लोकप्रियता एवं मनोबल को गिराने ऊंचे दिमाग वालों ने ऊंचा खेल खेला
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सिहोरा नगर के भूतपूर्व लोकप्रिय विधायक एवं वर्तमान में नगर पालिका परिषद सिहोरा के जनता के प्यारे अध्यक्ष पर द्वेष पूर्वक षडय़ंत्र रचकर सिहोरा थाने में 13-6-2012 को म.प्र. विद्युत राज्य मण्डल के ए.ई. मिस्टर सिन्हा द्वारा एफ.आई.आर दर्ज कराई गई है कि अध्यक्ष महोदय एवं उनके जे.सी.बी. चालक ने शहर में विद्युत व्यवस्था के लिए लगाये जा रहे पोल को जे.सी.बी. मशीन से तोड़ दिया है।
सारा दोष अध्यक्ष पर... वहीं इस घटना के संबंध में अध्यक्ष न.पा. परिषद सिहोरा दिलीप दुबे का कहना है कि 14-5-2012 को संबंधित विभाग एवं माननीय उर्जा मंत्री म.प्र. शासन को विभागीय पत्र द्वारा सूचित किया गया था।
1. सिहोरा विभाग द्वारा नगरपालिका कार्यालय से विद्युत खंबे गाडऩे के लिए कोई स्वीकृति नहीं ली गई है। 2. विद्युत विभाग द्वारा कोई भी ले आउट या प्लान नगर पालिका को बार-बार मांगने के बाद भी नहीं दिया गया है। 3. कही किसी के घर के सामने तो कही कुछ अंतर पर निश्चित दूरी का पालन न करना। पक्की नाली एवं सीमेंटेण्ड रोडों को खोदकर बेतरतीब ढंग से पोल खड़े कर देना विद्युत विभाग के लिए आम बात है।
मकानों के सटे तारों से करंट लगने पर हो चुकी है कई मौतें
ठेकेदार द्वारा विद्युत पोल बिल्डिंगों के छत से सटाकर खड़े कर दिये जाते है। कई बार बुलाने पर भी ठेकेदार या विद्युत विभाग के इंजीनियरों ने नगरपालिका आने की जहमत नही उठाई। यदि दो विभाग मिलकर शहर का विकास करते है तो प्लॉनिंग में दोनों विभाग के इंजीनियर एवं अधिकारियों का तालमेल होना जरूरी है। ठेकेदार एवं विद्युत विभाग के अडिय़ल रवैये के चलते एवं कपटपूर्ण षडय़ंत्र रचकर मुझको बदनाम करने के लिए अधिकारियों को गुमराह करके मुझ पर झूठा आरोप लगाकर मेरे ऊपर गलत एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई और फिर जनता एवं शहर के विकास के लिये मैंने बहुत कार्य किये है और आगे भी करता रहूंगा।
शहर का विकास एवं जनता का सुख मेरी पहली प्राथमिकता
‘‘टाइम्स ऑफ क्राइम’’ को मिली जानकारी उसके मुताबिक तो न.पा.अध्यक्ष घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे। जे.सी.बी. चालक (नगरपालिका का) ने वहां पर क्या किया। वहां की जनता कुछ कहने को तैयार नहीं है। घटना तिल के बराबर है उस तिल को पहाड़ बना दिया गया है। यदि कार्यवाहीं नगरपालिका की तरफ से है तो वो अध्यक्ष सहित वर्तमान सी.एम.ओ. समस्त पार्षद यानि पूरा विभाग दोषी है। एक विभाग के गलती करने पर दूसरा विभाग कारण बताओ नोटिस जारी करता है।
बिजली विभाग अपनी धौंस जमाने के लिए चाहे जब जाहे ऐसी एफ.आई.आर. कराता रहता है
विगत लगभग 8 माह पूर्व गोसलपुर जनप्रतिनिधि और जनता अघोषित विद्युत कटौती के खिलाफ में प्रदर्शन कर रहे थे तो वहां के जूनियर इंजीनियरों ने भी सरकारी कार्य में बाधा डालने की एफ.आई.आर. गोसलपुर पुलिस चौकी में 2 स्थानीय लोकप्रिय नेताओं के खिलाफ लिखाई थी। उक्त प्रकरण भी पूर्णत: झूठा है। हजारो जनता के सामने नारे प्रदर्शन करना क्या 353 धारा में आता है। उक्त प्रकरण में रामराज पटेल एवं एक अन्य व्यक्ति को झूठे मुकदमे में जेल जाना पड़ा था। लेकिन जेल जाते वक्त इन नेताओं की जुबान पर ये वाक्य था.
दो दिवाने जेल चले-जेल चले भई जेल चले
इसी शहर सिहोरा में छतों के ऊपर दौड़ रहे नंगे तारों से कई मौते हो चुकी है। लेकिन तार अभी भी ओपन लगे है न तो उनमे केबिल डाली गई है और न उन्हें छत से दूर करने का प्रयास किया गया है। इस संपूर्ण घटना क्रम में पूर्व विधायक की लोकप्रियता एवं मनोबल को गिराने हेतु ऊंचे दिमाग वालों ने ऊंचा खेल खेला है। ऊपर बैठकर चाल कोई और चल रहा है। लोग मोहरे की तरह इस्तेमाल हो रहे है। चाहे वो पुलिस विभाग हो या विद्युत विभाग। लेकिन शह और मात में खेल में पैदल और छोटे मोहरंे ज्यादे पिटते है। राजा और वजीर का कुछ नहीं बिगड़ता। संपूर्ण नगरपालिका परिषद के पार्षदगण सिहोरा सभी कार्यकर्ता भा.ज.पा. एवं सैकड़ों नगरवासियों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन माननीय डी.जी.पी. महोदय भोपाल, माननीय गृहमंत्री जी, माननीय ऊर्जा मंत्री जी, माननीय मुख्यमंत्री जी एवं महामहिम राज्यपाल जी को प्रेषित किया जिसमें सिर्फ एक ही मांग है कि- हमारे लोकप्रिय पूर्व विधायक एवं वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष पर दर्ज एफ.आई.आर. तुरंत हटाई जावे। एवं घटना की उच्चस्तरीय जांच शीघ्रतिशीघ्र करवाई जावे। नहीं तो हम सभी लोग आन्दोलन करने के लिए सडक़ पर भी उतरने से नहीं चूकेगे।
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