चिकित्सालयों के सेनिटेशन का कार्य नियमित रूप से हो : राज्यपाल श्री टंडन |
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रोग उत्पत्ति के कारकों को समाप्त करने रणनीति बनाकर प्रयास जरूरी सामग्री आपूर्ति श्रंखला अवरूद्ध नहीं हो
राज्यपाल ने उच्च-स्तरीय बैठक में की कोरोना की समीक्षा
भोपाल : राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कहा है कि चिकित्सालय रोग की नर्सरी नहीं बनने चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाये कि मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सेनिटेशन कार्य नियमित रूप से हो। उन्होंने कहा कि रोग की उत्पत्ति की संभावनाओं को समाप्त करने के लिए रणनीति बना कर कार्य किया जाये। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से रोग प्रतिरोधक आयुष औषधियों का वितरण कराया जाये। साथ ही बड़े स्तर पर चेक प्वाइंट भी बनाये जाये। अन्य स्थानों से आने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था हो जिससे वे जाँच उपरान्त ही घर जाये। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन आदि स्थानों पर भी चलित परीक्षण केन्द्रों की व्यवस्था की जाये।
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राज्यपाल श्री टंडन आज राजभवन में कोरोना के संबंध में उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री एम. गोपाल रेड्डी, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन, प्रमुख सचिव चिकित्सा श्री संजय कुमार शुक्ल, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री शिव शेखर शुक्ला, सचिव जनसंपर्क श्री पी नरहरि एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि कोरोना से डरने की नहीं लड़ने की जरूरत है आवश्यक है कि नागरिकों को रोग से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाये। लोगों को आत्म-नियंत्रण के लिये प्रेरित किया जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की श्रंखला बाधित न हो। दैनिक आवश्यकताओं की सामग्री की आपूर्ति और शीघ्र नष्ट होने वाले उत्पादों की पूर्ति की समुचित व्यवस्था की जाये। प्रशासन नियमित रूप में मॉनिटरिंग करें कि वस्तुओं की अनावश्यक जमाखोरी नहीं हो। कृत्रिम अभाव और मूल्य वृद्धि नहीं हो और ऐसा करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये।
राज्यपाल कहा कि निजी चिकित्सालयों को भी जाँच केन्द्रों के रूप में चिन्हित किया जाये। आवश्यकता अनुसार जाँच की सुविधाएँ विकसित की जाये। श्री टंडन ने कहा कि आम जन को मास्क एवं अन्य बचाव सामग्रियों के संबंध में जागृत किया जाये। मास्क के सेनेटाइजेशन के बारे में भी प्रामाणिक जानकारी का प्रसार किया जाये। चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा उपयोग किये जा रहे एप्रेन, मास्क, ग्लब्स इत्यादि का समुचित तरीके से विनिष्टिकरण हो। श्री टंडन ने कहा कि कोरोना का संकट बहुआयामी जिम्मेदारी है। इसके लिए बहुआयामी प्रयास भी आवश्यक है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है लेकिन जरा सी भी असावधानी गंभीर संकट खड़ा कर सकती है।
मुख्य सचिव श्री रेड्डी ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तत्परता, सजगता के साथ कार्य कर रही है। राज्य से जिला स्तर तक प्रभावी संवाद कायम किया गया है। केंद्र सरकार और चिकित्सा संस्थाओं के अद्यतन, निर्देशों का निरंतर पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिग को माध्यम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक संपर्क में कमी करने, हाथों की सफाई, आदि अन्य जानकारियों का व्यापक स्तर पर मीडिया के विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
चिकित्सालयों में तैनात अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। सभी जिला चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेजों में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है। रोस्टर के आधार पर कर्मचारियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति की व्यवस्था की गई है। मेडिकल एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ की पूर्ति के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों की भी सेवाएँ ली जा रही हैं। धार्मिक पर्वों पर भीड़ नहीं हो इसके लिए धार्मिक नेताओ से संपर्क किया गया है।
बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल स्टाफ द्वारा उपयोग की जाने वाली सामग्री के विनिष्टिकरण की व्यवस्था की गई है, जिसमें पशु चिकित्सालयों के चिकित्सकों को भी जोड़ा गया है। सर्दी-जुकाम की दवा घर-घर वितरित कराई जा रही है। हेल्पलाईन को विस्तार दिया जा रहा है। आठ चिकित्सकों की टीम तैनात कर टेलीमेडिसिन द्वारा उपचार की व्यवस्था की गई है। किसी भी तरह के बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या की दैनिक आधार पर समीक्षा की जा रही है। आयुष अंतर्गत होम्योपैथी की 10 लाख रोग प्रतिरोधी औषधि भी वितरित की गई है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा बताया गया कि प्रदेश के 81 लाख परिवारों को पीडीएस का खाद्यान्न तीन माह के लिए अग्रिम उपलब्ध कराया गया है। बुजुर्ग के दुकान पर नहीं आने की समझाइश दी गई है। साथ ही उनके लिए पृथक से लाईन लगाने और लाईन में एक से दूसरे व्यक्ति के बीच एक मीटर की दूरी रखने के निर्देश दिये गये हैं। मास्क, सेनेटाईजर इत्यादि आवश्यक सामग्रियों की मात्रा एवं मूल्यों की दैनिक मॉनिटरिंग हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा कुछ जिलों में जमाखोरों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। पुलिस महानिदेशक श्री जौहरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी का पुलिस द्वारा थाने स्तर तक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
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