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लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की महारैली में पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने विरोधियों पर जमकर हमला किया. उन्होंने एक-एक करके विरोधी पार्टियों पर तंज कसे और कहा कि बसपा की जीत ही कांशीराम को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. आपको बता दें कि इस रैली का आयोजन बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की 10वीं पुण्यतिथि किया गया था.
मायावती ने रैली में सपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को जनता की चिंता नहीं, अखिलेश सरकार दंगो को रोकने में नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि सूबे में सपा सरकार का पूरा हो रहा कार्यकाल निराशाजनक रहा है. प्रदेश में चहेते लोगों का दबदबा बना रहता है. मौजूदा सरकार हमारी योजनाओं का नाम बदलकर चला रही है. सरकार ने करोड़ों रुपये केवल प्रचार में ही खर्च कर दिए हैं. प्रदेश सरकार को गरीबों की चिंता नहीं और यह जातिवादी मानसिकता से ग्रसित है.
मायावती ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि देश की जनता से किए एक चौथाई वादे भी मोदी सरकार ने पूरे नहीं किए हैं. केंद्र सरकार अपने देश के ही काले धन को सफेद करने में लगी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने चार अलग राज्य बनाने की घोषणा पर अमल नहीं किया. केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण संस्थानों का भी अब विरोधियों को प्रताड़ित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
इन्हें ढाई साल के बाद याद आया कि देश की सीमा को सील किया जाना चाहिए. घूमनेवाले प्रधानमंत्री की विदेश नीति साफ नहीं. मोदी सरकार पर हमला करते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र ने लोगों को गुमराह किया, अच्छे दिन के सपने झूठे निकले. सबका साथ सबका विकास, अच्छे दिन जैसे वादे हवा हवाई और जुमलेबाजी निकल रहे हैं. केंद्र सरकार आरएसएस के एजेंडे पर चलकर आरक्षण खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ललित मोदी और विजय माल्या जैसे लोगों को देश से बाहर भगा दिया है. देश में सांप्रदायिक और कट्टरवादी ताकतों के मजबूत होने से मुस्लिमों का उत्पीड़न किया जा रहा है. यहां के मुसलमान खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं.
उना और रोहित वेमुला का भी मायावती ने अपने संबोधन में उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि गोरक्षा के नाम पर दलितों का भी अब उत्पीड़न हो रहा है. बसपा सुप्रीमो ने कहा देश में लोकसभा के चुनावों में मोदी और भाजपा द्वारा किए गए वादे जुमले और हवा हवाई बनकर रह गए. कांग्रेस पर प्रहार करते हुए मायावती ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने लगभग 37 साल तक यूपी में शासन किया लेकिन वह यहां के लोगों का मर्म नहीं समझ सकी. वह अपनी गलत नीतियों के कारण ही यूपी की सत्ता से बाहर हुई और अब दिल्ली की सत्ता से भी बाहर हो चुकी है.
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