सरकार चाहती है कि अपर कोर्ट बार-बार तारीख देकर मामले को लटकाने वाले जजों पर फाइन लगाए ताकि गंभीर अपराधों के आरोपियों को जल्द सजा और बेकसूरों को राहत मिल सके.
सरकार इस बारे में सुप्रीम कोर्ट से विचार-विमर्श कर रही है. सरकार सीआरपीसी की धारा 309 में संशोधन कर सुनवाई की समय सीमा को लेकर जजों के लिए नई गाइडलाइंस जोड़ना चाहती है. इसमें सामान्य हालात में किसी मामले में तीन से ज्यादा तारीख न देने का प्रावधान है. अगर कोई जज तीन से ज्यादा बार तारीख देता है तो हायर जुडिशरी उस पर जुर्माना लगाएगी. सरकार चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट धारा 309 की इन संशोधित गाइडलाइंस को लागू करवाए. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से राय ली जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक कानून मंत्रालय और सुप्रीम कोर्ट के बीच इस बावत कई दौर की बातचीत हो चुकी है. सीआरपीसी की धारा 309 में प्रस्तावित संशोधन पर ये बातचीत संतोषजनक बताई जा रही है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट भी कई बार केस लंबा खिंचने पर नाखुशी जाहिर कर चुका है. सरकार को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट सेक्शन 309 की गाइडलाइंस का पालन करवाएगा.
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