ग्वालियर : अवैध कॉलोनियों को वैध करने जा रही सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने प्रदेश सरकार और शासन को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आखिर किस नियम और कानून के तहत अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है।
मंगलवार को ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर से अवैध कॉलोनियों को वैध करने के अभियान की शुरुआत की है। इस दौरान सीएम ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश की धरती पर इतिहास लिखा जा रहा है। सरकार के इस फैसले को लेकर शुरुआत से ही सवाल खड़े हो रहे हैं। इसका फायदा भू-माफिया भी उठाएंगे। इसी तर्क को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। वहीं चुनावी साल में यह फैसला सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
दरअसल, हाई कोर्ट के अधिवक्ता उमेश बोहरे ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है, जिसमें कहा गया है कि सरकार के इस कार्य से भू-माफिया और अवैध कॉलोनाइजर प्रोत्साहित होंगे। इस पर ग्वालियर बेंच ने प्रदेश सरकार और शासन को नोटिस जारी कर इस बात की जानकारी मांगी है कि किस कानून के तहत अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है।
ग्वालियर बेंच ने जवाब देने के लिए प्रदेश सरकार और शासन को 15 दिनों का वक्त दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अवैध कालोनियां को बसाने वालों के खिलाफ सरकार ने क्या कार्रवाई की है? इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि अवैध कॉलोनियों को वैध करना नियमों के विरुद्ध है और इस नियम का फायदा भू-माफिया उठाएंगे।
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