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सुप्रीम कोर्ट ने गांगुली के मामले में तेजी दिखाई लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट (तीस हजारी कोर्ट) के एक मजिस्ट्रेट जो हरियाणा में काल गर्ल के साथ पकड़ा गया था, के मामले में चुप है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम ने एक लॉ इंटर्न द्वारा अपने ब्लाग में जस्टिस गांगुली पर छेड़छाड़ के आरोप लगाने पर तेजी से कार्रवाई करते हुए जांच शुरू करवा दी लेकिन उनके नाक के नीचे दिल्ली हाई कोर्ट के एक मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्यवाही करने के मामले में कोई प्रगति नहीं है।
आज से चार वर्ष पहले उक्त मजिस्ट्रेट हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे में एक कालगर्ल के साथ पकड़ा गया था। मजिस्ट्रेट, काल गर्ल और तीन अन्य व्यक्तियों के खिलाफ इमोरल ट्रैफिकिंग एक्ट में केस दर्ज किया गया। बाकी को तो गिरफ्तार करके अदालत में पेश कर दिया लेकिन मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार करने के लिए चूंकि दिल्ली हाई कोर्ट की अनुमति लेनी जरूरी थी, इसलिए उसे छोड़ दिया। पानीपत पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को लिखित सूचना देकर उक्त मजिस्ट्रेट के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता पी.पी. कपूर को दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने सूचित किया कि इस मामले में कोर्ट की प्रशासनिक व निरीक्षण कमेटी जांच कर रही है। जांच की प्रगति के बारे में दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ भी बताने से मना कर दिया। इस संवाददाता ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक के लोक संपर्क अधिकारी को मेल भेजकर केस की प्रगति के बारे में पूछा तो कोई जवाब नहीं मिला। इधर पानीपत पुलिस ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत पी.पी. कपूर को सूचित किया कि इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने उक्त मजिस्ट्रेट को गिरफतार करने की अनुमति देने से मना कर दिया है।
लेखक पवन कुमार बंसल हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हैं.
sabhar -- bhadas4media
कालगर्ल और मजिस्ट्रेट |
आज से चार वर्ष पहले उक्त मजिस्ट्रेट हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे में एक कालगर्ल के साथ पकड़ा गया था। मजिस्ट्रेट, काल गर्ल और तीन अन्य व्यक्तियों के खिलाफ इमोरल ट्रैफिकिंग एक्ट में केस दर्ज किया गया। बाकी को तो गिरफ्तार करके अदालत में पेश कर दिया लेकिन मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार करने के लिए चूंकि दिल्ली हाई कोर्ट की अनुमति लेनी जरूरी थी, इसलिए उसे छोड़ दिया। पानीपत पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को लिखित सूचना देकर उक्त मजिस्ट्रेट के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता पी.पी. कपूर को दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने सूचित किया कि इस मामले में कोर्ट की प्रशासनिक व निरीक्षण कमेटी जांच कर रही है। जांच की प्रगति के बारे में दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ भी बताने से मना कर दिया। इस संवाददाता ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक के लोक संपर्क अधिकारी को मेल भेजकर केस की प्रगति के बारे में पूछा तो कोई जवाब नहीं मिला। इधर पानीपत पुलिस ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत पी.पी. कपूर को सूचित किया कि इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने उक्त मजिस्ट्रेट को गिरफतार करने की अनुमति देने से मना कर दिया है।
लेखक पवन कुमार बंसल हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हैं.
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