
ब्रिज हेमा मेडिकल स्टोर का लाइसेंस 2022 में समाप्त, क्या ड्रग इंस्पेक्टर के साथ सेटिंग से चल रहा था 2025 आज तक मेडिकल स्टोर
जबलपुर के सिहोरा अनुभव आगे अधिकारी के निर्देश अनुसार मझौली में स्थित 6 मेडिकल स्टोर पर जांच अभियान चलाया गया।
अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा के निर्देशानुसार मझौली में स्थित छह मेडिकल स्टोर्स पर जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान मोहित मेडिकल, मेहंदी छाया मेडिकल, ब्रिज हेमा मेडिकल, न्यू हर्ष मेडिकल, चंद्र मेडिकल और नरसिंह मेडिकल की जांच की गई।जांच दल में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट राजेश मिश्रा, सीएचसी मझौली के डॉ. श्री रविकांत मिश्रा और डॉ. सतीश पटेल सहित अन्य सदस्य थे।
निरीक्षण में बताया गया कि ब्रिज हेमा मेडिकल का लाइसेंस 2022 में समाप्त हो गया था, जिसके कारण ड्रग इंस्पेक्टर से चर्चा के बाद मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया।
आज जब मध्य प्रदेश में कब सिर्फ को लेकर मौत का तांडव मचा हुआ है तब जांच दाल मझौली ने मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया, जिस पर ब्रिज एवं मेडिकल स्टोर का लाइसेंस 2022 में समाप्त हो गया बताया गया। क्या 2022 से लेकर 2025 आज तक क्षेत्रीय ड्रग इंस्पेक्टर की सेटिंग से यह मेडिकल स्टोर संचालित हो रहा था। आज जब मौत का तांडव मचा है तब इस बात का खुलासा हुआ। क्या क्षेत्रीय ड्रग इंस्पेक्टर को यह ज्ञात नहीं होता है कि कौन सा मेडिकल स्टोर का लाइसेंस किस दिनांक तक संचालित है और किस दिनांक को मेडिकल स्टोर का लाइसेंस समाप्त हो रहा है।
प्रश्न खड़ा होता है कि कहीं ना कहीं मेडिकल स्टोर और क्षेत्रीय ड्रग इंस्पेक्टर जरूर तालमेल है वरना किसी की हिम्मत नहीं होती कि वह बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर संचालित कर सके।

ब्रिज हेमा मेडिकल स्टोर का लाइसेंस 2022 में समाप्त, क्या ड्रग इंस्पेक्टर के साथ सेटिंग से चल रहा था 2025 आज तक मेडिकल स्टोर
आज जबलपुर के मझौली में मेडिकल स्टोर को सील किया गया है। निरीक्षक द्वारा बड़ी मासूमियत से बताया गया है कि ब्रिज हेमा मेडिकल का लाइसेंस 2022 में समाप्त हो गया है था और 10 अक्टूबर 2025 तक यह आराम से संचालित हो रहा था अगर छिंदवाड़ा में मौत का तांडव नहीं होता तो यह मेडिकल स्टोर शायद इन्हीं ड्रग इंस्पेक्टर की मेहरबानी से संचालित होते रहते हैं।
जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर पर भी होना चाहिए करवाई
यह बहुत गंभीर मामला है कि एक हेमा मेडिकल का लाइसेंस 2022 समाप्त हो गया और वह 3 साल तक बिना लाइसेंस के क्षेत्र में मेडिकल स्टोर संचालित करता रहा और ड्रग इंस्पेक्टर के साथ उसकी टीम कुंभकरण की नींद सोई रही। कहीं ना कहीं इस मामले में भ्रष्टाचार का मामला है और जबलपुर के ड्रग्स इंस्पेक्टर और उनकी टीम के खिलाफ लापरवाही की कार्रवाई की जाना चाहिए ।

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