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उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सुल्तानपुरी क्षेत्र में रोड शो के दौरान एक शख्स ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ जड़ दिया। इससे केजरीवाल की आंख के नीच चोट आई और चेहरा सूझ गया। हमले में उनका चश्मा नीचे गिर गया। हमलावर की पहचान ऑटो चालक लाली के रूप में हुई। उसने पहले केजरीवाल को माला पहनाई और फिर थप्पड़ मार दिया। इस हरकत से गुस्साए आप कार्यकर्ताओं ने लाली की जमकर पिटाई कर दी।
बाहरी दिल्ली के अमन विहार निवासी लाली ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने ऑटो चालकों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। पुलिस ने बाद में उसे हिरासत में ले लिया। हमले के बाद केजरीवाल ने कहा, ‘उन्हें समझ नहीं आता कि क्यों कुछ लोग प्रधानमंत्री बनने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं। अगर आप सोचते हैं कि हमला होने से हम चुप बैठ जाएंगे तो आप गलत हैं। हम इस लड़ाई को अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
उन्होंने अपनी जान को खतरा भी बताया।’ हमले का विरोध जताते हुए केजरीवाल अपने समर्थकों के साथ राजघाट पर बैठ गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में सवाल उठाया, ‘मुझ पर बार-बार हमले हो रहे हैं। कौन लोग मास्टरमाइंड हैं, वे क्या चाहते हैं, उन्हें क्या मिलता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने दिल्ली में वादे पूरे नहीं किए, इसलिए हमले हो रहे हैं। लेकिन फिर गुजरात और हरियाणा में मुझ पर क्यों हमले हुए।’ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, किसी को भी किसी को थप्पड़ नहीं मारना चाहिए। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
हम इसका समर्थन नहीं करते। भाजपा नेता विजय गोयल ने भी केजरीवाल पर हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, हम इस तरह की चीजों को मान्यता नहीं देते। लेकिन एक बात है कि आप का कुछ ज्यादा ही विरोध हो रहा है क्योंकि वे कहते कुछ हैं तथा करते कुछ और हैं। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि पार्टी के आंदोलन से परेशान लोग इसे पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं। सिसोदिया ने कहा, जाति और धर्म की राजनीति करने वाले, भ्रष्टाचार में शामिल लोग आप से भयभीत हैं। देश में राजनीति बदल रही है और इसलिए वे इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।
केजरीवाल ने अन्ना की बात नहीं सुनी, इसलिए आप की दुर्दशा हुई है। अन्ना ने उनसे राजनीतिक पार्टी गठन नहीं करने को कहा था। अब केजरीवाल एंड कंपनी की हवा और नशा जनता पर से उतर चुका है। सामना में, शिवसेना का मुखपत्र यह बेहद निंदनीय है। इससे यह तो साबित होता है कि इस शख्स में ऐसा कुछ तो है जिसका लोग विरोध कर रहे हैं। नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सुल्तानपुरी क्षेत्र में रोड शो के दौरान एक शख्स ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ जड़ दिया। इससे केजरीवाल की आंख के नीच चोट आई और चेहरा सूझ गया। हमले में उनका चश्मा नीचे गिर गया। हमलावर की पहचान ऑटो चालक लाली के रूप में हुई। उसने पहले केजरीवाल को माला पहनाई और फिर थप्पड़ मार दिया। इस हरकत से गुस्साए आप कार्यकर्ताओं ने लाली की जमकर पिटाई कर दी।
बाहरी दिल्ली के अमन विहार निवासी लाली ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने ऑटो चालकों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। पुलिस ने बाद में उसे हिरासत में ले लिया। हमले के बाद केजरीवाल ने कहा, ‘उन्हें समझ नहीं आता कि क्यों कुछ लोग प्रधानमंत्री बनने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं। अगर आप सोचते हैं कि हमला होने से हम चुप बैठ जाएंगे तो आप गलत हैं। हम इस लड़ाई को अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
उन्होंने अपनी जान को खतरा भी बताया।’ हमले का विरोध जताते हुए केजरीवाल अपने समर्थकों के साथ राजघाट पर बैठ गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में सवाल उठाया, ‘मुझ पर बार-बार हमले हो रहे हैं। कौन लोग मास्टरमाइंड हैं, वे क्या चाहते हैं, उन्हें क्या मिलता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने दिल्ली में वादे पूरे नहीं किए, इसलिए हमले हो रहे हैं। लेकिन फिर गुजरात और हरियाणा में मुझ पर क्यों हमले हुए।’ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, किसी को भी किसी को थप्पड़ नहीं मारना चाहिए। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
हम इसका समर्थन नहीं करते। भाजपा नेता विजय गोयल ने भी केजरीवाल पर हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, हम इस तरह की चीजों को मान्यता नहीं देते। लेकिन एक बात है कि आप का कुछ ज्यादा ही विरोध हो रहा है क्योंकि वे कहते कुछ हैं तथा करते कुछ और हैं। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि पार्टी के आंदोलन से परेशान लोग इसे पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं। सिसोदिया ने कहा, जाति और धर्म की राजनीति करने वाले, भ्रष्टाचार में शामिल लोग आप से भयभीत हैं। देश में राजनीति बदल रही है और इसलिए वे इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।
केजरीवाल ने अन्ना की बात नहीं सुनी, इसलिए आप की दुर्दशा हुई है। अन्ना ने उनसे राजनीतिक पार्टी गठन नहीं करने को कहा था। अब केजरीवाल एंड कंपनी की हवा और नशा जनता पर से उतर चुका है। सामना में, शिवसेना का मुखपत्र यह बेहद निंदनीय है। इससे यह तो साबित होता है कि इस शख्स में ऐसा कुछ तो है जिसका लोग विरोध कर रहे हैं। नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री
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