जिला विजिलेंस की टीम ने शहर के सेक्टर-15 से श्रम अधिकारी व उसके चालक को पांच हजार रुपये की रिश्वत सहित रंगे हाथ काबू किया है। श्रम अधिकारी ने रिश्वत की राशि मजदूरों के रिकार्ड का निरीक्षण कर उसकी सही रिपोर्ट बनाने की एवज में मांगी थी। विजिलेंस ने आरोपी श्रम अधिकारी व चालक के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
विजिलेंस को दी शिकायत में कुंडली फेज-4 में फैक्टरी चलाने वाले विवेक गुप्ता ने बताया कि उनकी फैक्टरी में श्रम विभाग का एक निरीक्षक मजदूरों के रिकार्ड की जांच करने के लिए आया था। इस दौरान उसने रिकार्ड की रिपोर्ट सही बनाने की एवज में 15 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। विवेक ने बताया कि जब उसने कहा कि उसका रिकार्ड सही है तो उसने कहा कि रिकार्ड को सही व गलत करना उनके हाथ में है। इस पर वह उससे 10 हजार रुपये ले गया और पांच हजार रुपये निरीक्षण पुस्तिका वापस लेते समय देने को कहा था। विवेक ने बताया कि शनिवार तीसरे पहर उक्त निरीक्षक का फोन आया कि वह सेक्टर-15 में श्रम विभाग के सर्कल दो के अधिकारी बलवान सिंह को पांच हजार देकर अपनी निरीक्षण पुस्तिका ले लें। इसके बाद उसने मामले से विजिलेंस को अवगत करवाया। विजिलेंस ने तुरंत उच्चाधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद इंस्पेक्टर रोहताश तंवर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। इसमें एसआइ दरियाव सिंह, पवन, नैनपाल, नेत्रपाल व रोहित कुमार को शामिल किया गया। मामले में रेड के लिए एसडीएम विरेंद्र लाठर को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया। सेक्टर-15 में तय समय पर श्रम अधिकारी बलवान सिंह अपने चालक संजय के साथ पहुंचा। जब उन्होंने विवेक से रिश्वत की राशि ली तो विजिलेंस टीम ने तुरंत दोनों को काबू कर लिया। टीम ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में मामला दर्ज कर लिया है। वहीं कुंडली औद्योगिक एसोसिएशन के पदाधिकारी सुभाष गुप्ता ने बताया कि विवेक गुप्ता की फैक्टरी में रिश्वत की दस हजार रुपये की राशि लेते हुए निरीक्षक सीसीटीवी में कैद है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को झूठे मामले में फंसाने का डर दिखाकर रिश्वत मांगी जाती है।
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