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जबलपुर सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने किया भ्रष्टाचार, विभागीय अफसरों पर हैं जांच दबाने के आरोप |
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स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त जबलपुर से मांगी रिपोर्ट, अगली सुनवाई 03 दिसंबर 2025 को
विशेष न्यायाधीश जबलपुर ने मांगे लोकायुक्त जबलपुर और प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग से जांच प्रतिवेदन तथा सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा व स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी से कथन
जबलपुर. पत्रकार एवं समाजसेवी विनय जी. डेविड की तरफ से प्रस्तुत आपराधिक मुकदमे ( यूएनसीआर संख्या 4009/2025 ) की सुनवाई विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जबलपुर श्री मनीष सिंह ठाकुर के समक्ष हुई। सुनवाई के दौरान परिवादी के अधिवक्ता आर एन तिवारी ने न्यायालय को बताया कि 22 मई 2024 को आरोपी सीएमएचओ जबलपुर डॉ संजय मिश्रा के विरुद्ध लोकायुक्त संगठन में जांच प्रकरण दर्ज किया गया था।
इसके बाद लोकायुक्त ने कई पत्र जारी कर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था लेकिन विभाग के वल्लभ भवन भोपाल में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारी आरोपी क्रमांक 2 तरुण राठी, आईएएस, स्वास्थ्य आयुक्त ने जानबूझकर मामले की जांच को दबाया और इसका परिणाम यह हुआ कि डॉ. संजय मिश्रा द्वारा कथित रूप से किए गए अपराधों की प्रारंभिक जांच ही डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी अधूरी होने से निर्णायक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जा सकी है।
आरोपी क्रमांक 2 स्वास्थ्य आयुक्त तरूण राठी ने डॉ. संजय मिश्रा के साथ मिलीभगत करके उन्हें कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए काम किया है और इस निष्क्रियता और प्रशासनिक अनुचित और अवैध देरी के फलस्वरूप डॉ मिश्रा के खिलाफ कोई दंडात्मक उपाय शुरू नहीं हो पाए।
उन्होने न्यायालय को बताया कि लोकायुक्त को प्रस्तुत शिकायत में डॉ संजय मिश्रा द्वारा कोषालय प्रणाली (आईएफएमआईएस साफ्टवेयर) में झूठी प्रविष्ठी दर्ज करने, सेवा पुस्तिका के 8 दस्तावेज में षड्यंत्रकारी छेड़छाड़ कर दस्तावेजों की कूटरचना करने तथा अवैध रूप से संचालित पैथोलाजी लेवों से प्राप्त आय से दूसरी पत्नि के नामे संपत्ति फ्लेट खरीदी का आरोप लगाया गया था। इसके अतिरिक्त, डॉ. संजय मिश्रा द्वारा जांच के दौरान महत्वपूर्ण और प्रासंगिक जानकारी को छुपाया जाकर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने और झूठा साक्ष्य दिए जाने का अपराध करने का आरोप भी शिकायत में लगाया गया था।
परिवादी के अधिवक्ता की बहस को सुनने और सबूतों के अवलोकन उपरांत न्यायालय द्वारा अपने पारित आदेश में व्यक्त किया कि परिवाद में यह तथ्य लेख किया है कि परिवादी ने अनावेदक क्रमांक 1 व 2 के विरुद्ध विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त जबलपुर के समक्ष शिकायत की थी। ऐसी दशा में पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर से इस आशय का प्रतिवेदन मंगाया जाये कि परिवादी द्वारा की गई शिकायत पर उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई।
न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि परिवादी द्वारा अनावेदक क्रमांक 1 व 2 के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियमए 988 की धारा 3 एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियमए 2000 की धारा 228, 229, 233, 235, 236, 237, 238, 239, 340, 202, 67, 240 एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिताए 2023 की धारा 24 के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है.
अतः प्रकरण की संपूर्ण परिस्थितियों में परिवाद पर संज्ञान लेने के पूर्व अनावेदक क्रमांक 1 डॉ संजय मिश्रा व अनावेदक क्रमांक 2 तरूण राठी को अभिकथित घटना की परिस्थितियों के बारे में प्राख्यान कथन करने और उनके वरिष्ठ अधिकारियों से घटना के तथ्यों और परिस्थितियों को अंतर्विष्ट करने वाली जांच रिपोर्ट प्राप्त करना उचित होगा।
उक्त आधार पर न्यायालय ने लोकायुक्त पुलिस जबलपुर को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने, अनावेदक क्रमांक 1 डॉ संजय मिश्रा व क्रमांक 2 तरूण राठी, स्वास्थ्य आयुक्त को उनका प्राख्यान कथन प्रस्तुत करने तथा लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी प्रमुख सचिव को प्रतिवेदन हेतु सूचनापत्र प्रेषित करने का आदेश जारी कर परिवाद की सुनवाई की अगली तिथी 03/12/2025 नियत की।


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