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भोपाल.राजधानी के प्रथम श्रेणी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री आलोक वर्मा ने आज अपेक्स बैंक के चेयरमेन भंवर सिंह शेखावत, तत्कालीन एमडी आर.डी.बट्टी,अरविंद सेंगर, कानूनी सलाहकार शांतिलाल लोढ़ा, विधि सलाहकार ओ.पी.पाटीदार, केशव देशपांडे समेत सभी लोगों को जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए हैं। उनके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने चालान प्रस्तुत किया था। आरोप है कि इन सभी लोगों ने आईएएस अधिकारी रमेश थेटे की धर्मपत्नी श्रीमती मंदा थेटे को दिए गए चालीस लाख रुपए के लोन को एकमुश्त जमा योजना के तहत गलत ढंग से समायोजित किया था। एक पिछड़ी जाति की उद्यमी को बैंक के नियमों के अनुसार दिए गए इस लोन की राशि वापस वसूलने के लिए बैंक के संचालक मंडल की बैठक में फैसला लिया गया था। बताते हैं कि बैंक से ही हटाए गए सहकारिता क्षेत्र के दिग्गज एल.डी.पंडित, बैंक के पूर्व प्रबंधक करुणाकर त्रिपाठी और अमर सिहं यादव ने लोकायुक्त पुलिस में ये प्रकरण दर्ज करवाया था।लोकायुक्त पुलिस विशेष स्थापना ने अज्ञात शिकायत के आधार पर ये प्रकरण पंजीबद्ध किया और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत के सम्मुख चालान प्रस्तुत कर दिया। आज शिकायत कर्ताओं की ओर से पत्रकार मोहम्मद रिजवान ने आरोपियों के जमानत खारिज करने के लिए आवेदन दिया था जिसे अदालत ने रद्द कर दिया। आरोपियों की ओर से सभी अधिवक्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया था कि इस प्रकरण में सभी लोग गणमान्य नागरिक हैं और वे अदालत के सामने हमेशा हाजिर होंगे। इस निवेदन पर गौर करते हुए ये जमानतें मंजूर की गईँ हैं।
(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)
भोपाल.राजधानी के प्रथम श्रेणी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री आलोक वर्मा ने आज अपेक्स बैंक के चेयरमेन भंवर सिंह शेखावत, तत्कालीन एमडी आर.डी.बट्टी,अरविंद सेंगर, कानूनी सलाहकार शांतिलाल लोढ़ा, विधि सलाहकार ओ.पी.पाटीदार, केशव देशपांडे समेत सभी लोगों को जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए हैं। उनके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने चालान प्रस्तुत किया था। आरोप है कि इन सभी लोगों ने आईएएस अधिकारी रमेश थेटे की धर्मपत्नी श्रीमती मंदा थेटे को दिए गए चालीस लाख रुपए के लोन को एकमुश्त जमा योजना के तहत गलत ढंग से समायोजित किया था। एक पिछड़ी जाति की उद्यमी को बैंक के नियमों के अनुसार दिए गए इस लोन की राशि वापस वसूलने के लिए बैंक के संचालक मंडल की बैठक में फैसला लिया गया था। बताते हैं कि बैंक से ही हटाए गए सहकारिता क्षेत्र के दिग्गज एल.डी.पंडित, बैंक के पूर्व प्रबंधक करुणाकर त्रिपाठी और अमर सिहं यादव ने लोकायुक्त पुलिस में ये प्रकरण दर्ज करवाया था।लोकायुक्त पुलिस विशेष स्थापना ने अज्ञात शिकायत के आधार पर ये प्रकरण पंजीबद्ध किया और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत के सम्मुख चालान प्रस्तुत कर दिया। आज शिकायत कर्ताओं की ओर से पत्रकार मोहम्मद रिजवान ने आरोपियों के जमानत खारिज करने के लिए आवेदन दिया था जिसे अदालत ने रद्द कर दिया। आरोपियों की ओर से सभी अधिवक्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया था कि इस प्रकरण में सभी लोग गणमान्य नागरिक हैं और वे अदालत के सामने हमेशा हाजिर होंगे। इस निवेदन पर गौर करते हुए ये जमानतें मंजूर की गईँ हैं।
(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)
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