1. एएमसीए
एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) भारत के विकास के टॉप 5 सीक्रेट हथियारों में से एक है। यह स्टील्थ कैपेबिलिटी के साथ एक सुपर-मैन्युवरेबल मल्टी रोल फाइटर जेट है। ग्राउंड स्ट्राइक, बॉम्बिंग और इंटरसेप्टिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है, एएमसीए अलग अलग ड्यूटी को निभाने में सक्षम होगा। इसमें आर्ट सिस्टम फ्लाइट सरफेस और कंट्रोल और दो इंटरनल वेपन्स हैं, जिनमें से हर एक में चार एयर-टू-एयर मिसाइलें उठाने की क्षमता हो सकती हैं। यह 30 मिमी केनन के साथ आर्म्ड हो सकता है। एएमसीए से मैक 2.5 की टॉप स्पीड होने की उम्मीद है, और लगभग 60,000 फीट की ऊंचाई पर काम करने में सक्षम होना चाहिए।
2. सुखोई / एचएएल
रूस और भारत के बीच जॉइंट वेंचर में यह फिफ्थ जनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट (एफजीएफए) का विकास किया जा रहा है। इसे एफ -22 रैप्टर और एफ -35 के साथ कॉम्पिटिशन करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। इसमें 30 मिमी के केनन लगे हुए होंगे, जो कि कई मिसाइलों को कॉम्पलिमेंट करता है, जो इसके फ्यूजलेज और विंग्स से लटकाए जाएंगे। मैक 2.3 की स्पीड तक पहुंचने के दौरान दो क्रू के आदमी 65,000 फीट की ऊंचाई पर ट्रेवल कर सकते हैं। प्रोजेक्ट में देरी का सामना करना पड़ा रहा है लेकिन काम धीरे धीरे ट्रैक पर वापस आ रहा है।
3. आईएनएस विक्रांत
आईएनएस विक्रांत भारत में बनने वाला पहला एयरक्राफ्ट कैर्रिएर होगा। इसे 2009 में बनाना शुरू किया गया था और आईएनएस विक्रांत 2018 में कम्प्लीट होना निर्धारित किया गया है। यह 860 फीट लंबा और 200 फीट चौड़ा होगा और इसमें 30 फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट शामिल है जिसमें मिग -29के और तेजस मार्क II इसके 10,000 वर्ग मीटर फ्लाइट डेक में शामिल हैं। इंस विक्रांत के पास 28 समुद्री मील की टॉप क्रूज़िंग स्पीड होगी और 9,000 मील की दूरी तय करने की रेंज होगी।
4. ब्राह्मोस 2
ब्राह्मोस II एक हाइपर्सोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे इस समय रूस और भारत के बीच जॉइंट वेंचर में को-डेवलप्ड किया जा रहा है। यह अनुमान लगाया गया है कि यह मैक 7 में ट्रेवल कर सकता है और 180 मील की दूरी तय करने की रेंज होगी। जहाजों, सबमरीन्स, एयरक्राफ्ट्स और जमीन से फायर किये जाने की क्षमता के साथ, ब्राह्मोस II एक वर्सेटाइल मिसाइल है, जो तेजी से स्ट्राइक कर सकता है। ब्राह्मोस II एक शक्तिशाली फाॅर्स के साथ हिट करेगा जो किसी भी छुपे हुए टारगेट जैसे बड़ी कॉन्क्रीट की दीवारों के पीछे या किसी तेखाने के अंदर छुपे हुए टारगेट को डेस्ट्रॉइ कर देगा। दूसरे देश इस समय हाइपर्सोनिक मिसाइलों को डेवलप कर रहे हैं, लेकिन यह उम्मीद की जाती है कि ब्राह्मोस II सर्विस में पहला होगा। अंदाजा लगाया गया है की यह 2020 तक तैयार होने वाला है।
5. तेजस एमके -2
तेजस एमके-2 स्टील्थ केपेबिलिटीस के साथ फिफ्थ जनरेशन के लाइट कॉम्बैट सुपरसोनिक फाइटर जेट है। इस समय यह अभी भी टेस्टिंग स्टेज में है, इस फाइटर जेट के पास लाइटर कम्पोजिट बॉडी है, इसमें बेहतर टेक्टिकल स्ट्राइकिंग एबिलिटी और अपने प्रेडेसर की तुलना में ज्यादा पावरफुल इंजन होंगे। तेजस एमके -2 रिकोनाइसेन्स से टेक्टिकल और डिफेन्स के लिए मल्टीप्ल रोले करने में सक्षम हो जाएगा। पहली उड़ान 2019 तक होने की उम्मीद नहीं है और तेजस एमके -2 को 2022 तक सर्विस में लेन की उम्मीद है। तब तक पिछले डिजाइन पर सुधार करने के लिए अभी भी बहुत सारे काम किए गए हैं।
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