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नई दिल्ली। सूत्रों के अनुसार - कालेधन से जुड़ी आय घोषणा योजना आईडीएस के तहत खुलासे का अंतिम आंकड़ा 75,000 करोड़ रुपये से भी उपर पहुंच सकता है।
आयकर विभाग इस संबंध में प्राप्त जानकारी और दस्तावेजों के बारे में अंतिम जानकारी अगले सप्ताह तक सीबीडीटी को सौंप सकता है जिसे बाद में वित्त मंत्रालय के सुपुर्द कर दिया जायेगा। आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में संकेत देते हुये कहा कि देशभर में विभाग के अधिकारी प्राप्त जानकारी का संकलन कर उन्हें अंतिम रूप देने में लगे हैं।
वित्त मंत्री अरण जेटली ने ...
एक अक्तूबर को संवाददाता सम्मेलन में आइडीएस योजना के तहत किये गये खुलासों के बारे में शुरआती जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि 64,275 घोषणाओं में 65,250 करोड़ रपये की आय का खुलासा किया गया। उन्होंने यह भी कहा था कि अंतिम आंकड़े आने के साथ यह राशि बढ़ भी सकती है।
‘दि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया - आईसीएआई के अध्यक्ष एम. देवराज रेड्डी ने भी कहा कि आईडीएस के तहत किये गये खुलासे का आंकड़ा 71,000 करोड़ रपये से अधिक हो सकता है। उन्होंने सरकार की आईडीएस योजना का काफी सफल बताया और कहा कि इसमें 60 प्रतिशत ऐसे लोगों ने जानकारी दी है जो अब तक रिटर्न दाखिल नहीं करते रहे हैं, जबकि 30 से 40 प्रतिशत लोग ऐसे हो सकते हैं जिन्होंने पहले दाखिल रिटर्न को ही अद्यतन किया हो। सरकार ने कालेधन के खुलासे के लिये चार माह की एकबारगी अनुपालन खिड़की सुविधा की घोषणा की थी। चार माह की यह सुविधा खिड़की एक जून को खुलकर 30 सितंबर 2016 को बंद हो गई।
नई दिल्ली। सूत्रों के अनुसार - कालेधन से जुड़ी आय घोषणा योजना आईडीएस के तहत खुलासे का अंतिम आंकड़ा 75,000 करोड़ रुपये से भी उपर पहुंच सकता है।
आयकर विभाग इस संबंध में प्राप्त जानकारी और दस्तावेजों के बारे में अंतिम जानकारी अगले सप्ताह तक सीबीडीटी को सौंप सकता है जिसे बाद में वित्त मंत्रालय के सुपुर्द कर दिया जायेगा। आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में संकेत देते हुये कहा कि देशभर में विभाग के अधिकारी प्राप्त जानकारी का संकलन कर उन्हें अंतिम रूप देने में लगे हैं।
वित्त मंत्री अरण जेटली ने ...
एक अक्तूबर को संवाददाता सम्मेलन में आइडीएस योजना के तहत किये गये खुलासों के बारे में शुरआती जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि 64,275 घोषणाओं में 65,250 करोड़ रपये की आय का खुलासा किया गया। उन्होंने यह भी कहा था कि अंतिम आंकड़े आने के साथ यह राशि बढ़ भी सकती है।
‘दि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया - आईसीएआई के अध्यक्ष एम. देवराज रेड्डी ने भी कहा कि आईडीएस के तहत किये गये खुलासे का आंकड़ा 71,000 करोड़ रपये से अधिक हो सकता है। उन्होंने सरकार की आईडीएस योजना का काफी सफल बताया और कहा कि इसमें 60 प्रतिशत ऐसे लोगों ने जानकारी दी है जो अब तक रिटर्न दाखिल नहीं करते रहे हैं, जबकि 30 से 40 प्रतिशत लोग ऐसे हो सकते हैं जिन्होंने पहले दाखिल रिटर्न को ही अद्यतन किया हो। सरकार ने कालेधन के खुलासे के लिये चार माह की एकबारगी अनुपालन खिड़की सुविधा की घोषणा की थी। चार माह की यह सुविधा खिड़की एक जून को खुलकर 30 सितंबर 2016 को बंद हो गई।
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