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उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनैतिक सियासत भी गर्माने लगी है ताज़ा मामला मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल के विस्तार के लिये हुई पार्टी की उच्च स्तरीय पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक का है। इस मीटिंग में मंत्रीमंडल का विस्तार तो हो गया लेकिन उसमें उनके चाचा शिवपाल यादव नहीं आए।
बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि चाचा-भतीजे के बीच अनबन चल रही है। इस बार जो हुआ उससे लगता है कि यह पहली बार है जब यादव खानदान की जंग खुलके सामने आई है। मंत्रीमंडल के विस्तार के लिये हुई इस बैठक में पहुंचे अमर सिंह ने कहा कि मैं खुद शिवपाल यादव हूं। मुझमें और उनमें कोई अंतर नहीं है।
बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव, मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय और फिर बाहर करने से नाराज हैं। उन्हें विलेन की तरह पेश किया गया है जिससे उनकी इमेज खराब हुई है। जानकारी के लिये बता दें कि कौमी एकता दल यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पार्टी है। जिसाक पूर्वी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर अच्छा असर रहा है। मुख्तार अंसारी 2009 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से मुरली मनोहर जोशी से मामूली अंतर से हारे थे। फाइल फोटो फाइल फोटो पिछले लोकसभा चुनाव में उनके भाई अफजल अंसारी को गाजीपुर सीट पर एक लाख वोट मिले थे। 2012 के विधानसबा चुनाव में उनके दो विधायक जीते थे। इसलिए मुलायम सिंह, शिवपाल यादव और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई सपा नेताओं की राय थी कि कौमी एकता दल के विलय से पार्टी को फायदा होगा।
अगर मुख्तार को इस विलय से अलग रखा जाए तो अपराधी को शामिल करने का इल्जाम भी नहीं लगेगा। मुलायम के कहने पर शिवपाल ने मीडिया के सामने एक मंच पर मुख्तार के दो भाइयों की मौजूदगी में विलय करा दिया था। लेकिन अखिलेश यादव ने इसके खिलाफ खुली बगावत कर दी। उनका कहना था कि वह बहुत तरह के विकास के काम कर रहे हैं और अगले चुनाव में वह विकास को मुद्दा बना के चुनाव में जाना चाहते हैं जो मुख्तार की पार्टी के विलय के साथ पीछे चला जाएगा।
अखिलेश का मानना है कि इसमें फायदा मामूली और नुकसान और बदनामी ज्यादा है। मौजूदा जंग में फिलहाल जीत अखिलेश की हुई है और शिवपाल ने मंत्रिमंडल विस्तार में न आके खुल के नाराजगी जाहिर कर दी है। मुलायम सिंह ही एक ऐसे शख्स है जो ऐसे मौकों पर परिवार को एक डोर में बांध के रखने की कोशिश करते हैं। अब उनका रोल महत्वपूर्ण है।
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