क्राइम रिपोर्टर// लखनलाल (कटनी// टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी. पूर्व में इस अवैध कोयले के व्यापार में अंकुश लगाने के लिये अनुविभागिय अधिकारी तहसीलदार एवं पुलिस प्रशासन ने मिल कर अभियान छेड़ा था जिससे इस लाखों का फायदे वाले व्यापार में संलिप्त अवैध व्यापारियों को अपने इस अवैध व्यापार को बंद करना पड़ गया था। क्या अवैध कोयले का कारोबार यू चलता रहेगा और शासन को लाखों का चूना यू लगता रहेगा।
प्रशासन देता है मौन परमीशन
इस अवैध कोयले के व्यापार में संलिप्त लोगों को अवैध कोयले का व्यापार करने के लिये चाका बाईपास से जुहला बाईपास सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इस जगह में शहर के अधिकारियों के आने की सम्भावना कम होती है यह अवैध कोयले का व्यापार रात के समय ज्यादा मात्रा में किया जाता है इस अवैध कोयले को चंद गाडिय़ों के माध्यम से रात में ही कहीं अन्यंत्र भेज कर 1 नम्बर का कोयला में तब्दील कर दिया जाता है अवैध परिवहन में न तो उस कोयले का मालिक होता है और न ही उसे खरीदने वाला होता है। क्योंकि अगर अवैध कोयला पकड़ा जाये तो किसी पर कोई जुर्म साबित न हो और समय बाद अवैध परिवाहन में पकड़ी गई गाडिय़ों को जुर्माना दे कर कोट से छुड़ा लिया जाता है।
कुठला थाना मौन परमीशन देने में अब्बल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस अवैध कारोबार में संलिप्त लोग इस कार्य को करने के लिये लोगों को कुठला थाना से अच्छा परमीशन देने वाला और कोई नहीं है सूत्र तो यह भी कहते हैं कि कुठला थाना के आरक्षकों को खरीदने वाला चाहिये आरक्षक अच्छे दामों में विक जाते हैं और यही आरक्षक इनकी दलाली में जुटे हुये पाये जाते हैं कुठला थाना में अवैध कोयले के व्यापार के लिऐ मौन परमीशन तो ऐसे दिये जाते हैं जैसे कोई धर्म का काम किया जाता हो इनके चंद रूपयों के लालच ने सारे विभाग को शर्मसार कर दिया है वैसे होता हर विभाग में किन्तु ऐसा नहीं की पूरी खुली छुट दी जाती हो। कुठला थाने की तारीफ अगर लिखने बैठा जाये तो शायद 16 पेज का न्यूज पेपर भी कम पड़ जायेगा।
प्रशासन देता है मौन परमीशन
इस अवैध कोयले के व्यापार में संलिप्त लोगों को अवैध कोयले का व्यापार करने के लिये चाका बाईपास से जुहला बाईपास सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इस जगह में शहर के अधिकारियों के आने की सम्भावना कम होती है यह अवैध कोयले का व्यापार रात के समय ज्यादा मात्रा में किया जाता है इस अवैध कोयले को चंद गाडिय़ों के माध्यम से रात में ही कहीं अन्यंत्र भेज कर 1 नम्बर का कोयला में तब्दील कर दिया जाता है अवैध परिवहन में न तो उस कोयले का मालिक होता है और न ही उसे खरीदने वाला होता है। क्योंकि अगर अवैध कोयला पकड़ा जाये तो किसी पर कोई जुर्म साबित न हो और समय बाद अवैध परिवाहन में पकड़ी गई गाडिय़ों को जुर्माना दे कर कोट से छुड़ा लिया जाता है।
कुठला थाना मौन परमीशन देने में अब्बल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस अवैध कारोबार में संलिप्त लोग इस कार्य को करने के लिये लोगों को कुठला थाना से अच्छा परमीशन देने वाला और कोई नहीं है सूत्र तो यह भी कहते हैं कि कुठला थाना के आरक्षकों को खरीदने वाला चाहिये आरक्षक अच्छे दामों में विक जाते हैं और यही आरक्षक इनकी दलाली में जुटे हुये पाये जाते हैं कुठला थाना में अवैध कोयले के व्यापार के लिऐ मौन परमीशन तो ऐसे दिये जाते हैं जैसे कोई धर्म का काम किया जाता हो इनके चंद रूपयों के लालच ने सारे विभाग को शर्मसार कर दिया है वैसे होता हर विभाग में किन्तु ऐसा नहीं की पूरी खुली छुट दी जाती हो। कुठला थाने की तारीफ अगर लिखने बैठा जाये तो शायद 16 पेज का न्यूज पेपर भी कम पड़ जायेगा।
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