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भोपाल ! मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा पर डिंडोरी स्थित ग्राम टिकरा भंवरखण्डी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे 4 परिवारों के घर अब नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन मिलने से रोशन हो गए हैं। आयोग के समक्ष टिकरा भंवरखण्डी गांव में पेयजल मुद्दे की सुनवाई विचाराधीन थी। इस दौरान यह तथ्य सामने आया, कि इस गांव में पेयजल के साथ बिजली की समस्या प्रमुखता से जुड़ी हुई है। आयोग ने गांव में विद्युत समस्या के निदान के लिए अनुशंसा की, कि ग्राम टिकरा भंवरखण्डी में बिजली के लिए तत्काल प्रयास किए जाय।
आयोग की अनुशंसा पर अमल करते हुए मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर द्वारा गांव बिजली उपलब्ध कराई गईँ इसका सबसे ज्यादा फ ायदा उन 4 गरीब परिवारों को मिला, जिससे उनके परिवार के बच्चे अब चिमनी की नहीं, बल्कि बिजली की रोशनी में पढ़ाई कर रहे हैं। इधर, महानिदेशक जेल ने प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर निर्देश दिए हैं, कि वे मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा की गई अनुशंसाओं का कठोरता से पालन करें।
अनुशंसा में आयोग ने कहा है, कि जेल में निरूद्व होने के लिऐ आने वाले बंदियों से आवश्यक तौर पर एक फ ार्म भरवाया जाए, कि उसे पूर्व में कौन-कौन सी बीमारियां हैं और उनका क्या इलाज चल रहा है। अगर उसे कोई गंभीर बीमारी जैसे- दिल का दौरा पडऩा, किडनी की बीमारी, एच.आई.व्ही पोजिटिव, टी.बी, हैपिटाईटिस-बी इत्यादि है, तो जेल में निरूद्व होने के बाद उस बंदी को विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाकर उसका परीक्षण कराना चाहिए और उसे बीमारी की नियमित दवाईयां उपलब्ध कराना चाहिए साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
भोपाल ! मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा पर डिंडोरी स्थित ग्राम टिकरा भंवरखण्डी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे 4 परिवारों के घर अब नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन मिलने से रोशन हो गए हैं। आयोग के समक्ष टिकरा भंवरखण्डी गांव में पेयजल मुद्दे की सुनवाई विचाराधीन थी। इस दौरान यह तथ्य सामने आया, कि इस गांव में पेयजल के साथ बिजली की समस्या प्रमुखता से जुड़ी हुई है। आयोग ने गांव में विद्युत समस्या के निदान के लिए अनुशंसा की, कि ग्राम टिकरा भंवरखण्डी में बिजली के लिए तत्काल प्रयास किए जाय।
आयोग की अनुशंसा पर अमल करते हुए मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर द्वारा गांव बिजली उपलब्ध कराई गईँ इसका सबसे ज्यादा फ ायदा उन 4 गरीब परिवारों को मिला, जिससे उनके परिवार के बच्चे अब चिमनी की नहीं, बल्कि बिजली की रोशनी में पढ़ाई कर रहे हैं। इधर, महानिदेशक जेल ने प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर निर्देश दिए हैं, कि वे मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा की गई अनुशंसाओं का कठोरता से पालन करें।
अनुशंसा में आयोग ने कहा है, कि जेल में निरूद्व होने के लिऐ आने वाले बंदियों से आवश्यक तौर पर एक फ ार्म भरवाया जाए, कि उसे पूर्व में कौन-कौन सी बीमारियां हैं और उनका क्या इलाज चल रहा है। अगर उसे कोई गंभीर बीमारी जैसे- दिल का दौरा पडऩा, किडनी की बीमारी, एच.आई.व्ही पोजिटिव, टी.बी, हैपिटाईटिस-बी इत्यादि है, तो जेल में निरूद्व होने के बाद उस बंदी को विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाकर उसका परीक्षण कराना चाहिए और उसे बीमारी की नियमित दवाईयां उपलब्ध कराना चाहिए साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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