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मुंबई : बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री रेखा 62 साल की हो गई हैं। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1954 में चेन्नई में हुआ था। चाहे सुपरस्टार अमिताभ बच्चने से कथित रिश्ता हो, मांग में सिंदूर हो या शादीशुदा ज़िंदगी, रेखा किसी रहस्य से कम नहीं लगतीं। उनकी खूबसूरती आज भी दूसरी अभिनेत्रियों के चेहरे की चमक को फीका कर देती हैं। जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें-
13 साल की बच्ची रेखा से जिसे स्कूल से निकालकर फिल्म इंडस्ट्री में झोंक दिया गया था। वो रेखा जिसे अपने रिश्तों में हमेशा हार मिली। लेकिन फिर भी अपने आत्मविश्वास के बल पर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग मक़ाम हासिल किया, तो शुरू करते हैं रेखा की 25 कहानियां।
रेखा का जन्म 10 अक्टूबर 1954 को चेन्नई में हुआ था और जन्म से ही अफ़वाहें और गॉसिप जैसे उनके साथ जुड़ गईं। उनके पिता तमिल सुपरस्टार जेमिनी गणशेन और मां पुष्पावल्ली ने शादी नहीं की थी, और उस दौर में ऐसे संबध से जन्मी संतान को ताने झेलने पड़ते थे। रेखा को अपने बचपन में पिता की कमी हमेशा खलती रही। रेखा की मां पुष्पावल्ली भी तमिल फिल्मों में अभिनेत्री थीं। जब उनका करियर ढलान पर आया तो पूरा परिवार कर्ज़ में डूब गया। कर्ज़ा चुकाने के लिए 13 साल की रेखा को स्कूल से निकालकर फिल्मों में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
रेखा ने पहली हिंदी फिल्म अंजाना सफ़र साइन की और फिल्म के पहले शूटिंग शेडयूल में ही उन्हें ज़बरदस्ती हीरो बिस्वजीत के साथ एक किसिंग सीन करना पड़ा. इस सीन की जानकारी उन्हें पहले से नहीं दी गई थी। लगभग पांच मिनट तक चले इस किसिंग सीन के दौरान उनकी आखों में आसूं थे। हालांकि ये सीन बाद में मशहूर लाइफ़ मैगजीन का हिस्सा बना और रेखा को ज़बरदस्त पब्लिसिटी मिली।
रेखा को हिंदी भाषा नहीं आती थी और उनका वज़न भी बहुत ज़्यादा था। इन बातों को लेकर उनकी फिल्मों के कई हीरो ने भी उका जमकर मज़ाक उड़ाया। उनके लिए खुलेआम काली-कलूटी और नमूना जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया. लेकिन रेखा ने ठान लिया कि वो आगे बढ़ती रहेंगी। विनोद मेहरा के साथ रेखा की शादी की खबरें खूब छपीं, कहते हैं विनोद की मां ने रेखा को कबूल नहीं किया और इसी वजह से विनोद उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं कर पाए। विनोद के बाद अभिनेता किरण कुमार के साथ भी रेखा का रोमांस चला मगर यहां भी किरण का परिवाऱ आड़े आ गया और दोनों का ब्रेकअप हो गया।
अमिताभ बच्चन की हीरोइन के तौर पर रेखा की पहली फिल्म दो अंजाने के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेखा और अमिताभ ने पहली बार एक साथ फिल्म दुनिया का मेला साइन की थी। लेकिन इस फिल्म से अमिताभ को निकाल दिया गया क्योंकि उनकी शुरुआती फिल्में बुरी तरह पिट गई थीं। बाद में इस फिल्म में संजय खान हीरो बने।
1976 में दो अंजाने की शूटिंग के दौरान अमिताभ-रेखा के अफ़ेयर की ख़बरे आने लगी और अगले कुछ सालों में तो ये हर फिल्म मैगज़ीन की सुर्खियों में थी। खून पसीना, गंगा की सौगंध, मिस्टर नटवरलाल, मुकद्दर का सिकंदर जैसी फिल्मों की कामयाबी ने इन्हें बॉलीवुड की सबसे मशहूर जोड़ी बना दिया। दोनों के रोमांस की खबरें अमिताभ की पत्नी जया बच्चन तक भी पहुंचीं और रेखा ने एक इंटरव्यू में बताया कि जया ने उन्हें अफने घर डिनर पर बुलाया। जया ने रेखा से कहा कि कुछ भी हो जाए वो अपने पति अमिताभ को नहीं छोड़ेगी।
1980 के दशक के शुरुआत के सालों में एक अभिनेत्री और बड़ी स्टार के तौर पर रेखा ने अपना सिक्का जमा लिया। ख़ूसूरत, घर, उमराव जान जैसी फिल्मों के लिए अवॉर्ड भी जीते। वो बीस साल तक लीड हीरोइन के रोल निभाकर बड़ी स्टार बनी रहीं।
