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मंदसौर में खाकी पर फिर लगा दाग, तस्कर छोड़ने 50 लाख की डील का खुलासा, टीआई सहित 4 पुलिसकर्मी निलंबित |
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मंदसौर जिला नशीले पदार्थों के कारोबार के लिए सारे देश में जाना जाता है। यहां पर तस्करों और खादी वर्दी का चोली दामन का साथ है। समय-समय पर पुलिस वालों पर कार्यवाही भी होती है। कुछ दिन बाद वह फिर वापस नौकरी में आ जाते हैं। निलंबन की कार्यवाही से यहां पर तैनात पुलिस वालों को डर भी नहीं लगता है। ताजा मामला मंदसौर जिले का है। शामगढ़ क्षेत्र में डोड़ा चूरा के तस्करों से लाखों रुपए का लेनदेन कर तस्करों को छोड़ने के आरोप में थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे तथा चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। निलंबित करने के आदेश पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मीणा ने दिए हैं। एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार तस्करों को छोड़ने के लिए थाना प्रभारी ने 50 लाख रुपए में सौदा किया था। इस सौदे में एएसआई अविनाश सोनी, प्रधान आरक्षक दिलीप बघेल तथा आरक्षक मनीष पवार शामिल थे। इन चारों को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
50 लाख की डील का बड़ा खुलासा, तस्करों से हुई बातचीत
सूत्रों के अनुसार, ग्राम आकली शिवदास में पुलिस टीम अवैध शराब पकड़ने पहुंची थी, लेकिन वहां उन्हें करीब एक क्विंटल डोडाचूरा मिला। कार्रवाई करने के बजाय टीम ने तस्करों से सौदा कर लिया और मौके से जाने दिया। बताया जा रहा है कि सरपंच प्रतिनिधि के माध्यम से 50 लाख रुपए की डील तय की गई थी। शिकायत के बाद मामला प्रकाश में आया, जिसमें केवल एक आरोपी को ही मामले में शामिल किया गया जबकि अन्य तस्करों को छोड़ दिया गया।
मंदसौर जिले की खाकी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। सिवनी में हवाला प्रकरण में 2.96 करोड़ रुपए की लूट का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब मंदसौर जिले से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। शामगढ़ थाना क्षेत्र में डोडाचूरा तस्करों से 50 लाख रुपए लेकर उन्हें छोड़ने के आरोप में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मीना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र शिवहरे, उपनिरीक्षक अविनाश सोनी, प्रधान आरक्षक दिलीप बबेर और आरक्षक मनोहर मांगर्या को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
ऑडियो रिकॉर्डिंग से खुली पोल
शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक को जैसे ही जानकारी मिली, उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए। जांच के दौरान एक ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई, जिसमें डील की बातचीत के संकेत मिले। प्रारंभिक जांच में पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर एसपी मीना ने बिना देर किए चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। सूत्रों का कहना है कि यह मामला केवल एक डील तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पहले भी डोडाचूरा मामलों में लेन-देन की चर्चाएं सामने आती रही हैं।
पहले भी विवादों में रहे निरीक्षक धर्मेंद्र शिवहरे
निरीक्षक शिवहरे का विवादों से पुराना नाता रहा है। इससे पूर्व अफजलपुर थाने में पदस्थ रहते हुए भी उनके खिलाफ कार्यप्रणाली को लेकर शिकायतें हुई थीं। एक ग्रामीण की मौत के मामले में भी उन पर आरोप लगे थे। उस समय तत्कालीन एसपी ने उन्हें हटाया था, हालांकि उन्होंने न्यायालय से स्टे लेकर दोबारा पदभार संभाल लिया था। अब एक बार फिर उन पर वही पुराने आरोप दोहराए जा रहे हैं — तस्करों से लेन-देन कर कार्रवाई को कमजोर करने के।
सख्ती से पुलिस महकमे में हड़कंप
एसपी विनोद कुमार मीना अपनी सख्त कार्यशैली और पारदर्शिता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जिले को डोडाचूरा मुक्त बनाना उनकी प्राथमिकता है


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