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केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर FIR की मांग, आदिवासियों को जंगल की जमीन पर अतिक्रमण के लिए उकसाने का आरोप |
उन्होंने आदिवासियों को जंगल में अतिक्रमण करने के लिए उकसाया। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की शिकायत की गई है, जिसके बाद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक मामला पहुंच गया है और जांच शुरू हो गई है।
सीहोर के खिवनी अभयारण्य में 50 आदिवासी परिवारों के मकान तोड़े जाने के मामले में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर एफआईआर दर्ज करने की मांग हुई है। पूर्व आईएफएस अधिकारी आजाद सिंह डबास ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी, जिसमें आरोप लगाया गया कि चौहान ने आदिवासियों को वन भूमि पर अतिक्रमण के लिए उकसाया। पीसीसीएफ कार्यालय ने जांच के आदेश दिए हैं।
सीहोर। इछावर व सीहोर जिले के खिवनी अभयारण्य में 23 जून को विस्थापन के लिए 50 से अधिक आदिवासी परिवारों के मकान तोड़े जाने की कार्रवाई को चार महीने बीत चुके हैं, लेकिन मामला अभी भी विवादों में है। अब इसी मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की शिकायत दर्ज हुई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि शिवराज सिंह चौहान ने अपने बुधनी विधानसभा क्षेत्र के आदिवासियों को वन भूमि पर अतिक्रमण करने के लिए उकसाया। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय ने जांच के आदेश जारी किए हैं।
जानकारी के अनुसार सिस्टम परिवर्तन अभियान के अध्यक्ष और पूर्व आईएफएस अधिकारी आजाद सिंह डबास ने 4 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस संबंध में लिखित शिकायत भेजी थी। शिकायत की प्रतिलिपि मुख्य सचिव अनुराग जैन, एसीएस अशोक वर्णवाल और तत्कालीन पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव को भी भेजी गई थी। शिकायत में कहा गया था कि 23 जून को खिवनी अभयारण्य में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को साथ लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे, जिसके बाद तत्कालीन सीहोर डीएफओ मगन सिंह डाबर को हटा दिया गया, तभी से अभयारण्य से जुड़ा पूरा कार्य ठप पड़ा हुआ है।


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