1980 में ही अभिनेता ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी के रिसेप्शन में रेखा मांग में सिंदूर लगाकर पहुंची तो हंगामा हो गया। वहां मौजूद मेहमानों और मीडिया ने रेखा की मांग में सिंदूर देखकर ये अंदाजा लगाया कि उन्होंने गुपचुप शादी कर ली है। 1982 में जब रेखा को फिल्म उमराव जान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा था तो वहां भी वो मांग में सिदूर भर कर पहुंची। पुरस्कार देते समय तत्कालीन राष्ट्पति नीलम संजीवा रेड्डी ने उनसे पूछा था, ‘आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगाए हुए हैं?’ एक पल को पूरी महफिल में खामोशी छा गई। हर कोई सोच रहा था कि आखिर रेखा क्या जवाब देंगी। रेखा फौरन माइक पर बोलीं, ‘जिस शहर से मैं आई हूं वहां सिंदूर लगाना फैशनेबल माना जाता है।
1981 में रिलीज़ हुई यश चोपड़ा की सिलसिला आज तक अपनी बेमिसाल कास्टिंग के लिए जानी जाती है। यश चोपड़ा ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा- मैं सिलसिला की शूटिंग के दौरान चौकन्ना और डरा हुआ रहता था क्योंकि रियल लाइफ़ की कहानी फिल्मी पर्दे पर उतारी जा रही थी। फिल्म में जया अमिताभ की पत्नी हैं और रेखा उनकी गलर्फ्रेंड, असल ज़िंदगी में भी यहीं कहानी चल रही है फिल्म की शूटिंग के दौरान कुछ भी हो सकता था क्योंकि फिल्म में यही तीनों साथ काम कर रहे थे। लेकिन ये सबसे बड़ी कास्टिंग भी फिल्म को बचा नहीं सकी, सिलसिला फ्लॉप रही और इसके बाद अमिताभ और रेखा ने साथ में किसी फिल्म में काम नहीं किया। हालांकि अमिताभ की फिल्मों आखिरी रास्ता और सूर्यवंशम में हीरोइन श्रीदेवी और सौंदर्या को रेखा ने अपनी आवाज़ दी।
1983 में फिल्म कुली के दौरन हुए हादसे के बाद जब अमिताभ अस्पताल में मौत से जूझ रहे थे तब रेखा को उनसे मिलने नहीं दिया गया। कहते हैं इस घटना के बाद से ही रेखा और अमिताभ के अफ़ेयर पर ब्रेक लग गए। 4 मार्च 1990 को रेखा ने दिल्ली के बिज़नेसमैन मुकेश अग्रवाल से शादी कर ली। ये शादी गुपचुप तरीक़े से मुंबई के जूही के एक मंदिर में हुई। मुकेश की भाभी ने रेखा को देखकर मुकेश से कहा, ‘हमारे घर हूर आई है, तुम्हें इसपर गर्व होना चाहिए। दिल्ली में अपनी नई शादीशुदा ज़िंदगी में रेखा बेहद खुश थीं। शादी के बाद रेखा को पता चला कि मुकेश डिप्रेशन के मरीज़ हैं। इसके अलावा दोनों के बीच कई बातों को लेकर असहमति बढ़ती गई। 6 महीने के अदर ही दोनों ने तलाक़ का फैसला कर लिया। लेकिन शादी के महज़ सात महीने बाद 2 अक्टूबर 1990 को मुकेश ने रेखा के दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रेखा उस समय एक स्टेज शो के सिलसिले में अमेरिका में थी। मुकेश की मौत के लिए रेखा को ज़िम्मेदार ठहराया गया। उनकी फिल्मों के पोस्टर पर कालिख मल दी गई। इस घटना के बाद रेखा ने मींडिया से बात करना लगभग बंद सा कर दिया।
रेखा ने फिल्म फूल बने अंगारे से ज़बरदस्त कमबैक किया, लेकिन फिर रेखा का करियर ढलान पर आ गया। फिल्में कम हुईं तो रेखा अपने ग्लैमरस फोटोशूट्स की वजह से सुर्खियां बटोरने लगीं। रेखा कभी भी दोपहर दो बजे से पहले अपनी कोई तस्वीर नहीं खिंचवाती। उनका मानना था कि सुबह के समय चेहरे पर एक तरह की सूजन रहती है, जो क़रीब एक बजे तक चली जाती है।
रेखा और अमिताभ के साथ में काम करने को लेकर अक्सर सवाल पूछे जाते रहे हैं। साल 2015 में रिलीज़ हुई अमिताभ की फिल्म शमिताभ में रेखा एक सीन में नज़र आईं जिसमें वो दिल खोलकर हीरो अमिताभ की तारीफ़ करती हैं, लेकिन इस सीन में दोनों साथ नहीं थे। रेखा की सबसे बेहतरीन फिल्म आज भी उमराव जान को ही माना जाता है। तक़रीबन 35 साल बाद भी इस किरदार में एक अजीब सी कशिश है। इस भूमिका में रेखा की मायूसी, अकेलापन, उनकी आंखों का ख़ालीपन और मोहब्बत के इंतज़ार, आज भी उनके चाहने वालों से कुछ कहता है। उमराव और रेखा मानो अलग नहीं रहे, दोनों जैसे एक हो गए।
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