीन को रोक सके, क्योंकि वह चीन के विकास और दुनिया में बढ़ती उसकी ताकत से जलता है
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