उत्तर प्रदेश की सियासी लड़ाई में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव खूद ही अपने राजनीति अखाड़े में घिर गए है।
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प्रदेश की सियासी औऱ परिवारीक लड़ाई अब सड़क पर आ चुकी है। बैठक में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मैं पार्टी के हालातों को लेकर दुखी हूं। मुलायम ने साफ संकेत दे दिए कि पार्टी में उनसे बड़ा कोई नहीं लिहाजा उन्होंने कहा कि जो अभी उछल रहे हैं उन्हें एक लाठी मार दी जाए तो पता नहीं चलेगा। मुलायम ने ये भी कहा कि जो अखिलेश के लिए नारा लगा रहे हैं, उन्हें क्या पता हमने क्या लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि नारेबाजी करने वालों को पार्टी से निकाल देंगे। अपने भाई शिवपाल यादव का बचाव करते हुए मुलायम ने कहा कि वो जनता के है लिहाजा उनके काम को भूलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने साफ कहा कि जो आलोचना नहीं सह सकता वो नेता नहीं बन सकता। मुलायम ने कहा कि मेरे एक ईशारे पर यूवा खड़े हो जाएगे।
मुलायम साफ तौर पर मुख्यमंत्री अखिलेश को आईना दिखाते हुए उन्हे अलग-थलग करने की कोशिश की औऱ साथ ही अमर सिंह को अपना भाई बताया। मुलायम ने साफ तौर पर कहा कि अमर सिंह ने कई बार हमारी मदद की है औऱ अगर वो नहीं होते तो मैं जेल में होता। मुलायम ने ये भी कहा कि मैं औऱ शिवपाल कभी अलग नहीं हो सकते।
मुलायम ने लगाई अखिलेश को फटकार
मुलायम ने मुख्तार अंसारी का बचाव करते हुए कहा कि मुख्तार का परिवार ईमानदार है साथ ही उप-राष्ट्रपति उस परिवार से आए हैं मैं जानता हूं कि पार्टी टूट नहीं सकती।
मुलायम ने अखिलेश को सीधा फटकार लगाते हुए कहा कि पद मिलते ही आपका दिमाग खराब हो गया है। क्या जुआरियों और शराबियों की मदद कर रहे हो? हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। हमें हमारी कमजोरी दूर करनी होगी और एक-दूसरे से लड़ना छोड़ना होगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश औऱ शिवपाल का आरोप
बैठक में अखिलेश पर आरोप लगाते हुए चाचा शिवपाल ने कहा कि मैं बेटे की कसम खाकर कहता हूं कि अखिलेश अलग पार्टी बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि मैं गंगा जल हाथ में लेने को तैयार हूं। उन्होंने अखिलेश पर आरोप लगाया कि वो दूसरी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को कहा था। शिवपाल ने कहा कि पार्टी में रामगोपाल यादव की दलाली नहीं चलेगी। शिवपाल ने अमर सिंह का पक्ष लेते हुए कहा कि 2003 में उनकी मदद से सरकार बनी थी। सपा में वहीं लोग रहेंगे, जो ईमानदार हैं। मुख्तार अंसारी का नाम लेकर मुझे बदनाम किया गया। शिवपाल ने कहा कि यूपी का नेतृत्व नेताजी संभालें। मुझे पार्टी चलाने की छूट मिले।
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