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सिवनी। लगभग 1 माह पूर्व धूमा सरपंच को लोकायुक्त टीम ने रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया तो था परंतु अब तक उक्त सरपंच के ऊपर कोई कार्रवाही का न होना आश्चर्य का विषय बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को जबलपुर लोकायुक्त की टीम जिसमें डीएसपी चौधरी, टीआई प्रभात शुकला, टीआई श्री त्रिवेदी, आरक्षक सुरेंद्र, दिनेश कुशवाह, सुरेंद्र ठाकुर ने मनीष शिवहरे की शिकायत पर उक्त कार्रवाही को अंजाम दिया था, और उसके पास से एक स्टाम्प भी मिला था।
इस पूरी कार्यवाही के बाद अब तक लोकायुक्त टीम ने कोई कार्यवाही नहीं की है और न ही जिला प्रशासन ने। इस पूरे मामले में सबसे दुर्भाग्य पूर्ण बात यह रही कि जिस सरपंच को भ्रष्टाचार के मामले में पकड़ा गया था उसी के द्वारा अपने अपवित्र हाथों से ध्वजारोहण किया गया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
स्थानीय लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि भले ही धूमा सरपंच फागूलाल आरमोर के ऊपर कोई प्रशासनिक कार्यवाही न हुई हो परंतु उन्हें लोकायुक्त टीम ने भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त तो पाया ही था। इस पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सरपंच फागूलाल आरमोर को स्वयं ही झंडा फहराने से परहेज करना चाहिए था परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपने अपवित्र हाथों से ध्वजारोहण जैसा पवित्र काम कर दिया।
गौरतलब है कि 21 दिसंबर को लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद धूमा में वर्षाें से शासकीय जमीन में रहने वालों को नोटिस थमाया गया, यह भी आश्चर्यजनक घटना है क्योंकि मनीष शिवहरे ने जो शिकायत की थी वह भी शासकीय भूमि से संबंधित भी। बहरहाल अब देखना यह है कि सरपंच फागूलाल आरमोर के ऊपर कोई कार्यवाही होगी या फिर बिना परेशानी के वह अपना कार्यकाल पूर्ण करते हैं।
(साई) news se sabhar
सिवनी। लगभग 1 माह पूर्व धूमा सरपंच को लोकायुक्त टीम ने रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया तो था परंतु अब तक उक्त सरपंच के ऊपर कोई कार्रवाही का न होना आश्चर्य का विषय बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को जबलपुर लोकायुक्त की टीम जिसमें डीएसपी चौधरी, टीआई प्रभात शुकला, टीआई श्री त्रिवेदी, आरक्षक सुरेंद्र, दिनेश कुशवाह, सुरेंद्र ठाकुर ने मनीष शिवहरे की शिकायत पर उक्त कार्रवाही को अंजाम दिया था, और उसके पास से एक स्टाम्प भी मिला था।
इस पूरी कार्यवाही के बाद अब तक लोकायुक्त टीम ने कोई कार्यवाही नहीं की है और न ही जिला प्रशासन ने। इस पूरे मामले में सबसे दुर्भाग्य पूर्ण बात यह रही कि जिस सरपंच को भ्रष्टाचार के मामले में पकड़ा गया था उसी के द्वारा अपने अपवित्र हाथों से ध्वजारोहण किया गया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
स्थानीय लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि भले ही धूमा सरपंच फागूलाल आरमोर के ऊपर कोई प्रशासनिक कार्यवाही न हुई हो परंतु उन्हें लोकायुक्त टीम ने भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त तो पाया ही था। इस पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सरपंच फागूलाल आरमोर को स्वयं ही झंडा फहराने से परहेज करना चाहिए था परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपने अपवित्र हाथों से ध्वजारोहण जैसा पवित्र काम कर दिया।
गौरतलब है कि 21 दिसंबर को लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद धूमा में वर्षाें से शासकीय जमीन में रहने वालों को नोटिस थमाया गया, यह भी आश्चर्यजनक घटना है क्योंकि मनीष शिवहरे ने जो शिकायत की थी वह भी शासकीय भूमि से संबंधित भी। बहरहाल अब देखना यह है कि सरपंच फागूलाल आरमोर के ऊपर कोई कार्यवाही होगी या फिर बिना परेशानी के वह अपना कार्यकाल पूर्ण करते हैं।
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