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जद्दोजहद के बाद कोरांव थाने में दर्ज हुई प्राथमिकी।
पुलिस की निष्कियता से अपराधी गिरफ्त से दूर।
तहसील अन्तर्गत ग्राम नेवढिय़ा-42 पोस्ट पचेड़ा थाना कोरांव के एक हिन्दी दैनिक अखबार के पत्रकार व एक साप्ताहिक अखबार के ब्यूरो प्रमुख उ।प्र. की मोटर सायकिल, मोटर सायकिल की डिग्गी में रखे नगदी पचास हजार व महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं नोकिया एन-72 मोबाइल जिसमें 1 जी.बी. मेमोरी कार्ड व एयरटेल की चालू सिम लगी थी लेकर श्रीस सिंह उर्फ चन्दन पुत्र रणधीर सिंह निवासी ग्राम चकड़ीहा थाना माण्डा जिला इलाहाबाद फरार हो गया।
उल्लेखनीय है कि दिनांक 23।06.2010 को पत्रकार सूर्यनारायण शुक्ल के घर नेवढिय़ा-42, श्रीस सिंह आया था। श्रीस सिंह पूर्व में अपने मां बाप के साथ हनुमना (रीवा म.प्र.) में पत्रकार शुक्ल के घर में किराये से रहता था। श्रीस के माता-पिता के कुछ समय बाद देहावसान होने के बाद वह कुछ समय पश्चात रायल मार्केट, भोपाल (म.प्र.) रहने लगा। श्रीस सिंह दो भाई हैं। जिसमें उत्तम सिंह बड़ा है जो कि कहीं बाहर नौकरी करता है। दोनों भाईयों का स्थायी निवास ग्राम चकड़ीहा थाना माण्डा जिला इलाहाबाद है। श्रीस सिंह पत्रकार का पूर्व परिचित होने के नाते जब पत्रकार शुक्ल के घर गया तब पत्रकार द्वारा उसका यशोचित सत्कार किया गया एवं दिनांक 23.06.2010 को ही श्रीस व पत्रकार एक रिश्तेदारों में विवाहोत्सव मेंं सम्मिलित होने गये व 24 जून को पत्रकार के घर श्रीस भी साथ में ही वापस आ गया।
24 जून को ही सुबह 1 बजे के करीब जब पत्रकार अपने घर में सो गये उसी बीच धोखेबाज श्रीस सिंह ने बड़ी ही चालाकी से पत्रकार के कमरे में जाकर टी.व्ही.एस स्टार सिटी काले की नई मोटर सायकिल की चाभी व मोबाइल लेकर भाग निकला जिसे पत्रकार के परिजन भी नहीं जान पाये कि वह वहां से कब निकला। पत्रकार की मोटर सायकिल की डिग्गी में पचास हजार नगदी रखा था। जिसे वह अपने मामा को उनकी लड़की के तिलक क लिए देने वास्ते रखा था एवं साथ ही पत्रकार के मार्कशीट निवास प्रमाण पत्र सहित कुछ अन्य जरूरी दस्तावेज भी डिग्गी में रखे थे। भुक्तभोगी पत्रकार की नींद खुलने पर जब वे अपने मामा के यहां जाने को तैयार हुआ तब देखा कि लुटेरा चोर श्रीस सिंह गाड़ी व मोबाइल सहित घर से नदारत था। जब भुक्तभोगी ने लुटेरे श्रीस सिंह से मोबाइल से बात करना चाहा तो उसका मोबाइल बंद था। जिससे पत्रकार ने अपने मोबाइल पर फोन किया तो उस एहसान फरामोश चोर से बात हुई व उसने कहा कि वह कोरांव बैलेन्स डलवाने आया था।
अब वह शीघ्र ही घर वापस लौट रहा है। जिससे पत्रकार उसकी बातों में आकर उसका इन्तजार करने लगा। किन्तु एक घण्टे में उसके वापस न आने पर पत्रकार सूर्यनारायण शुक्ल ने उससे दुबारा सम्पर्क करना चाहा तो मोबाइल बंद हो चुका था। इसके बावजूद भी भुक्तभोगी 24 जून को रात भर उसके आने की उम्मीद से उसका इन्तजार करता रहा किन्तु वह वापस नहीं लौटा। विवश होकर पत्रकार ने 25 जून 2010 को क्षेत्रीय चौकी रामगढ़ के एस।आई. शुक्ला जी को मामले से अवगत कराया जिससे एस.आई. ने पत्रकार को कोरांव थाने जाकर तहरीर देने को कहा।
जब पत्रकार को कोरांव थाने में तहरीर दी तो एक दीवान ने कहा कि जाओ पहले दो चार दिन उसको ढूंढो उसके बाद यहां आओ तब प्राथमिकी दर्ज करने पर विचार किया जायेगा यह कोई चोरी का प्रकरण नहीं है। जिस पर पत्रकार शुक्ल ने कहा कि आपके द्वारा यदि प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती तो मुझे तहरीर की पावती ही दे दीजिए जिस पर दीवान ने कहा कि यहां यह नियम नहीं है। कभी किसी को तहरीर की पावती नहीं दी जाती जिससे पत्रकार ने उसी दिन तहरीर की मूल प्रति दीवान को दे दी व तहरीर की छायाप्रति पोस्ट ऑफिस से थानाध्यक्ष कोरांव के नाम रजिस्ट्री कर दी।
दिनांक 24 जून को ही सी।ओ. मेजा को मामले से अवगत कराकर पत्रकान ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाने का अनुरोध किया किन्तु उनके द्वारा भी इस मामले में ध्यान नहीं दिये जाने से भुक्तभोगी ने 25 जून 2010 को ही थाने में दी गई तहरीर की छायाप्रति में यह नोट लगाकर कि प्रार्थी की कोरांव थाने में प्राथमिकी नहीं दर्ज की जा रही है, को डी.आई.जी. इलाहाबाद को फैक्स किया किन्तु 27 जून 2010 तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई जिससे विवश होकर पत्रकार द्वारा आई.जी. इलाहाबाद मण्डल महोदय द्वारा कोरांव थाने पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निर्देशित किया जिस पर हीलाहवाली करते हुए दीवान ने आखिरकार प्राथमिकी दर्ज ही कर ली व विलम्ब का कारण वादी को स्वयं ठहरा दिया व अपराधी के विरूद्ध धारा 380 आई.पी.सी. का मुकदमा दर्ज कर दिया गया। एवं विवेचना अधिकारी रामगढ़ चौकी इंचार्ज श्री शुक्ला जी को नियुक्त किया गया।
प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस द्वारा न तो कोई तहकीकात की जा रही है। न ही अपराधी को कपडऩे किसी प्रकार का प्रयास किया जा रहा है। शुक्तभोगी द्वारा चकड़ीहा गांव के कुछ लोगों से पूंछताछ करने पर पता चला कि वह 24 जून को एक काले रंग की टी.व्ही.एस. स्टार सिटी गाड़ी जिसमें प्रेस ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' व दैनिक आज लिखा एवं आगे व पीछे के नंबर प्लेट पर यू.पी. 70-बी.डी. 2377 नंबर लिखी हुई गाड़ी लेकर अपने घर गया था उसके बाद वह कहां चला गया कोई पता नहीं चलपाया। भुक्तभोगी पत्रकार ने आई.जी. इलाहाबाद मण्डल इलाहाबाद से मांग की है कि श्रीस सिंह उर्फ चन्दन को गिरफ्तार करने के लिए कोरांव पुलिस निर्देशित करें ताकि फरार अभियुक्त के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही हो सके।
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