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कानपुर। बर्रा थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मशार करने वाली एक वीभत्स घटना प्रकाश में आयी जिसमें एक महिला को किराये पर कमरा दिलाने के बहाने से बुलाकर एक दर्जन युवकों ने तमंचे के बल पर बारी बारी से बलात्कार किया और जान से मारने की धमकी देकर पीडि़ता चुप रहने के लिए मजबूर किया गया गया।
जब पीडि़ता अपनी व्यथा सुनाकर न्याय मांगने थाने पहुंची तो सत्ताधरियों के दवाब में बर्रा पुलिस ने उसकी अस्मत का सौदा कर रुपये देकर चुप रहने के लिए कहा। जब पीडि़ता कार्यवाई करने पर अड़ गई तो उसे थाना पुलिस द्वारा बरगलाया गया और मामूली धाराओं में मामला तरमीम करने की कर्रवाई की बात सामने आई। इस घटना में बर्रा इंसपेक्टर की भूमिका संदेहजनक रही क्योंकि पीडि़ता को उन्होंने खूब टरकाया। पुलिस सूत्रों के अनुसार इंसपेक्टर द्वारा आरोपियों की पैरवी करने की बात सामने आयी।
बताते चलें कि बिगत 21 दिसम्बर 2013 को बर्रा थाना क्षेत्र की कर्रही निवासी सोनिया पत्नी नरेश (दोनों काल्पनिक नाम) किराये पर कमरा तलाश रही थी बकौल सोनिया, जरौली फेस - 2 निवासी दो युवक उसे एक कमरा दिखाने के बहाने एक पुराने मकान के पास ले गए जहां कमरे की चाबी मंगाने के बहाने से युवक ने साथियों को बुला लिया। उसी दौरान युवक ने उसे तमंचा लगा दिया।
इसके बाद युवक ने अपने अन्य साथियों के साथ बारी बारी से बलात्कार किया। पीडि़ता के अनुसार उसके साथ एक दर्जन युवकों ने बलात्कार किया। लोक लाज के भय से पीडिता ने यह बात किसी को नहीं बताई। पीडि़ता ने बताया कि उसे 31 दिसम्बर 2013 को भी उसे जबरन उठाया गया शोर मचाने पर क्षेत्रीय लोगों ने उसे बचाया। शिकायत करने जब थाने पहुंची पुलिस ने रुपये देकर मुंह बन्द करने की बात की।
पीडि़ता ने यह भी बताया कि जब उसने बर्रा थाने में प्रार्थना पत्र दिया तो उसे पांच हजार रुपये एक दरोगा ने देकर मुंह बन्द करने की बात कही। इतना ही नहीं उसे और रुपये देकर कार्यवाही न करने के लिए दबाव बनाया गया। प्रकाश में आया है कि बलात्कार करने वाले युवक सत्ता में ऊंचे पद पर आसीनों के कारिंदे हैं।
पीडि़ता का अपहरण करने का प्रयास
पीडि़ता ने बताया कि बर्रा-8 के बंसन्त पेट्रोल पम्प के पास 3 जनवरी को एक लक्जरी कार से उठाने का प्रयास किया गया। शोर मचाने पर वह बच पायी। उसने बताया कि आरोपी उसकी जान लेना चाहते हैं।
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